Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 May 2021 · 1 min read

तब्दील होकर बन गया यह बाज़ क्यों है।

तब्दील होकर बन गया यह बाज़ क्यों है।
इस कदर यह आसमां नाराज़ क्यो हैं।

देखिये क्या है निग़ाहों की गली में।
कमज़ोर होती जा रही आवाज़ क्यों है।

बारहा लगता है इत्तेफ़ाक है सब।
सोचता हूँ मुझको खुद पर नाज़ क्यों है।

हश्र बीते कल का है किसने बताया।
आगाज़ से पहले डरा यह आज क्यों है।

12 Likes · 1 Comment · 213 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
प्रेम विवाह करने वालों को सलाह
प्रेम विवाह करने वालों को सलाह
Satish Srijan
मनी प्लांट
मनी प्लांट
कार्तिक नितिन शर्मा
" खामोशी "
Aarti sirsat
ऐ!मेरी बेटी
ऐ!मेरी बेटी
लक्ष्मी सिंह
नल बहे या नैना, व्यर्थ न बहने देना...
नल बहे या नैना, व्यर्थ न बहने देना...
इंदु वर्मा
पत्नी की प्रतिक्रिया
पत्नी की प्रतिक्रिया
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
बुढ्ढे का सावन
बुढ्ढे का सावन
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
ఓ యువత మేలుకో..
ఓ యువత మేలుకో..
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
जीवन में ऐश्वर्य के,
जीवन में ऐश्वर्य के,
sushil sarna
सादगी मशहूर है हमारी,
सादगी मशहूर है हमारी,
Vishal babu (vishu)
खतरनाक होता है
खतरनाक होता है
Kavi praveen charan
नशा
नशा
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
"मैं आग हूँ"
Dr. Kishan tandon kranti
ऐसे तो दूर नहीं होगी यह मुश्किल
ऐसे तो दूर नहीं होगी यह मुश्किल
gurudeenverma198
Whenever things got rough, instinct led me to head home,
Whenever things got rough, instinct led me to head home,
Manisha Manjari
*
*"गंगा"*
Shashi kala vyas
2317.पूर्णिका
2317.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
सम पर रहना
सम पर रहना
Punam Pande
आइए जनाब
आइए जनाब
Surinder blackpen
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
ढलता वक्त
ढलता वक्त
प्रकाश जुयाल 'मुकेश'
कुछ मुक्तक...
कुछ मुक्तक...
डॉ.सीमा अग्रवाल
रिश्ते फीके हो गए
रिश्ते फीके हो गए
पूर्वार्थ
उतरे हैं निगाह से वे लोग भी पुराने
उतरे हैं निगाह से वे लोग भी पुराने
सिद्धार्थ गोरखपुरी
■ आज़ाद भारत के दूसरे पटेल।
■ आज़ाद भारत के दूसरे पटेल।
*Author प्रणय प्रभात*
हे प्रभु !
हे प्रभु !
Shubham Pandey (S P)
*देना इतना आसान नहीं है*
*देना इतना आसान नहीं है*
Seema Verma
रंगीला संवरिया
रंगीला संवरिया
Arvina
जो लोग अपनी जिंदगी से संतुष्ट होते हैं वे सुकून भरी जिंदगी ज
जो लोग अपनी जिंदगी से संतुष्ट होते हैं वे सुकून भरी जिंदगी ज
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
सियासत
सियासत
Anoop Kumar Mayank
Loading...