VINOD CHAUHAN Language: Hindi 333 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next VINOD CHAUHAN 5 May 2024 · 1 min read गंगा से है प्रेमभाव गर गंगा से है प्रेमभाव गर अरे गंगा को मन में उतार लो शुद्ध कर्म अपनाकर सारे गंगा अपने मन में धार लो गंगा से है प्रेमभाव गर............... क्या होगा गंगा... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · कविता 2 106 Share VINOD CHAUHAN 5 May 2024 · 1 min read शराफत नहीं अच्छी शराफ़त नहीं ये अच्छी गुमनाम ही रहने दो लियाकत नहीं ये अच्छी गुमनाम ही रहने दो हर आदमी के दिल में लौ प्यार की जलती है मोहब्बत नहीं है अच्छी... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · कविता 1 80 Share VINOD CHAUHAN 5 May 2024 · 1 min read इस पार मैं उस पार तूँ दो किनारे दरिया के हूँ इस पार मैं उस पार तूँ दोनों का बस एक हाल है हूँ बेकरार मैं बेकरार तूँ एक हवा का झौंका आया दे गया संदेशा... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · कविता 1 84 Share VINOD CHAUHAN 5 May 2024 · 1 min read मुकद्दर तेरा मेरा एक जैसा क्यों लगता है मुकद्दर तेरा मेरा एक जैसा क्यों लगता है सूना घर तेरा मेरा एक जैसा क्यों लगता है तुम भी हो अकेले और हम भी हैं अकेले ये तन्हाई का घेरा... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · कविता 85 Share VINOD CHAUHAN 5 May 2024 · 1 min read तोड़ डालो ये परम्परा तोड़ डालो ये परम्परा छोड़ दो भगवान को माँ, बेटी और बहन को हर घड़ी सम्मान दो माँ, बेटी और बहन को.......... है कहाँ भगवान,किसने देखा है भगवान को है... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 91 Share VINOD CHAUHAN 5 May 2024 · 1 min read मेरी फितरत ही बुरी है न नियत ही बुरी है मेरी न हसरत ही बुरी है पर लोग समझते हैं मेरी फितरत ही बुरी है पर लोग समझते हैं.......... मैं बोलता हूँ सच जो होता... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · कविता 1 99 Share VINOD CHAUHAN 5 May 2024 · 1 min read मेरी फितरत तो देख मैं लड़खड़ा के यूँ चलता हूँ मेरी किस्मत ना देख मैं गिर-गिर के सम्भलता हूँ मेरी फितरत तो देख मैं गिर-गिर के सम्भलता हूँ....... जीवन के इन रास्तों में, डग-डग... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · कविता 1 74 Share VINOD CHAUHAN 5 May 2024 · 1 min read जिंदगी तेरे सफर में क्या-कुछ ना रह गया जिंदगी तेरे सफर में क्या-कुछ न रह गया कहीं ख्वाब रह गए कहीं अरमान रह गया जिंदगी तेरे सफर में........... बचपन था खुशनुमा वो खुशियाँ बटोरते थे प्रवाह नहीं थी... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · कविता 1 90 Share VINOD CHAUHAN 4 May 2024 · 1 min read ना रहीम मानता हूँ ना राम मानता हूँ ना रहीम मानता हूँ मैं, ना ही राम मानता हूँ कर्म ही बड़ा है इसीलिए,मैं बस काम जानता हूँ धर्म मजहब के नाम पर, सदाचार खो रहे हो जानते हो... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · कविता 2 107 Share VINOD CHAUHAN 4 May 2024 · 1 min read मैं सोचता हूँ कि आखिर कौन हूँ मैं मैं सोचता हूँ कि आखिर कौन हूँ मैं अपने ही सवालों से बस मौन हूँ मैं बचपन से जवानी खयालों में गुजरी हर घड़ी देखो बस सवालों मैं गुजरी डूबा... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · कविता 1 97 Share VINOD CHAUHAN 4 May 2024 · 1 min read मैं भी साथ चला करता था मैं भी साथ चला करता था, अब मेरी मजबूरी देखो जिनके साथ रहा करता था, आज उन्हीं से दूरी देखो मैं भी साथ चला करता था............... जिनके काम किए हैं... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · कविता 2 98 Share VINOD CHAUHAN 4 May 2024 · 1 min read सत्य की खोज अधूरी है मंदिर में ना तो राम मिला मस्जिद में ना रहमान मिला ईसा मिला ना गिरजाघर में सत्य की खोज अधूरी है सत्य की खोज अधूरी है.......... वो स्वर्ग कहाँ किसने... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · कविता 1 114 Share VINOD CHAUHAN 4 May 2024 · 1 min read बीज अंकुरित अवश्य होगा जीवन की सच्चाई समझो क्यों फिरते हो नादान बने बीज अंकुरित अवश्य होगा पर पुनर्जन्म नहीं होगा कब सुखे पेड़ हैं हरे हुए कहाँ लहराए पौधे मरे हुए ये सत्य... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · कविता 1 88 Share VINOD CHAUHAN 4 May 2024 · 1 min read हाय वो बचपन कहाँ खो गया ख्वाबों ख्यालों का जहाँ सो गया हाय वो बचपन कहाँ खो गया ढूंढता हूँ बहुत मैं आज कोने कोने नही मिल रहे मिट्टी के वो खिलौने हर कोई वस अब... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · कविता 1 96 Share VINOD CHAUHAN 4 May 2024 · 1 min read चलो जिंदगी का कारवां ले चलें कुछ जमीं ले चलें कुछ आस्माँ ले चलें चलो जिंदगी का कारवाँ ले चलें न देखें है कौन कैसा यहाँ सभी इस जहां के हैं सबका जहाँ प्रेम सद्भाव सबके... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · कविता 1 97 Share VINOD CHAUHAN 4 May 2024 · 1 min read तेरा मेरा खुदा अलग क्यों है खाक मुझको भी होना है खाक तुझको भी जरा ये तो बता तेरा-मेरा खुदा अलग क्यों है ख़ाक मुझको भी होना है............ मैं हिन्दू हूँ तूँ मुस्लिम है बता कहाँ... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · कविता 1 98 Share VINOD CHAUHAN 4 May 2024 · 1 min read सुना है हमने दुनिया एक मेला है सुना है हमने दुनिया एक मेला है तो हर आदमी दिखता क्यों अकेला है भला कैसे ये दुनिया एक मेला है--सुना है हमने लोग भीड़ में भी अकेले नजर आते... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · कविता 1 93 Share VINOD CHAUHAN 4 May 2024 · 1 min read दो वक्त के निवाले ने मजदूर बना दिया बेरोजगारी ने शिक्षित को मजबूर बना दिया दो वक्त के निवाले ने मजदूर बना दिया सोचता हूँ आज क्यों दब गई आवाज रुठी कलम नाराज हमसे कायदा हुआ शिक्षित होना... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · कविता 1 60 Share VINOD CHAUHAN 4 May 2024 · 1 min read जब काँटों में फूल उगा देखा जीवन में एक नई राह मिली जब काँटों में फूल उगा देखा जीवन में एक नई चाह दिखी जब काँटो में फूल खिला देखा ना उगता बबूल मरूस्थल में तो... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · कविता 2 82 Share VINOD CHAUHAN 4 May 2024 · 1 min read परछाईयों की भी कद्र करता हूँ अरे अपनों की तो बात ही क्या मैं गैरों से मोहब्बत करता हूँ सच कहता हूँ इंसान तो क्या मैं परछाइयों की भी कद्र करता हूँ जग से भी क्या... