Kanchan Khanna Tag: कविता 109 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Kanchan Khanna 18 Apr 2022 · 1 min read पिता पिताजी, कैसे कह दूँ , कैसे बता दूँ दुनिया को, आपके लिए मैं क्या थी..? आपकी सोन चिरैया मैं, सीने लगाये जिसको, दिखायी दुनिया आपने, दिया था आसमान, भरने को... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 9 24 965 Share Kanchan Khanna 19 Apr 2022 · 1 min read पेड़ - बाल कविता हरे - भरे से रहते खड़े, हठ अपनी पर वो अड़े। आँधी, वर्षा या तूफान, सबके समक्ष सीना तान।। दूर गगन से करते बातें, धरती में हैं जड़ें जमाते। देते... Hindi · कविता 1 6 949 Share Kanchan Khanna 16 Apr 2022 · 1 min read कन्या रूपी माँ अम्बे ओढ़ के चुनरी, कर श्रृंगार, नन्हीं वैष्णवी हो गयी तैयार। माँ अम्बे सा रूप सजाया, सबके मन को बहुत लुभाया। हाथों में पहने सुन्दर कंगन, पैरों में पायल करती छन-छन।... Hindi · कविता 791 Share Kanchan Khanna 17 Apr 2022 · 1 min read पिया-मिलन नैनों में लगा के काजल, अधरों पर सजा मुस्कान। पिया-मिलन को चली झूमती, मैं गौरी अल्हड़, नादान।। चंदा सा है रूप सलोना, "कंचन" सी है काया। मेंहदी रची हथेलियों में,... Hindi · कविता 3 2 771 Share Kanchan Khanna 29 Jul 2022 · 1 min read बिल्ले राम बिल्ली से शादी करने को, बिल्ले राम बने जब दूल्हा। सोच रहे थे मन ही मन में, बिल्ली करेगी चौका-चूल्हा। दुल्हन बन बिल्ली घर आई, खाती जी भर दूध -... Hindi · कविता · बाल कविता 2 793 Share Kanchan Khanna 17 Jul 2022 · 1 min read भारत माँ के वीर सपूत शत्रु-दल पर टूट पड़ेंगे, पर्वत-पर्वत विजय करेंगे। बाधाएँ हँस पार करेंगे, तान के सीना डटे रहेंगे।। सौगंध हमें है माटी की, दुश्मन को धूल चटायेंगे। भारत माँ के वीर सपूत,... Hindi · कविता 2 860 Share Kanchan Khanna 22 May 2022 · 1 min read चाय-दोस्ती - कविता सर्दी बहुत बढ़ गयी है, आखिर जनवरी का महीना है, रेस्तरां में खड़े यूंही, किसी ने कहा, हम भी मुस्कुरा दिये, चाय हो जाये एक प्याली, साथ बैठे, चाय पी,... Hindi · कविता 2 2 732 Share Kanchan Khanna 3 Jun 2022 · 1 min read जून की दोपहर (कविता) जल रही तवे सी, जून की दोपहर, बरस रहा हर तरफ, मानो सूरज का कहर, टपक रहीं माथे से, टप -टप पसीने की बूंदे, हुए सभी घर के कैदी, कैसे... Hindi · कविता 686 Share Kanchan Khanna 2 May 2022 · 1 min read औरतें काम पर जाती हैं औरतें, दफ़्तरों से अस्पतालों तक, स्कूलों से काॅलजों तक, बिल्डिंग से पुल बनाने तक, खेती से कामवाली बाई तक, हर स्थान पर अनेक रूपों में, काम... Hindi · कविता 2 615 Share Kanchan Khanna 13 Jul 2022 · 1 min read गुरु-पूर्णिमा पर...!! प्रथम नमन प्रभु-चरणों में, जो है जग आधार, द्वितीय नमन माता-पिता, दिखाया यह संसार। वंदन माँ शारदे व गुरुजन, दी शक्ति कलम-अपार, नमस्कार संबंधी, स्नेहीजन, दिया