Ram Krishan Rastogi Tag: कविता 621 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Ram Krishan Rastogi 15 Dec 2020 · 1 min read मत पूछो यारो,कोरोना में दिन कैसे काट रहा हूँ मत पूछो यारो मुझसे,कोरोना में दिन कैसे मै काट रहा हूँ | अपने मन की बाते करके तुमसे,अपना दुःख मै बाँट रहा हूँ || हो गई पढाई ऑनलाइन पर,बच्चो के... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 123 165 5k Share Ram Krishan Rastogi 23 May 2021 · 1 min read साजन सजनी की बरसात कर रही है कुछ इशारे,ये बे मौसम बरसात, सजनी साजन से मिले,कह रही ये बरसात। अबकी बार हो रही ,हरेक घर में बरसात, न जाने कब होगी, मेरे घर में... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 70 41 1k Share Ram Krishan Rastogi 18 May 2021 · 1 min read न भूलेंगे हम वो बरसात की रात न भूलेंगे हम वो बरसात की रात ************************ न भूलेंगे हम वो बरसात की रात, जिनसे हुई मेरी पहली मुलाकात। घनघोर घटाएं घिर रही थी गगन मे, दामिनी भी दमक... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 63 58 1k Share Ram Krishan Rastogi 1 Feb 2021 · 1 min read लिखता रहा इश्क भरे खत लिखता रहा इश्क भरे खत ********************* लिखता रहा इश्क भरे खत पर मैं उनको जलाता रहा, इस तरह मोहब्बत के सबूत मै हमेशा मिटाता रहा। चलता रहा ये सिलसिला उसकी... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 53 95 2k Share Ram Krishan Rastogi 1 Nov 2018 · 1 min read माँ --आर के रस्तोगी माँ पहली शिक्षक है,वह ही मात भाषा सिखाती है वह भले गीले में सोये,बच्चे को सूखे में सुलाती है माँ नौ मास कोख में रखती है प्रसव पीड़ा भी सहती... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 40 158 4k Share Ram Krishan Rastogi 16 Apr 2022 · 1 min read पिता पिता बाहर कड़ी धूप में जलता है। तब कही घर में चूल्हा जलता है।। पिता एक उम्मीद है एक आस है। परिवार की हिम्मत व विश्वाश है।। पिता बाहर से... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 40 75 1k Share Ram Krishan Rastogi 20 Apr 2022 · 1 min read मेरे पिता मेरे पिता थे हृदय विशाल, वे मुझ पर प्यार लुटाते थे। कर संकू ना वर्णन शब्दो में, वे देव तुल्य पिता कहलाते थे।। मेरे पिता प्यार के सागर थे, उनके... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 19 33 895 Share Ram Krishan Rastogi 8 Feb 2022 · 1 min read सूने सूने गीत है आज सूने सूने गीत है आज **************** सूने सूने गीत है आज, सूने सूने सब है साज। लता के संग खो गई , भारत की है आवाज।। गूंज रही है आपकी,... Hindi · कविता 9 10 355 Share Ram Krishan Rastogi 18 Apr 2022 · 1 min read चंदा मामा बाल कविता चंदा मामा पहन पायजामा, पहुंचे एक दिन वे सुसराल। बड़ी साली ने पलंग बिछाया, डाला उस पर मखमली शाल।। छोटी साली नमकीन है लाई, सलज मिठाई लेकर है आई। सासू... Hindi · कविता 9 10 647 Share Ram Krishan Rastogi 17 May 2022 · 2 min