पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 210 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 22 Feb 2021 · 1 min read एक पहेली अष्टावक्र ने सर्व लोक से, बस एक सवाल ये पूछ लिया, आठो पहर पढ़ सप्त ऋषियों ने, वेदों से क्या सिख लिया। सारे अजूबे कलयुग में, शून्य आकाश से कैसे... Hindi · मुक्तक 2 1 508 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 22 Feb 2021 · 1 min read अग्निपरीक्षा आस करी थी प्यार की पर, वह विश्वास भी भली रही! हर युग, हर काल में केवल, क्यों ये नारी ही छली गयी!! मर्यादा की मर्यादित संगनी, अग्निपरीक्षा में जली... Hindi · कविता 2 2 275 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 22 Feb 2021 · 1 min read हिंदी अपनी पहचान रहे सूट बूट टाई बेल्ट लगा, गिट पिट गिट पिट बोलने वाले। क्या जाने पगड़ी की मर्यादा, सबको धन से तोलने वाले।। सब भाषा थी एक समान पर, अंग्रेजी को दर्जा... Hindi · कविता 1 546 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 22 Feb 2021 · 1 min read मैं फौजी सह हूँ एक कवि मैं फौजी सह हूँ एक कवि जो सही गलत सब कह जाता हूँ सच को सच कहने से न डरता बस बातें गलत न सह पाता हूँ मैं कविताओ में... Hindi · कविता 1 283 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 22 Feb 2021 · 1 min read चुम्बन के वादे "वेलेंटाइन डे" और "किस डे" रूपी वासना के "साप्ताहिक उत्सव" के विरुद्ध "एक रचना" वो गुलाबी शबाबी संग चुम्बन के वादे, है केवल आशनाई इसे प्रीत कहते नहीं। आशिकी के... Hindi · कविता 2 1 333 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 22 Feb 2021 · 1 min read फ़रेब जीवन चक्र विसात पर, रहे नही खुशहाल। ऐसा मनुज नराधमी, चले फरेबी चाल।। चले फरेबी चाल, मंद मंद मुस्काय। मोल तोल व्यापार, अपनी अकल लगाय।। कहे चिद्रूप कविराय, करें अब... Hindi · कुण्डलिया 2 301 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 22 Feb 2021 · 1 min read बन गए नेता बाँटते हैं घूम घूम, वह दारू व मुर्गा। कहीं जिमते इफ्तारी, कहीं पूजे दुर्गा।। कहीं पूजे दुर्गा, फिर महिषासुर कहाते। माँ बहन बेटी तक, की आबरू छल जाते।। बन गए... Hindi · कुण्डलिया 1 294 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 22 Feb 2021 · 1 min read आज एक मुसाफिर, गांव चला। धूमिल धूसरित, धूल उड़ाता। कुछ धुंधली, तस्वीर बनाता।। कुछ बिखरी बिछड़ी यादों के। मधुर उमंगे, दिल मे सजाता।। मन छोड़ शहर की, ताव चला। आज एक मुसाफिर, गांव चला।। जब... Hindi · कविता 1 269 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 22 Feb 2021 · 1 min read गर्मा गर्म चरचे राजनीति के गर्मा गर्म चरचे कौन जमाया कौन है खरचे ईसकी धोती उसकी लँगोटी धोते अंधभक्त व बहरे चमचे खुद की न धोये औरो को तोले अपनी छुपा बस दूजे... Hindi · कविता 1 359 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 22 Feb 2021 · 1 min read मेरे गाँव का मौसम! गज़ब का ढंग दिखाने लगा, मेरे गाँव का मौसम। शहर के रंग रंगाने लगा, मेरे गाँव का मौसम।। यूँ अंधी दौड़ में विकास को, बिन जाने पहचाने। काट कर पेड़... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 564 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 22 Feb 2021 · 2 min read हिंग्लिश में कविता (भोजपुरी) इंग्लिश वींग्लीश के चक्कर में, मोर बहुते दिमाग झन्नाईल बा। लिखले रहली हिंदी में कविता, ऊ हिंग्लिश में छपाईल बा।। बन तू- तू, मैं- मैं यु एंड आई, जब आप... Bhojpuri · कविता 1 307 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 20 Feb 2021 · 2 min read पुलवामा शहादत करना माफ तू मुझको प्रिये, मैं वादा पूरा कर न सका। प्रेम दिवस पर आ कर, तुझको अंको में भर न सका।। निकला तो था आने को पर, कुछ पिल्लों... Hindi · कविता 1 6 352 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 1 Feb 2021 · 1 min read कुछ ख़त मोहब्बत के कुछ ख़त मोहब्बत के, जब मिले किताबों में। दिल ढूँढने बैठ गया, तुम्हे उन्ही लिफाफों में। धड़कन की हलचल भी, चल दिये शिताबो में।। कुछ ख़त मोहब्बत के, जब मिले... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 20 115 960 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 15 Dec 2020 · 1 min read बैरी कोरोना! कितनो के घर बिखर गये, जाने कितने अपनो से दूर हुए। इस बैरी कोरोना के खातिर, हम सब कितने मजबूर हुए।। बन्द हुआ कहीं आना जाना, कहीं पक्का रिश्ता टूट... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 26 97 951 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 11 Dec 2020 · 1 min read मरने का मन करता है! समझ में आता नही मुझे, उसकी बेरुखी का कारण। अब ये गलती है किसकी, यह अक्सर मुझे अखरता है।। पहले खीज कर देखती थी, तो जान सूख जाती थी। अब... Hindi · कविता 3 4 581 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 11 Dec 2020 · 1 min read वो दौर चिट्ठियों वाली !! हँसना रोना होता पन्नो पे, क्या वह भी समय निराली थी। कैसे कहूँ कि कितनी सुहानी, वो दौर चिट्ठियों वाली थी।। भाव गढ़े जाते थे कलम से, करती कागज़ रखवाली... Hindi · गीत 2 2 357 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 27 Nov 2020 · 1 min read दुनियादारी जबतक चोर गए न पकड़े, तबतक सजी साहूकारों सी मंडी। दिल कहता अब छोड़ बावरे, दुनियादारी हुई पाखंडी।। चुन के लाये जो गाय सरीखी, निकली है वह भी मरखण्डी। दिल... Hindi · कविता 1 2 372 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 13 Nov 2020 · 1 min read आखरी पाती आज सिर्फ उनके लिए ही, यह गीत लिखूँगा, आखरी पाती में भी उनको, मनमीत लिखूँगा। जिनके फैसलो का मैं, मान रखता रहा सदा, उस फैसलो से हुई हार को भी,... Hindi · कविता 2 4 532 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 11 Oct 2020 · 1 min read ज़िन्दगी ज़िन्दगी गर तुम हमकदम, होती तो क्या बात थी। मेंरे ख़यालो कि बन सनम, होती तो क्या बात थी।। ना क़दर बन कर भी तुम, चाहती मुझको हमेशा। बेक़दर सी... Hindi · कविता 2 2 292 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 17 Sep 2020 · 1 min read दर्द ये दर्द तेरा जबसे खुल कर, मेरे सीने मे पलने लगा। मेरे सुकूं का जाम क्यों, नज़रों मे तेरे खलने लगा।। ले बना एक जाम तू, मुझ खातिर भी साकी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 414 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 7 Aug 2020 · 1 min read करने संधान उठो! हे आर्यसुत चेत जरा लो अब संज्ञान उठो, हो तुम राम के वंशज कर यह ध्यान उठो। रहे एक हाथ शास्त्र तो हो दूजे हाथ शस्त्र, कि रिपु भ्रष्ट जनों... Hindi · कविता 4 4 347 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 24 Jun 2020 · 2 min read कभी हम पर भी ! कभी हम पर भी थी चढ़ी आशिकी, खूब जवानी आयी थी। एक खास मोहिनी सूरत वाली, हमको भी कभी भायी थी।। नुक्कड़ वाला चाय का टपड़ा, जहाँ अड्डा अपना भारी... Hindi · कविता 3 2 522 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 18 Jun 2020 · 2 min read तुझमे है कितना गरल शेष अब कायरता का पाठ पढ़ा कर, जन जनता में न भरो क्लेश। अरे क्षमा करने वाले भुजंग कह, तुझमे है कितना गरल शेष।। माना युद्ध नही है अंतिम द्योतन, यह... Hindi · कविता 3 2 473 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 8 Jun 2020 · 1 min read एक पाती प्रिये ! तुम्हारी हसरतों का पैगाम, इन हवाओं से कल ही मिला। नाराज़ हो तुम उस पर लिखा था, ऐसे कब तलक रह पाओगी।। देखना चाहती हो मेरी झलक, तो... Hindi · कविता 4 441 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 28 May 2020 · 1 min read जायें तो जायें हम कहाँ जायें तो जायें हम कहाँ जरा उसका पता दिजिए। ज़ख्म हज़ारों दिए है अब दवा भी बता दिजिए।। अब आँखों में नींद नही रहा दिल में भी चैन कहाँ। काहें... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 250 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 23 May 2020 · 1 min read सुख के साथी! सुख की चाशनी दूर तलक, रहती खुशबू महकाये। सुख के साथी भवरें से, देख बिपद को टर जाये।। कौन मोल ले जोर झमेले, हानी लाभः जो तकते हों। बिना लोभ... Hindi · कविता 1 334 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 1 May 2020 · 1 min read फिर कभी करना! (वज़्न :- 1222 1222 1222 1222) अगर मुझसे शिकायत है, शिकायत फिर कभी करना। नहीं फुर्सत अभी मुझको, जसारत फिर कभी करना।। अभी दरवेश सा मुझको, भटकने की रही चाहत।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 539 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 23 Mar 2020 · 1 min read पानी! खुदगर्जी को न समझो तुम, शान का पानी। मददगार बनो कि हरसू रहे, आन का पानी।। क्यों बने मोहताज कि मिले, सम्मान का पानी। आज के माहौल ने है बदला,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 302 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 23 Mar 2020 · 1 min read रेत के महल रेत के जो महल बनाई थी हमने, न पता था उसको ढहना है! जानता था न मैं कि एक दिन, भीच लब को ये गम सहना है!! आरज़ू क्या थी,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 534 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 23 Mar 2020 · 1 min read छलावा मेरे जज्बातों के सागर में क्या, डुबकी लगाओगे। की अंदर गहरे तक जा पैठ, मोती ढूंढ लाओगे।। बुरा हूँ मैं कहा तूने, तो होगा ये भी सही लेकिन। बिना ढूढे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 285 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 20 Mar 2020 · 1 min read संकल्प ले हम.......! संकल्प ले हम....... सजगता और सतर्कता का बेवजह न हम बाहर जाये हर जरूरी काम को अब घर मे रहकर ही निपटाये संकल्प ले हम....... 60 से 65 के बुजुर्गों... Hindi · कविता 1 565 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 19 Mar 2020 · 1 min read #कोरोना कोरोना, कोरोना, अब कहो ना करोना। है कैसे बचना बचाना, जरा यह सुनोना।। नही कोई दहशत, बस सावधानी रखोना। दूर अफवाहों के गर्म, बाजारों से हटोना।। कोरोना, कोरोना, अब कहो... Hindi · कविता 1 344 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 18 Mar 2020 · 1 min read कोरोना कर न सकेगा! डरने की नही बात है साथी, बात है ये सावधानी की। फिर चाहे हो कोई कोरोना, कर न सकेगा मनमानी जी।। क्या क्या करें, और क्या न करें, समझो इसे... Hindi · कविता 1 429 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 18 Mar 2020 · 1 min read कोरोना डरने की कोई बात नही है, करते बात सावधानी की। फिर चाहे हो कोई करोना, कर न सके मनमानी जी।। खांसते, छींकते रखे रुमाल, धोएं हाँथ साबुन पानी से। अल्कोहल... Hindi · गीत 1 311 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 12 Mar 2020 · 1 min read क्यों सिर्फ शहादत.. हम भावुक क्यों हो जाते हैं, सुनकर फौजी के नाम से। हम गर्व नही क्यों कर पाते, फौजी के साहसी काम से।। क्यों कष्ट करे माँ मेरी तू रो कर,... Hindi · कविता 2 355 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 12 Mar 2020 · 1 min read मेरी चाहत ! इस सीने में धड़कन बनकर, धड़क रहा दिल जब से है। अपनी भी हो एक माशूका यही, चाहत मेरी तब से है।। माना कि हम है एक फौजी, धरम जुदा... Hindi · कविता 1 355 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 3 Mar 2020 · 1 min read पागल!! सुना है, पागलो की बातें, समझ में ही नही आता है। जानता हुँ, नासमझ को ही, यहाँ पागल कहा जाता है।। -:- सोचो समझदार कौंन, जिसे पागल कहा जाता। या... Hindi · मुक्तक 3 523 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 3 Mar 2020 · 1 min read वो