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14 Dec 2021 · 1 min read

गौरैया

गौरैया

मात्रा भार 16/14

मैं गोरैया नन्ही चिड़िया
फुदक-फुदक इतराती थी
चुग कर दाना आंगन द्वारे
पोषण अपना करती थी।

खप्पर सलेटों की छतों पर
निज ठिकाना बनाती थी
चुनती घास तिनके और
घोंसला खूब सजाती थी।

खलिहानों से दाना लाकर
बालकों को खिलाती थी
कभी नहाती प्यास बुझाती
दिनभर मस्ती करती थी।

न खेत रहे न खलिहान रहे
न पहले ढंग के मकान
न सूप रहे न वों छज्ज रहे
मेरा कहां बसे जहान।

ललिता कश्यप गांव सायर जिला बिलासपुर (हि० प्र०)

Language: Hindi
193 Views
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