read पति पत्नी की नोक झोंक (हास्य व्यंग) मेरी पत्नी सुबह सुबह रामायण पढ़ती है। फिर तो सारे दिन वह महाभारत करती है।। वैसे तो रामायण पढ़कर, राम राम करती है। फिर तो सारे दिन गाली की बौछार... Hindi · कविता 9 16 1k Share Ram Krishan Rastogi 6 Jul 2022 · 1 min read उनकी यादें विचलित कर देती है,उनकी यादें कभी मुझको। नींद उड़ा ले जाती है,सोने नहीं देती है मुझको।। पता नहीं लग पाता है,कहां ले जाती है मुझको। करवटें बदलती हूं बस सलवटे... Hindi · कविता 9 15 513 Share Ram Krishan Rastogi 6 Nov 2018 · 1 min read दीप का दिवाली पर सन्देश --आर के रस्तोगी खुद जल जाओ,न जलाओ किसी को तुम | दीप का सन्देश है जरा इसको सुनो तुम || मेरे नीचे अँधेरा है,सबको उजाला देता हूँ| खुद जल कर मै,सबको प्रकाश देता... Hindi · कविता 8 1 440 Share Ram Krishan Rastogi 2 Feb 2022 · 1 min read कुछ व्यंग्य पर बिल्कुल सच कुछ व्यंग्य पर बिल्कुल सच ********************* बाप के कपड़े उतर गए, बेटी को कपड़े पहनाने में। बेटी के कपड़े उतर गए, फॉलोअर्स को बढ़ाने में।। बाप बेचारा थक गया, रोटी... Hindi · कविता 8 10 345 Share Ram Krishan Rastogi 5 Apr 2022 · 1 min read मै पैसा हूं दोस्तो मेरे रूप बने है अनेक मै पैसा हूं दोस्तो मेरे रूप बने है अनेक। हर स्थान में नाम बदलू रूप न मेरा एक। मै पैसा हूं,मेरे रूप बदलते रहते है हर दम। नेता मेरे आगे... Hindi · कविता 8 10 921 Share Ram Krishan Rastogi 20 Jun 2022 · 1 min read बुढ़ापे में अभी भी मजे लेता हूं बुढ़ापे में अभी भी जवानी के मजे लेता हूं। रसीले आम को अभी भी मै चूस लेता हूं।। बुढ़ापे में भले ही मेरे सारे दांत टूट गए है। फिर भी... Hindi · कविता 8 12 1k Share Ram Krishan Rastogi 8 Aug 2022 · 2 min read जीवन संगनी की विदाई छोड़ कर जा रही हूं तुम्हें,मुझे याद मत करना। जाना है सबको संसार से 1 दिन सबको मरना।। जन्म हुआ है जिसका,मृत्यु भी उसकी एक दिन होगी। ये क्रम चलता... Hindi · कविता 8 15 706 Share Ram Krishan Rastogi 30 Jan 2022 · 1 min read बापू की पुण्य तिथि पर बापू की पुण्यतिथि पर ****************** बापु तुम्हारी पुण्य तिथि पर तुमको क्या मै बताऊं, आज तिरंगा रो रहा है किस किस को मै समझाऊं । नाम किसानों का लेकर ये... Hindi · कविता 7 7 359 Share Ram Krishan Rastogi 24 Apr 2022 · 1 min read छीन लिए है जब हक़ सारे तुमने छीन लिए है जब हक़ सारे तुमने, फिर बार बार क्यों तुम आते हो। दरवाजे सारे बंद हो चुके है अब, फिर बार बार क्यों खटकाते हो।। होता है प्रेम... Hindi · कविता 7 11 898 Share Ram Krishan Rastogi 13 May 2022 · 1 min read आदमी कितना नादान है आदमी स्वयं ही बुरा है, दूसरो को बुरा बताता है। वह अपने स्वार्थ के लिए, दूसरो को खूब सताता है।। आदमी कितना नादान है, मंदिर में शंख घंटा बजाता है।... Hindi · कविता 7 9 994 Share Ram Krishan Rastogi 22 May 2022 · 1 min read बताओ तो जाने जो कल थी,पर आज नही रहेगी, जो आज हैं, पर कल नही रहेगी। जो कल आयेगी वह परसो न