स्नेह-अपार।। रचनाकार :- कंचन... Hindi · कविता 4 782 Share Kanchan Khanna 24 May 2023 · 1 min read कभी मिलो...!!! सुनो, कभी मिलो नुक्कड़ वाले उसी पुराने ढाबे पर यूं ही किसी हल्की-फुल्की सी गपशप का इरादा लिए कुछ भूली-बिसरी यादें ताजा करने को ज्यादा नहीं, बस एक प्याली चाय... Poetry Writing Challenge · कविता 2 769 Share Kanchan Khanna 31 Jul 2022 · 1 min read गज़ल सी रचना गम को भी सीने से ऐसे से लगाया है, जैसे मुस्कान को लबों पर सजाया है। नन्हें नाजुक परों की तान कर चादर, पंछी ने तूफां में अपना नीड़ बचाया... Hindi · कविता · ग़ज़ल 1 2 589 Share Kanchan Khanna 19 Jul 2022 · 1 min read प्रेम सुनो जरा, सुन रहे हो ना, एक बात कहनी है, बहुत सिंपल सी बात है, प्रेम हो गया है। पूछोगे; क्यों, कब, किससे, कहाँ...? कुछ पता नहीं; सच में पता... Hindi · कविता 2 4 607 Share Kanchan Khanna 19 Jul 2022 · 1 min read विशेष दिन (महिला दिवस पर) दिन तो सभी एक से होते हैं, फिर क्यों किसी एक दिन को, बना दिया जाता है विशेष, सजा दिये जाते हैं मंच, की जाती हैं चर्चाऐं, प्रदान किये जाते... Hindi · कविता 643 Share Kanchan Khanna 1 Aug 2022 · 1 min read नया सपना आंखों में चमक चेहरे पर मुस्कान घर से निकले सपना पूरा करने जिंदगी की क्रूर कड़वाहटों तले सपना रौंदा गया घर भी पीछे छूटा सोच रहे - रूकें, ठहरकर किरची... Hindi · कविता 2 2 608 Share Kanchan Khanna 18 May 2023 · 1 min read माँ शारदे-लीला कन्या रूप ले माँ शारदे, वेदों का अध्ययन करतीं। कानन कुण्डल, कंठ-हार, बालिके अम्बे हिय हरतीं।। माँ शारदे.....!! उत्सुक नैना, छवि मनोहारी, अधर मंद मुस्कान लिए, ज्ञानदायिनी ज्ञान बांच रहीं,... Poetry Writing Challenge · कविता 1 2 757 Share Kanchan Khanna 13 Jul 2022 · 1 min read मंजिल रास्ते सी जिंदगी अनगिनत मोड़ घुमाव लिए रास्ते में जगह-जगह मिलती भीड़ यहाँ-वहाँ खड़े दिखते झुंड दूर कहीं पड़ाव या मंजिल चलना है तय करना है आप भीड़ में शामिल... Hindi · कविता 515 Share Kanchan Khanna 15 Jul 2022 · 1 min read मिसाल खेल रही हूँ जिंदगी का खेल, जानते हुए भी; कि - जीत अनिश्चित है और, हार खड़ी रहती है मुँह बायें, देखकर मुस्कुराती है, उपहास करती प्रतीत होती है, खेल... Hindi · कविता 1 2 501 Share Kanchan Khanna 18 Apr 2022 · 1 min read पापा सारे घर की तुम हो शान, तुमसे ही है मेरी पहचान। आज बहाना नहीं बनाना, पापा जल्दी घर आ जाना। मैं हूँ नटखट और शैतान, करता हूँ तुमको परेशान गुस्सा... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 5 12 523 Share Kanchan Khanna 8 Jul 2022 · 1 min read नन्हीं बाल-कविताएँ (१) बिल्ली बोली म्याऊँ-म्याऊँ, आ चूहे तुझे पकड़ मैं खाऊँ। चूहा कहता कोशिश कर ले, मौसी मैं तेरे हाथ न आऊँ।। (२) कौआ बोले काँव-काँव, ढूँढे पेड़ों की ठण्डी छाँव।... Hindi · कविता 584 Share Kanchan Khanna 6 Aug 2022 · 1 min read गजल सी रचना वैसे तो हम अक्सर खामोश रहते हैं। सुनते हैं ज्यादा अपनी कम कहते हैं।। हम उन बादलों से नहीं ऐ दोस्त, जो। बरसते कम गरजते ज्यादा रहते हैं।। आते ही... Hindi · कविता 3 2 538 Share Kanchan Khanna 6 Jun 2023 · 1 min read उसने कहा....!! उसने कहा....!! उसने कहा तुमसे मिलने आऊँगी, मेरी आँखें खुशी से चमकने लगी। उसने कहा भैया के साथ आऊँगी, मेरे दिल की धड़कनें डूबने लगी।। उसने कहा तुमसे मोहब्बत करती... Hindi · कविता 1 459 Share Kanchan Khanna 12 Jun 2023 · 1 min read एक दिन का बचपन एक दिन का बचपन जो फिर से मिल जाए, मेरा मन झील के ताजा कमल सा खिल जाए। धूप की चिन्ता न बारिश की परवाह, लू लगने से बुखार भी... Hindi · कविता · बाल कविता 3 574 Share Kanchan Khanna 8 Jul 2022 · 1 min read पैसा पैसे ने इंसान को, कहाँ से कहाँ पहुँचा दिया, कभी जिंदगी से दूर किया, कभी पास ला दिया, फुटपाथ पर गरीब पैसे के लिए रोता है, महल में अमीर भी... Hindi · कविता 1 2 466 Share Kanchan Khanna 10 Aug 2023 · 1 min read याद रिमझिम-रिमझिम बरसे सावन, पल-पल, पल-पल बहके यह मन। कुहू-कुहू कोयल गाये, कोई मीठा गीत सुनाये। दूर कहीं पर बोले पपीहा, बार-बार डोले फिर जिया। धीमे-धीमे बजती पायल, नाचे मन मयूर... Hindi · कंचनी ~ बयार (१) · कविता 710 Share Kanchan Khanna 12 Jun 2023 · 1 min read नारी जागरूकता बताया जा रहा है, जताया जा रहा है, बार-बार लगातार, दोहराया जा रहा है, परिवार द्वारा बेटी, कर ली गयी स्वीकार, समाज द्वारा बेटी को, दिये जा रहे अधिकार, संगठनों... Hindi · कविता 3 2 477 Share Kanchan Khanna 29 May 2023 · 1 min read तोंदू भाई, तोंदू भाई..!! तोंदू भाई, तोंदू भाई, काहे इतनी तोंद बढ़ायी..? मूँछें ठीक-ठाक सी दिखतीं, दाढ़ी काहे न बनवायी..? मूँछों संग तुम अच्छे लगते, सीधे-सादे बच्चे लगते, क्यों चेहरे की वाट लगायी..? तोंदू... Poetry Writing Challenge · कविता 595 Share Kanchan Khanna 12 Jul 2022 · 1 min read शमा से...!!! शमा से हौले-हौले पिघल रहे हैं, महफिल आबाद है, जल रहे हैं ! सजा रखी है लबों पर मुस्कराहट, आँसू हैं जो आँखों में मचल रहे हैं !! वो जिन्हें... Hindi · कविता 1 2 400 Share Kanchan Khanna 13 Jul 2022 · 1 min read आरजू अब क्या कहें किसी से, तू ही बता ऐ दिल। हमको तो राहे जिंदगी, तन्हा बना गई ॥ सोचा था दो घड़ी , हँस के गुजार लें। चाहा जो मुस्कराना,... Hindi · कविता 1 2 465 Share Kanchan Khanna 21 Jul 2022 · 1 min read फोन विनती चरणों में प्रभु करते हैं करबद्ध, रहें कुशल सदा सभी साथियों के फोन। बिन मोबाइल न मिले खबर किसी की, पसरा रहे रिश्तों-सम्बन्धों के मध्य मौन। रिशतों के मध्य... Hindi · कविता 1 403 Share Kanchan Khanna 19 Jul 2022 · 1 min read होली कान्हा संग मन-आंगन गोकुल-वृन्दावन बनाइये, होली कान्हा-ग्वालों संग