Manisha Manjari Tag: मनीषा मंजरी 203 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next Manisha Manjari 12 May 2024 · 1 min read सुनहरे झील पर बुझते सूरज से पूछो। सुनहरे झील पर बुझते सूरज से पूछो, यादें लहरों की उसे सताती हैं क्या? जमीं पर फैली घास की कोपलों से पूछो, फ़ना होने वाली ओस की बूँदें रुलाती हैं... Poetry Writing Challenge-3 · Manisha Manjari · कविता · मनीषा मंजरी 1 64 Share Manisha Manjari 12 May 2024 · 1 min read वो दूरियां सात समंदर की, तो तुम पार कर आये। वो दूरियां सात समंदर की, तो तुम पार कर आये, पर अब ये फ़ासले जन्मों के, तू भी कैसे मिटाये? ये स्याह बादल भी ठहर कर, कुछ ऐसे हैं छाये,... Poetry Writing Challenge-3 · Manisha Manjari · कविता · मनीषा मंजरी 1 60 Share Manisha Manjari 12 May 2024 · 1 min read आदतों में जो थी आवाजें। आदतों में जो थी आवाजें, वो मौन में समा गयीं, आहटें जो रहती थी नियमित, शून्यता के हिस्से में आ गयीं। मीठी धूप की थी शिरकतें, काली घटा भरमा गयी,... Poetry Writing Challenge-3 · Manisha Manjari · कविता · मनीषा मंजरी 1 78 Share Manisha Manjari 12 May 2024 · 1 min read वो गुलमोहर जो कभी, ख्वाहिशों में गिरा करती थी। वो गुलमोहर जो कभी, ख्वाहिशों में गिरा करती थी, अब तो बस ख़्वाबों की दहलीज पर बिखरती है। मुस्कुराती शामें जो सतरंगी आसमां तले बातों में गुजरती थी, अब अंतहीन... Poetry Writing Challenge-3 · Manisha Manjari · कविता · मनीषा मंजरी 1 49 Share Manisha Manjari 12 May 2024 · 1 min read बिखरे सपनों की ताबूत पर, दो कील तुम्हारे और सही। बिखरे सपनों की ताबूत पर, दो कील तुम्हारे और सही, जख्मों से सुन्न पड़े इस मन पर, चीख इल्जामों के और सही। सुखे अश्रु से भरे नैनों में, पीड़ा की... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · मनीषा मंजरी 74 Share Manisha Manjari 12 May 2024 · 1 min read मुझे मुझसे हीं अब मांगती है, गुजरे लम्हों की रुसवाईयाँ। सर्द आसमां में दिखती हैं, अधूरे चाँद की अंगड़ाईयाँ, टूटे तारों में बसती हैं, ठहरे मन्नतों की गहराईयां। अक्स सुलझा नहीं पाती हैं, खुद से पूछती अबूझ पहेलियाँ, ताँ उम्र... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · मनीषा मंजरी 43 Share Manisha Manjari 12 May 2024 · 1 min read ये शिकवे भी तो, मुक़द्दर वाले हीं कर पाते हैं। ये शिकवे भी तो, मुक़द्दर वाले हीं कर पाते हैं, बेचैनियों को शब्द, कहाँ अब भाते हैं। ये कोरे अश्क जो, मन को हल्का कर जाते हैं, पलकें पलों में,... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · मनीषा मंजरी 49 Share Manisha Manjari 12 May 2024 · 1 min read ये यादों की किस्तें जाने कबतक रुलायेंगी। ये यादों की किस्तें जाने कबतक रुलायेगी, क्या जीवन सफर में हमराही बन मृत्यु तक साथ निभाएंगी। जज़्बातों की चिलचिलाती धूप, रूह के पाँव जलाएंगी, या वक़्त की ठंडी छाँव,... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · मनीषा मंजरी 65 Share Manisha Manjari 12 May 2024 · 1 min read मोहब्बत पलों में साँसें लेती है, और सजाएं सदियों को मिल जाती है। मोहब्बत पलों में साँसें लेती है, और सजाएं सदियों को मिल जाती है, दिल के सुकूं की क़ीमत, आँखें आंसुओं की किस्तों से चुकाती है। बातों की चाहतें जगती हैं,... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · मनीषा मंजरी 1 43 Share Manisha Manjari 12 May 2024 · 1 min read हाँ, ये आँखें अब तो सपनों में भी, सपनों से तौबा करती हैं। इस क्षितिज का चाँद, जब भी अक्स से मेरे आ मिलता है, दर्द भरी आँखों में, सुकून का एक पल खिलता है। सहलाती हैं हवाएं, परछाइयों को मेरे कुछ इस... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · मनीषा मंजरी 42 Share Manisha Manjari 12 May 2024 · 1 min read वो ख़्वाहिशें जो सदियों तक, ज़हन में पलती हैं। वो ख़्वाहिशें जो सदियों तक, ज़हन में पलती हैं, अब शब्द बनकर, बस पन्नों पर बिखरा करती हैं। वो मुस्कुराहटें जो, मासूम सी आँखों में कभी बसती हैं, अब बूँदें... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · मनीषा मंजरी 62 Share Manisha Manjari 12 May 2024 · 1 min read संदेशे भेजूं कैसे? संदेशे भेजूं कैसे, पता तेरा बेपता अब हो गया है, शब्दों की स्याही चलाऊं कहाँ, जब कागज़ का नामोंनिशां मिट गया है। वेदना भरे आंसूं गिराऊं कहाँ, स्नेहिल चादर हीं... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · मनीषा मंजरी 39 Share Manisha Manjari 12 May 2024 · 1 min read जब मरहम हीं ज़ख्मों की सजा दे जाए, मुस्कराहट आंसुओं की सदा दे जाए। जब मरहम हीं ज़ख्मों की सजा दे जाए, मुस्कराहट आंसुओं की सदा दे जाए। खामोशी में एक चीख़ उठा करती है, एहसासों में एक तीर चुभा करती है। मुद्दतों बाद... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · मनीषा मंजरी 71 Share Manisha Manjari 12 May 2024 · 1 min read तृष्णा उस मृग की भी अब मिटेगी, तुम आवाज तो दो। ठहरे क़दमों को भी राहें ढूंढ लेंगी, तुम आवाज तो दो, पत्थरों को भी धड़कनें नई मिलेंगी, तुम आवाज तो दो। सवेरों में सूरज की रौशनी खिलेगी, तुम आवाज तो... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · मनीषा मंजरी 39 Share Manisha Manjari 12 May 2024 · 1 min read काश थोड़ा सा वक़्त, तेरे पास और होता। काश थोड़ा सा वक़्त, तेरे पास और होता, बातें कम होती तो क्या, एहसास और होता। उन आँखों में अपनेपन का दीदार और होता, संघर्ष भरी राहों में, तेरा साथ... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · मनीषा मंजरी 68 Share Manisha Manjari 12 May 2024 · 1 min read कभी वैरागी ज़हन, हर पड़ाव से विरक्त किया करती है। कभी लगता है ये ज़िन्दगी सफर में बीत जाए, कभी एक घर की तलब सी जगती है। कभी फिजायें चाहती हैं, स्वछंदता साँसों में घुल जाए, कभी आस आँगन की,... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · मनीषा मंजरी 50 Share Manisha Manjari 12 May 2024 · 1 min read संघर्षशीलता की दरकार है। आँखों के आगे हैं उजाले, पर छा रहा अंधकार है, भय ने है पंख पसारे, और उम्मीदें हुईं तार-तार है। बोझिल हो रही हैं साँसें, पर अश्रु पर बैठा पहरेदार... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · मनीषा मंजरी 41 Share Manisha Manjari 12 May 2024 · 1 min read खुद के ताबूत से हीं, खुद को गवां कर गए। साहिलों को पाने की चाह में तूफां से हम टकरा गए, खुशियाँ जो किस्तों में आती थी, उसे भी गवां गए। थी चाहत की मरुभूमि में, एक पल की छाँव... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · मनीषा मंजरी 41 Share Manisha Manjari 12 May 2024 · 1 min read इंतज़ार एक दस्तक की। इंतज़ार एक दस्तक की, उस दरवाजे को थी रहती, चौखट पर जिसकी धूल, बरसों की थी जमी हुई। निगाहें धरती की, उस आसमान को थी निहारती, बारिशों ने, जिसके बादलों... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · मनीषा मंजरी 66 Share Manisha Manjari 12 May 2024 · 1 min read कल्पित एक भोर पे आस टिकी थी, जिसकी ओस में तरुण कोपल जीवंत हुए। रात्रि के गहन पहर में, गति श्वासों की मंद हुई, स्याह नयनों में मेघ थे छाये, आस के मोती स्वच्छंद हुए। जीवन के इस चंचल छल में, मृत्यु मस्त मलंग... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · मनीषा मंजरी 38 Share Manisha Manjari 12 May 2024 · 1 min read सिसकियाँ जो स्याह कमरों को रुलाती हैं। सिसकियाँ जो स्याह कमरों को रुलाती हैं, मुस्कराहट बन लोगों को उलझाती हैं। धाराशाही होते हैं अश्क बस अपने हीं दामन में, और सूखे नज़रों की तल्ख़ आँखों को भरमाती... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · मनीषा मंजरी 39 Share Manisha Manjari 12 May 2024 · 1 min read अनन्तता में यादों की हम बिखर गए हैं। ये कालिमा कैसी है, जिसमें तारे भी विलीन हो गए हैं, अँधेरा है ये अंतरिक्ष का या दीये मन के बुझ गए हैं। इंद्रधनुष है ये कैसा, रंग जिसके मिट... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · मनीषा मंजरी 40 Share Manisha Manjari 12 May 2024 · 1 min read मसान। तेरी श्वासों संग जुड़ी थी मृदुता मेरी, पर अब ये हृदय पाषाण हो चला। दो बूँद को आकुल आँखें हुई है मेरी, यूँ अश्रु ने बंजरता के मर्म को छुआ।... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · मनीषा मंजरी 46 Share Manisha Manjari 12 May 2024 · 1 min read ये खामोशियाँ मुझको भाने लगीं हैं। ये खामोशियाँ मुझको भाने लगीं हैं, मन के शोर से दूर ले जाने लगीं हैं। कश्तियाँ बवंडरों को भटकाने लगीं हैं, लहरों की सादगी से रिश्ता निभाने लगीं हैं। ये... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · मनीषा मंजरी 44 Share Manisha Manjari 12 May 2024 · 1 min read निःशब्दिता की नदी बहने दो निःशब्दिता की नदी में, समंदर शोर का मुझे भाता नहीं है, रहने दो ठहराव के इस दलदल में, सूखी जमीं का वेग साथ निभाता नहीं है। बिखरने दो... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · मनीषा मंजरी 65 Share Manisha Manjari 30 Apr 2024 · 1 min read मसान..... तेरी श्वासों संग जुड़ी थी मृदुता मेरी, पर अब ये हृदय पाषाण हो चला। दो बूँद को आकुल आँखें हुई है मेरी, यूँ अश्रु ने बंजरता के मर्म को छुआ।... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 93 Share Manisha Manjari 6 Apr 2024 · 1 min read संघर्षशीलता की दरकार है। आँखों के आगे हैं उजाले, पर छा रहा अंधकार है, भय ने है पंख पसारे, और उम्मीदें हुईं तार-तार है। बोझिल हो रही हैं साँसें, पर अश्रु पर बैठा पहरेदार... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 115 Share Manisha Manjari 30 Mar 2024 · 1 min read पाषाण जज्बातों से मेरी, मोहब्बत जता रहे हो तुम। ये सपने अपने आँखों में मेरी, जो देख रहे हो तुम, बस परछाइयाँ हैं कोरे भ्रम की, कुछ और नहीं। हमराही बनने की चाहत में, कदम बढ़ा रहे हो तुम,... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 162 Share Manisha Manjari 26 Mar 2024 · 1 min read कभी वैरागी ज़हन, हर पड़ाव से विरक्त किया करती है। कभी लगता है ये ज़िन्दगी सफर में बीत जाए, कभी एक घर की तलब सी जगती है। कभी फिजायें चाहती हैं, स्वछंदता साँसों में घुल जाए, कभी आस आँगन की,... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 119 Share Manisha Manjari 26 Mar 2024 · 1 min read ये तलाश सत्य की। ये तलाश सत्य की, अनभिज्ञ पथों से परिचय कराएगी, सुषुप्ति में सोये इस मन को, विशुद्ध ज्ञान के बोध से जगाएगी। जग बंधन है, माया-रचित, उस हठी गाँठ से ये... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 5 402 Share Manisha Manjari 25 Mar 2024 · 1 min read हर्षित आभा रंगों में समेट कर, फ़ाल्गुन लो फिर आया है, हर्षित आभा रंगों में समेट कर, फ़ाल्गुन लो फिर आया है, धरोहित जड़ों की तरफ मोड़ कर, उत्सव ने उल्लास मनाया है। जीर्ण-शीर्ण पुरातन का त्याग कर, नित्य-नूतन वायु में... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी · होली 182 Share Manisha Manjari 10 Mar 2024 · 1 min read कभी एक तलाश मेरी खुद को पाने की। कभी एक तलाश मेरी खुद को पाने की, तो कभी एक तलाश तुझसे दूर जाने की। कभी आयामों में जीवन के खुद को उलझाने की, तो कभी उस वैराग्य की... Hindi · Manisha Manjari · कविता · मनीषा मंजरी · वैराग्य 2 114 Share Manisha Manjari 8 Mar 2024 · 1 min read स्त्रीत्व समग्रता की निशानी है। आशय व्यक्त करे कैसे, स्त्रीत्व समग्रता की निशानी है, वाक्यों, शब्दों की द्योतक भी है, और स्वयं में पूर्ण कहानी है। भावों की अनावृत परिचर्चा वो, जिसका आयाम स्वाभिमानी है,... Hindi · International Women Day · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 176 Share Manisha Manjari 26 Feb 2024 · 1 min read कहीं वैराग का नशा है, तो कहीं मन को मिलती सजा है, कहीं वैराग का नशा है, तो कहीं मन को मिलती सजा है, ये कैसे काफिले संग सफर है, जिसकी मंजिलें हीं लापता है। जो उड़ानें आसमानों की हैं, तो डोर... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 196 Share Manisha Manjari 22 Feb 2024 · 1 min read फ़लसफ़ा है जिंदगी का मुस्कुराते जाना। अब आना तो थोड़ी फुर्सत में आना, कितनी हीं बातें हैं पास मेरे, थोड़ी तो तुम सुनते जाना। यूँ तो हर पल लगा रहता है, तुम्हारी यादों का आना-जाना, पर... Hindi · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 2 138 Share Manisha Manjari 13 Feb 2024 · 1 min read मंजिलों की तलाश में, रास्ते तक खो जाते हैं, मंजिलों की तलाश में, रास्ते तक खो जाते हैं, खुद की रूह से, अजनबी हम हो जाते हैं। मन के आँगन में, सूनेपन की सिसकियाँ गूंजती हैं, शाम-ओ-सहर फिर, दबे... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 188 Share Manisha Manjari 9 Feb 2024 · 1 min read जिंदगी मुस्कुराती थी कभी, दरख़्तों की निगेहबानी में, और थाम लेता था वो हाथ मेरा, हर एक परेशानी में। जिंदगी मुस्कुराती थी कभी, दरख़्तों की निगेहबानी में, और थाम लेता था वो हाथ मेरा, हर एक परेशानी में। ना जाने किस, टूटते तारे की दुआएं लगी थी मुझे, कि... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 138 Share Manisha Manjari 21 Jan 2024 · 1 min read मुद्दतों बाद फिर खुद से हुई है, मोहब्बत मुझे। सफर तन्हाईयों का, बेइंतिहां सुकूं देता है मुझे, कदम अपने मेरे साथ, तुम बढ़ाया ना करो। बेहोश जज़्बातों में घुलकर, साँसें चलती हैं मेरी, होश की छींटों से मेरे एहसास,... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी · हिंदी कविताएं 146 Share Manisha Manjari 12 Jan 2024 · 1 min read समय को समय देकर तो देखो, एक दिन सवालों के जवाब ये लाएगा, समय को समय देकर तो देखो, एक दिन सवालों के जवाब ये लाएगा, दीये विश्वास के जला कर तो देखो, मन के अंधेरों को ये मिटायेगा। बादल घनेरे छायेंगे जरूर,... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 2 175 Share Manisha Manjari 12 Jan 2024 · 1 min read नववर्ष। एक प्रयास नया फिर आज करें, नववर्ष को नयी उम्मीदों से भरें, बीते वर्ष की इस सांझ तले, इक नयी भोर की नींव धरें। माना रस्ते कठिन बहुत हैं, साहस... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 1 225 Share Manisha Manjari 9 Jan 2024 · 1 min read आँखों में अब बस तस्वीरें मुस्कुराये। वो दूरियां सात समंदर की, तो तुम पार कर आये, पर अब ये फ़ासले जन्मों के, तू भी कैसे मिटाये? ये स्याह बादल भी ठहर कर, कुछ ऐसे हैं छाये,... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 257 Share Manisha Manjari 30 Dec 2023 · 1 min read वो गुलमोहर जो कभी, ख्वाहिशों में गिरा करती थी। वो गुलमोहर जो कभी, ख्वाहिशों में गिरा करती थी, अब तो बस ख़्वाबों की दहलीज पर बिखरती है। मुस्कुराती शामें जो सतरंगी आसमां तले बातों में गुजरती थी, अब अंतहीन... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 179 Share Manisha Manjari 28 Dec 2023 · 1 min read जब स्वयं के तन पर घाव ना हो, दर्द समझ नहीं आएगा। जब स्वयं के तन पर घाव ना हो, दर्द समझ नहीं आएगा, ये नियति हंस कर देख रही, कि कल काल तुझे समझायेगा। निंदनीय शब्दों की तीखी तलवार, तू आज... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 2 280 Share Manisha Manjari 27 Dec 2023 · 1 min read बिखरे सपनों की ताबूत पर, दो कील तुम्हारे और सही। बिखरे सपनों की ताबूत पर, दो कील तुम्हारे और सही, जख्मों से सुन्न पड़े इस मन पर, चीख इल्जामों के और सही। सुखे अश्रु से भरे नैनों में, पीड़ा की... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 205 Share Manisha Manjari 22 Dec 2023 · 1 min read मुझे मुझसे हीं अब मांगती है, गुजरे लम्हों की रुसवाईयाँ। सर्द आसमां में दिखती हैं, अधूरे चाँद की अंगड़ाईयाँ, टूटे तारों में बसती हैं, ठहरे मन्नतों की गहराईयां। अक्स सुलझा नहीं पाती हैं, खुद से पूछती अबूझ पहेलियाँ, ताँ उम्र... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 211 Share Manisha Manjari 22 Dec 2023 · 1 min read सवाल खाट पर पड़े दो नैनों में, सवाल बस यही एक आया है, इस इंतज़ार के लम्हों में, कौन अपना कौन पराया है। जिन अबोधों को शब्द दिया, वाण शब्दों के... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 204 Share Manisha Manjari 2 Dec 2023 · 1 min read कुछ रातों के घने अँधेरे, सुबह से कहाँ मिल पाते हैं। ये शिकवे भी तो, मुक़द्दर वाले हीं कर पाते हैं, बेचैनियों को शब्द, कहाँ अब भाते हैं। ये कोरे अश्क जो, मन को हल्का कर जाते हैं, पलकें पलों में,... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 3 2 303 Share Manisha Manjari 30 Nov 2023 · 10 min read एक दिवाली ऐसी भी। एक दिवाली ऐसी भी। अमावस्या की उस रात में सारा शहर रौशनी की चमक-धमक से जगमगा रहा था। हर तरफ रौशनी से सजे-धजे घर और मुस्कराहट और खुशियों से दमकते... Hindi · Manisha Manjari · कहानी · मनीषा मंजरी · लघु कथा 3 2 661 Share Manisha Manjari 30 Nov 2023 · 1 min read इंतज़ार एक दस्तक की, उस दरवाजे को थी रहती, चौखट पर जिसकी धूल, बरसों की थी जमी हुई। इंतज़ार एक दस्तक की, उस दरवाजे को थी रहती, चौखट पर जिसकी धूल, बरसों की थी जमी हुई। निगाहें धरती की, उस आसमान को थी निहारती, बारिशों ने, जिसके बादलों... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 4 284 Share Manisha Manjari 27 Nov 2023 · 1 min read कल्पित एक भोर पे आस टिकी थी, जिसकी ओस में तरुण कोपल जीवंत हुए। रात्रि के गहन पहर में, गति श्वासों की मंद हुई, स्याह नयनों में मेघ थे छाये, आस के मोती स्वच्छंद हुए। जीवन के इस चंचल छल में, मृत्यु मस्त मलंग... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 209 Share Previous Page 2 Next