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19 May 2020 · 1 min read

बजरंगी हनुमान

बजरंगी हनुमान,
अतुलित शक्ति अपरिमित ज्ञान।
तुमको जो ध्याता,
तुमसे लगन लगाता।
वह पाता है,
अनायास धन मान।
तुम्हारे संग का सत्व,
पाया राम ने रामत्व।
श्रीहीन किया दशकंधर,
न था जिसके वैभव का अनुमान।
लांघा समुद्र,
जैसे नाला हो छुद्र।
जला दी लंका,
तृणवत मान।
हे बजरंग अष्ट सिद्धि प्रदाता,
हे कपीश नव निधि के दाता।
मुझको अपनी देउ भक्ति,
हे प्रभु कृपा निधान।

जयन्ती प्रसाद शर्मा

Language: Hindi
4 Likes · 4 Comments · 470 Views
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