Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Mar 2022 · 1 min read

बेख़ुदी

तुम्हारी याद मुझे पल-पल सताती रही,
बेख़ुदी मेरी मुझको नींद से जगाती रही।
सुनसान अटारी में मैं राह तेरा तकता रहा,
सावन की झड़ी भी,तन को जलाती रही।।

🌻🌻🌻🌻🌻
रचना- मौलिक एवं स्वरचित
निकेश कुमार ठाकुर
गृह जिला- सुपौल (बिहार)
संप्रति- कटिहार (बिहार)
सं०- 9534148597

Language: Hindi
1 Like · 130 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*शीत वसंत*
*शीत वसंत*
Nishant prakhar
*मैं बच्चों की तरह हर रोज, सारे काम करता हूँ (हिंदी गजल/गीति
*मैं बच्चों की तरह हर रोज, सारे काम करता हूँ (हिंदी गजल/गीति
Ravi Prakash
कुछ नया लिखना है आज
कुछ नया लिखना है आज
करन ''केसरा''
हाँ, वह लड़की ऐसी थी
हाँ, वह लड़की ऐसी थी
gurudeenverma198
*भव-पालक की प्यारी गैय्या कलियुग में लाचार*
*भव-पालक की प्यारी गैय्या कलियुग में लाचार*
Poonam Matia
आ जाते हैं जब कभी, उमड़ घुमड़ घन श्याम।
आ जाते हैं जब कभी, उमड़ घुमड़ घन श्याम।
surenderpal vaidya
जिंदगी भर किया इंतजार
जिंदगी भर किया इंतजार
पूर्वार्थ
पग मेरे नित चलते जाते।
पग मेरे नित चलते जाते।
Anil Mishra Prahari
👌परिभाषा👌
👌परिभाषा👌
*Author प्रणय प्रभात*
मेरी मां।
मेरी मां।
Taj Mohammad
मर्यादा, संघर्ष और ईमानदारी,
मर्यादा, संघर्ष और ईमानदारी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कुछ नही हो...
कुछ नही हो...
Sapna K S
कई आबादियों में से कोई आबाद होता है।
कई आबादियों में से कोई आबाद होता है।
Sanjay ' शून्य'
कवि की कल्पना
कवि की कल्पना
Rekha Drolia
नींद आज नाराज हो गई,
नींद आज नाराज हो गई,
Vindhya Prakash Mishra
सुंदर नयन सुन बिन अंजन,
सुंदर नयन सुन बिन अंजन,
Satish Srijan
उड़ने का हुनर आया जब हमें गुमां न था, हिस्से में परिंदों के
उड़ने का हुनर आया जब हमें गुमां न था, हिस्से में परिंदों के
Vishal babu (vishu)
फर्ज़ अदायगी (मार्मिक कहानी)
फर्ज़ अदायगी (मार्मिक कहानी)
Dr. Kishan Karigar
सांत्वना
सांत्वना
भरत कुमार सोलंकी
2658.*पूर्णिका*
2658.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सत्य
सत्य
देवेंद्र प्रताप वर्मा 'विनीत'
खैर जाने दो छोड़ो ज़िक्र मौहब्बत का,
खैर जाने दो छोड़ो ज़िक्र मौहब्बत का,
शेखर सिंह
ख़ुदी के लिए
ख़ुदी के लिए
Dr fauzia Naseem shad
ਲਿਖ ਲਿਖ ਕੇ ਮੇਰਾ ਨਾਮ
ਲਿਖ ਲਿਖ ਕੇ ਮੇਰਾ ਨਾਮ
Surinder blackpen
तुम्हीं तुम हो.......!
तुम्हीं तुम हो.......!
Awadhesh Kumar Singh
बादल
बादल
लक्ष्मी सिंह
वैर भाव  नहीं  रखिये कभी
वैर भाव नहीं रखिये कभी
Paras Nath Jha
पुकारती है खनकती हुई चूड़ियाँ तुमको।
पुकारती है खनकती हुई चूड़ियाँ तुमको।
Neelam Sharma
"नजरिया"
Dr. Kishan tandon kranti
तन को सुंदर ना कर मन को सुंदर कर ले 【Bhajan】
तन को सुंदर ना कर मन को सुंदर कर ले 【Bhajan】
Khaimsingh Saini
Loading...