Simmy Hasan 101 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Simmy Hasan 2 Feb 2021 · 1 min read नाम तुम्हारे नाम तुम्हारे ख़त लिखना था, दिल का हाल बयां करना था.. लिखना था अच्छे लगते हो, जज़्बातों के सच्चे लगते हो... याद तुम्हारी क्यों आती है? आँखों को अच्छे लगते... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 19 50 878 Share Simmy Hasan 19 Jul 2020 · 1 min read बलिया बाग़ियों की सर ज़मीन, सौ बार तेरा शुक्रिया.. सुर्खरू हैं हम की हमने, जन्म बलियाँ में लिया.. सौ बार तेरा शुक्रिया.. सौ बार तेरा शुक्रिया.. था यही का बागी मंगल,... Hindi · कविता 11 3 538 Share Simmy Hasan 6 Jul 2020 · 1 min read वो एक दिन। वो एक दिन जिसके इंतज़ार में हमने हज़ार रातें रो रो काटी हैं उससे कहना कि जिसने चाहा था उस एक दिन को हज़ार रातों में हयात ए बेसबाती लाया... Hindi · कविता 10 1 268 Share Simmy Hasan 9 Jul 2020 · 1 min read सिपाही सुनो सिपाही कुछ सुनाओ न अच्छा सा झरबेरियों पर उगी खट्टी मीठी बेरियों पर बच्चों के पत्थर और बया के घोसलों के बारे में या उस जंगल के बारे में... Hindi · कविता 9 2 512 Share Simmy Hasan 17 Jul 2020 · 1 min read शेर1 रूह का पैरहन उतार फेंका है जिस्म बोझिल सा हो गया था मेरा Hindi · शेर 9 4 292 Share Simmy Hasan 3 Sep 2020 · 1 min read शेर 2 चाक कर डाला कलेजा चीख़ कर तन्हाइयों ने, कब तलक हम याद की मरहम लगाते चाराग़र.. Hindi · शेर 9 288 Share Simmy Hasan 17 Oct 2020 · 1 min read शिलालेख मैं अगर थोड़ी मजहबी नहीं होती तो अपनी कब्र पर एक पत्थर लगवाती शिलालेख जैसा कुछ और उनसब के नाम भी जिनसे मैं प्रेम करती थी और बदले में बस... Hindi · कविता 9 4 491 Share Simmy Hasan 2 Feb 2020 · 1 min read लिखती हूँ लिखती हूँ , जो लिख सकती हूं पर अक्सर जब नहीं लिखती तो पढ़ रही होती हूँ हवा की सरसराहट रात का मद्धम गीत ख़्वाबों का तिलिस्म उगते सूरज की... Hindi · कविता 8 2 241 Share Simmy Hasan 29 Feb 2020 · 1 min read समंदर पार हमे लगता था समंदर पार जो एक दरिया सा बहता है जहां रहतीं हैं कुछ परियाँ जहां नग़मा सा बहता है मिलोगी तुम वहीं पर ही किसी फूलों के झूले... Hindi · कविता 8 2 260 Share Simmy Hasan 24 Jun 2020 · 1 min read सत्ता जब निरंकुश लिप्साओं के पुजारी, मानव वेश में स्वघोषित, स्वचयनित, आसीन होते हैं, एक मर्यादित स्थान पर.. गूंज उठती हैं चीत्कारें, मासूमों की क्योंकि ये भेड़िये, अपनी लिप्साओं की पूर्ति... Hindi · कविता 8 4 301 Share Simmy Hasan 7 Jul 2020 · 1 min read टूटे पत्थर... हथौड़े का भार , यूँ तो कम नहीं.. पर कंधे पर, जिम्मेदारियों की गठरी.. भारी है , इस लोहे के बोझ से.. जिससे तोड़ पत्थर, खरीद सकती हूं चंद निवाले..... Hindi · कविता 8 2 484 Share Simmy Hasan 10 Jul 2020 · 1 min read ये बनिहारिने... धान रोपने जाती बनिहारिनों की कतारें भींगतीं जातीं, गाती जातीं गीत....