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · कविता 2 81 Share VINOD CHAUHAN 4 May 2024 · 1 min read लो फिर गर्मी लौट आई है लो फिर गर्मी लौट आई है मन में वो यादें घिर आई हैं--लो फिर हर घर में मटकों का पानी दलिया रबड़ी सबको खानी बड़े बुजुर्गो की बात सयानी आज... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · कविता 1 112 Share VINOD CHAUHAN 4 May 2024 · 1 min read आज बगिया में था सम्मेलन आज बगिया में था सम्मेलन फूलों का और कलियों का लिए शिकायत खड़े हुए थे सब अपनी मंडलियों का कमल सुने फूलों की दूविधा दूर खड़ा हो पानी में तितली... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · कविता 1 2 117 Share VINOD CHAUHAN 4 May 2024 · 1 min read मेघों का इंतजार है मेघों का इंतजार है हाँ मेघों का इंतजार है तपन भी है और जलन भी है मिलन की वही एक लगन भी है चाहत है दरकार है--मेघों का इंतजार है... Poetry Writing Challenge-3 · V9द चौहान · कविता 1 84 Share VINOD CHAUHAN 2 May 2024 · 2 min read मैं प्रगति पर हूँ ( मेरी विडम्बना ) मैं प्रगति पर हूँ आदम से आदमी बन गया हूँ प्राचीन से आधुनिक बन गया हूँ ना मानवता की फिक्र मुझे ना प्रकृति की फिक्र मुझे मैं मनमानी करता हूँ... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · V9द चौहान · कविता 1 2 132 Share VINOD CHAUHAN 28 Apr 2024 · 1 min read नज़र बचा कर चलते हैं वो मुझको चाहने वाले सो सो बार रुलाते हैं आज मुझको हँसाने वाले नज़र बचा कर चलते है वो मुझको चाहने वाले दिल अगर रोता है हमारा तो वो मुस्कुराते हैं दिल बहलाना है... Hindi · V9द चौहान · ग़ज़ल 1 135 Share VINOD CHAUHAN 28 Apr 2024 · 1 min read तेरी यादों के सहारे वक़्त गुजर जाता है तेरी यादों के सहारे वक़्त गुजर जाता है याद आती है तुम्हारी तो दिल भी मुस्कुराता है माना दूरियां हो चली हैं अ सनम तुमसे हर लम्हा तुम्हारा ही अह्सास... Hindi · V9द चौहान · ग़ज़ल 1 88 Share VINOD CHAUHAN 6 Apr 2024 · 1 min read हाय वो बचपन कहाँ खो गया ख्वाबों ख्यालों का जहाँ सो गया हाय वो बचपन कहाँ खो गया ढूंढता हूँ बहुत मैं आज कोने कोने नही मिल रहे मिट्टी के वो खिलौने हर कोई वस अब... Hindi · V9द चौहान · कविता 2 171 Share VINOD CHAUHAN 6 Apr 2024 · 1 min read चलो जिंदगी का कारवां ले चलें कुछ जमीं ले चलें कुछ आस्माँ ले चलें चलो जिंदगी का कारवाँ ले चलें न देखें है कौन कैसा यहाँ सभी इस जहां के हैं सबका जहां प्रेम सद्भाव सबके... Hindi · V9द चौहान · कविता 1 149 Share VINOD CHAUHAN 6 Apr 2024 · 1 min read मैं इन्सान हूँ यही तो बस मेरा गुनाह है मैं इन्सान हूँ यही तो बस मेरा गुनाह है मैं नादान हूँ यही तो बस मेरा गुनाह है खुदा ने खूबसूरत है दुनिया बनाई मुबारक खुदा को ये उसकी खुदाई... Hindi · V9द चौहान · कविता 1 98 Share VINOD CHAUHAN 27 Mar 2024 · 1 min read वो तेरा है ना तेरा था (सत्य की खोज) अरे! वो तेरा है ना तेरा था ना तेरा वो कभी होगा सवेरा है ये दो पल का अंधेरा भी कभी होगा भ्रम है ये जी रहा जिसमें छोड़ इस... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · V9द चौहान · कविता 3 105 Share VINOD CHAUHAN 24 Mar 2024 · 1 min read आई होली आई होली आई होली आई होली रंग प्यार के लाई होली आई होली आई होली रंग प्यार के लाई होली बच्चे भर-भर पिचकारी मारें बीच रास्ते सब गुब्बारे मारें मस्ती के पल... Hindi · V9द चौहान · कविता 1 107 Share VINOD CHAUHAN 19 Mar 2024 · 1 min read बीज अंकुरित अवश्य होगा (सत्य की खोज) जीवन की सच्चाई समझो क्यों फिरते हो नादान बने बीज अंकुरित अवश्य होगा पर पुनर्जन्म नहीं होगा कब सुखे पेड़ हैं हरे हुए कहाॅ॑ लहराए पौधे मरे हुए ये सत्य... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · V9द चौहान · कविता 3 162 Share VINOD CHAUHAN 18 Mar 2024 · 1 min read सत्य की खोज अधूरी है मंदिर में ना तो राम मिला मस्जिद में ना रहमान मिला ईसा मिला ना गिरजाघर में सत्य की खोज अधूरी है वो स्वर्ग कहाॅ॑ किसने देखा कहां इंद्रलोक है ज्ञात... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · V9द चौहान · कविता 7 176 Share VINOD CHAUHAN 18 Mar 2024 · 1 min read अटल सत्य मौत ही है (सत्य की खोज) जबसे मानव ने जन्म लिया देखो तबसे ही भटक रहा जीवन की विहंगम राहों में मिला नहीं सत्यसार मगर बचपन में खेला खूब सुनो सपने ही सपने थे ऑ॑खों में... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · V9द चौहान · कविता 4 138 Share VINOD CHAUHAN 16 Mar 2024 · 1 min read मैं सोचता हूँ आखिर कौन हूॅ॑ मैं मैं सोचता हूँ कि आखिर कौन हूँ मैं अपने ही सवालों से क्यों मौन हूँ मैं बचपन से जवानी खयालों में गुजरी हर घड़ी देखो बस सवालों मैं गुजरी डूबा... Hindi · V9द चौहान · कविता 1 125 Share VINOD CHAUHAN 16 Mar 2024 · 1 min read तेरी इबादत करूँ, कि शिकायत करूँ कोई रास्ता दिखा, मेरे खुदा मैं क्या करूॅ॑ तेरी इबादत करूॅ॑, या तो शिकायत करूॅ॑ पूछता हूँ तुझी से अब, बता मैं क्या करूँ तेरी इबादत करूॅ॑, या तो शिकायत... Hindi · V9द चौहान · कविता 1 150 Share VINOD CHAUHAN 16 Mar 2024 · 1 min read ना रहीम मानता हूँ मैं, ना ही राम मानता हूँ ना रहीम मानता हूँ मैं, ना ही राम मानता हूँ कर्म ही बड़ा है इसीलिए, मैं बस काम जानता हूँ धर्म मजहब के नाम पर, सदाचार खो रहे हो जानते... Hindi · V9द चौहान · कविता 1 130 Share VINOD CHAUHAN 11 Mar 2024 · 1 min read अब मेरी मजबूरी देखो मैं भी साथ चला करता था, अब मेरी मजबूरी देखो जिनके साथ रहा करता था, आज उन्हीं से दूरी देखो मैं भी साथ चला करता था............. जिनके काम किए हैं... Hindi · V9द चौहान · कविता 1 104 Share VINOD CHAUHAN 11 Mar 2024 · 1 min read पति मेरा मेरी जिंदगी का हमसफ़र है वो साथ है तो फिर मुझे क्या फिक्र है पति मेरा मेरी जिंदगी का हमसफ़र है पति मेरा मेरी जिंदगी का ............ लग्न हुआ तो उनके खयाल देखने लगी नव... Hindi · V9द चौहान · कविता 1 129 Share VINOD CHAUHAN 22 Feb 2024 · 1 min read उस रावण को मारो ना राम मिलेगा खुद के अंदर गुण हृदय में धारो ना जो बैठा है मन के अंदर उस रावण को मारो ना---जो ढूंढ रहे हो मंदिर मंदिर राम नाम की रटते... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 2 110 Share VINOD CHAUHAN 22 Feb 2024 · 1 min read मैं तो हमेशा बस मुस्कुरा के चलता हूॅ॑ मैं तो हमेशा बस मुस्कुरा के चलता हूॅ॑ गम हो कोई तो भी गुनगुना के चलता हूॅ॑ मैं तो हमेशा बस.......... जिंदगी में चाहे अनगिनत सवाल रखता हूॅ॑ कोई खफा... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 1 131 Share VINOD CHAUHAN 22 Feb 2024 · 1 min read हमने किस्मत से आंखें लड़ाई मगर हमने किस्मत से आंखें लड़ाई मगर लोग किस्मत का मारा समझने लगे हमने औरों को मंजिल दिखाई मगर लोग हमको बंजारा समझने लगे--हमने किस्मत से दुनिया को था भ्रम टूट... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 1 108 Share VINOD CHAUHAN 22 Feb 2024 · 1 min read जब दादा जी घर आते थे सबके ह्रदय खिल जाते थे जब दादा जी घर आते थे--जब दादा जी छाता लेकर घर से जाना थैला लेकर घर में आना हमें देखकर बस मुस्काते थे--जब दादा जी... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 2 203 Share VINOD CHAUHAN 22 Feb 2024 · 1 min read दादी माॅ॑ बहुत याद आई सपने में दी आज दिखाई दादी माॅ॑ बहुत याद आई---दादी माॅ॑ सपनों में जब कभी आती है जैसे कि रूबरू हो जाती है बहुत देर वह बतियाती है फिर खो... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 1 165 Share VINOD CHAUHAN 22 Feb 2024 · 1 min read बचपन में थे सवा शेर बचपन में थे सवा शेर जो यौवन आते वो शेर हो गए सच्चाई इन शेरों की सुनिए शादी होते सब ढ़ेर हो गए---बचपन में जानें कैसा जीवन आया भूले अपना... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 1 136 Share VINOD CHAUHAN 22 Feb 2024 · 1 min read बचपन याद बहुत आता है बचपन याद बहुत आता है आज भी मन में मुस्काता है बचपन याद जिद्द करना वो कसमें वायदे मचल आती बचपन की यादें बीता पल यूॅ॑ महक जाता है बचपन... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 171 Share VINOD CHAUHAN 21 Feb 2024 · 1 min read सबसे प्यारा माॅ॑ का ऑ॑चल सबसे प्यारा माॅ॑ का ऑ॑चल सबसे न्यारा माॅ॑ का ऑ॑चल जहाॅ॑ मिले ममता की छाया होता है वह माॅ॑ का ऑ॑चल--सबसे प्यारा हर दुविधा में माॅ॑ का ऑ॑चल हर पीड़ा... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 1 104 Share VINOD CHAUHAN 21 Feb 2024 · 1 min read जिस नारी ने जन्म दिया जिस नारी ने जन्म दिया उसकी कोंख लजाते क्यों जिस ऑ॑चल में बचपन बीता उसी से मुॅ॑ह छिपाते क्यों जिस नारी ने जन्म दिया............... शर्म हया काफूर हुई सब लाज... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 2 128 Share VINOD CHAUHAN 21 Feb 2024 · 1 min read हर तरफ खामोशी क्यों है दिल हैरान है हर तरफ खामोशी क्यों है लोग सहमें और चेहरों पर उदासी क्यों है------दिल बुझे-बुझे से लगते हैं खयालात सबके मेरे जैसे ही क्यों लगते हैं हालात सबके... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 2 164 Share VINOD CHAUHAN 21 Feb 2024 · 1 min read वक्त तुम्हारा साथ न दे तो पीछे कदम हटाना ना वक्त तुम्हारा साथ ना दे तो पीछे कदम हटाना ना विकट समय में रख हौसला अपने होश गंवाना ना अच्छा माॅ॑झी नांव कभी भी बीच मंझधार नहीं छोड़े आंधी और... Poetry Writing Challenge-2 · V9द चौहान · कविता 1 202 Share Previous Page 2 Next