आयेगी, पर दीवार पर टंगी सब घर मिल जायेगी। टर टर... Hindi · कविता 7 11 695 Share Ram Krishan Rastogi 2 Jun 2022 · 1 min read दो जून की रोटी दो जून की रोटी,प्रभु सबको मिल जाए। छोटी हो या मोटी,ये सबको मिल जाए।। दो जून की रोटी,बड़ी किस्मत से है मिलती। मेहनत करता है मजदूर तब कही ये मिलती।।... Hindi · कविता 7 16 1k Share Ram Krishan Rastogi 28 Jun 2022 · 1 min read मन की फितरत मन ही मन को जानता,मन को मन से प्रीत। मन ही मनमानी करे, मन ही मन का मीत।। मन झूमे,मन बांवरा,मन की है अद्भुत रीत। मन के हारे हार है,... Hindi · कविता 7 9 643 Share Ram Krishan Rastogi 2 Jul 2022 · 1 min read वर्षा ऋतु में प्रेमिका की वेदना जब जब ये बादल बरसे, ये नैना तेरे लिए है तरसे। जब जब ये बिजली चमकी, मेरी माथे की बिंदिया दमकी। कैसे भुलाऊं साजन मै तुमको, मिलने को आ जाओ... Hindi · कविता 7 9 629 Share Ram Krishan Rastogi 22 Jun 2023 · 1 min read नींबू की चाह चाह नहीं मेरी, मिरचो के साथ गूंथा जाऊं। चाह नहीं मेरी,दरवाजे पर लटकाया जाऊं।। चाह नहीं मेरी,नमक चीनी के साथ में घुल जाऊं। चाह नहीं मेरी,मटर की चाट का स्वाद... Hindi · कविता 7 14 681 Share Ram Krishan Rastogi 26 Oct 2018 · 1 min read भला है बुरा है मेरा पति,सुहागन मेरा ख़िताब तो है --आर के रस्तोगी भला है,बुरा है,मेरा पति सुहागन मेरा ख़िताब तो है भले ही पन्ने पुराने हो, वो मेरे दिल की किताब तो है क्यों निहारु दूर के चाँद को,जब मेरा चाँद मेरे... Hindi · कविता 6 2 287 Share Ram Krishan Rastogi 29 Oct 2018 · 2 min read अब दिवाली के पुराने दिन याद आते है --आर के रस्तोगी अब दिवाली के पुराने दिन याद आते है जब दीवारों को चूने से पुतवाते थे चूने को बड़े ड्रमों में घुलवाते थे उसमे थोडा सा नील डलवाते थे सीडी पड़ोसी... Hindi · कविता 6 470 Share Ram Krishan Rastogi 28 Jan 2022 · 1 min read पंख अपने ही फैला,जमाना उड़ान को देखता है पंख अपने ही फैला,जमाना उड़ान देखता है ********************************* जमीन पर बैठ कर,क्यो आसमान देखता है। पंख अपने ही फैला,जमाना उड़ान देखता है।। कमाई दूसरो की देखकर क्यों कभी जलता है।... Hindi · कविता 6 4 558 Share Ram Krishan Rastogi 18 Feb 2022 · 1 min read कुछ ज्ञान वर्धक पहेलिया_बताओ तो जाने कुछ ज्ञानवर्धक पहेलियां,बताओ तो जाने ******************************** कहो कौन हो दमयंती सी,इस तरु के नीचे सोई। हाय तुम्हे भी छोड़ गया,कोई नल सा निष्ठुर कोई।। एक घड़ा मोतियों से भरा,सिर पर... Hindi · कविता 6 5 488 Share Ram Krishan Rastogi 28 Feb 2022 · 1 min read खुलने लगे हैं शहर,लोग मुलाकात करने लगे है खुलने लगे हैं शहर,लोग मुलाकात करने लगे है। मोबाईल को छोड़,आपस में बात करने लगे हैं।। अंधेरे छटे है,अब उजाले भी नजर आने लगे हैं। लोग एक दूजे के चेहरे... Hindi · कविता 6 5 301 Share Ram Krishan Rastogi 14 Apr 2022 · 1 min read झरने और कवि का वार्तालाप पर्वतो की गोद से निकल, एक झरना ये सोचने लगा। पता नही मेरे भाग्य