Satish Sharma Language: Hindi 204 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next Satish Sharma 19 Jan 2021 · 1 min read आज कुछ आज कुछ बौने बड़े होने लगे हैं । बगल में आकर खड़े होने लगे हैं ।। रोज सुबह ओ शाम कदमों में रहे । सरों पर हीरे जड़े होने लगे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 186 Share Satish Sharma 14 Jan 2021 · 1 min read मकर संक्रांति ऊंचे आकाश में लहराती हैं पतंग पुरवाई पवन के चलती हैं संग संग झूम रही सपनों की डोरी से गाती सी खेलती अठखेलियाँ उड़ती मदमाती सी सूर्य देव लौट रहे... Hindi · कविता 1 4 396 Share Satish Sharma 2 Jan 2021 · 1 min read कुकुरमुत्ते उग गए हैं दूर झुरमुट में,कुकुरमुत्ते । गुलाबों को दे रहे हैं , चुनोती सिर तानकर ।। भूल बैठे एक पल का , तुलतुला अस्तित्व है । होड़ उनसे ले... Hindi · कविता 2 3 208 Share Satish Sharma 1 Jan 2021 · 1 min read नव वर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से , प्रारम्भ हमारा नव वर्ष । हम भारतीय गर्वित होते , प्रकृति स्वयं खिलती सहर्ष ।। जब टेशू महके हर दिशा , गगन स्वच्छ हो और... Hindi · गीत 1 1 410 Share Satish Sharma 30 Dec 2020 · 1 min read नया साल नया साल सबकों मुबारक रहे । जीवन में खुशियों की गंगा बहे ।। मिली सीख पिछले से जो कम नहीं । मिटा दे जो ख्वाबों को है दम नहीं ।।... Hindi · गीत 3 5 260 Share Satish Sharma 9 Dec 2020 · 1 min read मिट्टी तो उर्वर है मिट्टी तो उर्वर है पौधे उग जाएंगे । पत्थर पर तुम फूल खिलाओ , तो जानें ।। सूरज उगने पर उजियारे छा जाएंगे । अंध तिमिर में दीप जलाओ ,... Hindi · कविता 1 279 Share Satish Sharma 2 Dec 2020 · 1 min read जय गणेश.. जय गणेश कलि कष्ट निकंदन। दीन दुखी जन के उर चंदन ।। चार भुजा शोभित अति सुंदर। शिव गौरी बिहरित मन मंदिर ।। वक्र तुंड लम्बोदर देवा । सकल जगत... Hindi · गीत 1 2 261 Share Satish Sharma 26 Nov 2020 · 1 min read जब जब बादल जब जब बादल चाँद को ढकने लगते हैं । तब उसके सौ रूप चमकने लगते हैं ।। नाजुकता से पलते मोती सीपी में । बाहर घिसकर अधिक दमकने लगते हैं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 217 Share Satish Sharma 17 Nov 2020 · 1 min read सड़कें निगल गईं.. सड़कें निगल गयी हैं सब गांव की गलियाँ । कदमों के निशां अब तो बीती बात हो गए ।। उड़ती थी जहाँ सांझ ढले गो धूलि सुहानी । पत्थरों से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 525 Share Satish Sharma 12 Nov 2020 · 1 min read * धनवंतरि * आयुर्वेद प्रणेता धन्वतरि समुद्र मंथन से प्रादुर्भूत चतुर्दश रत्नों में से एक दिया जिन्होंने मानव को अमृत रूपी आयुर्वेद जगत कल्याण के लिए प्रभु का है अवतार श्री 3चरणों में... Hindi · कविता 241 Share Satish Sharma 9 Nov 2020 · 1 min read भूल उनसे अपनी भूल सुधारी भी न गई। कचड़े से भरी कोठी बुहारी भी न गई ।। मजदूर ले फरियाद को मीलों चले गए। पर उनसे उनकी टीस गुहारी भी न... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 436 Share Satish Sharma 4 Nov 2020 · 1 min read गुलाब हरे भरे पौधों में तनकर रोज सुबह खिलता गुलाब मन्द पवन के छू जाने से शनैः शनैः हिलता गुलाब अपनी रक्तिम अभाओं से काले भौंरे का आकर्षण खुशबू के माधुर्य... Hindi · कविता 256 Share Satish Sharma 3 Nov 2020 · 1 min read बची है नदी.. बची नदी की सूखी रेत नीर पाताल में समा गया उड़ रही है घाटों पर धूल शुष्कता मौसम थमा गया धरा की नमी हुई गायब पेड़ पनपेंगे भला कहाँ छाँव... Hindi · कविता 1 1 550 Share Satish Sharma 1 Nov 2020 · 1 min read रास्ता भी ढूंढ़ दूसरों को देखकर उस राह पर क्यों जा रहा है अपनी मंजिल देख उसका रास्ता भी ढूंढ देख रुख मझधार का तू अपनी कश्ती को चला पार तट के देख... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 292 Share Satish Sharma 29 Oct 2020 · 1 min read सृजन सतत चले लेखनी थके न हाथ सृजन से । काव्य कला का हो निखार निर्द्वन्द मनन से ।। कोरे कागज नहीं समय की अमिट छाप है । दिखता है सर्जक... Hindi · कविता 846 Share Satish Sharma 28 Oct 2020 · 1 min read सांझ भई सांझ भई पंछी घर आये । निरख नीड़ में शिशु हर्षाये ।। मीठी मधुर मोदमय बोली , अंतर्मन के प्रेम की झोली । प्रिय प्रवाह से जैंसे खोली, सप्त रंग... Hindi · कविता 249 Share Satish Sharma 27 Oct 2020 · 1 min read जिस रस्ते से.. जिस रस्ते से जाते हैं सब तुम मत जाओ जैंसे पा लेते हैं वो सब तुम मत पाओ तिकड़म लगा तराने वाह वाही के जैंसे गा लेते हैं वो सब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 448 Share Satish Sharma 25 Oct 2020 · 1 min read है बहुत विश्वास है बहुत विश्वास तुझसे ही लगी है आस न मजबूर होंगे दुखड़े दूर होंगे... करुणा का सागर भरा है हृदय तेरे । और अश्रु नीर बरसे नयन मेरे ।। है... Hindi · गीत 1 214 Share Satish Sharma 24 Oct 2020 · 1 min read उड़ गए पंछी उड़ गए पंछी , अकेला रह गया है वृक्ष नीरव , शोर का संगीत , कानों में सिसकता सा रहा । ओस कण ऑंसू बने, झरते रहे पत्तों से रिमझिम,... Hindi · गीत 2 194 Share Satish Sharma 22 Oct 2020 · 1 min read चिंतन सुबह सूर्य का रूप निहारो कुछ ऊर्जा अपने पर डारो ब्रह्म मुहूर्त अमृत की बेला उड़ता पंछी जाए अकेला पंख हवा की गति पर निर्भर कुछ पाने का है यह... Hindi · कविता 1 357 Share Satish Sharma 21 Oct 2020 · 1 min read अपनी शक्ति 1****** अपनी शक्ति याद कर कभी न इसको भूल। दुश्मन चाटेंगे सदा तेरे पग की धूल ।। तेरे पग की धूल सभी मिल साथ में आवें । साहस शौर्य पराक्रम... Hindi · कुण्डलिया 468 Share Satish Sharma 20 Oct 2020 · 1 min read जय माँ जय माँ जय जय जगदम्बे , करुणामयी माँ अम्बे । तेरी होवे जय जय कार , भवानी सिंहा पर असवार ।। तू असुर निकंदन माता , सारा जग तुझको ध्याता... Hindi · गीत 1 244 Share Satish Sharma 19 Oct 2020 · 1 min read मोरे अँगना मोरे अँगना में आई माई भुनसारे । मैं दर्शन करके विह्वल भई ।। सुध बुध खो बैठी एक घड़ी । दोउ अँखियाँ मेरी सजल भई ।। मेरे जन्मों के पुण्य... Hindi · गीत 395 Share Satish Sharma 18 Oct 2020 · 1 min read दूर कर दुर्गति जगत की दूर कर दुर्गति जगत की लाज रख अपने भगत की दया सुत पर करो हे माँ नमित चरणों में शीश है सुखद तव आशीष है महाशक्ति तू निराली दुर्गा तू... Hindi · गीत 2 1 409 Share Satish Sharma 15 Oct 2020 · 1 min read घर के अंदर घर के अंदर एक छछुंदर दौड़ लगाती है । बाहर से मुँह में दाबे, जाने क्या लाती है ।। पूँछ पकड़कर बच्चे उसके रेल बनाते हैं । पीछे पीछे माँ... Hindi · कविता · बाल कविता 2 2 342 Share Satish Sharma 14 Oct 2020 · 1 min read ऑंख से निकला ऑंख से निकला जो ऑंसू आग से भी कम नहीं । ऐंसे ऑंसू पोंछने का हर किसी में दम नहीं ।। गरीबों के घर लगी थी आग ही तो बुझाई... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 190 Share Satish Sharma 13 Oct 2020 · 1 min read एक भूखे पेट को एक भूखे पेट को भरपेट खाना चाहिए । इतनी सी तहजीब तो हमको भी आना चाहिए ।। पंछियों को पिंजरों में क्यों कैद करके रख लिया । उनको भी स्वच्छंद... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 209 Share Satish Sharma 10 Oct 2020 · 1 min read कागज की नाँव कागज की नाँव चले दूर तलक पानी में तिल तिल कर नाव गले दूर तलक पानी में जल से न होड़ ले तू छोटी सी नाँव गहरे में भला तेरा... Hindi · कविता · बाल कविता 232 Share Satish Sharma 7 Oct 2020 · 1 min read बात ही कुछ और है परिस्थितियाँ हों विषम अनुकूलताएं भी हो कम तब जूझने के इस हुनर की बात ही कुछ और है बादल गरजते हो जहाँ बिजली भीगिरती हो वहाँ तब भीगने के इस... Hindi · कविता 328 Share Satish Sharma 6 Oct 2020 · 1 min read हर तरफ हर तरफ हँसने वाले खड़े हैं। भीड़ में ठसने वाले खड़े हैं ।। आग को न बुझा पाएंगे ये । धुंए में फँसने वाले खड़े हैं ।। छोड़कर प्यारा सा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 349 Share Satish Sharma 3 Oct 2020 · 1 min read ऐंसे भी घर हैं घर की दीवारें छत पर जाने को आतुर हैं एक नहीं दो नहीं अनेकों ऐंसे भी घर हैं बनी दरारें रोशन दान गिरगिट छिपकलियाँ मेहमान दरवाजे से भीतर घुसने में... Hindi · कविता 1 1 355 Share Satish Sharma 1 Oct 2020 · 1 min read अदृश्य शत्रु से जंग अदृश्य शत्रु से जंग जारी है । ऐंसी देखी नहीं बीमारी है ।। न अस्त्र चले न शस्त्र चले , न चले किसी का जोर । इक दूजे से दूर... Hindi · कविता 1 1 412 Share Satish Sharma 28 Sep 2020 · 1 min read टिम टिम दीप दिनकर चला गया अस्ताचल सिमट गया किरणों का आँचल हारे थके चोंच ले दाने खग कुल लौटे सांझ सकारे टिम टिम दीप जले मेरे द्वारे करती नित संध्या का वंदन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 219 Share Satish Sharma 28 Sep 2020 · 1 min read वृक्ष से झरते वृक्ष से झरते गए सब पात सूखे । स्वप्न फिर से रह गए मन के निरुखे ।। डालियों की ऑंख देखो डबडबाई । हाय ! फिर से पतझड़ों की ऋतु... Hindi · कविता 1 391 Share Satish Sharma 27 Sep 2020 · 1 min read तुम किसी की तुम किसी की वेदना को पढ़ सके ना सब पढ़ाई व्यर्थ है फिर तो तुम्हारी शिखर सारे छू लिए समृद्धियों के अंत तक जाकर चढ़े हो वृद्धियों के भूमितल तक... Hindi · कविता 1 238 Share Satish Sharma 26 Sep 2020 · 1 min read मुझको अँधेरे में.. मुझको अँधेरे में रखा आप उजालों में रहे । वाह क्या खूब तुम रिश्ते निभाने वालों में रहे ।। जब जरूरत न थी । तब दिए जलाते रहे ।। घने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 207 Share Satish Sharma 23 Sep 2020 · 1 min read वो बेफिक्र हो कर वो बेफिक्र होकर के चलते रहे और आस्तीनों में सांप पलते रहे अगर देख लेते कभी गौर से तो होता न यह हादसा जो हुआ कभी आदमी दोष देता समय... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 391 Share Satish Sharma 20 Sep 2020 · 1 min read तितलियाँ हवा की नदी पर बहती रंग बिरंगी टितलियाँ अपने पंखों से झरते संगीतके स्वरों के साथ बेफिक्र , बेपरवाह आनंद की लहरों पर इतराती जाती हैं एक दूसरे का हौसला... Hindi · कविता 1 238 Share Satish Sharma 19 Sep 2020 · 1 min read फूल चुनोगे फूल चुनोगे तो काँटे भी पाओगे अगर डरे तो खुशबू से वंचित रह जाओगे काँटे कभी मिटा न सकेंगे फूलों का होना लगा रहेगा उनका हमेशा ईर्ष्यावश रोना फूल हमेशा... Hindi · कविता 1 194 Share Satish Sharma 18 Sep 2020 · 1 min read चिंतन चिंतन से मन और मन से तन प्रभावित होता है सकारात्मक चिंतन जहाँ उत्साह व ऊर्जा से भर देता है वहीं नकारात्मक चिंतन हीन भावना व निराशा पैदा कर देता... Hindi · कविता 1 191 Share Satish Sharma 16 Sep 2020 · 1 min read बिजली गिरी आज फिर बिजली गिरी बादल गरज कर ढल गया उस अभागे का बिना कारण से ही घर जल गया जिंदगी भर जिस भरोसे के भरोसे में रहा वह भरोसेमंद ही... Hindi · कविता 1 480 Share Satish Sharma 14 Sep 2020 · 1 min read हिंदी की गरिमा मातृभाषा हिंदी है अति मनभावन । इसके इक इक वर्ण जगत में पावन ।। रस छंद अलंकारों की शोभा न्यारी । लगती है सबको इसीलिये अति प्यारी ।। अन्तर मन... Hindi · कविता 2 2 482 Share Satish Sharma 13 Sep 2020 · 1 min read मत उतरो... हो गयी जर्जर तुम्हारी नाँव , मत उतरो नदी में.. जिंदगी भर तटों के उस पार से इस पार तक । आती जाती रही लहरों में उफनती धार तक ।।... Hindi · कविता 1 253 Share Satish Sharma 13 Sep 2020 · 1 min read जीवन जो यह कहते थे कि यह जीवन धन , अनमोल नहीं अंत समय तक वही ये कहते गए इसका कोई मोल नहीं ये तब कीमत भूल गए पहचान न थी... Hindi · कविता 1 426 Share Satish Sharma 12 Sep 2020 · 1 min read वन मृग खोज थका कस्तूरी को मृग मन के वन में टूट गया संचित था जो कुछ पहले का वह भी पीछे छूट गया मन की तृष्णा गई खींचती बुझी न ऐंसी... Hindi · गीत 2 1 555 Share Satish Sharma 11 Sep 2020 · 1 min read बहती नदी 1 शरद रात गहन अंधकार मधुर बात 2 बहती नदी छल छलाती पीड़ा सहती नदी 3 भोर की वेला जंगल की तरफ़ जाते आदमी 4 चलती टी वी चीखते है... Hindi · हाइकु 1 244 Share Satish Sharma 10 Sep 2020 · 1 min read अभ्यास अभ्यास की निरंतरता कला कौशल की समृद्धि के लिए जरूरी होती है इसके अभाव में कला अपनी चमक स्वतः खोती है कला साधक अभ्यास का आदी होता है तभी संगीत... Hindi · कविता 1 2 397 Share Satish Sharma 8 Sep 2020 · 1 min read तेरे करिश्मे का तेरे करिश्मे का अब इंतजार सबको है एक तू ही तो है जिससे प्यार सबको है जहॉं में कौन है जो तुझसा दानदाता है कोई एक मांगे तू देता हजार... Hindi · कविता 4 1 229 Share Satish Sharma 7 Sep 2020 · 1 min read ओ , शाम गुजर ओ ,शाम गुजर धीरे - धीरे दिन भर के थके बटोही सब तेरे आँचल की छाया में विश्राम तनिक पा लेते हैं तेरी मन मोहक माया में शीतल मन्द पवन... Hindi · कविता 2 1 378 Share Satish Sharma 4 Sep 2020 · 1 min read उड़ा रंग.. उड़ा रंग परवाह नहीं है नूतन की ना चाह कहीं है मृत्यु पर न जोर किसी का जहां बदी थी हुई वहीं है पतित हो गया डाली से जो यह... Hindi · कविता 3 2 208 Share Previous Page 2 Next