Mahender Singh Tag: दोहा 41 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Mahender Singh 25 Jul 2021 · 1 min read मातृत्व बच्चे तो बच्चे होते, के आपणा के गैर, आपणा तो राजा भोज,गैर कहे सो बैर. निज देह मोह तजे, तज भूख और प्यास, खुद गीले सोय कर, सूखा रखे आसपास.... Hindi · दोहा 4 3 634 Share Mahender Singh 28 Nov 2017 · 1 min read दोहे जो सम्मोहन तोड़े ! अक्सर अक्षर बिन पढ़े ! पढ़ लेता है ...इंसान..! विवेक रुप तीसरा नेत्र है उनका ज्ञान, उन विद्वानों का क्या करें ! रटे रटाये मंत्र है जिनका ज्ञान ! .... Hindi · दोहा 2 2 667 Share Mahender Singh 15 Sep 2017 · 1 min read *दोहे और भक्ति-आंदोलन* 1. ममता उतनी ही भली,जासे उपजे ध्यान, उस सहयोग का कौन मूल्य,जो बना दे असहाय, 2. प्रेमी खोजने मैं चला, प्रेमी मिला न कोई, जो मिले सो दिलज़ले.. दिल का... Hindi · दोहा 1 1 623 Share Mahender Singh 13 Aug 2021 · 1 min read विचार मंथन आदिकाल में खोया नहीं, वर्तमान से है अनजान, भविष्य चिंता झलक रही. देखों अनजान इन्सान. . बोया बबूल तलाकात नहीं, पसंद सुस्वादु आहार, विज्ञापन देख ते लुभावने , नापसंद करते... Hindi · दोहा 4 4 587 Share Mahender Singh 14 Oct 2021 · 1 min read छल सब पर सबल जब तक निकले ना, मन में से छल, नहीं टिकेगा ठिकाने बुद्धि और बल. . छल के बल पर आज,शासक पुरोधा. इससे बडा नहीं कोई दुनिया में योद्घा. . छल... Hindi · दोहा 6 7 594 Share Mahender Singh 15 May 2022 · 1 min read ऊपज धरा निपजे सोना धन, धान्य सदाबहार, हंसा तो मोती चुगे पाश संग खरपतवार, . नहीं साधना नेता की,खाती बगुले से मेल बगुले का श्वेत रंग,नेता करते नाहक खेल . ढपली... Hindi · दोहा 5 3 547 Share Mahender Singh 13 Aug 2021 · 1 min read सलीके बहुत ही सलीके से, बूरे काम अंजाम, लोग नहीं थे अंजान ठोकते रहे सलाम. . सलीके सलीके में ठन गई. मुझसे अच्छा कौन, तौर तरीके है सब मुझसे. मत खोना... Hindi · दोहा 5 4 483 Share Mahender Singh 13 Nov 2021 · 1 min read विचार विमर्श आया हूँ लेकर पैगाम, बांध झूठ की पोटली, देखना सबतक पहुंचे, सबसे पहले ले तोतली. . लेबल देख बिक रहा, देशी माल धराशायी, स्वदेशी नारे खो बैठे, होती नहीं भरपायी, Hindi · दोहा 2 2 522 Share Mahender Singh 5 Aug 2021 · 1 min read विवेक जागरण प्रेम आराधना और साधना, होती नहीं एक समान, एक समर्पण दूजे अर्पण, नहीं हाथ कोय कमान. . जग घूमे देखे पंचधाम,चूके एक गंगा स्नान, सब पत्थर पलटे,चूके एक पाहन बे... Hindi · दोहा 5 4 503 Share Mahender Singh 11 Sep 2021 · 1 min read दोहे संचय जोड़ लिया कण कण हो गया मण मण असंयमित हुआ मन कण बचा न मण . दुविधा में घनश्याम पडे एक गऊ ये हालात मांगा दान मिली नहीं बिगडे आज... Hindi · दोहा 4 5 457 Share