Ram Krishan Rastogi 1269 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next Ram Krishan Rastogi 7 Feb 2022 · 1 min read आ,तुझ को तुझ से चुरा लू आ तुझ को तुझ से चुरा लू ********************* आ , तुझ को तुझ से चुरा लू, प्यार से तुझे दिल में बसा लू। ख्वासिश है यह आखरी मेरी, तुझ को... Hindi · मुक्तक 6 6 448 Share Ram Krishan Rastogi 16 Feb 2022 · 1 min read परछाई से वार्तालाप परछाई से वार्तालाप **************** पूछ लिया मैने परछाई से आज, क्यो तू चलती है मेरे साथ साथ। परछाई ने भी हंस कर पूछ लिया, बता,कौन चलता है तेरे साथ साथ।।... Hindi · मुक्तक 6 7 573 Share Ram Krishan Rastogi 18 Feb 2022 · 1 min read कुछ ज्ञान वर्धक पहेलिया_बताओ तो जाने कुछ ज्ञानवर्धक पहेलियां,बताओ तो जाने ******************************** कहो कौन हो दमयंती सी,इस तरु के नीचे सोई। हाय तुम्हे भी छोड़ गया,कोई नल सा निष्ठुर कोई।। एक घड़ा मोतियों से भरा,सिर पर... Hindi · कविता 6 5 490 Share Ram Krishan Rastogi 28 Feb 2022 · 1 min read खुलने लगे हैं शहर,लोग मुलाकात करने लगे है खुलने लगे हैं शहर,लोग मुलाकात करने लगे है। मोबाईल को छोड़,आपस में बात करने लगे हैं।। अंधेरे छटे है,अब उजाले भी नजर आने लगे हैं। लोग एक दूजे के चेहरे... Hindi · कविता 6 5 301 Share Ram Krishan Rastogi 14 Apr 2022 · 1 min read झरने और कवि का वार्तालाप पर्वतो की गोद से निकल, एक झरना ये सोचने लगा। पता नही मेरे भाग्य में क्या लिखा, क्यू मै पर्वतों से अब बिछड़ने लगा।। सोचते सोचते वह आगे बढ़ा, पर्वतों... Hindi · कविता 6 2 1k Share Ram Krishan Rastogi 21 Apr 2022 · 1 min read ये दिल मेरा था, अब उनका हो गया ये दिल मेरा था,अब उनका हो गया, श्वास से श्वास का स्वयंवर हो गया। ये दिल अब कितना परेशान है, शायद कुछ दिनो का मेहमान है। लगता नही ये दिल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 6 14 394 Share Ram Krishan Rastogi 6 May 2022 · 1 min read शिव शंकर भोले भंडारी,जग के पालन हारी शंकर भोले नाथ है,जग के पालनहार। अपने भक्तो का सदा,करते है उद्धार।। करते है उद्धार,मन मांगा वर है वे देते, देते सभी को वर,बदले में कुछ न लेते। कह रस्तोगी... Hindi · कुण्डलिया 6 10 316 Share Ram Krishan Rastogi 20 May 2022 · 1 min read गर्मी का कहर ए ! गर्मी तेरे बस में कुछ भी नही है, यहाँ तेरे से कोई डरने वाला नही है। सब दिल यहां पत्थर के बन हुए है, यहां कोई अब पिघलने... Hindi · मुक्तक 6 6 359 Share Ram Krishan Rastogi 21 May 2022 · 1 min read एक पनिहारिन की वेदना सुन सखा,मेरे कृष्ण कन्हैया, पूछ रही है मेरी सभी सखियां। कैसे फूटी तेरी जल की गगरिया, क्यो भीगी तेरी लाल चुनररिया। कर रही है सभी सखि ठिठोली, इन सबके पीछे... Hindi · कविता 6 8 837 Share Ram Krishan Rastogi 5 Jun 2022 · 1 min read पर्यावरण दिवस अगर धरा के पेड़ कट गए, तुम स्वयं ही कट जाओगे। फिर इस पर्यावरण को तुम कैसे उज्ज्वल कर पाओगे।। सड़क मार्ग चौड़ा करने पर, हमेशा ही पेड़ काटे जाते... Hindi · कविता 6 10 553 Share Ram Krishan Rastogi 10 Jun 2022 · 1 min read प्रभु से प्रार्थना कर दी बड़ी बर्बादी,देश हुआ बड़ा बेहाल। कोरोना के जाल से प्रभु हमको निकाल।। चुनाव की रैलियां रोज है होती, भीड़ बिन मास्क इकठ्ठा है होती। नेता सभी सत्ता के... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 6 7 204 Share Ram Krishan Rastogi 15 Jun 2022 · 1 min read सच्चे मित्र की पहचान मित्र वही जो बुरे वक्त पर तुम्हारे काम आए। बने सुख दुख का साथी सच्चा मित्र कहलाए।। बन जायेगे सभी मित्र जब दौलत है होती। बने उस वक़्त वह मित्र... Hindi 6 9 1k Share Ram Krishan Rastogi 21 Jun 2022 · 1 min read में और मेरी बुढ़िया घर का नाम है मधुबाला, प्यार से कहता हूं बाला। जब जब वह आती है, खुल जाता दिल का ताला।। जब जब घंटी मै बजाता, दौड़ी दौड़ी मेरे पास आती।... Hindi · मुक्तक 6 11 774 Share Ram Krishan Rastogi 25 Jun 2022 · 1 min read महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन बिछड़ रहे है सभी साथी धीरे धीरे। बढ़ रहा शनि का प्रकोप धीरे धीरे।। बदलेगी स्थिति महाराष्ट्र की धीरे धीरे। सत्ता छोड़नी पड़ेगी,पर जरा धीरे धीरे।। परिवर्तन आ रहा है,पर... Hindi · कविता · व्यंग्य 6 10 361 Share Ram Krishan Rastogi 15 Aug 2022 · 1 min read मै लाल किले से तिरंगा बोल रहा हूं मै लाल किले से तिरंगा बोल रहा हूं। मै देश के हित में कुछ बोल रहा हूं।। जब जब मुझको यहां फहराया जायेगा। खड़े होकर ही राष्ट्रीयगान गाया जायेगा।। हमे... Hindi · कविता 6 8 321 Share Ram Krishan Rastogi 13 Sep 2022 · 1 min read तेरे मन मंदिर में जगह बनाऊं मैं कैसे तेरे मन मन्दिर में जगह बनाऊं मै कैसे, बिन बाती तेल के दीप जलाऊं मै कैसे। तड़फ तड़फ कर मर जाऊंगी मै बिन तेरे, पास नहीं तुम मेरे,अपना दर्द सुनाऊं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 6 6 567 Share Ram Krishan Rastogi 19 Sep 2022 · 1 min read मुझे आज भी तुमसे प्यार है तुमसे बिछड़े वर्षो बीत गए, अभी भी मुझे तेरा इंतजार है, तेरी पुरानी यादों की चुभन, आज भी दिल में बरकरार है। मुझे आज भी तुमसे प्यार है।। लौट कर... Hindi · कविता 6 11 412 Share Ram Krishan Rastogi 7 Oct 2022 · 1 min read तुम बिन आवे ना मोय निंदिया तुम बिन आवे ना मोय निंदिया, सूनी लागे है ये काजल बिंदिया। आन मिलो सजना अब तुम मेरे, चैन से आयेगी तभी ये निंदिया।। तुम बिन लागे है ये रात... Hindi · मुक्तक 6 6 394 Share Ram Krishan Rastogi 29 Nov 2022 · 1 min read रिश्ते खामोशियों से रुखसत हो जाते हैं हर रिश्ते, अगर चुपचाप रहोगे गूंगे हो जाते है हर रिश्ते। कभी कभी बेमतलब ही बात कर लिया करो, बने रहेंगे हमेशा सदा तुम्हारे... Hindi 6 6 180 Share Ram Krishan Rastogi 1 Apr 2023 · 1 min read तेरी यादों की खुशबू तेरी यादों की खुशबू में हम महकते रहते है, जब जब तुझको देखते है बहकते रहते है। अगर तेरा साथ मिल जाता हमे पूरी जिंदगी, पक्षियों की तरह पूरी जिंदगी... Hindi · मुक्तक 6 10 479 Share Ram Krishan Rastogi 26 May 2023 · 1 min read वो पहली