Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Dec 2021 · 1 min read

उम्मीदों का‌साथ न छोड़ो

उम्मीदों का साथ न छोड़ो

चाहे फट जाए बादल ,चाहे धरती अंबर डोले
तार प्रभु से जोड़ो यारो
उम्मीदों का साथ न छोड़ो।

आज मचाया भंवर ने कहर उम्मीदों का साथ न छोड़ो
छाई है मुसीबत की लहर
पतवार का साथ न छोड़ो
उम्मीदों का साथ न छोड़ो।

जीवन की नैया डगमग डोले
धीरज का साथ न छोड़ो
देखा जाएगा जो होएगा
जीने की आस न छोड़ो।
उम्मीदों का साथ न छोड़ो।

आया तूफान ये चला जाएगा
सुबह का सूरज फिर आएगा
मन डोर प्रभु से जोड़ो
उम्मीदों का साथ न छोड़ो ।

यह जीवन सुख -दुख का सागर
पीनी पड़ती है आंसु गागर
इस नैया का मुख तो मोड़ो
उम्मीदों का साथ न छोड़ो।

ललिता कश्यप गांव सायर जिला बिलासपुर (हि० प्र०)

Language: Hindi
268 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मै थक गया हु
मै थक गया हु
भरत कुमार सोलंकी
🙅विज्ञापन जगत🙅
🙅विज्ञापन जगत🙅
*प्रणय प्रभात*
तोता और इंसान
तोता और इंसान
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
रक्षा बन्धन पर्व ये,
रक्षा बन्धन पर्व ये,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
मैं मित्र समझता हूं, वो भगवान समझता है।
मैं मित्र समझता हूं, वो भगवान समझता है।
Sanjay ' शून्य'
भारत
भारत
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
मुहब्बत सचमें ही थी।
मुहब्बत सचमें ही थी।
Taj Mohammad
मानवता का धर्म है,सबसे उत्तम धर्म।
मानवता का धर्म है,सबसे उत्तम धर्म।
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
बेचैनी तब होती है जब ध्यान लक्ष्य से हट जाता है।
बेचैनी तब होती है जब ध्यान लक्ष्य से हट जाता है।
Rj Anand Prajapati
पलायन (जर्जर मकानों की व्यथा)
पलायन (जर्जर मकानों की व्यथा)
नवीन जोशी 'नवल'
अक्सर कोई तारा जमी पर टूटकर
अक्सर कोई तारा जमी पर टूटकर
'अशांत' शेखर
I've lost myself
I've lost myself
VINOD CHAUHAN
3297.*पूर्णिका*
3297.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
छाई रे घटा घनघोर,सखी री पावस में चहुंओर
छाई रे घटा घनघोर,सखी री पावस में चहुंओर
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
दोहा त्रयी. . . सन्तान
दोहा त्रयी. . . सन्तान
sushil sarna
*सावन का वरदान, भीगती दुनिया सूखी (कुंडलिया)*
*सावन का वरदान, भीगती दुनिया सूखी (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
विरहणी के मुख से कुछ मुक्तक
विरहणी के मुख से कुछ मुक्तक
Ram Krishan Rastogi
नारी की शक्ति
नारी की शक्ति
Anamika Tiwari 'annpurna '
घर घर रंग बरसे
घर घर रंग बरसे
Rajesh Tiwari
ख्वाहिशे  तो ताउम्र रहेगी
ख्वाहिशे तो ताउम्र रहेगी
Harminder Kaur
Hallucination Of This Night
Hallucination Of This Night
Manisha Manjari
दीवाली शुभकामनाएं
दीवाली शुभकामनाएं
kumar Deepak "Mani"
चाय-समौसा (हास्य)
चाय-समौसा (हास्य)
गुमनाम 'बाबा'
पुनर्जन्म का साथ
पुनर्जन्म का साथ
Seema gupta,Alwar
सच कहा था किसी ने की आँखें बहुत बड़ी छलिया होती हैं,
सच कहा था किसी ने की आँखें बहुत बड़ी छलिया होती हैं,
Sukoon
पहचान
पहचान
Dr. Pradeep Kumar Sharma
भारत माँ के वीर सपूत
भारत माँ के वीर सपूत
Kanchan Khanna
चन्द्रयान 3
चन्द्रयान 3
Neha
तेरे बिछड़ने पर लिख रहा हूं ग़ज़ल की ये क़िताब,
तेरे बिछड़ने पर लिख रहा हूं ग़ज़ल की ये क़िताब,
Sahil Ahmad
कुछ लोग तुम्हारे हैं यहाँ और कुछ लोग हमारे हैं /लवकुश यादव
कुछ लोग तुम्हारे हैं यहाँ और कुछ लोग हमारे हैं /लवकुश यादव "अज़ल"
लवकुश यादव "अज़ल"
Loading...