Lalita Kashyap Tag: कविता 131 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next Lalita Kashyap 14 Dec 2021 · 1 min read निर्झर निर्झर मात्रा १३ _ १२ छोड़ शिखरों की गोदी निर्झर झर- झर बहता धार रूप धवल जलबिंदु मैं झरना हूं कहता। प्यास बुझाने सभी की नित नित चोटें खाता बाधा... Hindi · कविता 371 Share Lalita Kashyap 14 Dec 2021 · 1 min read अब पहले जैसा बसन्त कहां अब पहले जैसा बसंत कहां मात्रा बार १६ न तो अधरो़ पर मुरली सजे वो पायल की झंकार कहां? न तो अब ढोल ताशे बजते वो टप्पोंके फनकार कहां? न... Hindi · कविता 651 Share Lalita Kashyap 14 Dec 2021 · 1 min read विश्वास चौपाई विश्वास सुर नर मुनि सब करे विश्वास उजड़ा तिमिर छाए प्रकाश करने काज सकल परमार्थ अवधपुर में जन्मे रघुनाथ । त्याग राज पद भय बनवासी घोर अवध में छाई... Hindi · कविता 311 Share Lalita Kashyap 14 Dec 2021 · 1 min read बसन्त मनहरण घनाक्षरी बसन्त ओढ़े पितांबर धरा खिल उठी यौवनाई लाल पलाश गुलाब झूमती अंबराई। हरे वर्ण पर्ण झूमे तरुवर बेला छाई रंग बिरंगे खग लालिमा अंबर छाई। सुनहरी दामिनी ले... Hindi · कविता 273 Share Lalita Kashyap 14 Dec 2021 · 1 min read प्रस्तर प्रस्तर प्रस्तर से प्रस्तर जुड़े बना स्नेहिल परिवार सिंधु तीरे कुटुंब खड़ा है किसका यह विचार। दूर क्षितिज नजरें बढ़ी आशाओं का सागर लेकर हाथों में हाथ चलते भरने गागर... Hindi · कविता 180 Share Lalita Kashyap 14 Dec 2021 · 1 min read मां बेटी मां -बेटी मात्रा बार। १६ /१५ मां , इंद्रधनुषी फ्राक पहन खेलती फिरूं आंगन में पीछे -पीछे भाग- भाग फिर पकड़ छुपाती आंचल में। मुझे नहाती ,बाल बनाती काजल लगाती... Hindi · कविता 258 Share Lalita Kashyap 14 Dec 2021 · 1 min read नारी तू नारायणी नारी तू नारायणी नारी अबअवला नहीं नारी अब प्रवला है हर क्षेत्र में कार्य करने नीर नहीं अब ज्वाला है। नारी भगवती चंडी ज्वाला नारी सीता, अनुसूया है नारी गंगा,... Hindi · कविता 898 Share Lalita Kashyap 14 Dec 2021 · 1 min read प्रेम भाव प्रेम भाव नारी शक्ति महान है नारी से जग जहान है दया का अथाह सागर ममता की अक्षय गागर है । बेटी बन नन्हें हाथो-बातों से सारी थकान मिटाती है... Hindi · कविता 261 Share Lalita Kashyap 14 Dec 2021 · 1 min read मेरी अभिलाषा मेरी अभिलाषा बनकर मैं पेड़ हमेशा, औरों के काम आऊं सुख-दुख और धूप -छाया में, मैं सबका साथ निभाऊं सीख जो बुजुर्गोंसे पाई, सबको मैं बताऊं अपने जीवन का हर... Hindi · कविता 636 Share Lalita Kashyap 14 Dec 2021 · 1 min read तन-मन कंचन कैसे होगा? तन-मन कंचन कैसे होगा? मात्रा भार १३ छाई निर्मल मन घटा घटा न हृदय अहंकार जीना -जीना विफल हुआ न पाए उच्च संस्कार। कंचन देह माटी मिली जग कंचन भोग... Hindi · कविता 309 Share Lalita Kashyap 14 Dec 2021 · 1 min read प्यासी चिड़िया प्यासी चिड़िया यात्रा १४/१३ दिवस ऊष्मित ग्रीष्म ऋतु में जल- जल मर रहा शरीर तीक्ष्ण प्यास उर अंतर में बंधे न बंधता धीर। शिथिल पर- पर उड़ ना पाऊं दूर... Hindi · कविता 299 Share Lalita Kashyap 14 Dec 2021 · 1 min read नव दुल्हन नव दुल्हन छोटी सी जब पली बढ़ी मां दादी सिखाए गुण हजार बन बहू डोली में विदा हो ससुराल घर का बनी शृंगार। हाथों के चूड़े पायल की खनक गूंजे... Hindi · कविता 187 Share Lalita Kashyap 14 Dec 2021 · 1 min