पहली मेरी रात थी वो पहली पहली मेरी रात थी। जब उनसे हुई मुलाकात थी।। चांद भी उपर से झांक रहा था। वो पूनम की चांदनी रात थी।। आसमां भी कुछ कह रहा था।... Hindi · Gazal ग़ज़ल 6 9 924 Share Ram Krishan Rastogi 15 Jun 2023 · 1 min read कौन किसके बिन अधूरा है कविता बिन कवि अधूरा है, सरिता बिन सागर अधूरा है। जब तक उनका न हो संगम, काव्य व जल संचय अधूरा है।। स्वर बिन व्यंजन अधूरा है, व्यंजन बिन शब्द... Hindi 6 11 532 Share Ram Krishan Rastogi 19 Jun 2023 · 1 min read पिता पर एक गजल लिखने का प्रयास मां के है श्रृंगार पिता। बच्चो के संसार पिता। मां आंगन की तुलसी है। द्वार के वंदनवार पिता।। घर की नीव सरीखी मां। घर की छत दीवार पिता।। मां कर्तव्य... Hindi 6 13 821 Share Ram Krishan Rastogi 1 Jul 2023 · 1 min read मेरी फितरत रूठने वालो को मनाना मेरी फितरत में नही, थूक कर उसको चाटना मेरी फितरत में नही। इंसान नही,हैवान है जो थूक कर चाट जाते है, ऐसे इंसानों से दिल लगाना... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता 6 12 405 Share Ram Krishan Rastogi 26 Sep 2023 · 1 min read आंखो में है नींद पर सोया नही जाता आंखो में है नींद,पर सोया नही जाता। दिल में है जख्म,पर रोया नही जाता।। सजाया था ये बगीचा,बड़ी चाहत से मैने। फूलो का हूं शौकीन,कांटा बोया नही जाता।। हम तो... Hindi · गजल 6 6 855 Share Ram Krishan Rastogi 5 Oct 2018 · 1 min read आओ भारत को स्वच्छ बनाये --आर के रस्तोगी आओ भारत को स्वच्छ बनाये बापू के सपनो को साकार कराये तन मन धन से इसमें जुट जाये गन्दगी को भारत से दूर भगाये भारत को एक सुंदर राष्ट बनाये... Hindi · कविता · बाल कविता 5 2 295 Share Ram Krishan Rastogi 22 Mar 2021 · 1 min read उम्र को हराना है तो शोक को जिंदा रखिए उम्र को हराना है तो शोक जिंदा रखिए घुटने चले न चले,मन उड़ता परिंदा रखिए। बुढापा तो आता है एक उम्र के बाद सभी को। जिंदगी को हमेशा हर तरह... Hindi · मुक्तक 5 4 4k Share Ram Krishan Rastogi 21 May 2021 · 1 min read मुर्दे के मन की पीड़ा आज मुर्दे भी बोल रहे हैं ******************* आज मुर्दे भी मुख खोल रहे हैं, अपने मन की पीड़ा खोल रहे हैं। हुआ है उनके साथ बहुत अन्याय, सबकी वे अब... Hindi · कविता 5 2 327 Share Ram Krishan Rastogi 19 Jan 2022 · 1 min read बदले बदले दल बदलू नज़र आते हैं बदले बदले दल बदलू नज़र आते हैं *******************"****** बदले बदले दल बदलू नज़र आते है, एक पार्टी छोड़,दूसरी में नजर आते है। मिल गया टिकट हम देश को बदल देगे,... Hindi · कविता 5 6 316 Share Ram Krishan Rastogi 22 Jan 2022 · 1 min read सारे दल मिलेगे तभी तो दलदल बनेगा सारे दल मिलेगे,तभी तो दलदल बनेगा ***************************** सारे दल मिलेगे,तभी तो दलदल बनेगा, कीचड़ बनते ही कमल का फूल खिलेगा। बदले बदले दल बदलू हमे नजर आते है, एक दल... Hindi · कविता 5 5 234 Share Ram Krishan Rastogi 26 Jan 2022 · 1 min read रिश्तों का बाज़ार रिश्तों का बाजार ************* रुक गया जब गया मै रिश्तों के