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13 Sep 2020 · 1 min read

यहोवा

यहोवा!
मैंने स्वयं नहीं चुना था खुद को
न अभिलाषा थी किसी जीवन की
न चाहा यूँ खुद को घोंटते हुए जीना
की स्वयं को पल पल
मुरझाते हुए देखूं
अपना आप खुद को
कहीं दफ़नाते हुए देखूँ
तू झांकता कभी
मेरे हृदय के गहरे कुएं में
इतना अंधेरा, सीलन
और आत्मा की कराह
यहोवा!
कठपुतली होना आसान होता
पर इंसान होना वो भी अनचाहा??
कभी तुझे कोई मिले
जो मर गया हो खुद से
आत्महत्या कर
तो तू उसे दण्डित करने से पहले
एक बार वो जीवन जी कर देखना
जो मरने वाला छोड़ कर गया….

Language: Hindi
6 Likes · 2 Comments · 259 Views
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