read गौरैया गौरैया मात्रा भार 16/14 मैं गोरैया नन्ही चिड़िया फुदक-फुदक इतराती थी चुग कर दाना आंगन द्वारे पोषण अपना करती थी। खप्पर सलेटों की छतों पर निज ठिकाना बनाती थी चुनती... Hindi · कविता 207 Share Lalita Kashyap 11 Dec 2021 · 1 min read बूढ़े मां-बाप बूढ़े मां-बाप -क्या आशा करें औरों से जब अपने मुख मोड़ जाते हैं जब जवाब दे जाती काया तब बच्चे भी छोड़ जाते हैं। सच्चा मित्र तो जीवन साथी जीवन... Hindi · कविता 297 Share Lalita Kashyap 11 Dec 2021 · 1 min read अति गरीब महिलाएं हरिगीतिका छंद अति गरीब महिलाएं अधिक दौलत का लोग कभी न, है मुख खिलता गुलाब। देह निर्बल और अर्धनग्न, है जीवन लाजवाब। हाथ कंगन न पैरों नूपुर, हैं झुमका न... Hindi · कविता 142 Share Lalita Kashyap 11 Dec 2021 · 1 min read मन का मीत मन का मीत विधाता छंद/ मुक्तक तुम मेरे मन का उजास, हृदय मेरे की प्यास हो नैनो के दर्पण हो प्रिय, मन का मेरे प्रकाश हो। यौवन देह पर छा... Hindi · कविता 476 Share Lalita Kashyap 11 Dec 2021 · 1 min read उम्मीदों कासाथ न छोड़ो उम्मीदों का साथ न छोड़ो चाहे फट जाए बादल ,चाहे धरती अंबर डोले तार प्रभु से जोड़ो यारो उम्मीदों का साथ न छोड़ो। आज मचाया भंवर ने कहर उम्मीदों का... Hindi · कविता 289 Share Lalita Kashyap 11 Dec 2021 · 1 min read प्रेम के चेहरे प्रेम के की चेहरे रहता जिस घर आदर सम्मान बन सुमन सुगंध फैलाती हूं बनदल बादलों के में नित्य स्नेह जलधारा बरसाती हूं। मैं स्त्री हूं , मैं नारी हूं... Hindi · कविता 1 247 Share Lalita Kashyap 11 Dec 2021 · 1 min read शमा शमा नितजलती रही और रोती रही सब महफिले रोशन करती रही न मेरा जिस्म बचा न नूर बचा और न रसिक का सुरूर बचा। हर रोज जवानी छाती रही मिलन... Hindi · कविता 205 Share Lalita Kashyap 11 Dec 2021 · 1 min read दगा मनहरण घनाक्षरी दगा मूरत लुभानी देखो, सूरत सलोनी देखो, प्रीतम के पीठ पीछे, करती छलावा है। बाहु पाश में झूमे , दोनों के साथ घूमें, नहीं प्रीत ह्रदय में, करती... Hindi · कविता 409 Share Lalita Kashyap 11 Dec 2021 · 1 min read श्री हरि श्री हरि हे हरि हे लक्ष्मी प्रिय करवद्ध नमन करो स्वीकार लोचन प्यासेदरस तिहारे है नैन पटल के खुले द्वार । मैं अज्ञानी मूढ़ मति अति दूर प्रभु तेरा धाम... Hindi · कविता 226 Share Lalita Kashyap 11 Dec 2021 · 1 min read पूर्णिमा की रात गीत पूर्णिमा की रात कैसा धरा उजाला छाया, आज चंद्र सह चंद्रिका के, झूम- झूम के नील गगन पर नाच -नाच देखो मुस्काया। रात सुहावन सर सलिल में, कमल कमलिनी... Hindi · कविता 342 Share Lalita Kashyap 10 Dec 2021 · 1 min read ओस ओस वायु मण्डल की आर्द्रता देखो नवयौवना का रूप धार रही मिल शीतल समीर संग यह मोती की लड़ियाँ लग रही । बिखर-बिखर पर्ण पुष्पों पर हीरे सी जग-मग कर... Hindi · कविता 204 Share Lalita Kashyap 10 Dec 2021 · 1 min read वन सहरा वन। सहरा अद्भुत विशाल भूमंडल पर, बिखरे उपवन घने सहरा। खड़े झूमते एक स्थान पर , मानो जैसे दे रहे पहरा। शुष्क वातावरण में तुम्हें, धूल गवार जकड़ लेते हैं।... Hindi · कविता 199 Share Lalita Kashyap 10 Dec 2021 · 1 min read कोयल चौपाई कोयल कंठ कोकिला उपवन गाई। मधुर धुन चहुं ओर सुनाई।। श्यामा सूरत जग मन भायी। सुनत वाणी प्रकृति मुस्कराई ।। सुर सुरीला राम जी दीन्हा । बड़ा उपकार