Comments (8)
4 May 2022 07:55 AM
आदरणीय श्री पिता विषय पर आप द्वारा रचित अति सुंदर सृजन हेतु हार्दिक बधाई! मेरी रचना ‘पितृ वंदना’ का अवलोकन भी अवश्य करें। यदि रचना अच्छी लगे तो आशीर्वाद स्वरूप लाइक व कमेंट भी दें।
3 May 2022 03:36 PM
पिता विषय पर आपकी अति सुंदर हेतु बहुत बहुत बधाई! मेरी रचना ‘कर्ज भरना पिता का न आसान है’ का अवलोकन भी अवश्य करें। यदि रचना अच्छी लगे तो आशीर्वाद स्वरूप लाइक व कमेंट भी दें।
Kuldeep mishra (KD)
Author
3 May 2022 09:57 PM
सादर धन्यवाद भाई साहब ! आपकी रचना बाकई बेहद मर्मस्पर्शी है। दोनों श्रेणी में प्रथम पुरस्कार मिले ऐसी हमारी शुभकामनाएं है ।
19 Apr 2022 03:40 PM
“पिता का विरह !” अति सुन्दर काव्य रचना जी।
20 Apr 2022 09:32 AM
“विरह” का शाब्दिक अर्थ क्या है? — वियोग; विछोह; प्रेमी या प्रेमिका के अलग-अलग होने पर अकलेपन की स्थिति; विरह।
Kuldeep mishra (KD)
Author
23 Apr 2022 09:27 AM
हार्दिक धन्यवाद आदरणीय इसी तरह मार्गदर्शन करते रहें।
हृदयस्पर्शी।मेरी रचना पिता की याद भी पढ़े और अपनी प्रतिक्रिया देकर मुझे कृतज्ञ करे