Kuldeep mishra (KD) 80 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Kuldeep mishra (KD) 21 Feb 2024 · 2 min read घर के राजदुलारे युवा। संघर्षों के मैदानों में , नूतन राह बनाते युवा। कम उम्र में ही पक जाते, घर के राजदुलारे युवा। जिम्मेदारियों के बोझ को, कंधो पर उठाते युवा। सात अजूबे हैं... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 111 Share Kuldeep mishra (KD) 20 Feb 2024 · 1 min read नदी का किनारा । नदी का किनारा , लगता कितना प्यारा। किसी का ये आशियाँ, है सबसे न्यारा। ठहरा हुआ जल है, मछलिया घुल मिल है। बतखों ने इसको, अपनी चोंच से सँभारा ।... 77 Share Kuldeep mishra (KD) 14 Feb 2024 · 2 min read दीप की अभिलाषा। दीप की अभिलाषा। नहीं चाहता होना रोशन, न ही है चमकने की आस । चाहूं तम न रहे धरा पर, चहुं ओर हो ज्ञान प्रकाश। न रहे असमानता समाज में,... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 2 91 Share Kuldeep mishra (KD) 14 Feb 2024 · 1 min read मेहनत के दिन । मेहनत के दिन हमको , बड़े याद आते हैं। संघर्ष के दिन हमको , नित आगे बढ़ाते हैं। जब-जब जिन्दगीं में, आगे बढ़ते जाते है। कुछ पाते हैं नया, कुछ... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 49 Share Kuldeep mishra (KD) 14 Feb 2024 · 1 min read जो बातें कही नहीं जातीं , बो बातें कहीं नहीं जातीं। “यह कविता मेरे “”आकर्षण के सिद्धांत””( law of Attraction) पर बहुत दिनों से” किये जा रहे लघुशोध को काव्यरूप देने का छोटा सा प्रयास है जिसे मैंने जिज्ञासाओं के माध्यम... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 44 Share Kuldeep mishra (KD) 14 Feb 2024 · 1 min read इश्क़ हो गया। इश्क़ हो गया। अजीब कशमकश में है परीक्षार्थी ए जिंदगी मंजिल की तलाश में सफर से इश्क़ हो गया ये उम्र थी , इश्क ,प्यार मोहब्बत, जताने की हम लगे... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 43 Share Kuldeep mishra (KD) 14 Feb 2024 · 1 min read 'दीप' पढ़ों पिछडों के जज्बात। हे दीप ,सुनो बात, पढ़ों पिछडों के जज्बात। बनो मिशाल उनके लिए तुम, बदल तो उनके तुम हालात। जो पिछड़ गए विकास से, जो दूर हुये शिक्षा से। जो ग्रस्त... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 51 Share Kuldeep mishra (KD) 14 Feb 2024 · 2 min read बड़े अच्छे दिन थे। न अपनी फिक्र , न घर की चिंता, रात मस्त सोते,पूरा अपना दिन था। जो मन आए ,जिसमे मस्ती हो जाए, करते वही जो खुद के मन को भाए। चाहें... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 55 Share Kuldeep mishra (KD) 14 Feb 2024 · 1 min read कुछ नया करो। क्षण क्षण हर क्षण, पल पल प्रति पल यह ध्यान करो कुछ नया करो यथार्थ में जिओ ,बीता भूलो संबारो भविष्य, इतिहास रचो प्रति स्वांस, स्वांस यह ध्येय रमो निः... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 71 Share Kuldeep mishra (KD) 14 Feb 2024 · 1 min read जिंदगी एक खेल है , इसे खेलना जरूरी। न हारना जरूरी न जीतना जरूरी ये जिंदगी एक खेल है , इसे खेलना जरूरी। जब तक के तुम बेठो, हर ठोकरों के बाद कुछ देर रूककर , फिर चल... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 50 Share Kuldeep mishra (KD) 14 Feb 2024 · 1 min read मंजिल का रास्ता आएगा। है कंटक पथ सुनसान डगर, सुगम सुपथ भी आएगा। तू थाम ले संकरी पगडंडी, मंजिल का रास्ता पाएगा। है समय का ये संध्या पहर, फिर रात्रिकाल भी आएगा। तू मान... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 41 Share Kuldeep mishra (KD) 14 Feb 2024 · 1 min read मंजिल को अपना मान लिया। आंखों में नव अरमान लिया, मंजिल को अपना मान लिया। फिर कठिन क्या,आसान क्या, जो ठान लिया सो ठान लिया जब घर से प्रस्थान किया, दिन-रात एक ही काम किया।... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 54 Share Kuldeep mishra (KD) 14 Feb 2024 · 1 min read अति मंद मंद , शीतल बयार। अति मंद मंद , शीतल बयार। चलती मन को , पुलकित करती। हर्षित करती, कुछ गढ़ने को। कुछ लिखने को, प्रेरित करती। अपने भीनी, भीनी सुगंध से। अंतर्मन को, संचित... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 56 Share Kuldeep mishra (KD) 14 Feb 2024 · 1 min read कुदरत से मिलन , अद्धभुत मिलन। क़ुदरती अहसास को काव्य रूप देने का एक छोटा सा प्रयास…… कुदरत से मिलन , अद्धभुत मिलन, एक ऐसा मिलन मिले ,अंतः करण। बाते भी हुई, अहसासों में, मिली स्वांस... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 61 Share Kuldeep mishra (KD) 14 Feb 2024 · 1 min read चांदनी न मानती। चाँद कितना खूबरसूरत , चांदनी न जानती। होती न रात काली, चाँदनी न मानती। चाँद का मूल्य क्या है, वो न पहचानती। छिपता न बादलों में, चांदनी न मानती। चाँद... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 64 Share Kuldeep mishra (KD) 14 Feb 2024 · 1 min read बसुधा ने तिरंगा फहराया । दिवाकर ने दे रंग केसरिया, नभ ने देकर श्वेत रंग । हरियाली लेकर खेतों से, बसुधा ने तिरंगा फहराया । बसुधा ने तिरंगा फहराया । धरणीधर ने दिया ताल तरंग,... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 52 Share Kuldeep mishra (KD) 14 Feb 2024 · 1 min read हालातों से युद्ध हो हुआ। इस काव्य रचना में उन क्षणों का दर्द है जिसे इस संसार में कोई जब तक नही समझ सकता जब तक वो क्षण उस व्यक्ति की जिंदगी में ना आएं।... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 68 Share Kuldeep mishra (KD) 14 Feb 2024 · 1 min read पिता की याद। इस काव्य रचना को मैंने उस वक्त लिखा जब आदरणीय पापा जी की पुण्यतिथि पर उनकी बहुत याद आ रही थी , उन्ही यादों के समुंदर में गोते लगाते हुए... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 61 Share Kuldeep mishra (KD) 14 Feb 2024 · 1 min read पिताजी का आशीर्वाद है। जहां जहां श्रध्दा है, वहीं आशीर्वाद है। आज हम जो भी हैं, पिताजी का आशीर्वाद है। उन्नति ,सुख-दुःख बैभव, आस और उत्साह है। हो रहा है सब मंगल, पिताजी का... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 55 Share Kuldeep mishra (KD) 14 Feb 2024 · 2 min read पापा आपकी बहुत याद आती है ●पापा आपकी बहुत याद आती है हर पल आपकी कमी खलती है आपकी याद बड़ा सताती हैं पापा आपकी बहुत याद आती है। •करना हो जब भी नया काम आपकी... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 82 Share Kuldeep mishra (KD) 14 Feb 2024 · 1 min read ऐसे थे पापा मेरे । त्याग ,बलिदान ,संघर्ष की प्रतिमूर्ति आदरणीय पिता जी ,जिन्होंने में घोर अंधकार में भी हमें अंधकार का कभी भी आभास तक नहीं होने दिया ,खुद दीपक बनकर अपनी रोशनी से... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 74 Share Kuldeep mishra (KD) 14 Feb 2024 · 1 min read कब मेरे मालिक आएंगे। सादर प्रणाम आप सभी को । बहरहाल आज की इस काव्यरचना में एक मूक पशु के अंतर्मन की आवाज को अनुभव कर उन अनुभव रूपी काव्यपुष्पों को कविता रूपी धागे... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 42 Share Kuldeep mishra (KD) 14 Feb 2024 · 1 min read हनुमान वंदना । अंजनी सुत प्रभु, आप तो विशिष्ट हो। आप मेरे इष्ट हो, सर्वदा ही शिष्ट हो। अंजनी सुत प्रभु, आप तो विशिष्ट हो। आप मेरे दादा जी, आप रामपुर वाले। छींद में आप ही हो, आप मेरे बाला... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 71 Share Kuldeep mishra (KD) 14 Feb 2024 · 1 min read प्रभु राम अवध वापस आये। भारत के प्राण ,महाप्राण, प्रभु रामलला,फिर मुस्काये। सब के फिर से भाग्य जागे, प्रभु राम अवध वापस आये। दशको प्रभु वनवास रहे, भक्त बहुत उदास रहे। आस नहीं किसी ने... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 50 Share Kuldeep mishra (KD) 14 Feb 2024 · 1 min read बॉर्डर पर जवान खड़ा है। ठंड लग रही बड़ी जोर से, हाड़ कांपता चहुँ ओर से। फिर भी सीना तान खड़ा है, बॉर्डर पर जवान खड़ा है। मन तो उसका भी है करता, ओढ़ रजाई... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 72 Share Kuldeep mishra (KD) 14 Feb 2024 · 1 min read सरस्वती वंदना । हे मैया ,शारदे माँ हे मैया ,शारदे माँ, ज्ञान दे ,विज्ञान दे। तम को दूर कर सकूं , मुझको ये वरदान दे। मुझको हे वागीश्वर।, लाड़ दे , दुलार दे। कठिनाइयों से लड़ने का,... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 68 Share Kuldeep mishra (KD) 27 Jan 2024 · 1 min read प्रभु रामलला , फिर मुस्काये! प्रभु रामलला , फिर मुस्काये ! भारत के प्राण ,महाप्राण, प्रभु रामलला,फिर मुस्काये। सब के फिर से भाग्य जागे, प्रभु राम अवध वापस आये। दशको प्रभु वनवास रहे, भक्त बहुत... Hindi · Poem · कविता 1 79 Share Kuldeep mishra (KD) 12 Dec 2023 · 1 min read मेहनत के दिन हमको , बड़े याद आते हैं ! मेहनत के दिन हमको , बड़े याद आते हैं। संघर्ष के दिन हमको , नित आगे बढ़ाते हैं। जब-जब जिन्दगीं में, आगे बढ़ते जाते है। कुछ पाते हैं नया, कुछ... Hindi · कविता 1 175 Share Kuldeep mishra (KD) 26 Nov 2023 · 1 min read जहां से चले थे वहीं आ गए ! दूर तलक जाने को, निकले थे पांव अभागे। जो लगी ठोकर सफर में, जहां से चले थे वहीं आ गए। प्रतिस्पर्धा ,बहुत