मुझ... Hindi · कविता 422 Share Lalita Kashyap 10 Dec 2021 · 1 min read दिनकर सरसी छंद मात्रा भार 27 यति 13/14 दिनकर भोर होते अंबर पर, रवि आरुड़ रथ हो आए। निज रश्मि जाल बिछाए, भूमंडल अंग लगाए । बाग-कानन मुस्काए, अरु डाल -डाल... Hindi · कविता 351 Share Lalita Kashyap 10 Dec 2021 · 1 min read बनना है तो दीपक बन बनना है तो दीपक बन तज घृना के ताने-बाने, सुख सागर किनारा बन। स्याह रात का तारा नहीं, बनना है तो दीपक बन। चांद की स्नेहिल किरणों से, सरोवर कमल... Hindi · कविता 174 Share Lalita Kashyap 10 Dec 2021 · 1 min read श्री कृष्ण गीतिका छंद 14 /12 पर यती श्री कृष्ण आ मोहन कृष्ण मुरारी दरस हमको दीजिए। हम आए शरण तिहारी , भव से पार कीजिए। पथ विकट है इस जगत का,... Hindi · कविता 355 Share Lalita Kashyap 10 Dec 2021 · 1 min read मित्रता मित्रता मित्र मित्रता हो ऐसी , ज्यूं चांद संग चांदनी। कानों घुलती मिश्री हो , ज्यूं राग संग रागिनी। सुख -दुख में न साथ छोड़े , ज्यूं बादल संग दामिनी।... Hindi · कविता 207 Share Lalita Kashyap 10 Dec 2021 · 1 min read बोल लेखनी कुछ तो बोल बोल लेखनी कुछ तो बोल बोल लेखनी कुछ तो बोल, भीतर छुपा क्या राज है। झूठ फरेब बहुत कुछ लिखती , सच में क्या एतराज है। प्रशंसा की चाटुकारिता नित,... Hindi · कविता 351 Share Lalita Kashyap 10 Dec 2021 · 1 min read बरसात बरसात मात्रा भार 16/13 उमड़- घुमड़ कर आते बादल , नाद कर जल बरसाते। खग- विहंग की तृष्णा मिटती, मयूरा नाच दिखाते । लपक- लपक कर बिजली कड़के, बादल गर्जता... Hindi · कविता 204 Share Lalita Kashyap 10 Dec 2021 · 1 min read पहेलियां पहेलियां कृपया सभी इनका उत्तर दें श्रीनगर से चोर भागा ,कानपुर में पकड़ा गया। हस्तिनापुर में चला मुकदमा ,नागपुर में मारा गया। दूर देश से आती परियां ,तरुओं पर आ... Hindi · कविता 457 Share Lalita Kashyap 10 Dec 2021 · 1 min read शून्य शून्य जानों तो शून्य कुछ नहीं ,मानो तो अति महान । बिन शून्य गणना नहीं, अंको से मिलन महान। बिना जीव देह शून्य है, है देह शव समान। बिना नीर... Hindi · कविता 186 Share Lalita Kashyap 10 Dec 2021 · 1 min read वीर सिपाही वीर सिपाही सींचा है लहू से चमन को, खरपतवार न उगने देंगे। महकाएंगे सींच वतन को, भारत को न बंटने देंगे । लाई है तूफानों से कश्ती, कैसे जाकर उन... Hindi · कविता 184 Share Lalita Kashyap 10 Dec 2021 · 1 min read सादगी सादगी चल रे मन दिखावे की दुनिया छोड़, आज सादगी से मिल आते हैं। पट दिखावे में है दुख हजार, हम शांति घर ढूंढ आते हैं । सादगी में मानवता... Hindi · कविता 283 Share Lalita Kashyap 9 Dec 2021 · 1 min read भारत की बेटी तांटक छंद वीर रस मात्रा भार 16/14 दूसरे, चौथे चरण में 222 मैं जिस भारत की बेटी हूं, उसका गीत सुनाती हूं। जिसका नाम विश्व में ऊंचा, उसका नित गुण... Hindi · कविता 394 Share Lalita Kashyap 9 Dec 2021 · 1 min read वीर सिपाही वीर सिपाही भूल बैठा वो प्रेम सम्बन्ध को, बिसर गए सब तीज त्योहार। याद रखता तो बस एक सौगन्ध, केवल अपने देश का प्यार । छोड़े अपने रिश्ते-नाते, छूटा अपना... Hindi · कविता 389 Share Lalita Kashyap 9 Dec 2021 · 1 min read कह मुकरियां कह मुकरी 1-दिल से मेरे न जाता है दिन रैन मुझे सताता है रातों को नित दुखावे जिया ऐ सखी दीया?