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4 May 2022 08:41 AM

हृदयस्पर्शी।मेरी रचना पिता की याद भी पढ़े और अपनी प्रतिक्रिया देकर मुझे कृतज्ञ करे

आदरणीय श्री पिता विषय पर आप द्वारा रचित अति सुंदर सृजन हेतु हार्दिक बधाई! मेरी रचना ‘पितृ वंदना’ का अवलोकन भी अवश्य करें। यदि रचना अच्छी लगे तो आशीर्वाद स्वरूप लाइक व कमेंट भी दें।

पिता विषय पर आपकी अति सुंदर हेतु बहुत बहुत बधाई! मेरी रचना ‘कर्ज भरना पिता का न आसान है’ का अवलोकन भी अवश्य करें। यदि रचना अच्छी लगे तो आशीर्वाद स्वरूप लाइक व कमेंट भी दें।

3 May 2022 09:57 PM

सादर धन्यवाद भाई साहब ! आपकी रचना बाकई बेहद मर्मस्पर्शी है। दोनों श्रेणी में प्रथम पुरस्कार मिले ऐसी हमारी शुभकामनाएं है ।

“पिता का विरह !” अति सुन्दर काव्य रचना जी।

“विरह” का शाब्दिक अर्थ क्या है? — वियोग; विछोह; प्रेमी या प्रेमिका के अलग-अलग होने पर अकलेपन की स्थिति; विरह।

23 Apr 2022 09:27 AM

हार्दिक धन्यवाद आदरणीय इसी तरह मार्गदर्शन करते रहें।

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