ज्यादा थी, जिंदगी परीक्षा लेने आमादा थी। जरूरत... Hindi · कविता 3 151 Share Kuldeep mishra (KD) 28 Mar 2023 · 2 min read कब मेरे मालिक आएंगे! सादर प्रणाम आप सभी को । सादर राम-राम । बहरहाल आज की इस काव्यरचना में एक मूक पशु के अंतर्मन की आवाज को अनुभव कर उन अनुभव रूपी काव्यपुष्पों को... Hindi · कविता 1 280 Share Kuldeep mishra (KD) 18 Apr 2022 · 1 min read पिता जी का आशीर्वाद है ! जहां जहां श्रध्दा है, वहीं आशीर्वाद है। आज हम जो भी हैं, पिताजी का आशीर्वाद है। उन्नति ,सुख-दुःख बैभव, आस और उत्साह है। हो रहा है सब मंगल, पिताजी का... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 9 7 1k Share Kuldeep mishra (KD) 18 Apr 2022 · 1 min read पिता ! इस काव्य रचना को मैंने उस वक्त लिखा जब आदरणीय पापा जी की पुण्यतिथि पर उनकी बहुत याद आ रही थी , उन्ही यादों के समुंदर में गोते लगाते हुए... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 5 8 676 Share Kuldeep mishra (KD) 18 Apr 2022 · 2 min read पापा आपकी बहुत याद आती है ! ●पापा आपकी बहुत याद आती है हर पल आपकी कमी खलती है आपकी याद बड़ा सताती हैं पापा आपकी बहुत याद आती है। •करना हो जब भी नया काम आपकी... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 10 7 2k Share Kuldeep mishra (KD) 16 Apr 2022 · 1 min read ऐसे थे पापा मेरे ! त्याग ,बलिदान ,संघर्ष की प्रतिमूर्ति आदरणीय पिता जी ,जिन्होंने में घोर अंधकार में भी हमें अंधकार का कभी भी आभास तक नहीं होने दिया ,खुद दीपक बनकर अपनी रोशनी से... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 11 19 543 Share Kuldeep mishra (KD) 24 Nov 2021 · 1 min read हनुमान जी वंदना ।। अंजनी सुत प्रभु, आप तो विशिष्ट हो ।। आप मेरे इष्ट हो, सर्वदा ही शिष्ट हो। अंजनी सुत प्रभु, आप तो विशिष्ट हो। आप मेरे दादा जी, आप रामपुर वाले। छींद में आप ही हो, आप मेरे बाला... Hindi · कविता 5 5 1k Share Kuldeep mishra (KD) 19 Aug 2021 · 1 min read मंजिल को अपना मान लिया ! आंखों में नव अरमान लिया, मंजिल को अपना मान लिया। फिर कठिन क्या,आसान क्या, जो ठान लिया सो ठान लिया जब घर से प्रस्थान किया, दिन-रात एक ही काम किया।... Hindi · कविता 7 6 3k Share Kuldeep mishra (KD) 16 Aug 2021 · 1 min read बसुधा ने तिरंगा फहराया ! दिवाकर ने दे रंग केसरिया, नभ ने देकर श्वेत रंग । हरियाली लेकर खेतों से, बसुधा ने तिरंगा फहराया । बसुधा ने तिरंगा फहराया । धरणीधर ने दिया ताल तरंग,... Hindi · कविता 2 302 Share Kuldeep mishra (KD) 4 Aug 2021 · 1 min read पापा -पापा पुकारता, दिन और रात मैं! इस काव्य रचना को मैंने उस वक्त लिखा जब आदरणीय पापा जी की पुण्यतिथि पर उनकी बहुत याद आ रही थी , उन्ही यादों के समुंदर में गोते लगाते हुए... Hindi · कविता 3 4 727 Share Kuldeep mishra (KD) 4 Aug 2021 · 1 min read शुक्रिया ए जिंदगी ! इतनी ठोकरें देने के लिए, शुक्रिया ए जिंदगी। चलने का न सही, संभलने का हुनर आ गया। दूर तलक जाने को, निकले थे पांव अभागे। जो लगी ठोकर सफर में,... Hindi · कविता 3 2 449 Share Kuldeep mishra (KD) 1 Aug 2021 · 1 min read !!