Bharat Bhushan Pathak 109 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next Bharat Bhushan Pathak 12 Nov 2018 · 1 min read वाकपटुता सह वाचालता वाकपटुता और वाचालता में है क्या अंतर। दोनों के ही अर्थ हैं होते अति भयंकर ।। वाकपटुता है वाक्य पाटना । वहीं स्पष्टवादिता को वाचालता है समझना।। एक है मान-सम्मान... Hindi · दोहा 387 Share Bharat Bhushan Pathak 12 Nov 2018 · 1 min read एक था जंगल ... . एक था जंगल । था चल रहा जहाँ दंगल।। हाथी सारे जज बने थे। बंदर बना हुआ था पहलवान ।। होने को थी ही दंगल की अब शुरुआत ।... Hindi · कविता · बाल कविता 317 Share Bharat Bhushan Pathak 12 Nov 2018 · 1 min read व्यस्त मानव मानव का आधुनिक होना अब बहुत खलता है। हाथ पकड़कर मजे में चलना अब कहाँ चलता है।। कल मानव में प्रेम बहुत था आज रार पलता है। मानव का मानव... Hindi · मुक्तक 387 Share Bharat Bhushan Pathak 12 Nov 2018 · 1 min read पैसे की झंकार पैसे की झंकार । श्रवणीय नहीं बिन विकार।। चुका है बन जो आज जीवनधारा । है देता सर्वत्र यह साथ बन सहारा ।। इसी के झंकार से सर्वत्र। होते पूरित... Hindi · दोहा 457 Share Bharat Bhushan Pathak 12 Nov 2018 · 1 min read संविधान घोषणा स्वतन्त्रता की हुई जब। प्रारूप संविधान की बनी तब। स्वतंत्रता मिली जब समूल सकल। संविधान थी फूँकने को प्राण तत्पर सबल।। निर्ममता की पराकाष्ठा से परिपूर्ण थी स्वतंत्रता संघर्ष।... Hindi · मुक्तक 422 Share Bharat Bhushan Pathak 12 Nov 2018 · 1 min read दीपावली दीपावली तेरी जय हो। कर दो सब दुष्कर्मों का नाश। प्रकाशित करो सद्गुणों का धूपदान ।। कलंकित न हो माँ भारती की सन्तान। दीपावली तेरी जय हो। कर दो मानवता... Hindi · मुक्तक 200 Share Bharat Bhushan Pathak 12 Nov 2018 · 1 min read शहीदों को नमन-मासूम प्रश्न बच्चा जब माँ से बोला। क्यों पापा लौटकर है नहीं आते माँ बेचारी सोच में पड़ गयी। बोली अभी पहले पढ़ लो। उसके बाद समझना। अभी तो बस है तुझको... Hindi · मुक्तक 240 Share Bharat Bhushan Pathak 12 Nov 2018 · 1 min read जय हिंदी जय हिन्दी जगत कल्याणी । जय हिन्दी मोक्षदायिनी।। जय हिन्दी संवाद संचारिका। जय हिन्दी आनन्द प्रदायिका।। जय हिन्दी मातृस्वरुपा। पथ प्रदर्शिका सिद्धिदायिका।। जय हिन्दी मृदुभाषिणी। ऋद्घि दायिनी ज्ञान विस्तारिणी।। Hindi · दोहा 1 316 Share Bharat Bhushan Pathak 11 Nov 2018 · 1 min read इन्सान का मोबाईल में रुपान्तर इन्सान का जब हो जाय मोबाईल में रुपान्तरण। करना होगा तब अत्याधुनिक प्रोग्राम का नवप्रवर्तन।। तब वायरस ग्रसित दाँत का होगा मौजूद एन्टीवायरस। भूख न लगने पर ,जी मिचलाने पर... Hindi · कविता 1 2 401 Share Bharat Bhushan Pathak 11 Nov 2018 · 1 min read प्रेमचंदजी के तहरीर -ठाकुर के कुआँ के कुछ अंश का काव्यरुपान्तर प्रेमचन्द के जमाने की बात है। छुआछूत व्याधि जन्मजात है।। उन दिनों धनवान