जो बरसो से है उनके होंटों पर ओर हर साल की बारिश में मचल उठते है ये गीत और गूंजता... Hindi · कविता 8 4 377 Share Simmy Hasan 16 Jul 2020 · 1 min read सुनो दोस्त सुनो दोस्त हाशिए पर चलना छोड़ो तलाशों अपनी राहें दिल की सुनो और मौका मिलते ही निकल भागो कहीं दूर जहां महसूस कर सको खुद के पंख ताजी हवाएं अपनी... Hindi · कविता 8 2 458 Share Simmy Hasan 27 Jul 2020 · 1 min read वबा रोज़ ब रोज़ लोग मर रहे हैं कुछ वबा से, कुछ भूख से कुछ सपनो के मर जाने से और कुछ उन बंदिशों से जो तुमने लाद रखे है उनपर... Hindi · कविता 8 4 534 Share Simmy Hasan 31 Jul 2020 · 1 min read वादियां अपनी मस्ती में कोई दीवाना, गीत उल्फत के गा रहा होगा.. या कोई परवाना किसी शम्मा को, वफ़ा ए मुहब्बत सीखा रहा होगा.. चाँद फिर चांदनी के आंचल में, धीरे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 8 5 437 Share Simmy Hasan 15 Aug 2020 · 1 min read तिरंगा वो लड़े पर झुके नहीं लड़खड़ाए, पर गिरे नहीं कुरबां हुए वतन पर और लुटा गए अपनी मुहब्बतें आजादी की शक्ल में हमारे आजाद मुस्तकबिल के लिए ये तिरंगा महज़... Hindi · कविता 8 1 460 Share Simmy Hasan 10 May 2020 · 1 min read माँ दूर जाते हुए मुड़ कर देखा था तुझे और पाया मुस्कुराते हुए वही फीकी सी मुस्कान जिसे पहचानती हूँ उन दिनों से जब तुम कह देती थी सब ठीक है... Hindi · कविता 7 2 339 Share Simmy Hasan 13 Jun 2020 · 1 min read ऐ मेरी रात... रात मेरी जान तू क्यों बेज़ार नज़र आती है सोगवार सी हर रात तू बेचैन गुज़र जाती है लग के सिरहाने से हर रात तू सिसकती है सहर शबनम लिए... Hindi · कविता 7 284 Share Simmy Hasan 20 Jun 2020 · 1 min read वो लड़कियां वो लड़कियां जो अब भी हैं पर हमारी ज़िन्दगियों में नहीं दूर हैं एक बहन होने से या एक बेटी पर अब भी किसी की बहू किसी की बीवी हैं... Hindi · कविता 7 1 467 Share Simmy Hasan 28 Jun 2020 · 1 min read स्त्री गावँ की कच्ची सड़क पर टहलती उस वृद्धा से अनायास ही मिली थी और ठहर गयी कुछ क्षण 70 पार मृदुल स्नेह वाली जीवन के इस ठहराव पर भी जो... Hindi · कविता 7 8 516 Share Simmy Hasan 4 Jul 2020 · 1 min read अंधेरे डूबते सूरज की तरह आकाश से दूर एक छोर पर खो रही हूं या उग रहीं हूँ नहीं पता पर थकन इतनी की अब जी चाहता है बस उतार दूं... Hindi · कविता 7 5 450 Share Simmy Hasan 14 Jul 2020 · 1 min read महानता सुनो किसे पुकारती हो तुम इस बियाबान में ये जंगल इंसानों का है हर एक सुनाना चाहता है बस अपनी ही और इस शोर में क्या तुम कह सकोगी जो... Hindi · कविता 7 5 671 Share Simmy Hasan 21 Jul 2020 · 1 min read बचपन चारदिवारी में कैद अक्सर मुर्झा जातीं हैं नन्ही कलियाँ की बचपन डरा सहमा सा झांकता दीवारों के उस पार देखता है रंगीन तितलियां खूबसूरत फूल उगता, डूबता सूरज टिमटिमाते जुगनू... Hindi · कविता 7 5 419 Share Simmy Hasan 10 Oct 2020 · 1 min read डर वे डरते हैं। वे डरते हैं अमन से, एकता से, भाईचारे से.. विद्यार्थियों से, विद्वानों से, शिक्षाविदों से.. अधिकारों के लिए उठती हुई आवाज़ों से.. अमन चैन के पैरोकारों से,... Hindi · कविता 7 3 395 Share Simmy Hasan 26 Oct 2020 · 1 min read ज़ुल्मत घर से निकल रहे हो इतना खयाल रखना ज़ुल्मत की इंतेहा है तुम एहतियात रखना दाढ़ी और टोपियों से जलती हैं जिनकी जाने निकले हैं भेड़िए कुछ आदम की ख़ाल... Hindi · कविता 7 2 324 Share Simmy Hasan 30 May 2020 · 1 min read मेरे ख़्वाब.. ख़्वाब और