इज़्ज़त रास नही मुझको! वो इज़्ज़त रास नही मुझको, भले ही भीख में स्वर्ण कटोरा हों। वो इज़्ज़त रास नही मुझको, बेच इज़्ज़त को जिसे बटोरा हो।। तलवे चाटने को तो तुमने, उतार सोने... Hindi · कविता 2 434 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 3 Mar 2020 · 1 min read है रूह थक गया! तुमने जलते दिए, क्यों फिर बुझा दीये, अभी तो बचा रात का, लम्हा बहोत है।। गुफ्तगू कर लो हमसे, सिर्फ सहर तक, आज कल हम कसम से, तन्हा बहोत हैं।।... Hindi · कविता 3 398 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 3 Mar 2020 · 1 min read ख़ामोशी खामोशी भी कुछ कहती है, सिर्फ अंदाज़ जुदा होता है। सुनाई देता नही कानों से, वह अल्फ़ाज़ जुदा होता है।। कलम खामोशी से कुछ कहेगा, कुछ शब्दों में छूपा लेगा।... Hindi · कविता 1 237 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 3 Mar 2020 · 2 min read रसों में रस बनारस है ! बना रस है बना रस है, बनारस ही तो बना रस है।। ठाट-बाट हर घाट-घाट में, घोटम-घोट छना रस है। सटासट है फटाफट है, राजा रगों में बसा बनारस है।।... Hindi · कविता · गीत 2 366 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 3 Mar 2020 · 1 min read अपना संस्कृति स्वागत है ऐ पच्छिम वालो, तुमसे अपना कोई बैर नही। तुमने जो छीनी संस्कृति हमारी, तो कसम से तुम्हारी खैर नही।। तुमने जो कहा हम खलनायक, हमको बिज्ञान का ज्ञान... Hindi · कविता 1 261 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 3 Mar 2020 · 1 min read रंगमंच है ये दुनिया तो एक रंगमंच, लगा रहता जहाँ आना जाना। अपने अपने जगह सभी को, है नए नए किरदार निभाना।। कोई यहाँ बिख्यात हो गया, तो कोई ज़ालिम है... Hindi · कविता 1 528 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 3 Mar 2020 · 1 min read काग़ज़ी रिश्ते हमने तो काग़ज़ की नाव से ही, जीवन संघर्ष को सिखा था। याद है बचपन मे सबसे पहले, काग़ज़ पर हाँथी दिखा था।। फिर लिख पढ़ काग़ज़ से ही, हमने... Hindi · कविता 1 2 208 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 3 Mar 2020 · 1 min read तुम वसंत तुम वसंत मेरे बन आये, फिर सूखी बगिया में फूल खिलाए। तुम बिन था जीवन पतझड़, दिल की कली भी थे मुरझाए।। चाह न बाकी, राह न बाकी, नीरस सा... Hindi · कविता 1 359 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 3 Mar 2020 · 1 min read औक़ात हम तपा, जला, काया अपना, तुझे हरकत की, ताक में देखें है। ओ सरहदी गुंडे, हमने तुझको, छिपते दर्रो की, फाँक में देखें हैं।। अरे कायर तूँ हमे, क्या डरायेगा,... Hindi · कविता 1 237 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 3 Mar 2020 · 1 min read हम न पूछेंगे।। तुम्हारे लहज़े हैं कितने मुदस्सर, हम न पूछेंगे, क्यों नज़रें फेर कर बैठे हो हमसे, हम न पूछेंगे। कभी भी बोल सकते हो, वहम यह पाल रखा है, मगर है... Hindi · कविता 1 211 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 3 Mar 2020 · 1 min read एक सिपाही मैं भांड नही जो चौराहों पर, दरबारी राग सुनाऊँगा! मैं एक सिपाही भारत का, शब्दों के फ़ाग उड़ाऊँगा!! मैं गाऊँगा बलिदानों को, बर्छी, भाले, तीर कटारों को! बन्दूको के गोली... Hindi · कविता 1 246 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 2 Mar 2020 · 1 min read अपना किरदार गढ़ो।। कर मेहनत कर्तब के पथ, अब नव उन्नति रोज चढो। किसी के जैसा बनना छोड़ो, तुम अपना किरदार गढ़ो।। सुख दुख जीवन पल डरना क्या? चल चला पथिक थमे रहना... Hindi · कविता 1 263 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 2 Mar 2020 · 1 min read कह क्या लिख दूँ ? खाली शब्द उकेरने बैठा, कुछ लिखना चाहूँ क्या लिख दूँ। इस जीवन के उथल पुथल से, कौन सा पल सूना लिख दूँ।। उस नाविक सी हालत मेरी, जो बीच समंदर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 353 Share Previous Page 2 Next