कहे जाते थे सम्राट। और था शासन उनका बहुत विराट।। धनवानों का चर्चित नाम हुआ करता था... Hindi · मुक्तक 211 Share Bharat Bhushan Pathak 11 Nov 2018 · 1 min read मुर्दा जब जिन्दा से बोला मुर्दा जब जिन्दा से बोला । बताओ है क्या हाल। जिन्दा बेचारा काँप कर यूँ बोला.. हाँ भाई हाल है मेरा बहुत बेहाल।। पर ये तो बतलाओ कौन हो तुम।... Hindi · मुक्तक 3 2 350 Share Bharat Bhushan Pathak 11 Nov 2018 · 1 min read एक था कुर्सीपुर एक था गाँव कुर्सीपुर। थे रहते जहाँ जनसूर।। थी हर तरफ हरियाली । थी लगी फसल वायदोंवाली।। हर तरफ थे दिखते वोटरुपी फल। और चहुँऔर थी प्रवाहित चुनावी जल।। भरित... Hindi · मुक्तक 238 Share Bharat Bhushan Pathak 11 Nov 2018 · 1 min read डाॅ०श्री रंजन सुरिदेव जी को नमन करता हूँ अर्पण स्नेहसुमन। करके मन से स्मरण।। शोक संलिप्त है आज पुन:साहित्य लोक। देखकर यह महाप्रयाण को परलोक।। आज हो गये जो फिर से विलोपित। काल ने कर लिया... Hindi · मुक्तक 203 Share Bharat Bhushan Pathak 11 Nov 2018 · 1 min read छठ महापर्व सुन्दर पावन पुनीत बेला। चहुँओर दृश्य हर्षित रैला।। आदित्य देव का हो रहा अवतरण । उल्लासित दिख रहा खग-वृंद जन।। है विस्तारित चहुँओर सहस्त्ररश्मि की लालिमा। विध्वंशित हो गयी चहुँओर... Hindi · दोहा 3 301 Share Bharat Bhushan Pathak 10 Nov 2018 · 2 min read वेलन्टाइन वेलेंटाइन पाश्चात्य संस्कृति का द्योतक है। पर अगर इस मूल संस्कृति के जीर्ण-शीर्ण पन्नों को अगर पलटा जाए तो इस तथ्य से हम अवगत होंगे कि उस महान सन्त ने... Hindi · लेख 2 1 324 Share Bharat Bhushan Pathak 10 Nov 2018 · 1 min read ॐ महाकालाय नम: महाकाल महाकालेश्वर। कृपासिन्धु जय भोलेश्वर।। है करुणाकर करुणेश्वर। ओंकारेश्वर शुम्भेश्वर।। जय कालकूट धारी त्रिपुरारी । जय महाकाय जय नागेश्वर ।। जय शिव शम्भु दयानिधाना। गंगाधर कालंजय भगवाना।। Hindi · मुक्तक 3 2 2k Share Bharat Bhushan Pathak 10 Nov 2018 · 1 min read जय माँ काली जय काली महाविकराली। श्मशान में ही रमनेवाली।। जय मुण्डमाल धारिके। रक्तबीज संहारिके।। जय मातेश्वरी शिवशक्तिस्वरुपा। दर्शनमात्र ही मिलजावे कृपाकूपा।। जय माते असुररक्तशोणितके। खड्गधारीणि अभयदायिके।। Hindi · दोहा 1 258 Share Bharat Bhushan Pathak 10 Nov 2018 · 1 min read दर्द कहीं भूख से बिलखता बचपन। कहीं परोसे गए हैं भोग छप्पन।। करते हैं सोचने को मजबूर । इन मासूमों का क्या कसूर ।। कहीं तरह-तरह के कपड़े। और कहीं ठंड... Hindi · मुक्तक 247 Share Bharat Bhushan Pathak 10 Nov 2018 · 1 min read गुरु की महिमा वन्देऊ गुरु चरण सुखदायी। जै चरणन में गुरु प्रेम समाही।। एक घड़ी आधौ घड़ी ध्यान कर लीजै । जै चरणन में गुरु कृपा सहिजे।। गुरु कृपा समरस कछु नाहीं। रत्न... Hindi · दोहा 1 2 426 Share Bharat Bhushan Pathak 10 Nov 2018 · 1 min read कामर्स की झलकियाँ मुझे आज भी है वो याद। सेयर कैपिटल