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22 Dec 2020 · 1 min read

जाड़ा

घना कोहरा ,तापमान कम हो रहा है
प्रचंड ठंड से आग भी बेदम हो रहा है

सब जनजीवन ठंड से ‌‌ बेहाल हैं
बिस्तर में दुबके रहते नौनिहाल है
गुदरा ओढ़कर कोई रात काट रहा
देने वाला कहीं कम्बल बांट रहा

शीतलहर का भी सितम हो रहा है
घना कोहरा ,तापमान कम हो रहा है।

गांव के लोग अलाव जलाने लगे हैं
उसी में शकरकंद पकाने लगे हैं
धुआं करता रहता है खूब परेशान
फिर भी नहीं छोड़ते आग की जान

दोपहर की धूप खुदा का कर्म हो रहा है
घना कोहरा ,तापमान कम हो रहा है।

नूर फातिमा खातून “नूरी” (शिक्षिका)
जिला-कुशीनगर
उत्तर प्रदेश

Language: Hindi
2 Likes · 3 Comments · 609 Views
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