Jayanti Prasad Sharma 128 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Jayanti Prasad Sharma 29 Nov 2022 · 1 min read कल मैंने कल मैंने चाँद संग, चाँदनी को देखा है । मेघ घटा संग, दामिनी को देखा है । गूँज रहा है आलम में आलाप, राग संग रागिनी को देखा है ।... Hindi 2 1 179 Share Jayanti Prasad Sharma 22 Nov 2022 · 1 min read शीत कर दिया आरम्भ शीत ने अपने तेवर दिखाने, मेरी रोग प्रतिरोधक क्षमता की शक्ति को आजमाने। मैं ओढ़ लूँगा मित्रों की सद्भावना के कम्बल, अगर दुर्दान्त ठंड लगी अधिक मुझको... Hindi · कविता 170 Share Jayanti Prasad Sharma 19 Aug 2022 · 1 min read जन्मदिन कन्हैया का आज भाद्रपद अष्टमी है जन्मदिन कन्हैया का। नन्दजू के छैया का, बलभद्र जी के भैया का। आओ मित्र आओ, नन्दजू के द्वार चलें। आओ सखी आओ, मिल कर मंगलाचार करें।... Hindi 2 250 Share Jayanti Prasad Sharma 15 Aug 2021 · 1 min read स्वाधीनता दिवस पर मुक्तक (छंद घनाक्षरी मनहरण) पहचान तिरंगा भारत की, निशान तिरंगा भारत का, शान तिरंगा भारत की, अभिमान तिरंगा भारत का। अस्मिता तिरंगा भारत की,अरमान तिरंगा भारत का, आसमान में लहरायेगा सदा तिरंगा भारत का।... Hindi · मुक्तक 2 2 600 Share Jayanti Prasad Sharma 9 Aug 2021 · 1 min read नंद के द्वार अलख जगायौ नंद के द्वार अलख जगायौ भोला ने बम, बालकृष्ण के दर्शन को कैलास से आये हम। सुनत टेर भोले की मैया द्वारे पै आयी, बावा के दर्शन करवायवे लाला को... Hindi · कविता 1 2 422 Share Jayanti Prasad Sharma 4 Aug 2021 · 1 min read श्रम देवी श्रमाधिक्य से आरक्त हुआ चेहरा दमक रहा था कुंदन सा उभरे स्वेद बिंदु लग रहे थे मानो जड़े हों नगीने और वह सामान्य सा मुखड़ा शोभायमान हो रहा था जड़ाऊ... Hindi · कविता 2 2 555 Share Jayanti Prasad Sharma 30 Jul 2021 · 1 min read सौत अस्पताल में माँ के बैड के बगल में वृद्ध रोगिणी की महिला तीमारदार की लगन और तत्परता देखकर मेरी माँ ने उससे पूँछा 'ये तुम्हारी कौन हैं क्या सास हैं?... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 2 666 Share Jayanti Prasad Sharma 30 Jul 2021 · 1 min read बातन में बाद बदोरौ बातन में बाद बदोरौ भयौ, साजन नें जमकें हम कूटे। हाड़ हड़ेली तोरि दई सब, कर गुमान ऊपर तें रूठे। कहा कहूँ कछु कहत न आबै, भाग हमारे गये सखि... Hindi · कविता 335 Share Jayanti Prasad Sharma 29 Jul 2021 · 4 min read एक चोर की कथा वह एक चोर था।चोरी ही उसकी वृत्ति थी और उसी से वह अपने परिवार का भरण-पोषण करता था यह उसके परिवार वाले भी जानते थे। चोर होने के साथ साथ... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 5 8 1k Share Jayanti Prasad Sharma 27 Jul 2021 · 3 min read एक सबक बारिश होकर चुकी थी। छोटे छोटे गढ्ढों में पानी भर गया था तथा सड़कें भीगी हुईं थीं। इन सबकी परवाह न करते हुए प्रात:कालीन भ्रमणार्थी भ्रमण के लिए निकल चुके... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 3 3 592 Share Jayanti Prasad Sharma 27 Jul 2021 · 1 min read सावन की रितु(कुंडलिया) सावन की रितु आगई रिमझिम बरसै मेह, भीजै तन बरसात में मन में सरसै नेह। मन में सरसै नेह भये पुलकित नर नारी, बाल वृन्द हैं मगन झूलती हैं महतारी।... Hindi · कुण्डलिया 3 4 558 Share Jayanti Prasad Sharma 26 Jul 2021 · 4 min read लाग-डाट ठाकुर हीरा सिंह और ठाकुर तेज सिंह दोनों सगे भाई थे लेकिन उनमें दुश्मनी किन्हीं परंपरागत दुश्मनों जैसी थी। दोनों एक दूसरे को फूटी आँख नहीं सुहाते थे। अगर कभी... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 4 6 520 Share Jayanti Prasad Sharma 25 Jul 2021 · 1 min read एक चाह सुन मैया मोरी, दुलहिन लैहों राधा सी गोरी। चंद्रवदन नीकी हो चितवन नयना अधिक रसाल, भू परसत से हों केश गजगामिन सी चाल। पिक से मीठे बोलै बोल, ज्यों बृष... Hindi · कविता 2 7 356 Share Jayanti Prasad Sharma 25 Jul 2021 · 3 min read गुरुवाणी एक महात्मा के साथ उनका एक शिष्य रहता था। वह बड़ी श्रद्धा और लगन से गुरु की सेवा करता था। एक दिन गुरु ने शिष्य से कहा कि वह बस्ती... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 5 415 Share Jayanti Prasad Sharma 11 Aug 2020 · 1 min read मुख खोलत दुइ दतिया मुख खोलत दुइ दतिया चमकें, बलि जाऊ लला मुंह खोलनकी, अटके अटके करते बतिया , हुइ हौं दीवानी उन बोलन की। निज भाग सराहत है वनिता, पहुनाइ करै मनमोहन की... Hindi · कविता 2 10 334 Share Jayanti Prasad Sharma 11 Aug 2020 · 1 min read राधा नाम नेह कौ ब्रज वनिताओं के तन छरहरे चंचल नैन मदभरे, नेह रस मन भरे छल फरेब नहि मानती। प्रेम कौ व्यौहार करें कबहू नहिं रार करें, प्यार और द्वेष कौ अंतर खूब... Hindi · कविता 6 256 Share Jayanti Prasad Sharma 9 Jun 2020 · 1 min read करिये समीक्षा करिये समीक्षा आप अपने कर्म की। छोड़िये पूर्वाग्रह दुराग्रह, बात समझिये मर्म की। क्या क्या हुईं उपलब्धियां, कितनी बढ़ीं परिलब्धियां। बताते हैं औरों का हासिल अपना, बात है यह शर्म... Hindi · कविता 3 438 Share Jayanti Prasad Sharma 8 Jun 2020 · 1 min read पारम्परिक प्रतिद्द्न्दी पाक भारत का, भारत पाक का है– पारम्परिक प्रतिद्द्न्दी। इनकी प्रतिद्दन्दिता है सास बहु जैसी– जिसके लिए किसी मुद्दे की जरुरत नही होती। बहु परदे की ओट से दिखा देती... Hindi · कविता 4 4 555 Share Jayanti Prasad Sharma 3 Jun 2020 · 1 min read बरसों पुराना एक ठूँठ बरसों पुराना एक ठूँठ यों ही खड़ा हुआ था– घर के आँगन में। सुना है वह कभी हुआ करता था एक विशाल वट वृक्ष। उसकी घनी छाँह में बड़े बड़े... Hindi · कविता 3 4 289 Share Jayanti Prasad Sharma 23 May 2020 · 1 min read मैं कौन हूँ? लोग अक्सर पूँछते हैं मुझसे- मै कौन हूँ मेरी