Mahender Singh 6 Aug 2021 · 1 min read विचार प्रसंग कारण खोजने जो चला, कारक मिलिया न कोय, हालात माडे थे जिनके, मिले चदरिया ताने सोय . मेरा मुझको आसरा, जाने अंत हालात, विपद पडे साथ था, हुई एक मुलाकात.... Hindi · दोहा 6 4 469 Share Mahender Singh 31 Jan 2022 · 1 min read वैक्सीन वैक्सीन लगाई गई एक सौ पचास करोड़, निकल गई देखों आम आदमी की मरोड़. . जान जरूरी है जहान् का देखों क्या, धन से सब कुछ, धान्य से होता क्या.... Hindi · दोहा 3 2 445 Share Mahender Singh 3 Mar 2022 · 1 min read एक इंसानी फितरत कैसी हो. ऐसी होनी चाहिए. इंसानी फितरत. जुडने की. टूटने की नहीं. टूट टूटकर जो टूटें, खतरनाक उतना, (परमाणु) हंसते हंसते ए जुडे, पारद भार गणना. (पारा) Hindi · दोहा 3 3 436 Share Mahender Singh 13 Sep 2021 · 1 min read स्वाभाविक क्रियान्वयन कथा कहानियां सुनो,अच्छी आयेगी,नींद. गर आ गई समझ, फिर उड जायेगी नींद. . भूख एक स्वाभाविक रोग है,रखती बेचैन. चैन मिल भी गया, शादी को लेकर बेचैन. . ग्रह नक्षत्र... Hindi · दोहा 5 7 445 Share Mahender Singh 17 Oct 2021 · 1 min read धर्म और बाहुबल रोज रोज धर्म की आड में, होते देख अत्याचार, बाहुबल आधार पर कब होते प्रचार और प्रसार. . तथाकथित धर्म सब करे, मानवता शर्मसार, छीन झपटकर संग्रह करे, बांटनवार इकसार,... Hindi · दोहा 2 3 433 Share Mahender Singh 15 Apr 2022 · 1 min read सिक्का एक, पहलू दो. बहुतेरे ऐसे लोग हैं, देखे उज्ज्वल पात, वो ही वाहक हैं, पूजन वाले जात पात. . एक तराजू पलडे दो, एक शोधक मध्य, दोनों पलडे़ अशांत , हो सके तो... Hindi · दोहा 3 417 Share Mahender Singh 16 Jul 2021 · 1 min read दोहन करें उसूलों को रख ताक पर बने रहा सुजान, मुट्ठीभर राख जा बनी,नाम जाको श्मशान, कहते कहते न थके, प्रशंसा में प्रसंग, मदमस्त चले चाल , तुरंग जस् मतंग. . पोती... Hindi · दोहा 3 2 404 Share Mahender Singh 6 Nov 2021 · 1 min read दो दोहे व्यवहार एक चाहिए, सहज समंवय होय, जो पल्ले कुछ भी नहीं, तो भी परिचय होय. . मंहगाई डायन मारती, अभाव में देती झोंक, चक्रवृद्धि कर ज्यों बढ़े, रोक सके तो... Hindi · दोहा 3 2 401 Share Mahender Singh 10 Dec 2019 · 1 min read दोहन करो मटक मटक के गया भटक रही न रतिभर चटक, रचे रचाये खूब संवाग, कौन सुध जब गया अटक. . कहते तेरा तुझको अर्पण मालूम नहीं विध समर्पण देख न पाये... Hindi · दोहा 3 3 417 Share Mahender Singh 4 Mar 2022 · 1 min read समझदारी एक ढोंग आस्था की मान्यता. और उस पर निर्वहन. सहजता नहीं एक बंधन है. इससे पार पाने के लिए. स्वयं के प्रति जागरण और मन की प्रकृति का अध्ययन आवश्यक है. .... Hindi · दोहा 2 2 374 Share Mahender Singh 9 Aug 2018 · 1 min read दोहों के शौकीन पढ़ें.. मेरी कलम से निकले कुछ दोहे 1. नफरत पलभर की चले ........