हक़ीक़त मेरे लिए दोने एक से हैं शाम के अंधेरों के साथ जब खत्म हो जाती हैं उम्मीदें.. तो रात सितारों की छावं चाँद को निहारती सो जातीं... Hindi · कविता 6 2 239 Share Simmy Hasan 30 Jun 2020 · 1 min read अंगूठा.. दोस्त बिछड़ गए थे मन में कुछ सवाल थे झिझक और डर भी ये वही दोस्त थे जो हमसे ज़्यादा हमे जानते थे हमारे दिल से लेकर ज़हन तक जिनको... Hindi · कविता 6 5 355 Share Simmy Hasan 13 Sep 2020 · 1 min read यहोवा यहोवा! मैंने स्वयं नहीं चुना था खुद को न अभिलाषा थी किसी जीवन की न चाहा यूँ खुद को घोंटते हुए जीना की स्वयं को पल पल मुरझाते हुए देखूं... Hindi · कविता 6 2 262 Share Simmy Hasan 11 Jun 2018 · 1 min read विधवा जनता.. जनता जैसे कोई जवान विधवा, सब्ज़बाग दिख कर सुहाने दिनों के.. राजनेता हर पांच साल के लिए, पटक देतें हैं लोकतंत्र के बिस्तर पर, और तब तक नोचते हैं, जब... Hindi · कविता 5 2 394 Share Simmy Hasan 12 Jun 2018 · 1 min read बच्चा गरीब का अचानक से हुमकते, ज़िद करते नन्हे बच्चे, बड़े हो जाते हैं। जब बाप के पैरों के छाले, उनसे लाख छुपाने पर भी, नज़र आ जाते है। खुद के पुराने कपडे,... Hindi · कविता 5 241 Share Simmy Hasan 12 Apr 2020 · 1 min read इंसान रंजिशों नफ़रतों के दाग़ लिए सूनी आँखों में टूटे ख़्वाब लिए देखो कराहता है हिंद का दिल यकजहती की मुर्दा लाश लिए एक तो फैला है क़हर क़ुदरत का और... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 2 234 Share Simmy Hasan 20 Apr 2020 · 1 min read ज़िंदगी खुद को कुछ मोहलत तो दे कर देखते, ज़िन्दगी कुछ और जी कर देखते... मौत किस मसले का हल है, ज़िन्दगी बन कर कभी तुम देखते.. ग़ुम हो गए लेकर... Hindi · कविता 5 249 Share Simmy Hasan 1 Jul 2020 · 1 min read "तारा" वो टांक रहा था बड़ी नफासत से, आहिस्ता आहिस्ता.. आसमान के आंचल में रात के अंधेरों तले चाँद सितारे छिड़क रहा था दरियाओं पर कहकशां आज़ाद कर दिए जुगनुओं के... Hindi · कविता 5 5 423 Share Simmy Hasan 7 Oct 2020 · 1 min read बरहना लाशें नाज़ों से पाली हुई पलकों पे सजने वाली माँ की परछाईं बाप की जान जब टुकड़ो में उठाई जातीं हैं या आधी रात मार कर जला दी जाती हैं या... Hindi · कविता 5 3 361 Share Simmy Hasan 21 Oct 2020 · 1 min read चलन कुछ जाने पहचाने लोग बहुत डराते हैं की अंदर तक सहम जाए मन दिल जैसे कोई भींचे मुट्ठियों में बेल्ट, चप्पल, जूते सबसे खतरनाक की इनकी शिकायत भी जायज़ नहीं... Hindi · कविता 5 1 444 Share Simmy Hasan 10 Nov 2020 · 1 min read औरतें हँसती हुई औरतें इतनी चुभती हैं कि हथकड़ियां भी इनकी हंसी से चटख जाया करती हैं Hindi · कविता 5 1 320 Share Simmy Hasan 31 May 2021 · 1 min read गाँव की बारिश बारिशों में जब शहर की सड़कों पर जम जाता है पानी, कीचड़ और फिर बेचैन करने वाली उमस तब याद आता है गाँव बारिशों से महक उठते हैं घर, आँगन,... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 5 5 530 Share Simmy Hasan 10 Jun 2018 · 1 min read अरमानों की बरसी.. "बांध लेते हैं अक्सर, धड़कते दिलों के गीत.. अपनी सहर भरी , मीठी आवाज़ों में.. जिन में हल्की सी , थरथराहट के साथ.. मचलते हुए अरमानो की सरगोशियां, तुम्हारे मेरे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 1 398 Share Simmy Hasan 5 Aug 2018 · 1 min read वजूद अक्सर ढूंढती हूँ अपना वजूद, एक बेटी की तरह.. एक बहन की तरह, बड़ी हसरत से.. बड़ी बेचैनी से, और पाती हूँ बस ; खुद को तन्हा.. बेबस यतीम सी,... Hindi · कविता 4 2 364 Share Simmy Hasan 17 Jan 2020 · 1 min read कलयुगी रक्तबीज उग रहें हैं रक्तबीज की तरह एक के बाद एक संविधान के हर गिरते लहू के साथ थामते जाते एक दूसरे का कन्धा की लड़खड़ाते हाथों की पकड़ कहीं ढीली... Hindi · कविता 4 2 270 Share Simmy Hasan 19 Jan 2020 · 1 min read आइन आईन के मुहाफ़िज़ सड़को पे लड़ रहें हैं तालिब मुहब्बतों के तख्ती लिए खड़े हैं हर एक का वतन ये हर एक का चमन है हिन्दोस्तां के बुलबुल मशाले लिए... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 1 297 Share Simmy Hasan 23 Feb 2020 · 1 min read बाबा बस वही एक चेहरा है जाना पहचाना सा जो मेरी उम्र के साथ बदलता गया शदाबी से झुर्रियों तक पर मेरे लिए मुहब्बतों के रंग कभी मुर्झा न सके उस... Hindi · कविता 4 2 548 Share Simmy Hasan 15 Jun 2020 · 1 min read मन की गिरहें.. मन की गिरहें, यूँहीं नहीं बनती की हर गिरह का.. अपना दर्द है अपनी कहानी , और ये गिरहें इस तरह चुभती हैं , की छीन लेती हैं आंखों से... Hindi · कविता 4 2 481 Share Simmy Hasan 2 Nov 2020 · 1 min read ब्याहता एक आंसू गिरा आंखों से झर कर हृदय भीग गया था पर डर था आँचल का कोना भीग कर सवाल न खड़ा कर दे की स्त्री का मन भी कोई... Hindi · कविता 4 2 341 Share Simmy Hasan 18 Nov 2020 · 1 min read हँसती हुई औरतें हँसती हुई औरतें, बड़ी निर्लज्ज होती हैं। चूल्हा,चौका ,बर्तन.. घास, गाय, गोबर, उपले... यहाँ तक कि, देहरी की सांकल से बंधी, निकाल लेती हैं ; आज़ादी का एक क्षण, खुद... Hindi · कविता 4 470 Share Simmy Hasan 28 Jul 2021 · 4 min read कौन था? कहानी कोई पचास बरस पहले की है जब टेलीफोन और यातायात के साधन सिर्फ शहरों की शोभा बढ़ाते थे, गांवों में न बिजली के तार थे न बल्ब, ऐसी ही... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 4 6 489 Share Simmy Hasan 22 Mar 2018 · 1 min read पतंग डोर से नथी पतंग डोलती रहती है उंगलियो के इशारो पर कन्नी ,मंझा ,ढील इनमे उलझी हवाओ के चक्कर काटती डोर से नथी पतंग .... इतराती इठलाती पंछियो को भी... Hindi · कविता 3 589 Share Simmy Hasan 7 Apr 2018 · 1 min read समाज बिंदिया दीदी ने उसकी चूड़ियाँ तोड़ डाली, काकी ने उसका सिंदूर पोछा और बाकि बचे मांग के सिंदूर को धो डाला वो अवाक थी हत्प्रभ् जिसने कभी उसे पत्नी का... Hindi · लघु कथा 3 1 466 Share Simmy Hasan 12 Apr 2018 · 1 min read हे राम ! हे राम ! तुम्हारी सेना ने , कैसा अनर्थ कर डाला है ? जहाँ वास तुम्हारा होता है , वहाँ घोर पाप कर डाला है .. एक फूल सी बच्ची... Hindi · कविता 3 1 511 Share Simmy Hasan 14 Apr 2018 · 1 min read दर्द भी शर्मा जाए है इतना दर्द की दर्द भी शर्मा जाए इब्ने आदम बता हम बेटियां कहाँ जाएं इल्जाम किरदार का मुझ पे जो तुम लगाते हो गोद से छीन के मसली गई... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 1 413 Share Page 1 Next