पहचान क्या है? मै हो जाता हूँ किंकर्तव्य विमूढ़, नहीं सोच पाता हूँ- अपने को परिभाषित करने के लिये क्या करूँ!... Hindi · कविता 1 293 Share Jayanti Prasad Sharma 23 May 2020 · 1 min read तुम बुहार न सको तुम बुहार न सको किसी का पथ कोई बात नहीं, किसी की राह में कंटक बिखराना नहीं। न कर सको किसी की मदद कोई बात नहीं, किसी की बनती में... Hindi · कविता 4 3 302 Share Jayanti Prasad Sharma 23 May 2020 · 1 min read नदिया चंचल नदिया चंचल, न हो उच्छृंखल। कल-कल करती नाद, धीरे बहो। सँभालो अपना वेग, न दिखे लहरों में उद्वेग। रख नियंत्रण संवेगों पर, तीरे बहो। वेगवती तुम नहीं इतराना, बहुत दूर... Hindi · कविता 3 2 638 Share Jayanti Prasad Sharma 22 May 2020 · 1 min read दीनदयाल दीनदयाल मदद करने से कतराते है। नहीं आते हैं सुनकर पुकार किसी दीन की। वे हैरान हैं चलन देखकर परेशान हैं। अब द्रौपदी बदन उघराती मुस्काती है। हुई बिंदास टाँगती... Hindi · हाइकु 3 2 355 Share Jayanti Prasad Sharma 22 May 2020 · 1 min read तुम अब निशांत में आये तुम अब निशांत में आये। मैं रतिगल्भा सोलहश्रंगार कर, रोती कलपत रही रातभर। राह देखते दोनों नयना- थकित हो गये मुंद गये पलभर। वायु वेग से खुल गई खिड़की– हुई... Hindi · कविता 5 3 557 Share Jayanti Prasad Sharma 22 May 2020 · 1 min read दर्पण दर्पण में देख कर अपना विवर्ण मुख- काँप उठा वह। उसके मन का चोर उसकी आँखों से झांक रहा था। वह मिला न सका अपनी आँखें- अपने प्रतिबिम्ब की आँखों... Hindi · कविता 3 4 423 Share Jayanti Prasad Sharma 21 May 2020 · 1 min read सपना मैंने एक सपना देखा- आज पार्क में घूम रही थी मेरे संग अभिनेत्री रेखा। मैंने एक.......। वह संग संग मेरे डोल रही थी, मुझको नजरों से तोल रही थी। सुन्दर... Hindi · कविता 4 2 281 Share Jayanti Prasad Sharma 21 May 2020 · 1 min read मोहरा वे जब भी मिलते हैं बड़े प्यार से मिलते हैं। मैं भी उन्हें सम्मान देता हूँ- बड़े भाई सा। लेकिन उन्होंने किया है मेरा उपयोग सदैव- एक मोहरे की तरह।... Hindi · कविता 4 3 311 Share Jayanti Prasad Sharma 21 May 2020 · 1 min read आदमियत तू एक जरूरी काम कर, आदमियत का तमगा- अपने नाम कर। बेतहाशा पैदा हो रहे इंसान, जनसंख्या में हो रही वृद्धि। होना भीड़ में खरा आदमी, है बड़ी उपलब्धि। तू... Hindi · कविता 5 4 647 Share Jayanti Prasad Sharma 20 May 2020 · 1 min read रहना चाहता था मै निरापद रहना चाहता था मैं निरापद, बचता रहा नदी, नाले और बम्बे से, नहीं छुआ भड़कते शोलों को, रहा दूर बिजली के खम्बे से। बचते बचाते भी एक दिन भारी कयामत... Hindi · कविता 5 2 242 Share Jayanti Prasad Sharma 20 May 2020 · 1 min read तुम्हें देखना है देश भक्त सराहा नहीं जाये- कोई बात नहीं, देशद्रोह को चन्दन लग नहीं जाये- तुम्हें देखना है। साधु कोई पूजा नहीं जाये- कोई बात