का वो बुनियाद ।। हो जाता था कभी फोरफीटेड। कभी था होता इन्वेस्टमेन्ट इन्क्लुडेड। और तो हो जाता था एट पार। जिसमें... Hindi · कविता 1 200 Share Bharat Bhushan Pathak 10 Nov 2018 · 1 min read भ्रष्टाचार जय परमानन्दी जगत कल्याणी। सिद्धि सिन्धु परमार्थ परायणी। जय हो जगत व्यापिनी माया। ऐश्वर्य प्रदाती रिश्वत रुपी काया।। जय हो प्रेयसी निर्गुण विशेषी। कलिवंशी विषय समवेशी।। गौरवशालिनि रक्तसंचारिनी। अविनाशिनी प्रतिहारिनी।।... Hindi · मुक्तक 261 Share Bharat Bhushan Pathak 10 Nov 2018 · 1 min read हे गिरिधर .... ***श्रीकृष्ण स्तुति *** है गिरधर है गोपाल । करुणा कर दो दीनदयाल।। है मुरारी है चक्रधारी। तीनों लोक में महिमा न्यारी ।। मुरली मनोहर छवि अति प्यारी ।। है मधुसूदन... Hindi · दोहा 2 388 Share Bharat Bhushan Pathak 10 Nov 2018 · 1 min read स्वप्न हो कुछ ऐसा स्वप्न । चाहे हो दिवा स्वप्न ।। सिर्फ हर तरफ शान्ति । तनिक भी नहीं भ्रान्ति न राग हो न द्वेष हो। मनुज से मनुज का केवल... Hindi · मुक्तक 239 Share Bharat Bhushan Pathak 10 Nov 2018 · 1 min read भोर नवीनता की चादर ओढ़कर आए प्रभात । सम्पन्नता का श्रृंगारकर आए प्रत्येक रात।। नवसृजनता का हो पुन: उद्भव । दृश्य हो चहुँओर प्रतिपल वैभव ।। पुष्पित पल्लवित हो विकासपुष्पगुच्छ। विलोपित... Hindi · मुक्तक 1 294 Share Bharat Bhushan Pathak 10 Nov 2018 · 1 min read कविवर दिनकर हैं दिनकर खुद ही जो। भला उन्हें कौन प्रकाशित कर पाए। नाम ही है दिनकर तो......... धूमिल कैसी हो सकती है उनकी छाया । हैं बहुत यहां पर भला ........... Hindi · कविता 253 Share Bharat Bhushan Pathak 10 Nov 2018 · 1 min read रंग रंग प्रेम का हो तो दिखता अच्छा है। रंग हो मर्यादा का तो और सजता है।। रंग नफरतों का हो तो उसे रंग नहीं कहते। इससे ही अच्छा है जब... Hindi · मुक्तक 222 Share Bharat Bhushan Pathak 10 Nov 2018 · 1 min read है अर्जुन उठा लो गाण्डीव आज ये रणभूमि है। रणचण्डी का द्वार।। हे अर्जुन उठा लो गाण्डीव आज। है नहीं वो हस्तिनापुर न है कोई एक दुशासन आज।। हे अर्जुन लक्ष्य संधान कर लो खंडित हो... Hindi · तेवरी 1 552 Share Bharat Bhushan Pathak 10 Nov 2018 · 1 min read विडम्बना हर दरख्त हर शाक यही कहता है । धरती पर मानवता कहाँ झलकता है।। नदियों की थी जो अमृतधारा। अब बताओ कहाँ बहती है, कहती है नदियाँ पुकार अब मुझमें... Hindi · मुक्तक 212 Share Bharat Bhushan Pathak 10 Nov 2018 · 1 min read महादेव से अनुनय जय शम्भु परम वैरागी । जय महेश ध्यान अनुरागी ।। है करुणाकर करुणानिधान। गये हो कहाँ अन्तर्ध्यान ।। आओ है करुणानिधि आओ। वसुंधरा की प्यास बुझाओ।। है सर्वेश्वर शंकर आओ।... Hindi · मुक्तक 2 269 Share Bharat Bhushan Pathak 10 Nov 2018 · 1 min read आशातीत कल्पना दूर क्षितिज को देख रहा था अप्लक अकिंचन मैं । क्या क्षितिज के पार कभी अपना भी बसेरा हो