Jaikrishan Uniyal 302 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Jaikrishan Uniyal 12 Nov 2025 · 1 min read इ मेल सुना हुआ था, मेल फिमेल, पर नहीं जानता, था मै इ मेल, पहली बार सुना जब मैंने, लगा भाई इनके क्या कहने, मैं तो अपनी फरियाद बता रहा था, वो... 147 Share Jaikrishan Uniyal 24 Oct 2025 · 1 min read वस्तु विनिमय का जमाना था जब वस्तु विनिमय का जमाना था, अपने अपने हुनर पर कमाना था, जिसकी जो आवश्यकता थी, वो वहीं जाता था, जो उसको बनाता था, अपना बनाया दे जाता था, और... 343 Share Jaikrishan Uniyal 21 Oct 2025 · 1 min read हे धामी रे, हे धामी रे, हे धामी रे, दिखण लगीं तेरी नाकामी रे, हे धामी रे, हे धामी रे, लगणी नौकरियों की निलामी, दिखी नी त्वै तैं या नाकामी होण लगीं छै... 347 Share Jaikrishan Uniyal 19 Oct 2025 · 1 min read अपने अपने दर्शन अपने अपने दर्शन में सिर्फ इतना है अंतर वो गये देव दर्शन को अपने अंरमन में, आ रही उलझन को, पूजा वंदन से सुलझाने, या फिर, मन मे उमड रही... 370 Share Jaikrishan Uniyal 4 Oct 2025 · 1 min read आदमी कहाँ हर आदमी सा ll प्रातः उठ कर करना प्राणायाम, फिर करना थोड़ा व्यायाम, पश्चात इसके शौचालय गमन, तत उपरांत दन्तमंजन, स्नान ध्यान पूजा वंदन, तब जलपान और फिर काम, होना तो था यह हर,... 341 Share Jaikrishan Uniyal 23 Sep 2025 · 1 min read अयांश मेरी विराशत का अग्रदूत, मेरे वंश का सबूत, मेरी विरासत का अग्रदूत, मेरे पूत का पूत, अयांशl मिली जो विरासत, क्या थी वो हसरत, बढता चले, यह कुनबा, मेरे बाद भी, इसी बहाने, कोई... 1 356 Share Jaikrishan Uniyal 18 Sep 2025 · 2 min read ये आपदा की मार , फिर हो गई एक बार, आपदा की मार, कुछ घर टूटे, कुछ हुए जमीं दोज, कुछ मे आई दरार, फिर हो गई एक बार आपदा की मार, सडकों का है... 767 Share Jaikrishan Uniyal 18 Aug 2025 · 1 min read द होय ग्या चुनाव! द होय ग्या चुनाव, पंचैत का, लपडा झपडा, चलना छा, प्रमुख और, जिलाध्यक्ष बणना का, खींचम खांच, चलनी थय, सदस्यों की खातिर, जूतम पैजार, होती थै, बोटू की खातिर, पुछ... 1 434 Share Jaikrishan Uniyal 6 Aug 2025 · 1 min read हे ईश्वर! प्रकृति जब रुठती है, तो आफत बन कर टूटती है, उत्तरकाशी के धराली में दिखा यह मंजर, लगा जैसे बिकराल हो गया हो समंदर! किए जा रहे थे हम दोहन... 1 367 Share Jaikrishan Uniyal 4 Jul 2025 · 1 min read मैं भी लड लूं पंचायत चुनाव! मैं भी लड लूं पंचायत चुनाव, इसी बहाने घुम लूं अपने गांव, देख लूं उन्हें फिर एक बार, करते रहे जो मुझसे प्यार, जब भी जाता उनके घर, खिला पिला... 1 442 Share Jaikrishan Uniyal 26 Jun 2025 · 1 min read बिजोग पड्यांन यी पचैंत चुनाव मा!(गढवाली बोली भाषा में) जब से घोषित होया ई पचैंत चुनाव, शुरु होइग्ये लोगू की अब कौं कौं, जू नी दिखेण्या था सालों साल, ऊ दिखण लग्या अब गांव गांव! जाणा छन वू हर... 463 Share Jaikrishan Uniyal 21 Jun 2025 · 1 min read गांवों में ग्राम पंचायत के चुनाव! सुनो सुनो, भाई मेरे सुनो, सुनो सुनो, बहन मेरी सुनो, आ गये गांव के चुनाव, चुननी है अपनी सरकार, जिसका रहे गांव से सरोकार, जो करती रहे गांव का विकास,... 397 Share Jaikrishan Uniyal 16 Jun 2025 · 1 min read विमान हादसा! दुःखद सूचना, मिली जानकारी, घटी दुर्घटना, हो गया विमान हादसा, अब दौर है जांच वांच का, एक कान से सूना,सुनाया, अफसोस जताया, और आगे कदम बढाया, बस इतना ही रह... 2 2 182 Share Jaikrishan Uniyal 12 Jun 2025 · 1 min read रिश्ते हो रहे तार तार! किस पर करें भरोसा, किस पर करें ऐतवार, कैसे बदल गया परिवेश, रिश्ते हो रहे तार तार! पिता मारने लगा बेटे को, बेटा कर देता पिता पर वार, माताएं भी... 266 Share Jaikrishan Uniyal 6 Jun 2025 · 2 min read क्या हुआ जो राफेल ना चला! क्या हुआ जो राफेल ना चला, खरीदने में हीलाहवाली से ही, एक सरकार चली गई, दूसरे ने आकर बात आगे तो बढाई, पर मात्रा में कर दि घटाई, कहाँ तो... 