Kumar Kalhans Language: Hindi 159 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Kumar Kalhans 5 May 2024 · 1 min read यूं ही रंग दिखाते रहिए। यूं ही रंग दिखाते रहिए। ठोकर खायी है बहुधा पर भूल गया और कदम बढ़ाए, याद अगर सब कुछ रखे तो कैसे कोई आगे जाए, मुझे याद रह जाए सब... Poetry Writing Challenge-3 · गीत 9 Share Kumar Kalhans 5 May 2024 · 1 min read धोने से पाप नहीं धुलते। धोने से पाप नहीं धुलते। गंगा यमुना के संगम पर या गंगा सागर तट जाओ, तन धोकर शुद्ध किया खुद को तुम अपने मन को बहलाओ, इतनी आसानी से लेकिन... Poetry Writing Challenge-3 · गीत 5 Share Kumar Kalhans 5 May 2024 · 1 min read दुनिया चतुर सयानी बाला। दुनियां चतुर सयानी बाला। अपने मादक हाव भाव से फुसलाती है बहलाती है, जब उसकी माया चल जाती खूब हमें यह उलझाती है, पीकर जिसे छोड़ना मुश्किल ऐसी सोम सुरा... Poetry Writing Challenge-3 · गीत 6 Share Kumar Kalhans 5 May 2024 · 1 min read सूरज अंकल जलते जलते देखो इक दिन जल मत जाना। सूरज अंकल जलते जलते देखा इक दिन जल मत जाना। जल जाओगे यदि , धरती पर कौन उजाला लायेगा, अंधियारे में भूत चोर का भय कितना बढ़ जायेगा, मन के... Poetry Writing Challenge-3 · बाल कविता 1 7 Share Kumar Kalhans 5 May 2024 · 2 min read डीजे। भारत में शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति हो जो डीजे नामक असुर के प्रकोप से बचा हो। हर शुभ कार्य में इस राक्षस की सम्माननीय उपस्थिति अनिवार्य है। हर शोभा... Hindi · लेख 7 Share Kumar Kalhans 4 May 2024 · 2 min read कल रात सपने में प्रभु मेरे आए। कल रात सपने में प्रभु मेरे आए, भक्त वत्सल थे , वात्सल्य रस से नहाए, मुझसे यह पूछा, वत्स क्या कष्ट है, विचलित क्यों इतना है, इतना क्यों रुष्ट है,... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 11 Share Kumar Kalhans 4 May 2024 · 1 min read कर्ज जिसका है वही ढोए उठाए। कर्ज़ जिसका है वही ढोये उठाये। देवकी के अश्रु से गोकुल क्यों भीगे, क्यों यशोदा की व्यथा हो देवकी की, गोपियों के प्रेम को मथुरा क्यों समझे, जान क्यों पाए... Poetry Writing Challenge-3 · गीत 1 10 Share Kumar Kalhans 4 May 2024 · 1 min read कैसे परहेजगार होते हैं। कैसे परहेज़गार होते हैं। हम तो पीकर बीमार होते हैं। **** कौन उनके गुनाह गिनवाए। पाक सब पहरेदार होते हैं। **** जिस्म-ए-मुद्दा एक हो लेकिन। उसके चेहरे हज़ार होते हैं।... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 1 10 Share Kumar Kalhans 4 May 2024 · 1 min read मैं जब भी चाहूंगा आज़ाद हो जाऊंगा ये सच है। मैं जब भी चाहूँगा आज़ाद हो जाउंगा ये सच है। मगर मैं ये कभी कर ही नहीं पाउँगा ये सच है। ज़माना आएगा समझाएगा देगा तसल्ली पर। मैं तन्हाई में... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 1 10 Share Kumar Kalhans 4 May 2024 · 1 min read पुर शाम की तन्हाइयां जीने नहीं देती। पुर शाम की तन्हाईयाँ जीने नहीं देती। उस पर ये सितम वह मुझे पीने नहीं देती। मैं जानता हूँ जख़्म सब नासूर बनेगें। पर लरज़ती यादें इन्हें सीने नहीं देती।... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 1 11 Share Kumar Kalhans 4 May 2024 · 1 min read बूढ़े लोग। बूढ़े लोग, जिनके झुर्री भरे चेहरे में छिपा है दशकों का इतिहास, इतिहास जिसमे उनके अनगिनत छोटे बड़े संघर्ष हैं, किसी में जीते हैं किसी में हारे हैं, कही हार... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 9 Share Kumar Kalhans 4 May 2024 · 1 min read मुद्दा सुलझे रार मचाए बैठे हो। मुद्दा सुलझे रार मचाए बैठे हो। पर खुद को ही गांठ बनाए बैठे हो। कैसे आगे बढ़कर तुमसे गले मिलें। हाथों में हथियार उठाए बैठे हो। गुल कैसे खिल पाएं... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 1 8 Share Kumar Kalhans 4 May 2024 · 1 min read यही रात अंतिम यही रात भारी। यही रात अंतिम यही रात भारी। आनंद अतिरेक अनुपम अबोला, अदभुद ही आएगा प्राची से डोला, कण कण सुवासित प्रभासित करेगा, उपहार लाएगा किरणों का मेला, वंचित न कर देना... Poetry Writing Challenge-3 · गीत 10 Share Kumar Kalhans 4 May 2024 · 1 min read सुरूर छाया था मय का। सुरूर छाया था मय का , कूबूल है मुझको, मेरे हाथों ने , तेरी हथेली को मैंने जब पाया था, अपने अहसास से भीगे हुए , हाथों से जब, मैंने... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 9 Share Kumar Kalhans 4 May 2024 · 1 min read गीत नया गाता हूं। गीत नया गाता हूं। अपने हठयोग से नभ को झुकाया है, गर्वीला सागर भी हाथ जोड़ आया है, जीवन से भर दिया हाथों को फेरकर, प्रस्तर कठोर को मोम सा... Poetry Writing Challenge-3 · गीत 9 Share Kumar Kalhans 4 May 2024 · 1 min read सबकी आंखों में एक डर देखा। सबकी आंखों में एक डर देखा। देखा जंगल की एक शहर देखा। .... कुछ भी मुमकिन है इस रिसाले में। राह देखी है और सफर देखा। .... देखा महलों को... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 12 Share Kumar Kalhans 4 May 2024 · 1 min read गर तू गैरों का मुंह ताकेगा। अपनी ताकत भूल के गर तू गैरों का मुंह ताकेगा। इस दर से उस दर तक पूरी उम्र तू पतरी चाटेगा। ***** कई पीढियां गुजर चुकी हैं लापरवाही झेल रहा।... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 10 Share Kumar Kalhans 27 Apr 2024 · 1 min read कैसे एतबार करें। एक ही गलती बार बार करें। कैसे हम तुझपे एतबार करें। .. लुत्फ इसमें भी खूब आता है। मुसलसल तेरा इंतजार करें। .. चाशनी बन लिपट के वार करें। एक... Hindi · ग़ज़ल 15 Share Kumar Kalhans 25 Apr 2024 · 1 min read बाबा , बेबी। 2024 के आम चुनाव समाप्त हो चुके हैं। देश के चिर युवा नेता मुंह लटकाए , रोनी सूरत बनाए बैठे हुए हैं। उनके आगे पीछे उनके चिर परिचित सलाहकार बुझे... Hindi · कहानी 15 Share Kumar Kalhans 24 Apr 2024 · 2 min read साला - जीजा। साले जी चाहते तो फोन पर भी बात कर सकते थे किंतु मुद्दा संवेदनशील था इसलिए वे सुबह सुबह जीजा जी के घर पहुंचे और नौकर को हुकुम दिया कि... Hindi · कहानी 16 Share Kumar Kalhans 22 Apr 2024 · 2 min read चमत्कारी नेताजी। घर से बाहर निकला गाड़ी में पेट्रोल डलवाया , भुगतान किया। ग्रोसरी स्टोर गया कुछ सामान लिया भुगतान किया। डेटा रिचार्ज करवाया भुगतान किया। सब्जी , फल लिए भुगतान किया।... Hindi · कहानी 12 Share Kumar Kalhans 21 Apr 2024 · 1 min read मद्य पान। मद्यपान का पूर्णतः त्याग किए हुए लगभग छह माह पूर्ण हो गए फिर भी ... एक दिन एक पुराने मद्य मंडली वाले मित्र मिल गए। वे माने नहीं और जबरन... Hindi · लेख 21 Share Kumar Kalhans 16 Apr 2024 · 1 min read सबकी आंखों में एक डर देखा। सबकी आंखों में एक डर देखा। देखा जंगल की एक शहर देखा। .... कुछ भी मुमकिन है इस रिसाले में। राह देखी है और सफर देखा। .... देखा महलों को... Hindi · ग़ज़ल 26 Share Kumar Kalhans 15 Apr 2024 · 2 min read रुझान। चुनावी रुझान