पायेगा।। ओस की नन्ही-नन्ही बूँदों से मिश्रित खगों के कलरव से... Hindi · मुक्तक 1 1 223 Share Bharat Bhushan Pathak 10 Nov 2018 · 1 min read बाल -मजदूरी नव उपवन के नव सुमन हम। पुष्पित -पल्लवित हो जाने तो दो।। पात्र मिट्टी के हैं अब तक हम। थोड़ा पक जाने तो दो।। खुल कर जीना है हमारा अधिकार... Hindi · मुक्तक 1 242 Share Bharat Bhushan Pathak 10 Nov 2018 · 1 min read मर्मस्पर्शी रचना :-वेदना मनुज-मनुज में रार ठनी है। कैसी ये तलवार तनी है।। अपना वर्चस्व बनाने को। भूखा बच्चा बिलख रहा है । अपनी भूख मिटाने को।। पास पड़ी है उसकी माता.. है... Hindi · गीत 3 5 338 Share Bharat Bhushan Pathak 9 Nov 2018 · 1 min read जय शिव शंकर जय शंकर जय त्रिपुरारी। महिमा तेरी बड़ी ही प्यारी ।। जय शंकर शम्भु महेश्वर। उमापति महाकालेश्वर।। नाग विकराल गल में सोहे । रूप भयंकर अति मन मोहे।। शंकर महाकाल नाम... Hindi · दोहा 253 Share Bharat Bhushan Pathak 9 Nov 2018 · 1 min read जय श्री गणेश जय गजानन जय गणेश । जय हो तेरी प्रथमेश ।। जय विघ्नहारक मंगलदायक। लंबोदर गजवदन विनायक। रहो सदा सन्तन प्रतिपालक।। जय एकदन्त दयावन्त । कर दो भ्रष्टाचार अन्त।। खत्म हो... Hindi · दोहा 223 Share Bharat Bhushan Pathak 9 Nov 2018 · 1 min read ॐ शुम्भेश्वरनाथाय नमः जय कृपाल महाकाल त्रिपुरारी। शंकर शंभु जय प्रलयंकारी ।। भाल चन्द्र मन अति सोहे। रूप भयंकर जय शिव शंकर। जय गंगाधर जय गौरीश्वर।। तन बाघम्बर कान में कुण्डल । यह... Hindi · दोहा 185 Share Bharat Bhushan Pathak 9 Nov 2018 · 1 min read मातेश्वरी को अर्पित जय रिपु दमनी कष्ट हरने। जय कल्याणप्रदायिके अम्बे।। जय जय हो महिषासुरमर्दिनी सिद्धिप्रदे। जय चण्डमुण्डविनाशिनी महाचण्डिके।। जय काली महाविकराली । भक्तों का कष्ट हरनेवाली।। जय माहेश्वरी महाविद्या। जय माते कमललोचने।। Hindi · दोहा 1 349 Share Bharat Bhushan Pathak 9 Nov 2018 · 1 min read इंसान की पहचान इंसान क्या है एक कागज़ ही तो है। हर वक्त़ हर मोड़ पर मुड़ जाता है।। बस इसे किसी बात से आहत कर दो । वो कागज की तरह ही... Hindi · लेख 258 Share Bharat Bhushan Pathak 9 Nov 2018 · 1 min read मेरी कारुणिक व्यथा रेस का घोड़ा जब-जब दौड़ा। सबको उसने पीछे छोड़ा।। आता रहा हमेशा प्रथम विदित हो रहा था मानो प्रथम आने की खा ली हो उसने कसम।। कहता थक चुका हार... Hindi · मुक्तक 346 Share Bharat Bhushan Pathak 9 Nov 2018 · 1 min read दरिद्र नारायण भोज दरिद्र नारायण भोज की हो चुकी थी तैयारी । कोई लिया था लोटा ,कोई लिया था थाली ।। तलने लगी थी पूड़ियाँ, बनने लगी थी जलेबियाँ। लगने लगा था लोगों... Hindi · कविता · बाल कविता 1 3 560 Share Bharat Bhushan Pathak 9 Nov 2018 · 1 min read स्टेटस अपडेट पर मेरे व्यंग्य आधुनिक नवीन विचित्र मनोहार । जन समुदाय का अद्भुत व्यवहार ।। कि करने चेष्टा प्रचलित प्रसारित । प्रवाहित प्रकाशित और