नहीं, असाधु का वंदन हो न... Hindi · कविता 7 4 343 Share Jayanti Prasad Sharma 20 May 2020 · 1 min read कान्हा तेरे दर्शन को नँद नन्दन कित गये दुराय ! ढूँढत घूमी सिगरी बृज भूमी, गये मेरे पायँ पिराय। कान्हां , मैं तुम्हरे प्रेम में बौरि गई, औंधाई गगरी पनघट दौरि गई। देखूँ इत... Hindi · कविता 5 2 401 Share Jayanti Prasad Sharma 19 May 2020 · 1 min read करिये नमस्कार वैश्विक आपदा है कोरोना, आप सुधर जाइये। छोड़िये चूमा चाटी, नहीं हाथ भी मिलाइये। लेकिन न करिये तिरस्कार, करबद्ध करिये नमस्कार। अभिवादन की भारतीय- पद्वति अपनाइये। जयन्ती प्रसाद शर्मा Hindi · कविता 3 265 Share Jayanti Prasad Sharma 19 May 2020 · 1 min read संचेतना संचेतना लोगों की सुप्त हो गई है, संवेदना मानव की लुप्त हो गई है। व्यथित नहीं करती किसी को किसी की व्यथा, सांसारिक कर्म होते रहते हैं यथा। कोई दुखी... Hindi · कविता 5 4 576 Share Jayanti Prasad Sharma 19 May 2020 · 1 min read बजरंगी हनुमान बजरंगी हनुमान, अतुलित शक्ति अपरिमित ज्ञान। तुमको जो ध्याता, तुमसे लगन लगाता। वह पाता है, अनायास धन मान। तुम्हारे संग का सत्व, पाया राम ने रामत्व। श्रीहीन किया दशकंधर, न... Hindi · कविता 4 4 518 Share Jayanti Prasad Sharma 18 May 2020 · 1 min read अंग्रेजी में निमंत्रण पत्र अंग्रेजी में निमंत्रण पत्र प्राप्त कर- दिल हो गया बाग बाग। अपने को आभिजात्य वर्ग से जुड़ने पर- हो रही थी अपार प्रसन्नता। सच ‘सोनी वेड्स मोनी’ शब्दों का आकर्षण-... Hindi · कविता 3 2 488 Share Jayanti Prasad Sharma 18 May 2020 · 1 min read भाई साहब शुभ प्रभात भाई साहब शुभ प्रभात- क्यों म्लान है मुख, शिथिल गात। भाई साहब..........। मैंने आपको उच्च पीठासीत देखा है, मैंने आपका गौरवशाली अतीत देखा है। स्वघोषित ये रौद्रावतार, लोगों को आपसे... Hindi · कविता 5 2 546 Share Jayanti Prasad Sharma 18 May 2020 · 1 min read भ्रष्टाचार इस देश में भ्रष्टाचार बढ़ गया है भयावह स्तर तक, फैल गया है यह, सुविस्तारित वट वृक्ष सा। बढ़ कर इसकी जटायें मिल गयी हैं जड़ों से- और समा गई... Hindi · कविता 5 6 293 Share Jayanti Prasad Sharma 17 May 2020 · 1 min read साँवरौ कन्हैया साँवरौ कन्हैया, बाँकौ वंशी कौ बजैया, सब जग मोह लियौ छेड़ी ऐसी तान है। जमुना बहनौं भूलि गयी गैया चरनौं भूलि गयी, मस्त भयौ वत्स, भूलौ पय पान है। दौड़ि... Hindi · कविता 5 4 282 Share Jayanti Prasad Sharma 17 May 2020 · 1 min read मन का बोझ अपनों की उपेक्षा व असंवेदना ने कर दिया था उसे कुंठाग्रस्त। लोगों के सर्द व्यवहार से उसके मन मस्तिष्क पर फैल गई थी- बर्फ की एक मोटी परत। जड़ हो... Hindi · कविता 4 2 520 Share Jayanti Prasad Sharma 16 May 2020 · 1 min read लक्ष्य विहीन राही अनजानी सी राह पर चलता रहा वह निरुद्देश्य। न थी उसकी कोई मंजिल, न था कोई लक्ष्य। बस सामने थी एक