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मेरी जान तिरंगा
gurudeenverma198
क्या होता है पिता
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जी हाँ, मैं
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तेरा यह आईना
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नजर तो मुझको यही आ रहा है
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मैं वफ़ा हूँ अपने वादे पर
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करो नहीं किसी का अपमान तुम
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यही है मेरा ख्वाब मेरी मंजिल
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हो गई स्याह वह सुबह
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मुझसे तो होगा नहीं अब
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उम्मीद मुझको यही है तुमसे
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क्या रह गया है अब शेष जो
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दुःखडा है सबका अपना अपना
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हाँ, मैं ऐसा तो नहीं था
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मैं जा रहा हूँ साथ तेरा छोड़कर
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करोगे याद मुझको मगर
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हाँ, मैं कवि हूँ
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लगाये तुमको हम यह भोग,कुंवर वीर तेजाजी
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जय अन्नदाता
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हम वह मिले तो हाथ मिलाया
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सच एक दिन
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आप ऐसा क्यों सोचते हो
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तब मुझसे मत करना कोई सवाल तुम
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करो नहीं व्यर्थ तुम,यह पानी
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उस निरोगी का रोग
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ऐसा मैं सोचता हूँ
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इस तरहां ऐसा स्वप्न देखकर
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तोड़कर तुमने मेरा विश्वास
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क्यों कहाँ चल दिये
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चोरी चोरी छुपके छुपके
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कितनी बार लड़ हम गए
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चाहे मत छूने दो मुझको
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क्या कुछ नहीं है मेरे पास
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सच होता है कड़वा
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निभाता उम्रभर तेरा साथ
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क्या क्या कह दिया मैंने
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जय जय तिरंगा
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मेरे प्यारे देशप्रेमियों
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मुझको सन्तुष्टि इसी में है
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इसीलिए मेरे दुश्मन बहुत है
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तेरी जिन्दगानी तो
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विश्वास मुझ पर अब
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बता दूँगा तुमको
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अहसास होगा उस दिन तुमको
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एक अगर तुम मुझको
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तुम अगर हो पास मेरे
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अगर मेरे साथ यह नहीं किया होता तूने
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अ से अगर मुन्ने
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दिल में हमारे देशप्रेम है
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कहता नहीं मैं अच्छा हूँ
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