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कुबूल है। कुबूल है। कुबूल है।
कुबूल है। कुबूल है। कुबूल है।
Kumar Kalhans
मां का दिल।
मां का दिल।
Kumar Kalhans
एक सफर ऐसा भी।
एक सफर ऐसा भी।
Kumar Kalhans
जरा अदब से मुझसे मिला करो।
जरा अदब से मुझसे मिला करो।
Kumar Kalhans
हाँ मैं दोमुंहा हूं।
हाँ मैं दोमुंहा हूं।
Kumar Kalhans
एक चेहरे से कई चेहरे बनाने का हुनर।
एक चेहरे से कई चेहरे बनाने का हुनर।
Kumar Kalhans
दीपक।
दीपक।
Kumar Kalhans
जीजा जी ।
जीजा जी ।
Kumar Kalhans
भेद मन के खोल बादल।
भेद मन के खोल बादल।
Kumar Kalhans
गुनगुनाता है कोई।
गुनगुनाता है कोई।
Kumar Kalhans
मातृ दिवस।
मातृ दिवस।
Kumar Kalhans
तब्दील होकर बन गया यह बाज़ क्यों है।
तब्दील होकर बन गया यह बाज़ क्यों है।
Kumar Kalhans
मुक्तक।
मुक्तक।
Kumar Kalhans
जिंदा लाश।
जिंदा लाश।
Kumar Kalhans
खुशी तो आयी टुकड़े टुकडे , गम पर हरपल पास रहा।
खुशी तो आयी टुकड़े टुकडे , गम पर हरपल पास रहा।
Kumar Kalhans
पीड़ा कैसे समाप्त होती है।
पीड़ा कैसे समाप्त होती है।
Kumar Kalhans
साहेब की अंतर्दृष्टि।
साहेब की अंतर्दृष्टि।
Kumar Kalhans
हरा पत्ता।
हरा पत्ता।
Kumar Kalhans
जेएनयू धिक्कार तुम्हे है जेएनयू धिक्कार।
जेएनयू धिक्कार तुम्हे है जेएनयू धिक्कार।
Kumar Kalhans
नेह के बादल कहते जाओ अब कब फिर से आना होगा।
नेह के बादल कहते जाओ अब कब फिर से आना होगा।
Kumar Kalhans
देखो बरखा की रुत आयी।
देखो बरखा की रुत आयी।
Kumar Kalhans
जहाँ इंसान मौसम की तरह न रंग बदलते हों।
जहाँ इंसान मौसम की तरह न रंग बदलते हों।
Kumar Kalhans
कर्ज़ जिसका।है वही ढोये उठाये।
कर्ज़ जिसका।है वही ढोये उठाये।
Kumar Kalhans
जब जब लगा मुझे वह भोला।
जब जब लगा मुझे वह भोला।
Kumar Kalhans
मुमताज़ हमारे पास भी है।
मुमताज़ हमारे पास भी है।
Kumar Kalhans
भेज रहा हूँ पास आपके ताजे ताजे गीत।
भेज रहा हूँ पास आपके ताजे ताजे गीत।
Kumar Kalhans
क्यों बदलना है जरूरी यह बता दो।
क्यों बदलना है जरूरी यह बता दो।
Kumar Kalhans
मैं लेकर सब्र का इतिहास बैठा हूँ।
मैं लेकर सब्र का इतिहास बैठा हूँ।
Kumar Kalhans
मरना पड़ता है।
मरना पड़ता है।
Kumar Kalhans
गाज़ियाबाद कै बियाह।
गाज़ियाबाद कै बियाह।
Kumar Kalhans
टेम्पल रन।
टेम्पल रन।
Kumar Kalhans
देखो बरखा की रुत आयी।
देखो बरखा की रुत आयी।
Kumar Kalhans
सीधी सादी राह न चलते खुद को हम उलझाते हैं।
सीधी सादी राह न चलते खुद को हम उलझाते हैं।
Kumar Kalhans
मृत्यु के साये में राह जीवन चले।
मृत्यु के साये में राह जीवन चले।
Kumar Kalhans
मैं जब भी चाहूं मैं आज़ाद हो जाऊंगा ये सच है।
मैं जब भी चाहूं मैं आज़ाद हो जाऊंगा ये सच है।
Kumar Kalhans
कुंडलियां
कुंडलियां
Kumar Kalhans
लोग कहते हैं बहुत बुरा हूँ मैं।
लोग कहते हैं बहुत बुरा हूँ मैं।
Kumar Kalhans
कोरोना काल।
कोरोना काल।
Kumar Kalhans
कटी हुई नाक।
कटी हुई नाक।
Kumar Kalhans
सूरज अंकल जलते जलते देखो इक दिन जल मत जाना।
सूरज अंकल जलते जलते देखो इक दिन जल मत जाना।
Kumar Kalhans
ऐसे बरसो तरस गए नयनो से पानी बरसे।
ऐसे बरसो तरस गए नयनो से पानी बरसे।
Kumar Kalhans
प्यार का स्वभाव।
प्यार का स्वभाव।
Kumar Kalhans
इक दूजे की बोटी हम नुचवाते हैं।
इक दूजे की बोटी हम नुचवाते हैं।
Kumar Kalhans
भू से मिलकर नवजीवन की गाथाएं रचती हैं।
भू से मिलकर नवजीवन की गाथाएं रचती हैं।
Kumar Kalhans
आओ इश्को करम की बात करें, आओ तेरे सनम की बात करें।
आओ इश्को करम की बात करें, आओ तेरे सनम की बात करें।
Kumar Kalhans
बरस रही हो बरखा रानी पर अंदाज़ अलग है।
बरस रही हो बरखा रानी पर अंदाज़ अलग है।
Kumar Kalhans
जला कर चला गया।
जला कर चला गया।
Kumar Kalhans
रेलगाड़ी रेलगाड़ी
रेलगाड़ी रेलगाड़ी
Kumar Kalhans
सूरज रोज नहीं आएगा।
सूरज रोज नहीं आएगा।
Kumar Kalhans
एक ही पल होता है टूटने का।
एक ही पल होता है टूटने का।
Kumar Kalhans
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