न सखी पिया। लिपट -लिपट सताता है अंग अंग छू... Hindi · कविता 155 Share Lalita Kashyap 9 Dec 2021 · 1 min read आनन्द आनन्द भगवान की संसार में , आनंद ही आनंद है। किसी को ज्यादा सोने में, मेहनत के बीज बोने में, किसी को रोने धोने में, आनंद ही आनंद है। किसी... Hindi · कविता 308 Share Lalita Kashyap 9 Dec 2021 · 1 min read अमलतास अमलतास मध्य आकार का तरु दुर्लभ, बड़े, गहरे हरे - हरे पर्ण। बसंती पुष्पगुच्छ लटकते, सम्मोहित करते जग अंतर्मन। रोम-रोम यह कल्पतरु, है औषधियों की खान। अपान वायु ,विकार उदर,... Hindi · कविता 162 Share Lalita Kashyap 9 Dec 2021 · 1 min read चौथ का चांद चौथ का चांद शशि की 16 कलाओं में, दो बार चौथ आती है। पहली शुक्ल पक्ष की और, दूजी कृष्ण पक्ष की आती है। सभी चौथ में गणपति पूजा, कर्क... Hindi · कविता 186 Share Lalita Kashyap 9 Dec 2021 · 2 min read भाषा की उत्पत्ति हिन्दी भाषा की उत्पत्ति भाषा की उत्पत्ति संस्कृत के भाष् धातु से भाषा का अर्थ है कहना हिन्दी फारसी का एक शब्द है जो है संस्कृत भाषा का गहना। विश्व... Hindi · कविता 325 Share Lalita Kashyap 9 Dec 2021 · 1 min read कागजी ख्याल कागजी ख्याल कागजी ख्याल है, दिल में मलाल रखा न कीजिए। नज़रें मिला करके हूज़ूर, नज़रें झुकाया न कीजिए। गुमसुम सी ज़िदगी में, बहोत सवाल न कीजिए। हसरते समंदर में... Hindi · कविता 314 Share Lalita Kashyap 9 Dec 2021 · 1 min read धोखा धोखा धोखा कभी न दीजिए धोखा दुख की खान धोखा हृदय घाव दे मर -मर मुकती जान। धोखा अति कलंकित है कभी न हो विश्वास तिमिर जीवन बन जाए कभी... Hindi · कविता 1 194 Share Lalita Kashyap 9 Dec 2021 · 1 min read रात्री काल रात्रि काल नव यौवना निशा डोले नभ में, नित नूतन लिए तारक परिधान। धारत जगमग धवल चुनरी, इंदु बिंदु सजे भाल अभिमान। पगली पवन लिए मधुर सुगंध, रातरानी गई घुल... Hindi · कविता 297 Share Lalita Kashyap 9 Dec 2021 · 1 min read कोमल कली क वर्ण की पुनरावृति कोमल कली कब तक कंचन काया छिलती रहेगी, कामिनी कुमारियां कब तक चलती रहेगी। कुकृत, कुकर्मी कब तक भेड़िए बन, कौमार्य ,कुंवारियों का कचोटते रहेंगे। कुमकुम... Hindi · कविता 647 Share Lalita Kashyap 9 Dec 2021 · 1 min read कन्याओं की पुकार कन्याओं की पुकार हे जगदंबा दुष्ट संहारिणी, आकर हम पर कृपा करो। हम भी बने सिंह सपूतनी, अदम्य साहस शक्ति भरो। दुष्टों का हम करें सफाया, कुकर्मियों का हम नाश... Hindi · कविता 186 Share Lalita Kashyap 9 Dec 2021 · 1 min read नवदुर्गा का भोग नवदुर्गा का भोग मैं गरीब अवगुणों से भरी, कैसे तुझे रिझाऊं। रुखा -सुखा भोग में मैया, आके तुझे चढ़ाऊं। पहले शैलपुत्री जी ध्याऊं, माखन मिश्री भोग लगाऊं, सदा निरोगी मैं... Hindi · कविता 473 Share Lalita Kashyap 9 Dec 2021 · 1 min read जय स्कन्द माता जय स्कन्द माता मात्रा भार 16 स्कन्द जननी शक्ति रूपिणी, महाशक्ति जय मां भवानी । श्री अरुण पद्मा विराजिनी, ओजस्विनी रूपेण दामिनी। प्रथम करे स्कन्द विराजे, द्वितीय तृतीय सरोज साजे।... Hindi · कविता 189 Share Lalita Kashyap 9 Dec 2021 · 1 min read माता कात्यायनी माता कात्यायनी मनहरणघनाक्षरी जय माता कात्यायनी, वैभव सुख दायिनी, शेर की सवारी करें, आभा बेशुमार है। वरद हस्त धारिणी, अभय वर तारिणी, जलज, खडग सोहे, करे बेड़ा पार है। कंचन... Hindi · कविता 385 Share Previous Page 2 Next