253 Share Jaikrishan Uniyal 31 May 2025 · 2 min read न्याय की देवी आँखें खोलो ! न्याय की देवी आँखें खोलो, आंख से पट्टी हटा के देखो , न्याय हो रहा है जांचो परखो, न्याय की देवी.................. क्यूँ बनी हो गांधारी, क्या ऐसी लाचारी, है यह... 158 Share Jaikrishan Uniyal 26 May 2025 · 1 min read क्षणिकाएं!:-1-बात का बतं -गड बनाने वाले! 1-विजय शाह, क्या कह गया, बीरबाला को, आतंकियों की, बहन बतलाया, और साथ में, मोदी को लपेट लिया, जिनके कहने पर, आतंकियों की ऐसी तैसी करायी, धीरे से धर्म की... 432 Share Jaikrishan Uniyal 24 May 2025 · 1 min read और कितनी बार कहेगा ट्रंप! अब तो कर लो ये इजहार, ट्रंप कह रहा है बार बार, मैंने ही तो रुकवाई वार, कर लो इसको तुम स्वीकार, यूंही तो कोई दावा नहीं करता, ठोस सबूत... 213 Share Jaikrishan Uniyal 20 May 2025 · 1 min read ट्रंप पा जाएंगे नोबल! पीछे छूटा वोकल लोकल, आगे बढ गया ग्लोबल, और सब देखते रह जाएंगे, ट्रंप पा जाएंगे नोबल! लगा हुआ है जंग रुकवाने , कोई माने चाहे ना माने, गर रुक... 181 Share Jaikrishan Uniyal 12 May 2025 · 1 min read युद्ध विराम! अमेरिकी राष्ट्रपति ने फरमाया, मैने भारत पाकिस्तान का युद्ध विराम कराया, फिर क्या था, विधिवत घोषणा करायी गई, जंग रुकवाई गई, सभी स्तब्ध रह गये, अभी तो शुरु हुवा था,... 217 Share Jaikrishan Uniyal 9 May 2025 · 2 min read आपरेशन सिंदूर! आपरेशन सिंदूर, तोडेगा गुरुर, नहीं हैं वे इतने दूर, छुप भी जाएं, अगर ये मगरुर, ढूंढ ढूंढ कर, चुन चुन कर, करेंगे इनके सपने चकनाचूर, प्रारंभ हो चुका है, आपरेशन... 238 Share Jaikrishan Uniyal 3 May 2025 · 2 min read जात ही पूछो साधू की! कभी यह युक्ति, कही जाती रही, जात ही पूछो साधू की, अब पूछी जायेगी, हम सबकी, आते जाते ही नहीं, बहसों में, वाद विवाद में, झगड़े फसाद में, अरे हां,... 195 Share Jaikrishan Uniyal 29 Apr 2025 · 2 min read कब तक करोगे हिन्दू मुस्लमान! बहुत हो चुका हिन्दू मुस्लमान, लग जाये अब इस पर विराम, खाली हाथों को दे दो काम, भाई चारे का कर दो इंतजाम, उठते बैठते, सोते जागते, खाते पीते आते... 326 Share Jaikrishan Uniyal 24 Apr 2025 · 2 min read गोल माल है सब गोल माल है !! हो गये होंगे तीस चालीस साल, बनी थी एक फिल्म गोल माल, है ना यह कमाल, आज मचा हुआ है यही धमाल, क्या कल्पना की थी यार, क्या था दिल... 214 Share Jaikrishan Uniyal 18 Apr 2025 · 2 min read दादू का पोते को पत्र! प्रिय पौत्र अयांश, चिंरजीवी का आशीष, हमारे दिल के अरमान, हमारी ढलती सांसों के प्राण, हम चले आये , बच्चे, तुम्हे बिन बताए, इस आशंका से घबराए, कि तुम आने... 272 Share Jaikrishan Uniyal 12 Apr 2025 · 2 min read यारी दोस्ती! नही है आसान, करना दोस्ती की पहचान, कहने को तो अक्सर, किसी को भी कहा जा सकता है दोस्त, किन्तु दोस्त की पहचान, होती है समयानुसार, दोस्ती बनाना, और दोस्ती... 259 Share Jaikrishan Uniyal 9 Apr 2025 · 2 min read गांधी जी के तीन बंदर! गांधी जी के तीन बंदर, संदेश छिपा था इनके अंदर, करो न किसी से अप्रिय बयानी, देखो ना किसी की अल्प नादानी, सुनो ना किसी की कटु कहानी,! गांधी जी... 364 Share Jaikrishan Uniyal 5 Apr 2025 · 2 min read नियति! नियति ले जाती है हमें कहाँ से कहाँ, है पता इसका हमें भी कहाँ, कब शुरु हुआ अपना जीवन, यह भी बताते हैं हम्हें अपने परिजन,! घर परिवार देखता है... 280 Share Jaikrishan Uniyal 2 Apr 2025 · 2 min read पच्चत्तर की दहलीज!! हमारी सनातन संस्कृति में, थी कुछ परंपराएं कुछ नियम, चार आश्रम और चार वर्ण, करते थे जिनका नित्य पालन! लेकिन अब हमने, बदल दिये हैं, अपने तौर तरीके और रहन... 222 Share Jaikrishan Uniyal 30 Mar 2025 · 2 min read विनम्रता का ह्रास और उदंडता का महिमा मंडन! कभी विनम्रता को, कहा जाता था आभुषण, और नम्रता को गुणों का खजाना, नम्र और विनम्र लोगों का किया जाता था, अभिवादन और अभिनंदन, समाज का हो वो कोई भी... 248 Share Page 1 Next