आने प्रारंभ हो गए हैं। प्रारंभिक रुझान सत्ताधारी दल के विरुद्ध जाते दिखाई पड़ रहे हैं। एक आदमी बैचेन होकर ड्राइंग रूम से उठकर भीतर जाता है। जहां... Hindi · कहानी 20 Share Kumar Kalhans 15 Apr 2024 · 2 min read बहु बहु रे बयार। गांव में गर्मियों के दिन पर छत पर ही सोना होता था। मई, जून की गर्मियां तो ऐसी होती थी जैसे सूरज सिर पर आकर ही बैठ गया है। शाम... Hindi · संस्मरण 23 Share Kumar Kalhans 10 Apr 2024 · 1 min read छिप न पाती तेरी ऐयारी है। छिप न पाती तेरी ऐयारी है। मुझको भाती ये अदाकारी है। आपके बिन भी जिंदगी हमने। आपके साथ ही गुज़ारी है। मेरी नजरों में जो खुमारी है। तेरी नजरों का... Hindi · ग़ज़ल 28 Share Kumar Kalhans 9 Apr 2024 · 3 min read ज़हर मेरे एक मित्र के पिताजी हैं। ज़ाहिर है वयोवृद्ध हैं। किंतु वे अपने पुत्र के साथ नहीं रहते। पुत्र का भी इस संदर्भ में कोई विशेष आग्रह नहीं है। पुत्र... Hindi · कहानी 22 Share Kumar Kalhans 9 Feb 2024 · 1 min read प्याला। इक आशंका की सुरा पिए इक आशाओं की मदिरा ले। आधा प्याला दूधिया रहे आधा मावस से भरा रहे।।। तुमको यदि मधु की चाहत है तो कायरता से दूर रहो।... Hindi · कविता · मुक्तक 65 Share Kumar Kalhans 22 Jan 2024 · 2 min read कल रात सपने में प्रभु मेरे आए। कल रात सपने में प्रभु मेरे आए, भक्त वत्सल थे , वात्सल्य रस से नहाए, मुझसे यह पूछा, वत्स क्या कष्ट है, विचलित क्यों इतना है, इतना क्यों रुष्ट है,... Hindi · कविता 97 Share Kumar Kalhans 22 Jan 2024 · 1 min read मेरे नयनों में जल है। मेरे नयनों में जल है। वह जल आंसुओं की तरह खारा नहीं है। उसमें मिठास है। उसमें दिव्यता है। उसमें अजेयता का भाव है। उसमें सभी पवित्र सरिताओं का जल... Hindi · कविता 66 Share Kumar Kalhans 22 Jan 2024 · 1 min read यही रात अंतिम यही रात भारी। यही रात अंतिम यही रात भारी। आनंद अतिरेक अनुपम अबोला, अदभुद ही आएगा प्राची से डोला, कण कण सुवासित प्रभासित करेगा, उपहार लाएगा किरणों का मेला, वंचित न कर देना... Hindi · गीत 62 Share Kumar Kalhans 20 Jan 2024 · 1 min read हवस का सूरज। हवस का सूरज जला देगा तेरे परवाज़ को। अंजाम में तब्दील कर देगा तेरे आगाज़ को। ***** क्यों ज़िबह करते नहीं हो नफरतों के मामले। क्यों लिए बैठे हो दिल... Hindi · ग़ज़ल 58 Share Kumar Kalhans 17 Jan 2024 · 1 min read बस यूं ही कुछ हो गया था। बस यूंही कुछ हो गया था। वह मिले मैं खो गया था। नींद सदियों से रुकी थी। गोद पाई सो गया था। मैं समझ लूं तो बताऊं। क्या से क्या... Hindi · ग़ज़ल 1 109 Share Kumar Kalhans 16 Jan 2024 · 1 min read कलम ठहर न जाए देखो। कलम ठहर न पाए देखो। स्याही सूख न जाए देखो। ..... दो पैरों पर चलने वाले। कितने हैं चौपाये देखो। ..... इक दूजे के पागलपन से। दोनों ही पगलाए देखो।... Hindi · ग़ज़ल 80 Share Kumar Kalhans 16 Jan 2024 · 1 min read जब मेरी नज़र से देखोगे तब मेरी दहर को समझोगे। जब मेरी नज़र से देखोगे तब मेरी नज़र को समझोगे। तुम मेरी नज़र से बाहर रह क्या मेरे दहर को समझोगे। ..... हंसते चेहरों की चांदी में रोते चेहरों की... Hindi · ग़ज़ल 91 Share Kumar Kalhans 16 Jan 2024 · 1 min read गीत नया गाता हूं। गीत नया गाता हूं। अपने हठयोग से नभ को झुकाया है, गर्वीला सागर भी हाथ जोड़ आया है, जीवन से भर दिया हाथों को फेरकर, प्रस्तर कठोर को मोम सा... Hindi · गीत 85 Share Kumar Kalhans 16 Jan 2024 · 1 min read जोर जवानी चुटकी में। जोर जवानी