बाजार में, बिक रहे थे सभी रिश्ते खुले आम बाज़ार में। दुकानदार से पूछा,क्या भाव इन रिश्तो का, दुकानदार... Hindi · कविता 5 8 732 Share Ram Krishan Rastogi 2 Feb 2022 · 1 min read बसंत ऋतु है आई बसंत ऋतु है आई ************** आलोकिक आनंद देने वाली, बसंत ऋतु है आई। धरती ने फूलो के गहने पहने,वह आज है मुस्काई।। महक उठी सारी धरती,गगन से मिलने को है... Hindi · कविता 5 3 348 Share Ram Krishan Rastogi 5 Feb 2022 · 1 min read बसंत ऋतु है आई आलोकिक आनंद देने वाली, बसंत ऋतु है आई। धरती ने फूलो के गहने पहने,वह आज है मुस्काई।। महक उठी सारी धरती,गगन से मिलने को है आतुर। पहन बसंती वस्त्र नर... Hindi · कविता 5 7 410 Share Ram Krishan Rastogi 18 Feb 2022 · 1 min read तेरे दिल में, मै रहता हूं सदा तेरे दिल में, मैं रहता हूं सदा। बादल बनकर बरसता हूं सदा।। भले ही ये चमन बियाबान हो गया हो। पर तेरे दिल के गुल खिलाता हूं मैं सदा।। अब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 5 321 Share Ram Krishan Rastogi 21 Feb 2022 · 1 min read मन करता है अभी भी,तेरे से मिलने का मन करता है अभी भी तेरे से मिलने का ****************************** सह न पाई हूं गम,तेरे से बिछड़ने का, मन करता हैअभी भी,तेरे से मिलने का। ज़ख्म जो तूने दिए मुझे,नासूर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 6 381 Share Ram Krishan Rastogi 2 Mar 2022 · 1 min read कैसे मनाऊं आज ये होली कैसे मनाऊं मै आज ये होली, रंग कर रहे हैं आज ठिठोली। सीमा पर जो सैनिक शहीद हुए हैं, तिरंगा ओढ़ कर जो घर आए हैं। केसरिया सफेद या हरा... Hindi · गीत 5 5 456 Share Ram Krishan Rastogi 7 Mar 2022 · 1 min read रसिया यूक्रेन पर कुंडलियां छिन्न भिन्न नर अंग है,कौआ चील सियार, स्वर्ग धरा की दुर्दशा,नर पशु है जिम्मेदार। नर पशु जिम्मेदार,विश्व युद्ध भी निश्चित है, रोका नहीं युद्ध,सृष्टि का समापन निशित है। कह रस्तोगी... Hindi · कुण्डलिया 5 3 443 Share Ram Krishan Rastogi 8 Mar 2022 · 1 min read महिला दिवस पर कुछ मुक्तक महिला दिवस पर कुछ मुक्तक *********************** दुनिया की पहचान है औरत, दुनिया पर एहसान है औरत। मत समझो इसको कमजोर, पुरुष से बलवान है औरत।। हर घर की शान है... Hindi · मुक्तक 5 5 456 Share Ram Krishan Rastogi 11 Mar 2022 · 1 min read पति पत्नी की नोक झोंक पर हास्य व्यंग मै सीधी सादी गैया हूं, तुम मरखने सांड प्रिय। मै किसी बगिया की कोयल हूं, तुम किसी दरबार के भांड प्रिय।। मै सुबह सुबह उठती हूं तुम सोने मे कुंभकर्ण... Hindi · कविता 5 5 2k Share Ram Krishan Rastogi 17 Mar 2022 · 1 min read होली मिलन पर मुक्तक किसी बेरंग जिंदगी में,होली पर रंग भर देना, चेहरे जो मुरझाए है,उन पर गुलाल मल देना। मनाते हैं होली सभी अपनी अपनी तरह से, बेसहारे बच्चो को रंगीन पिचकारी दिला... Hindi · मुक्तक 5 7 320 Share Ram Krishan Rastogi 8 Apr 2022 · 1 min read तुम और मैं तुम और मै ********* तुम इंग्लिश पढ़ी लिखी हो, मै हिन्दी भी भूल चुका हूं। तुम बुलेट ट्रेन जापान की हो, मै मिचकु खां का ठेला हूं। तुम बेंगलोरी सिलकन... Hindi · कविता 5 4 376 Share Ram Krishan Rastogi 11 Apr 2022 · 1 min read कह न पाई,सारी रात सोचती रही कह न पाई सारी रात सोचती रही। मै अपने जज्बातों को तोलती रही।। तुमने कभी न सुना मुझको कभी। मै तुमसे अपनी बात बोलती रही। रास्ते में तुमने अकेला छोड़... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 3 511 Share Ram Krishan Rastogi 17 Apr 2022 · 1 min read हम इतने भी बुरे नही,जितना लोगो ने बताया है हम इतने भी बुरे नही,जितना लोगो ने बताया है। शायद तुझे गलत लोगो ने गलत ही समझाया है।। शायद हम उनकी नज़रों से बहुत दूर हो चुके है। लगता है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 9 750 Share Ram Krishan Rastogi 22 Apr 2022 · 1 min read सात के पहाड़े में पूरे जीवन के दर्शन होते है जब सात वर्ष के,बचपन की शुरुआत होती है। होते चौदह वर्ष के,जवानी की झलक दिखाई देती हैं।। इक्कीस वर्ष के होते ही,शादी की उम्र होने लगती है। अठ्ठाइस... Hindi · कविता 5 6 646 Share Ram Krishan Rastogi 25 Apr 2022 · 1 min read अगर सामने बैठो तुम वक्त कट जायेगा ये उदासी का कोहरा यूंही छट जायेगा। अगर सामने बैठो तुम वक्त कट जायेगा।। नयनों की खिड़की से तुम्हे देखता ही रहूं। तुम्हारे गेसुओ से सदैव ही खेलता ही रहूं।।... Hindi · कविता 5 6 375 Share Ram Krishan Rastogi 26 Apr 2022 · 1 min read तुझे अपने दिल में बसाना चाहती हूं तुझे मैं अपना बनाना चाहती हूं। सब कुछ तुझे सोपना चाहती हूं। कोई चुरा न ले,तुझको मुझसे, अपने दिल में छिपाना चाहती हूं।। तुझे अपने दिल में बसाना चाहती हूं।... Hindi · मुक्तक 5 5 572 Share Ram Krishan Rastogi 28 Apr 2022 · 1 min read कैसे कहूं सबके सामने ये दिल तुम्हारा हो गया दिल ने दिल को पुकारा ,दिल तुम्हारा हो गया | कैसे कहे सबके सामने ये दिल तुम्हारा हो गया || ढूँढ़ते रहे हम सहारा,कोई सहारा हमे ना मिला | मिला... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 6 310 Share Ram Krishan Rastogi 28 Apr 2022 · 1 min read बेवफाओं के शहर में कुछ वफ़ा कर जाऊं वेवफाओ के शहर में कुछ वफ़ा कर जाऊं। जो दिल में है रंजीशे,उन्हे बाहर कर जाऊं।। मिलता नही कोई ठिकाना,जहा आकर बताऊं। अपने आप में ही घुलता हूं,किसे क्या सुनाऊं।।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 2 387 Share Ram Krishan Rastogi 19 May 2022 · 1 min read तारीफ क्या करूं तुम्हारे शबाब की तारीफ क्या करू,तुम्हारे शबाब की। तुम तो पंखुड़ी हो, लाल गुलाब की।। चेहरे पर नूर है जैसे चंदनी का हो नूर। खुबसूरती पाई है तुमने बे हिसाब की।। याद ताजा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 5 343 Share Ram Krishan Rastogi 24 May 2022 · 1 min read मुझसे बचकर वह अब जायेगा कहां मुझको अपना बताता था,अब है कहां, मुझसे चाहत जताता था,अब है कहां। मै तो बैठी हूं,दहलीज पर अब है उसके, मुझसे बचकर वह अब जायेगा कहां।। तुझसे बचकर वह अब... Hindi · मुक्तक 5 7 315 Share Previous Page 2 Next