पिता का त्याग !! ऐसे थे पापा मेरे !! त्याग ,बलिदान ,संघर्ष की प्रतिमूर्ति आदरणीय पापा जी ,जिन्होंने में घोर अंधकार में भी हमें अंधकार का कभी भी आभास तक नहीं होने दिया ,खुद दीपक बनकर अपनी रोशनी से... Hindi · कविता 2 4 425 Share Kuldeep mishra (KD) 30 Jul 2021 · 1 min read चांदनी न मानती! चाँद कितना खूबरसूरत , चांदनी न जानती। होती न रात काली, चाँदनी न मानती। चाँद का मूल्य क्या है, वो न पहचानती। छिपता न बादलों में, चांदनी न मानती। चाँद... Hindi · कविता 3 260 Share Kuldeep mishra (KD) 18 Jun 2021 · 1 min read अति मंद मंद , शीतल बयार! अति मंद मंद , शीतल बयार। चलती मन को , पुलकित करती। हर्षित करती, कुछ गढ़ने को। कुछ लिखने को, प्रेरित करती। अपने भीनी, भीनी सुगंध से। अंतर्मन को, संचित... Hindi · कविता 2 282 Share Kuldeep mishra (KD) 17 Jun 2021 · 1 min read जिंदगी की रेस में, स्वप्न हुए हैं दफन! थके थके हैं नयन, भूल चुके हैं शयन। जिंदगी की रेस में, स्वप्न हुए हैं दफन। बिना ताप अग्नि के, जल रहा है बदन। बिना अश्रु धार के, मन कर... Hindi · कविता 4 2 309 Share Kuldeep mishra (KD) 21 Dec 2020 · 1 min read आग! जब दहकती हुई आग, चलकर रूह तक जाती है। तब उर में कुछ गढ़ने की, करने की आग दहकती है। जब जलती है तेज आग, काठ भी जल्दी होती राख।... Hindi · कविता 3 2 279 Share Kuldeep mishra (KD) 14 Nov 2020 · 1 min read खुशियों के दीप जलाना हैं! शुभ दीपावली दीपों के महापर्व, दीपोत्सव , दीपावली की हृदय की गहराइयों से आत्मीय बधाई और अनंत मंगलकामनाएँ। है दीपोत्सव दीपावली , खुशियों के दीप जलाना हैं। मन के अंदर जो बसा... Hindi · कविता 2 286 Share Kuldeep mishra (KD) 12 Nov 2020 · 1 min read बातें/मुलाकातें! वैसे तो सारी बातें, बातों में होती है लेकिन कुछ खास बातें, मुलाकातों में होती हैं। मुलाकात भी किसी खास , किसी अपने के साथ । बंद चार दिवारी में... Hindi · कविता 1 313 Share Kuldeep mishra (KD) 1 Nov 2020 · 1 min read मंजिल! है कंटक पथ सुनसान डगर, सुगम सुपथ भी आएगा। तू थाम ले संकरी पगडंडी, मंजिल का रास्ता पाएगा। है समय का ये संध्या पहर, फिर रात्रिकाल भी आएगा। तू मान... Hindi · कविता 3 2 257 Share Kuldeep mishra (KD) 24 Sep 2020 · 1 min read समझदारी! समझदार होने में खोया , मैंने अपना प्यारा बचपन समझदार जो समझा खुद को , खो दिया अपना भावुक मन जिम्मेदारियों की चादर ओढ़ी बड़ा कर लिया अपना मन सब... Hindi · कविता 5 375 Share Kuldeep mishra (KD) 18 Sep 2020 · 1 min read भुट्टे की शाम ! भुट्टे की शाम। खास मित्र के साथ, टप टप करती बारिश की बूंदों के साथ कहाँ लगते इसके आगे महंगे , बड़े-बड़े जाम, भुट्टे की शाम। वो सड़क के किनारे... Hindi · कविता 4 2 480 Share Kuldeep mishra (KD) 16 Sep 2020 · 1 min read खुद से खुद की जंग! रंग में भी भंग है, भंग में भी रंग है जिंदगी की रेस में खुद से खुद की जंग है। युद्ध है छिड़ा हुआ इंसा है घिरा हुआ ईश के... Hindi · कविता 3 442 Share Page 1 Next