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11 Dec 2021 · 1 min read

अति गरीब महिलाएं

हरिगीतिका छंद
अति गरीब महिलाएं

अधिक दौलत का लोग कभी न, है मुख खिलता गुलाब।
देह निर्बल और अर्धनग्न,
है जीवन लाजवाब।

हाथ कंगन न पैरों नूपुर,
हैं झुमका न हार,
न कजरा न बालों में गजरा, है यह कैसा शिंगार।

लाए हरित पर्ण चुन-चुन कर,
दोने बनाना काम।
निसदिन के कठोर परिश्रम से,
चलता इनका धाम।

कैसा महकता तन लावण्य,
रुत बसंती छा रही।
रिझाने निसदिन अपना सनम
गजगामिनी आ रही।

ललिता कश्यप गांव सायर जिला बिलासपुर ( हि० प्र०)

Language: Hindi
125 Views
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