अति विस्तारित।। मनुज-मनुज का अद्भुत स्वभाव । है होता प्रतीत... Hindi · मुक्तक 216 Share Bharat Bhushan Pathak 9 Nov 2018 · 1 min read कुछ दिन कुछ दिन गरीब और रह जा ऐ जिन्दगी । राह में तेरे बेशक असंख्य सैलाब आए। फर्क क्या पड़ता है तुझे उनसे बह जा या ठहर ले जब तक न... Hindi · तेवरी 2 252 Share Bharat Bhushan Pathak 9 Nov 2018 · 1 min read प्रणय-निमंत्रण अयि गौरवशालिनी। दर्प विश संचालिनी।। विद्युत प्रगाढ़ता से परिपूर्ण हो कहाँ चली। अधर सुधा जल पान करा।। रसातल में कब तक रहूँ यूँही खड़ा । मादकता नयनों की छलका तो... Hindi · कविता 325 Share Bharat Bhushan Pathak 9 Nov 2018 · 1 min read अटलवन्दन सह श्रद्धार्पण थे अटल जो रहेंगे अटल। बनकर ज्ञान सरिता अविकल।। अविश्वसनीय हो रहा प्रतीत। ज्ञानतारा एक और हो गया विस्मृत।। है देश का यह दुर्भाग्य जो। विलोपित जो हो गया आराध्य... Hindi · मुक्तक 181 Share Bharat Bhushan Pathak 9 Nov 2018 · 1 min read मच्छर संग वार्तालाप एक दिन मच्छर आके मुझसे बोला। मान्यवर बताओ मेरा गुनाह क्या है।। मैंने तपाक से कहा रे मच्छर ... तु जो चट से आकर .... पट से बैठकर । झट... Hindi · कविता · बाल कविता 2 2 309 Share Bharat Bhushan Pathak 9 Nov 2018 · 1 min read स्वतंत्रता की कहानी एक था माली । लगा रखी थी जिसने फूलों की डाली।। हर तरफ रंग-बिरंगे फूल और ढेर सारी हरियाली । थे लगे कहीं प्रेम के फूल और थी लगी कहीं... Hindi · कविता 311 Share Bharat Bhushan Pathak 9 Nov 2018 · 1 min read आज का मानव सोचकर कुछ ही पल । विचलित होगा ब्रह्मलोक सकल।। होंगे विचलित चित्रगुप्त । देखकर मानव को आज पाप उन्मुक्त ।। होंगे अचरज में शंकर शम्भु। देखकर मानव बना स्वयम्भु।। और... Hindi · कविता 295 Share Bharat Bhushan Pathak 9 Nov 2018 · 1 min read ऐ जिन्दगी ऐ ज़िंदगी ऐ ज़िंदगी क्या है तेरा आश्रा। मिली जिसे उसे मौत से मिलाकर ही छोडी।। क्या करुँ अब तेरा ऐतबार । साथ हो फिर भी है जब गमों का... Hindi · कविता 1 184 Share Bharat Bhushan Pathak 9 Nov 2018 · 1 min read यमपुरी -एक व्यंग्य था मानव का हुआ प्रयाण। अद्भुत है ये यात्रावृतान्त।। तैरते बादल से पार होकर। अति दुसह कष्ट सहकर।। मार्ग का करते अवलोकन। करते मन में चिन्तन। मन्थन मनन और स्मरण।... Hindi · कविता · बाल कविता 221 Share Bharat Bhushan Pathak 9 Nov 2018 · 1 min read वो न आई तकता रहा मैं अपलक अम्बर। सहस्त्र रश्मियों की कान्ति दिवालोक में पड़ चुकी धूमिल।। विछोह की वेदना से हृदय था व्यथित । क्या वो आएगी? शायद आ जाए! ऐसी थी... Hindi · कविता 300 Share Bharat Bhushan Pathak 9 Nov 2018 · 1 min read नारी शक्ति को प्रणाम हे नारी तुम कविता हो। अविकल बहती सरिता हो।। तुम करुणा की सागर हो। अक्षय अमृत की गागर हो।। हे नारी तुम प्रेमस्वरुपा हो। इस भूतल पर ब्रह्मस्वरुपा हो।। तुम... Hindi · गीत 1 2 274 Share Previous Page 2 Next