में क्या लिखा, क्यू मै पर्वतों से अब बिछड़ने लगा।। सोचते सोचते वह आगे बढ़ा, पर्वतों... Hindi · कविता 6 2 1k Share Ram Krishan Rastogi 21 May 2022 · 1 min read एक पनिहारिन की वेदना सुन सखा,मेरे कृष्ण कन्हैया, पूछ रही है मेरी सभी सखियां। कैसे फूटी तेरी जल की गगरिया, क्यो भीगी तेरी लाल चुनररिया। कर रही है सभी सखि ठिठोली, इन सबके पीछे... Hindi · कविता 6 8 836 Share Ram Krishan Rastogi 5 Jun 2022 · 1 min read पर्यावरण दिवस अगर धरा के पेड़ कट गए, तुम स्वयं ही कट जाओगे। फिर इस पर्यावरण को तुम कैसे उज्ज्वल कर पाओगे।। सड़क मार्ग चौड़ा करने पर, हमेशा ही पेड़ काटे जाते... Hindi · कविता 6 10 552 Share Ram Krishan Rastogi 25 Jun 2022 · 1 min read महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन बिछड़ रहे है सभी साथी धीरे धीरे। बढ़ रहा शनि का प्रकोप धीरे धीरे।। बदलेगी स्थिति महाराष्ट्र की धीरे धीरे। सत्ता छोड़नी पड़ेगी,पर जरा धीरे धीरे।। परिवर्तन आ रहा है,पर... Hindi · कविता · व्यंग्य 6 10 361 Share Ram Krishan Rastogi 15 Aug 2022 · 1 min read मै लाल किले से तिरंगा बोल रहा हूं मै लाल किले से तिरंगा बोल रहा हूं। मै देश के हित में कुछ बोल रहा हूं।। जब जब मुझको यहां फहराया जायेगा। खड़े होकर ही राष्ट्रीयगान गाया जायेगा।। हमे... Hindi · कविता 6 8 320 Share Ram Krishan Rastogi 19 Sep 2022 · 1 min read मुझे आज भी तुमसे प्यार है तुमसे बिछड़े वर्षो बीत गए, अभी भी मुझे तेरा इंतजार है, तेरी पुरानी यादों की चुभन, आज भी दिल में बरकरार है। मुझे आज भी तुमसे प्यार है।। लौट कर... Hindi · कविता 6 11 410 Share Ram Krishan Rastogi 5 Oct 2018 · 1 min read आओ भारत को स्वच्छ बनाये --आर के रस्तोगी आओ भारत को स्वच्छ बनाये बापू के सपनो को साकार कराये तन मन धन से इसमें जुट जाये गन्दगी को भारत से दूर भगाये भारत को एक सुंदर राष्ट बनाये... Hindi · कविता · बाल कविता 5 2 294 Share Ram Krishan Rastogi 21 May 2021 · 1 min read मुर्दे के मन की पीड़ा आज मुर्दे भी बोल रहे हैं ******************* आज मुर्दे भी मुख खोल रहे हैं, अपने मन की पीड़ा खोल रहे हैं। हुआ है उनके साथ बहुत अन्याय, सबकी वे अब... Hindi · कविता 5 2 325 Share Ram Krishan Rastogi 19 Jan 2022 · 1 min read बदले बदले दल बदलू नज़र आते हैं बदले बदले दल बदलू नज़र आते हैं *******************"****** बदले बदले दल बदलू नज़र आते है, एक पार्टी छोड़,दूसरी में नजर आते है। मिल गया टिकट हम देश को बदल देगे,... Hindi · कविता 5 6 314 Share Ram Krishan Rastogi 22 Jan 2022 · 1 min read सारे दल मिलेगे तभी तो दलदल बनेगा सारे दल मिलेगे,तभी तो दलदल बनेगा ***************************** सारे दल मिलेगे,तभी तो दलदल बनेगा, कीचड़ बनते ही कमल का फूल खिलेगा। बदले बदले दल बदलू हमे नजर आते है, एक दल... Hindi · कविता 5 5 233 Share Ram Krishan Rastogi 26 Jan 2022 · 1 min read रिश्तों का बाज़ार रिश्तों का बाजार ************* रुक गया जब गया मै रिश्तों के