झूमकर मनाइये। हृदय-चुनरी भक्ति-प्रेम रंग में डुबाइये, होली राधा-सखियों संग नृत्य कर मनाइये। तान मुरली की मधुर गूजेंगी कानों में, जग भूल राधेश्याम की... Hindi · कविता 1 373 Share Kanchan Khanna 23 Aug 2022 · 1 min read एक तुम्हारे होने से...!! पवन सुहानी लगती है, एक तुम्हारे होने से...!! ऋतु मस्तानी लगती है, एक तुम्हारे होने से...!! पुष्प हृदय में खिलते हैं, एक तुम्हारे होने से...! चंद मधुर पल मिलते हैं,... Hindi · कविता 1 535 Share Kanchan Khanna 26 May 2022 · 1 min read मिसाल (कविता) खेल रही हूँ जिंदगी का खेल, जानते हुए भी; कि - जीत अनिश्चित है और, हार खड़ी रहती है मुँह बायें, देखकर मुस्कुराती है, उपहास करती प्रतीत होती है, खेल... Hindi · कविता 387 Share Kanchan Khanna 31 Jul 2022 · 1 min read पिया मिलन की आस कंचन सी कोमल काया, कंचन रहा सजाये। रूप अपना देखकर, गौरी रही लजाये। पिया-मिलन की आस में, मन ही मन सकुचाये। अधरों पर मुस्कान सजी, पलकें रही झुकाये। - -... Hindi · कविता 2 494 Share Kanchan Khanna 12 Jun 2023 · 1 min read जानते वो भी हैं...!! बदला मौसम बदले हैं नजारे, जानते वो भी हैं जानते हम भी हैं। कहाँ मिले नदी के दो किनारे, जानते वो भी हैं जानते हम भी हैं।। एक है आशियाँ... Hindi · कविता 434 Share Kanchan Khanna 2 Aug 2022 · 1 min read घर की रानी भैयाजी की बेतुकी हरकतों से, करने को इंसाफ, भाभीजी ने तय किया तुरंत, झाड़ू से ही अब मस्तिष्क, करना होगा साफ। करना होगा साफ, चलेगी न अब कोई मनमानी, जताना... Hindi · कविता · हास्य/हस्य-व्यंग्य 4 390 Share Kanchan Khanna 21 Jul 2022 · 1 min read सावन आया झूम के .....!!! गाँवों की बारिश, उफनती नदियाँ, पानी से भरे खेत, बहते जीव - जन्तु , टपकते, सरकते छप्पर, बेघर - बेबस परिवार, बदहाल किसान, बाढ़ का साम्राज्य, सावन आया झूम के... Hindi · कविता 1 378 Share Kanchan Khanna 13 Jul 2023 · 1 min read फितरत हरे - कँटीले पौधों में, नये - निराले रूपों में, बारिशों की रिमझिम में, पतझड़ की तेज धूपों बीच, ओस की नाजुक बूँदों सँग। रेतीली - कंकरीली मिट्टी, कहीं, यूँहीं... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 440 Share Kanchan Khanna 29 May 2023 · 1 min read लटकते ताले बहुत कुछ कहते हैं, घर के बाहर लटके ताले, घर के बाहर लगी स्लिप, मालिक घर पर नहीं है, किराये हेतु खाली है, बिकाऊ है घर, झगड़े का है घर,... Poetry Writing Challenge · कविता 2 413 Share Kanchan Khanna 3 Aug 2022 · 1 min read जश्न आजादी का जश्न आजादी का अबके, कुछ ऐसे मनाना है! तिरंगा मात्र घरों पर नहीं, दिलों में फहराना है! जश्न आजादी का .......!! मतवाला है देश हमारा, मस्ताने हैं सब मौसम, झूम... Hindi · कविता 316 Share Kanchan Khanna 2 Jun 2023 · 1 min read पेड़ पेड़ अब पेड़ नहीं रहा, कभी वह पेड़ था, हरा-भरा था, अनगिनत