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18 Jun 2021 07:31 AM

भाई कुलदीप जी प्रणाम ??बहुत समय बाद आए,”जिंदगी के सफ़र में”
जो सपने टूटे उन्हें फिर सजाएंगे ।धन्यवाद

18 Jun 2021 10:29 AM

सादर प्रणाम भाइसाहब !

जिंदगी के सफर में खो गए थे
इसलिए थोड़ा दूर हो गए थे
जरूर सजायेंगे हर टूटे सपने
होंगे गर आपके जैसे अपने।

सादर धन्यवाद!

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