अनंत राह, जिसका न था कोई ओर न कोई... Hindi · कविता 3 3 355 Share Jayanti Prasad Sharma 16 May 2020 · 1 min read प्रभु मोकों शरणागत कीजे प्रभु मोकों शरणागत कीजे! मैं अधम, नीच खल कामी, मैं पापी हूँ नामी गिरामी। भव सागर में डूब रहा हूँ, मेरी बाँह पकड़ लीजे। जानता नहीं मैं जप, तप, जोगू,... Hindi · कविता 3 4 298 Share Jayanti Prasad Sharma 16 May 2020 · 1 min read आशा की धूप बुझा प्रदीप मन के आँगन में हुआ अँधेरा। आशा की धूप निराशा की जड़ता करेगी दूर। मिलेगा मीत गुनगुना रे मन मधुर गीत। अरे भ्रमण अधकली कली से न छेड़।... Hindi · हाइकु 4 349 Share Jayanti Prasad Sharma 15 May 2020 · 1 min read उनसे मेरी बंदगी है उनसे मेरी बंदगी है, दुआ है, सलाम भी है, नमस्ते है, जुहार है, राम राम भी है। न कोई लेने जाता है, न कोई देने आता है। हमारे बीच बस-... Hindi · कविता 5 5 416 Share Jayanti Prasad Sharma 15 May 2020 · 1 min read तुम थे जीवन में रंग था तुम थे जीवन में रंग था, उमंग थी उचंग थी। तुम ले गये सब अपने साथ, बस छोड़ गये हो विरासत में शून्य। इसी शून्य के सहारे, मुझे ज़िन्दगी का... Hindi · कविता 5 2 275 Share Jayanti Prasad Sharma 15 May 2020 · 1 min read समय मुसाफिर समय मुसाफिर अपनी गति से चलता जाता है, नहीं ठहरता पलभर निरन्तर बढ़ता जाता है। जो नहीं चल पाता साथ समय के, पीछे रह जाता है। हो जाता है कालातीत,... Hindi · कविता 4 2 420 Share Jayanti Prasad Sharma 14 May 2020 · 1 min read ओ राही न सोच मंज़िल की चंद अश्आर : वाजिब है तुम्हारा रूंठना मगर यह तो देख लेते मुझमें मनाने का- शऊर है या नहीं। ओ राही न सोच मंज़िल की चलता रहेगा पहुँचेगा कहीं न... Hindi · कविता 6 6 277 Share Jayanti Prasad Sharma 14 May 2020 · 1 min read पर्यावरण दिवस पर्यावरण प्रेमियों के दो विरोधी गुटों ने, विश्व पर्यावरण दिवस मनाने के लिए, लगा लिए अपने शिविर उस सघन छाँव वाले वृक्ष के नीचे। पालीथीन की झंडियों, बैनरों से पाट... Hindi · कविता 8 2 308 Share Jayanti Prasad Sharma 14 May 2020 · 1 min read बोलौ गोरी रहिहौं कित में बोलौ गोरी रहिहौं कित में, कै काहू के आईं पाहुने, देखी नहीं कबहू इत में। मैं सब बीथिन में आवत जावत, घूमूँ वनखड़ में गऊ चरावत। सिगरौ वृज मेरौ देखौ... Hindi · कविता 4 2 262 Share Jayanti Prasad Sharma 13 May 2020 · 1 min read गंगा आरती गंगा माता मोक्ष दायिनी, भक्ति मुझे दो अनपायिनी। नहीं साधारण, तेरा जल है गंगाजल, मज्जन कर जो करें आचमन- उनको तू दे देती अमित फल। कलुष तन मन का तू... Hindi · कविता 4 2 366 Share Jayanti Prasad Sharma 13 May 2020 · 1 min read मैं नशे में हूँ मुझको यारो माफ करना मैं नशे में हूँ, होश में मुझको न लाना मैं मजे में हूँ। दीन दुनिया की नहीं मुझको खबर, अह्सासे दर्द से हूँ बेखबर। कोई कहता... Hindi · कविता 5 2 326 Share Page 1 Next