माॅ प्रकृति
रंग-बिरंगे फूलों-कलियों,तितलियों से सौंदर्य बढ़ाती भौरों,चिड़ियों और कोकिल कंठो से संगीत सुनाती कीट-पतंगों,मधुप,झीगुरों से तुम सरगम बजवाती वन-उपवन,मधुबन,मधुर-मधुर मालकोश सुनवाती जब मैना,मोनाल,बुलबुल,कोयल सब संग में गाती हे प्रकृति! तुम भी...
Poetry Writing Challenge · कविता