Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Jul 2023 · 1 min read

फितरते फतह

ये फितरत की कुदरत पर
क्यों हजार परत है चढ़ती ।
ये भोली-भाली सूरत पर
क्यों हजार सूरत है गढ़ती ।।

ऐसे ही नही बदलती
ये फितरत और ये सूरत ।
जो जब चाहे बदल ले
जैसी हो जिसकी जररूत ।।

ये फितरत और ये सूरत
शख्स की होती है पहचान ।
चालाकी और बनावे से
दोनों ही होती है हलकान ।।

वो फितरत फितरत नही
जो बदल जाए देख मंजर ।
लाख छुपाने से भी ये
फितरत आ ही जाती नजर ।।

जमाने से वेवफाई से
बदनाम होती है शख्सियत ।
चालबाजो के चोचलों से
रंग बदलती है फितरत ।।

फर्जी,जाली-नकली में कभी
फितरत भी लगती नकली ।
पर दिल की गहराई में गढ़ी
फितरत ही मिलेगी असली ।।

होता शख्स का जमीर
शख्स का डीएनए फितरत ।
फितरत से ही शख्स पे
लगे ताज या लगती तोहमत ।।

शख्सियत है आनी-जानी
रहे फितरत की हमेशा हैसियत ।
नकली बनावटी दिखावे नही
इंसान की फितरत ही असलियत ।।
~०~
मौलिक एंव स्वरचित-२: काव्य प्रतियोगिता
जीवनसवारो,जुलाई,२०२३.

8 Likes · 2 Comments · 435 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
View all
You may also like:
अज्ञानी की कलम
अज्ञानी की कलम
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
देखकर प्यार से मुस्कुराते रहो।
देखकर प्यार से मुस्कुराते रहो।
surenderpal vaidya
*सुबह हुई तो सबसे पहले, पढ़ते हम अखबार हैं (हिंदी गजल)*
*सुबह हुई तो सबसे पहले, पढ़ते हम अखबार हैं (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
झूठ की टांगें नहीं होती है,इसलिेए अधिक देर तक अडिग होकर खड़ा
झूठ की टांगें नहीं होती है,इसलिेए अधिक देर तक अडिग होकर खड़ा
Babli Jha
आलस्य का शिकार
आलस्य का शिकार
Paras Nath Jha
शहरी हो जरूर तुम,
शहरी हो जरूर तुम,
Dr. Man Mohan Krishna
🇮🇳🇮🇳*
🇮🇳🇮🇳*"तिरंगा झंडा"* 🇮🇳🇮🇳
Shashi kala vyas
रिश्तों का सच
रिश्तों का सच
विजय कुमार अग्रवाल
■ श्रमजीवी को किस का डर...?
■ श्रमजीवी को किस का डर...?
*Author प्रणय प्रभात*
"गिरना जरूरी है"
Dr. Kishan tandon kranti
शिक्षा
शिक्षा
डॉ०छोटेलाल सिंह 'मनमीत'
समस्या है यह आएगी_
समस्या है यह आएगी_
Rajesh vyas
सखी री आया फागुन मास
सखी री आया फागुन मास
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
रोज़ आकर वो मेरे ख़्वाबों में
रोज़ आकर वो मेरे ख़्वाबों में
Neelam Sharma
सार्थक मंथन
सार्थक मंथन
Shyam Sundar Subramanian
चंद्रयान 3
चंद्रयान 3
Dr Archana Gupta
जां से गए।
जां से गए।
Taj Mohammad
कौन्तय
कौन्तय
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
न हँस रहे हो ,ना हीं जता रहे हो दुःख
न हँस रहे हो ,ना हीं जता रहे हो दुःख
Shweta Soni
ज़िंदगी इम्तिहान
ज़िंदगी इम्तिहान
Dr fauzia Naseem shad
*पिता का प्यार*
*पिता का प्यार*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
🌸 सभ्य समाज🌸
🌸 सभ्य समाज🌸
पूर्वार्थ
क्या ईसा भारत आये थे?
क्या ईसा भारत आये थे?
कवि रमेशराज
अधि वर्ष
अधि वर्ष
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
Dil toot jaayein chalega
Dil toot jaayein chalega
Prathmesh Yelne
तेरी आंखों में है जादू , तेरी बातों में इक नशा है।
तेरी आंखों में है जादू , तेरी बातों में इक नशा है।
B S MAURYA
जन्नत चाहिए तो जान लगा दे
जन्नत चाहिए तो जान लगा दे
The_dk_poetry
💐प्रेम कौतुक-252💐
💐प्रेम कौतुक-252💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
साया
साया
Harminder Kaur
काहे का अभिमान
काहे का अभिमान
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
Loading...