बाजार में, बिक रहे थे सभी रिश्ते खुले आम बाज़ार में। दुकानदार से पूछा,क्या भाव इन रिश्तो का, दुकानदार... Hindi · कविता 5 8 730 Share Ram Krishan Rastogi 2 Feb 2022 · 1 min read बसंत ऋतु है आई बसंत ऋतु है आई ************** आलोकिक आनंद देने वाली, बसंत ऋतु है आई। धरती ने फूलो के गहने पहने,वह आज है मुस्काई।। महक उठी सारी धरती,गगन से मिलने को है... Hindi · कविता 5 3 347 Share Ram Krishan Rastogi 5 Feb 2022 · 1 min read बसंत ऋतु है आई आलोकिक आनंद देने वाली, बसंत ऋतु है आई। धरती ने फूलो के गहने पहने,वह आज है मुस्काई।। महक उठी सारी धरती,गगन से मिलने को है आतुर। पहन बसंती वस्त्र नर... Hindi · कविता 5 7 409 Share Ram Krishan Rastogi 11 Mar 2022 · 1 min read पति पत्नी की नोक झोंक पर हास्य व्यंग मै सीधी सादी गैया हूं, तुम मरखने सांड प्रिय। मै किसी बगिया की कोयल हूं, तुम किसी दरबार के भांड प्रिय।। मै सुबह सुबह उठती हूं तुम सोने मे कुंभकर्ण... Hindi · कविता 5 5 2k Share Ram Krishan Rastogi 8 Apr 2022 · 1 min read तुम और मैं तुम और मै ********* तुम इंग्लिश पढ़ी लिखी हो, मै हिन्दी भी भूल चुका हूं। तुम बुलेट ट्रेन जापान की हो, मै मिचकु खां का ठेला हूं। तुम बेंगलोरी सिलकन... Hindi · कविता 5 4 376 Share Ram Krishan Rastogi 22 Apr 2022 · 1 min read सात के पहाड़े में पूरे जीवन के दर्शन होते है जब सात वर्ष के,बचपन की शुरुआत होती है। होते चौदह वर्ष के,जवानी की झलक दिखाई देती हैं।। इक्कीस वर्ष के होते ही,शादी की उम्र होने लगती है। अठ्ठाइस... Hindi · कविता 5 6 645 Share Ram Krishan Rastogi 25 Apr 2022 · 1 min read अगर सामने बैठो तुम वक्त कट जायेगा ये उदासी का कोहरा यूंही छट जायेगा। अगर सामने बैठो तुम वक्त कट जायेगा।। नयनों की खिड़की से तुम्हे देखता ही रहूं। तुम्हारे गेसुओ से सदैव ही खेलता ही रहूं।।... Hindi · कविता 5 6 372 Share Ram Krishan Rastogi 25 May 2022 · 1 min read बचे जो अरमां तुम्हारे दिल में बचे जो अरमां तुम्हारे दिल में, उनको पूरा कर लो अब तुम। अब ना हाथ आऊंगी तुम्हारे, चाहे जितने जतन कर लो तुम।। बचे जो तीर तरकस में तुम्हारे, उनको... Hindi · कविता 5 7 404 Share Ram Krishan Rastogi 26 May 2022 · 1 min read गर्मी जीव सभी अपने घरों में दुबके, सूनी पड़ी सभी गली व सड़के। बाहर हो रही आग की बारिश, सारे जीव पानी को है तरसे।। सूखे पड़े है सब ताल तलैया,... Hindi · कविता 5 7 405 Share Ram Krishan Rastogi 8 Jun 2022 · 1 min read मां के समान कोई नही मां ने बनाया तुम्हे खुद को मिटाके, उसी के कारण लेते हो तुम चटाके। मां ना होती,तुम कभी भी ना होते, आज तुम इतने बड़े कभी ना होते।। मां का... Hindi · कविता 5 10 607 Share Ram Krishan Rastogi 19 Jun 2022 · 1 min read पिता है तो परिवार है पिता है तो लगता परिवार है। वरना दुनिया में सब बेकार है।। पिता है तो सोने में सुहागा है। वरना सारा परिवार अभागा है।। पिता परिवार की धन दौलत है।... Hindi · कविता 5 4 276 Share Page 1 Next