चुटकी में। खतम कहानी चुटकी में। .. अमर बेल सी लगती जो। दुनियां फानी चुटकी में। .. कंकर पत्थर बनते हैं। राजा रानी चुटकी में .. ऊंचा खड़ा... Hindi · ग़ज़ल 51 Share Kumar Kalhans 16 Jan 2024 · 1 min read राह चलने से ही कटती है चला करते हैं। राह चलने से ही कटती है चला करते हैं। बेख़बर हैं वही दूरी का गिला करते हैं। ***** इनके ऊपर नहीं मौसम की हुकूमत चलती। ख़्वाब वो फूल हैं हर... Hindi · ग़ज़ल 43 Share Kumar Kalhans 6 Aug 2023 · 1 min read घन घटाओं के जैसा कोई मीत हो। घन घटाओं के जैसा कोई मीत हो। तेज चलने लगे धूप की आरियां, सूखने जब लगे चैन की क्यारियां, सब्र की जब जमा पूंजी घटने लगे, जब लगे कम सभी... Hindi · कविता 1 95 Share Kumar Kalhans 27 Jul 2023 · 1 min read नदी आप नदी को चाहे जितना सिकोड़ सकते हैं, मन भर निचोड़ सकते हैं, क्योंकि नदी अपने प्रेमी के बल से बल पाती है, उसी के बरसते स्नेह के बल पर... Hindi 1 217 Share Kumar Kalhans 27 Jul 2023 · 1 min read इक जीवन दो रूप हमारे। इक जीवन दो रूप हमारे, इक मन है इक तन है अपना दोनों में संघर्ष है कितना, साथ हैं आए साथ है जाना एक रहें पर कोई विधि ना, इक... Hindi · गीत 194 Share Kumar Kalhans 15 May 2023 · 1 min read बेहयाई हया का नया नाम है। बेहयाई हया का नया नाम है। मामला अब यहां सब सरेआम है। खूब जोड़ी हमारी बड़ा नाम है। मैं भी बदनाम हूं वह भी बदनाम है। बेवफा ने दिया मुझको... Hindi · ग़ज़ल 259 Share Kumar Kalhans 3 May 2023 · 1 min read प्याला। खुद में आनंद का सोता है अनुपम यह जीवन हाला है। ज्ञानी जन कहते सदियों से अनजान मगर यह प्याला है।। जो प्यास बढ़ती जाती है यह हाला किसने ढाली... Hindi · कविता 252 Share Kumar Kalhans 23 Apr 2023 · 1 min read प्याला। जीवन क्षणभंगुर भय जिसको क्षण भर भी न जी पाता है। वह रहे ज्योति के मध्य किंतु उसको दिखता सब काला है।। प्याले के मादक हाव भाव इतनी मदिरा छलकाते... Hindi · कविता 137 Share Kumar Kalhans 19 Apr 2023 · 3 min read अंगवस्त्र एक महिला नेता के अंतर्वस्त्र के रंग का खुलासा कर और उस पर तालियां बटोर कर खान साहब घर पहुँचे तो गर्मी की वजह से बड़ी प्यास लगी थी। बेगम... Hindi · कहानी 1 189 Share Kumar Kalhans 15 Apr 2023 · 1 min read प्याला। मधु की तो बात निराली है। प्याला यह कैसे कह पाए। वह सदियों से ही खोज में है। पर शब्द उचित न वह पाए। ..... तन की दुर्बलता देख कहे।... Hindi · कविता 266 Share Kumar Kalhans 15 Apr 2023 · 1 min read प्याला। क्यों दुर्बल खुद को समझ रहा। तू अमित शक्ति की हाला है। हर तत्व समाहित हैं तुझमें। तू इसीलिए तो प्याला है। ..... निजता जब भी बिसरायी है। आंचल को... Hindi · कविता 201 Share Kumar Kalhans 9 Apr 2023 · 3 min read ज़हर मेरे एक मित्र के पिताजी हैं। ज़ाहिर है वयोवृद्ध हैं। किंतु वे अपने पुत्र के साथ नहीं रहते। पुत्र का भी इस संदर्भ में कोई विशेष आग्रह नहीं है। पुत्र... Hindi · कहानी 95 Share Kumar Kalhans 29 Mar 2023 · 2 min read कहानी मेरे एक मित्र हैं जो मुंबई में रहते हैं। एक सरकारी उपक्रम से सेवानिवृत हो चुके हैं। स्वनामधारी कवि , लेखक हैं। साथ ही साथ वे कवि सम्मेलन करवाने के... Hindi · कहानी 109 Share Kumar Kalhans 3 Mar 2023 · 1 min read मान लें। मान लें गुस्ताखियां तो पाक हो जाते हैं लोग। रौशनी पहलू में ले शफ़्फ़ाक हो जाते हैं लोग। ***** कई सदियाँ लगती हैं नज़रों में आने के लिये। एक लम्हे... Hindi · ग़ज़ल 168 Share Page 1 Next