Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Nov 2018 · 1 min read

बाल -मजदूरी

नव उपवन के नव सुमन हम।
पुष्पित -पल्लवित हो जाने तो दो।।
पात्र मिट्टी के हैं अब तक हम।
थोड़ा पक जाने तो दो।।
खुल कर जीना है हमारा अधिकार ।
मत करो हमपर यह अत्याचार ।।
बाल मजदूरी है अभिशाप ।
अब तो रोक दो इसे आप।।
हैं निष्प्राण हम सब अभी ।
थोड़े प्राण संचार हो जाने तो दो।।

Language: Hindi
1 Like · 239 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
दोहा
दोहा
प्रीतम श्रावस्तवी
चाबी घर की हो या दिल की
चाबी घर की हो या दिल की
शेखर सिंह
ना मुराद फरीदाबाद
ना मुराद फरीदाबाद
ओनिका सेतिया 'अनु '
कवनो गाड़ी तरे ई चले जिंदगी
कवनो गाड़ी तरे ई चले जिंदगी
आकाश महेशपुरी
मेरी हर इक ग़ज़ल तेरे नाम है कान्हा!
मेरी हर इक ग़ज़ल तेरे नाम है कान्हा!
Neelam Sharma
बादल और बरसात
बादल और बरसात
Neeraj Agarwal
बेटियां
बेटियां
Dr Parveen Thakur
प्यार खुद में है, बाहर ढूंढ़ने की जरुरत नही
प्यार खुद में है, बाहर ढूंढ़ने की जरुरत नही
Sunita jauhari
कुछ अलग लिखते हैं। ।।।
कुछ अलग लिखते हैं। ।।।
Tarang Shukla
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Harish Chandra Pande
तन पर तन के रंग का,
तन पर तन के रंग का,
sushil sarna
बसे हैं राम श्रद्धा से भरे , सुंदर हृदयवन में ।
बसे हैं राम श्रद्धा से भरे , सुंदर हृदयवन में ।
जगदीश शर्मा सहज
#drarunkumarshastriblogger
#drarunkumarshastriblogger
DR ARUN KUMAR SHASTRI
हाथ पसारने का दिन ना आए
हाथ पसारने का दिन ना आए
Paras Nath Jha
धन्य होता हर व्यक्ति
धन्य होता हर व्यक्ति
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
ईमान
ईमान
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
💐प्रेम कौतुक-177💐
💐प्रेम कौतुक-177💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
शुद्धिकरण
शुद्धिकरण
Kanchan Khanna
चेहरे पे लगा उनके अभी..
चेहरे पे लगा उनके अभी..
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
■ आज का कटाक्ष...
■ आज का कटाक्ष...
*Author प्रणय प्रभात*
लर्जिश बड़ी है जुबान -ए -मोहब्बत में अब तो
लर्जिश बड़ी है जुबान -ए -मोहब्बत में अब तो
सिद्धार्थ गोरखपुरी
Ghazal
Ghazal
shahab uddin shah kannauji
*हजारों हादसों से रोज, जो हमको बचाता है (हिंदी गजल)*
*हजारों हादसों से रोज, जो हमको बचाता है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
चांद पे हमको
चांद पे हमको
Dr fauzia Naseem shad
और प्रतीक्षा सही न जाये
और प्रतीक्षा सही न जाये
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
ना जाने क्यों...?
ना जाने क्यों...?
भवेश
कुत्ते का श्राद्ध
कुत्ते का श्राद्ध
Satish Srijan
माना तुम्हारे मुक़ाबिल नहीं मैं।
माना तुम्हारे मुक़ाबिल नहीं मैं।
डॉ.सीमा अग्रवाल
"सवाल"
Dr. Kishan tandon kranti
2796. *पूर्णिका*
2796. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...