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11 Sep 2021 · 1 min read

दोहे संचय

जोड़ लिया कण कण
हो गया मण मण
असंयमित हुआ मन
कण बचा न मण
.
दुविधा में घनश्याम पडे
एक गऊ ये हालात
मांगा दान मिली नहीं
बिगडे आज बिसात
.
सबकी अपनी-२ सत्ता
पिता पुत्र दादा बहन
पुत्र बहन की ललकार
हुआ होलिका दहन
.

Language: Hindi
4 Likes · 5 Comments · 453 Views
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