क्रोध के संग, परमाणु सम अति सुक्ष्म है मार करे अतिदूर. 2. आतम तेरा नेह नहीं .....इस देह के संग, तेरा प्रवाह नदी सम खोज़ै... Hindi · दोहा 5 2 418 Share Mahender Singh 28 Jul 2021 · 1 min read पूंजीवाद गरीब से जो छीन कर, भरती है जो व्यवस्था, पूंजीपतियों के भंडार, कभी ना रखे पसंद पर. . वैश्विक पूंजीवाद मूल, है विनाश महाकाल. भूखे तो भूख से मरे, पेट... Hindi · दोहा 3 3 365 Share Mahender Singh 22 Sep 2021 · 1 min read तीन दोहे मारे मारे फिर रहे लोग, धन गया, गया ईमान, व्यवाहरिक नासमझ है, धार्मिक बन बांटे ज्ञान. . रोने को मजबूर हैं लोग, सुनने को नहीं तैयार, बोलते बहुत अधिक हैं,... Hindi · दोहा 3 3 362 Share Mahender Singh 21 Sep 2021 · 1 min read दो दोहे दुनिया में जो भी मिला, भागते हुए, रोक पूछा नहीं, वो भी,संग हो लिए. . देखो देखा देखी चलेगी, कबतलक, मर्ज की तलाश पूरी न हो तबतलक Hindi · दोहा 4 4 359 Share Mahender Singh 2 Aug 2021 · 1 min read मूल मूल ते मतलब नहीं, चाहिए फल आहार, जड़ ते चेतन नाहीं, ध्वनि रोशन आधार. . भूल पडे मूल बिसरे, उलझे अपने जाल, जो जन पाहन आसरे, पावे भर पेट माल. Hindi · दोहा 4 5 354 Share Mahender Singh 22 Nov 2017 · 1 min read दोहे:-निरीक्षक, "साहेब का अहसास" उम्र अपनी लम्बी हो चली, चाहे गति होय इसी क्षण में, निज व्यवस्था देख चले, कोई शास्त्र नहीं प्रमाण ! . जाको चित भ्रमण करे, लो आतम से जोड, ज्यों... Hindi · दोहा 2 1 335 Share Mahender Singh 10 Oct 2021 · 1 min read भेद अभेद भेद अभेद भी अभेद्य है, नहीं जवाब सबका एक. कोई शिखा रख चढ़ा, कोई मूंछ मुंडवा राह अनेक. . सब कहे हम देश हितैषी, फिर देशद्रोही कौन. मापदंड खुद धरे,... Hindi · दोहा 3 4 331 Share Mahender Singh 22 Aug 2021 · 1 min read उत्सव, पर्व, त्यौहार पर्व उपहास का,उल्हास मनाते लोग, सुरक्षित खुद नहीं, पर बिठाते जोग. . हंस कह मोहे हंसी आवै मन बौराए. रक्षा खातिर तोरण,माला, सूत्र लाए. . मंदबुद्धी बंधबुद्धी तोहे कौन उतारे,... Hindi · दोहा 3 3 300 Share Mahender Singh 17 May 2022 · 1 min read जल है जीवन में आधार वारि पे वारी जाऊं बिन भूलें उपयोग, पानी के उद्भव बहुत तरवर ते संयोग. . जल की महत्ता पर सुंदर किया बखान. आओ सब मिलकर पेड़ लगाएं श्रीमान. . पानी... Hindi · दोहा 2 2 336 Share Mahender Singh 3 Oct 2021 · 1 min read कुछ दोहे बापू देख्या बेटा देख्या, देखा सकल जहान् देखणा छूट गया आपा,कैसे मिलता सुकून . . खाऊं न खाण दयूं , रखूं भूखे का भूखा, संपदा नै सिकोड़ कै,मारूं एक बै... Hindi · दोहा 4 4 309 Share Mahender Singh 14 Sep 2021 · 1 min read पादप जगत जिनके कर्म है पूजा अर्चना आराधना, चूक जाते है गुण धर्म उपयोग