टहनियाँ, टहनियों पर पत्ते थे, समयानुसार फल-फूल भी आते थे, रंगबिरंगे चहचहाते पंछियों का बसेरा था, आते-जाते राहगीरों... Hindi · कविता 1 489 Share Kanchan Khanna 17 May 2023 · 1 min read गज़ल सी कविता कुछ लम्हे जो तेरे संग बिताये थे। मेरी जिंदगी के कीमती सरमाये थे। मौसम सुहाना खुशरंग वादियां थीं। दिन हसीं मदहोश रातों के साये थे। आज सोचें तो अश्क भर... Poetry Writing Challenge · कविता 383 Share Kanchan Khanna 19 Jun 2022 · 1 min read दिवस नहीं मनाये जाते हैं...!!! देश में हमारे दिवस नहीं मनाये जाते हैं। पितृ दिवस, मातृ दिवस, शिक्षक दिवस, संस्कारों में हमारे यहाँ, सिखाये जाते हैं। देश में हमारे दिवस नहीं मनाये जाते हैं, बात... Hindi · कविता 1 4 316 Share Kanchan Khanna 24 May 2023 · 1 min read मेरी गुड़िया मेरी गुड़िया गोरी - गोरी। है अलबेली शहरी छोरी।। जींस टाॅप संग हाई हील, कंधों पर घुंघराले बाल। अंग्रेजी में कविता बोलती, मस्तानी है उसकी चाल।। बाँधे मुझसे प्रीत की... Poetry Writing Challenge · कविता · बाल कविता 1 527 Share Kanchan Khanna 28 May 2023 · 1 min read ढोंगी बाबा माना हमने कलयुगी बाबा, ढोंगी है, बलात्कारी है, दुराचारी है, पर यह तो बताइये जनाब, इस सबके पीछे किसकी जवाबदेही है, जिम्मेदारी है? किसी के दोषी साबित होने पर, उसे... Poetry Writing Challenge · कविता 1 445 Share Kanchan Khanna 1 Jul 2023 · 1 min read फितरत मुश्किल है पहचानना, जिसे फितरत कहते हैं। दुनिया यह वो है हुजूर, जहाँ भेड़ की खाल में, छुपकर भेड़िये रहते हैं। और - जो गलती से, पहचान ही गये इनको,... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 2 358 Share Kanchan Khanna 17 May 2023 · 1 min read बेटी पढ़ायें, बेटी बचायें मुनिया हो या रजिया, वही शिकारी, वही जाल, फँसी दंरिदों में बुलबुल, सोच रहे मां - बाप, कैसे बचायें लाडली अपनी, कैसे बदलें यह हालात.... ....??? इसका है बस इतना... Poetry Writing Challenge · कविता 303 Share Kanchan Khanna 2 Jun 2023 · 1 min read गर्म चाय ओढ़ी धूप ने कोहरे की चादर, पहाड़ी चोटियाँ बर्फ से ढकी हैं। झीलों का पानी जम सा गया, बूँदें ओस की फूलों पर ठहरी हैं। पंरिदें लताओं में दुबके हैं... Hindi · कविता 1 488 Share Kanchan Khanna 23 Jul 2022 · 1 min read कोरोना - इफेक्ट अति सूक्ष्म एक जीव है, मचाये सकल जगत उत्पात। विपरीत हैं परिस्थितियाँ, किन्तु हास्य के हैं हालात। माहौल था कोरोना का, चढ़ी एक दूल्हे की बारात। मास्क लगा दूल्हे के... Hindi · कविता 1 263 Share Kanchan Khanna 20 May 2023 · 1 min read पर्यावरण-संरक्षण सह-सह अत्याचार मनुष्य के हुई धरा बेहाल, यहाँ-वहाँ पर आ रहे नित्य नये भूचाल, नित्य नये भूचाल हिमालय डोल रहा है, प्रकृति पर मानव-अत्याचार की परतें खोल रहा है, भागीरथी... Poetry Writing Challenge · कविता 261 Share Page 1 Next