Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Dec 2020 · 1 min read

मिट्टी तो उर्वर है

मिट्टी तो उर्वर है पौधे उग जाएंगे ।
पत्थर पर तुम फूल खिलाओ ,
तो जानें ।।
सूरज उगने पर उजियारे छा जाएंगे ।
अंध तिमिर में दीप जलाओ ,
तो जानें ।।
नाव स्वयं चलती है धारा के रुख में ,
जैंसे जीवन हँसता चलता है सुख में ।

धारा के विपरीत चलाये जो नौका ,
शूर वही माँझी मुस्काता है दुःख में ।।

उत्सव में मेहमान स्वयम ही आ जाएंगे ।
मातम में आकर बतलाओ ,
तो जानें ।।
ज्यों गाड़र का ठाठ चले बीहड़ वन में ,
ऐंसे ही चलते कुछ मानव जीवन में ।

हाँक लगाने वाला ले जिस ओर चले ,
चलते जाते अंध मति अपनेपन में ।।

आंखों वाले खुद रस्ते पर आ जाएंगे ।
नयन हीन को पथ दिखलाओ
तो जाने ।।

Language: Hindi
1 Comment · 276 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जो सोचते हैं अलग दुनिया से,जिनके अलग काम होते हैं,
जो सोचते हैं अलग दुनिया से,जिनके अलग काम होते हैं,
पूर्वार्थ
पुरानी ज़ंजीर
पुरानी ज़ंजीर
Shekhar Chandra Mitra
पत्थर की अभिलाषा
पत्थर की अभिलाषा
Shyam Sundar Subramanian
"तुर्रम खान"
Dr. Kishan tandon kranti
!! सोपान !!
!! सोपान !!
Chunnu Lal Gupta
प्रणय 4
प्रणय 4
Ankita Patel
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
गुरु नानक देव जी --
गुरु नानक देव जी --
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
एक पल सुकुन की गहराई
एक पल सुकुन की गहराई
Pratibha Pandey
■ प्रबुद्धों_के_लिए
■ प्रबुद्धों_के_लिए
*Author प्रणय प्रभात*
आत्म अवलोकन कविता
आत्म अवलोकन कविता
कार्तिक नितिन शर्मा
मायका
मायका
Dr. Pradeep Kumar Sharma
क्या है नारी?
क्या है नारी?
Manu Vashistha
*समीक्षकों का चक्कर (हास्य व्यंग्य)*
*समीक्षकों का चक्कर (हास्य व्यंग्य)*
Ravi Prakash
" कुछ काम करो "
DrLakshman Jha Parimal
रूठकर के खुदसे
रूठकर के खुदसे
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
ज़िंदगी को मैंने अपनी ऐसे संजोया है
ज़िंदगी को मैंने अपनी ऐसे संजोया है
Bhupendra Rawat
आज़ ज़रा देर से निकल,ऐ चांद
आज़ ज़रा देर से निकल,ऐ चांद
Keshav kishor Kumar
रखो अपेक्षा ये सदा,  लक्ष्य पूर्ण हो जाय
रखो अपेक्षा ये सदा, लक्ष्य पूर्ण हो जाय
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
3170.*पूर्णिका*
3170.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जिन्दगी
जिन्दगी
लक्ष्मी सिंह
पितृ दिवस134
पितृ दिवस134
Dr Archana Gupta
कभी हक़ किसी पर
कभी हक़ किसी पर
Dr fauzia Naseem shad
ठहराव नहीं अच्छा
ठहराव नहीं अच्छा
Dr. Meenakshi Sharma
अमन तहज़ीब के परचम को हम ईमान कहते हैं।
अमन तहज़ीब के परचम को हम ईमान कहते हैं।
Phool gufran
Gazal 25
Gazal 25
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
****शिरोमणि****
****शिरोमणि****
प्रेमदास वसु सुरेखा
मनमीत मेरे तुम हो
मनमीत मेरे तुम हो
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
'Here's the tale of Aadhik maas..' (A gold winning poem)
'Here's the tale of Aadhik maas..' (A gold winning poem)
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
पहली दस्तक
पहली दस्तक
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
Loading...