जानना. . वट पूजन,तुलसी पूजते, पीपर सूत्रधार. उपयोगिता इनकी जगत मे जीवनधार. Hindi · दोहा 1 1 294 Share Mahender Singh 27 Oct 2021 · 1 min read दोहे बहुतेरे वजूद को तरसे, बादल सागर बरसे, लेकर लहू नमक चरचे, इंसान इन बिन तरसे. . स्वर्ग बनाये बनता है, नरक मिले सो भोग, स्वर्ण धातु उपयोग से, अनजान सो... Hindi · दोहा 2 2 290 Share Mahender Singh 3 Jan 2022 · 1 min read दोहे विषय मन मन पर पकड़ हो पहले, फिर भगवता खोज, जो खोज पूर्ण हो नहीं. तो भी खास हररोज. . मन करता तर्क वितर्क. ले प्रवृत्ति को जान, मन प्रकृति विषयी दौड़... Hindi · दोहा 1 1 281 Share Mahender Singh 9 Mar 2020 · 1 min read विचार प्रवाह प्रेरित होकर जो बढ़े, नहीं रहता मोहताज़, सफलता वा की दासी,सदा सजे सिरताज़ . वार त्यौहार इतवार, कैसे मनोरोग उपचार, एक दिन की व्यवस्था, किस विध तारे पार, . न... Hindi · दोहा 2 1 279 Share Mahender Singh 30 Jan 2022 · 1 min read तीन दोहे बहुत करीब है गरीब, प्रकृति के संग, अमीर जिनसे जुझते, वे लड़ते हैं जंग. . भले भलाई दोउ संघ में. अहं घनेरा अंध में, जाने ना शक्ति क्षम्य को. व्यर्थ... Hindi · दोहा 5 3 260 Share Mahender Singh 30 Nov 2021 · 1 min read कुछ दोहे डरे डराए को डराये, लेकर उसका नाम, डराना उनके हित में, भेद न जानें काम. . तेरा तुझको पता नहीं, क्या जानोगे मेरी, तेरी अपनी सिमेट लें, जो बचेगी सो... Hindi · दोहा 2 2 261 Share Mahender Singh 12 Nov 2017 · 1 min read *तलाश है जिनको* वे दोहन करें, ***तलाश है जिनको, वे दोहन करें, जिनको कछु गयो भुलाय, अपना तो तन-मन आतम है साथ में, फिर कौन भेद ! महेंद्र रेल में है या फिर जेल में...! .... Hindi · दोहा 1 1 258 Share Mahender Singh 14 Apr 2021 · 1 min read विडंबना पर दोहे स्कूल क्यों बंद है,खुले कुंभ के कपाट शिक्षा संशय हटाये खोले सब बंद पाट . थक हारकर बैठे मिटे न मन की पीर, अग्रीम संयोग मन के जो खींचे लकीर,... Hindi · दोहा 1 1 237 Share Mahender Singh 22 Feb 2022 · 1 min read बहुआयामी दोहे दल बदल कर हो जाते है. पावन सहज जमात, गलत संघ की विचारधारा श्रेष्ठ थी मेरी खबात. मजदूर की सही पहचान मुंह मे तम्बाकू सायंकाल हाथ शराब हाथ में तेल... Hindi · दोहा 2 1 195 Share Mahender Singh 31 Mar 2022 · 1 min read दोहा काणे और खोडे शौक नवाबों आले, हालात जमा माडे. कतई चांदी काट रहे,काणे और खोडे. . वार के दस्तूर बुरे, बारंबार ढाल अडाते, चैस का खेल नहीं, राजा पडोस लखाते Hindi · दोहा 1 170 Share Mahender Singh 26 May 2022 · 1 min read दोहे है व्यवस्था इंसानी निसर्ग को गये भूल बोये पेड़ बबूल के पैदा होंगे लेकर शूल . संविदा इजाजत देता नहीं वोट में हो खोट, एक गुप्त मतदान कारणे,करे गहरी चोट,... Hindi · दोहा 1 1 154 Share