Satish Sharma Tag: कविता 130 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Satish Sharma 31 May 2022 · 1 min read ग्रीष्म ऋतु कोयल काली कूक रही है अम्बुआ की डाली डाली । सुबह सबेरे फुदक रही है मुदित मगन हो मतवाली ।। बुलबुल लेकर तान सुरीली मधुर कण्ठ से गाती है ।... Hindi · कविता 189 Share Satish Sharma 16 May 2022 · 1 min read गर्मी के आतप 🌷🌷🌷 गर्मी के आतप से व्याकुल , ढूँढ़ रहे पशु पानी । भटक रहे हैं दर दर अपनी , किससे कहें कहानी ।। घर के बाहर पानी भरकर , रख... Hindi · कविता 314 Share Satish Sharma 17 Feb 2022 · 1 min read जगत में जगत में जी रहा ऐंसे । सदा रहना यहां जैंसे ।। दो पल की जिंदगानी है। खतम होगी कहानी है ।। समय का खेल है जग में । मिलें कंटक... Hindi · कविता 262 Share Satish Sharma 14 Feb 2022 · 1 min read बसंत ★ बसंत ★ चारों ओर फूल खिले, रंग से सुगंध मिले । धीमी धीमी हवा चले, आया ये बसंत है ।। आम बौर भा रही है, कोयलिया गा रही है... Hindi · कविता 210 Share Satish Sharma 28 Dec 2021 · 1 min read जो चले ... जो चले रहें बदलकर मंजिलों को ढूंढते । उनको मंजिल न मिले अनुभव मिलेगा ।। किस तरह कोमल कुसुम पथ को सजाते और फिर उन पर मृदुल कलियां बिछाते दूसरों... Hindi · कविता 184 Share Satish Sharma 22 Dec 2021 · 1 min read एक प्रेम कहानी एक प्रेम कहानी... कभी अधूरी नहीं हो सकती यह बात अलग है कि विपरीत परिस्थितियों के चलते कोई एक हृदय किसी कोने में उसे छुपाए रखता है ! घने बीहड़... Hindi · कविता 1 1 350 Share Satish Sharma 19 Dec 2021 · 1 min read आवाज रहट की खट खट की आवाज रहट की । अंतर्मन की यह पीड़ा का गीत लिए जो गाती जाती । और समय का पहिया चलता भर भर घिरियाँ पानी लाती ।। पुरवैया... Hindi · कविता 300 Share Satish Sharma 15 Dec 2021 · 1 min read ऑंसू दिल का दर्द कहाँ से बहता कौन करुण पीड़ा को कहता टूटे मन से विपदाओं को आखिर कोई कैंसे सहता सजल नयन नीरस होते तब सूखी आंखों से क्या रोते... Hindi · कविता 2 2 243 Share Satish Sharma 29 Nov 2021 · 1 min read कहाँ बुरा कहाँ बुरा है जग इतना सुंदर तो है । भले दिखे न बाहर पर अंदर तो है ।। यह कबाड़ इसमें भी कविता सोई है । यह सरिता निर्बाध स्वमन... Hindi · कविता 1 483 Share Satish Sharma 25 Nov 2021 · 1 min read भोर का रूप उदित सूर्य की स्वर्णिम किरणें दीप्ति मान हैं । और गुनगुनी धूप सुशोभित आसमान हैं ।। भोर हुई बीती रजनी सब तारे डूबे । सप्त रंग के सुमन लिए सुंदर... Hindi · कविता 409 Share Satish Sharma 16 Nov 2021 · 1 min read निर्झर लघु निर्झर का मृदु जल शीतल बहता जाता कल- कल अविरल ऊँचे - नीचे प्रस्तर पथ को स्निग्ध नीर से सिंचित करता जीवन के संघर्षों से नित तप्त प्राण की... Hindi · कविता 353 Share Satish Sharma 24 Oct 2021 · 1 min read सिसकियों में रात कटती सिसकियों में रात कटती आँख में आँसू पले हैं । सुबह होते ही बसेरा छोड़कर फिर से चले हैं ।। अब कहाँ आगे रुकेंगे रात यह, अज्ञात है । बिना... Hindi · कविता 1 1 167 Share Satish Sharma 22 Aug 2021 · 1 min read राखी नहीं महज राखी , दो धागों का त्योहार है । यह तो भैया बहिना के अरमानों का संसार है ।। धन दौलत से कभी न मोल सकोगे । बहन के... Hindi · कविता 1 429 Share Satish Sharma 19 Aug 2021 · 1 min read रिश्ते सारी उम्र गुजारी जिनने , संघर्षों के गलियारों में । वही स्वर्ण कण खोज सके हैं , सरिताओं की मझधारों में ।। जब तन से श्रम बिंदु गिरेंगे , तब... Hindi · कविता 208 Share Satish Sharma 9 May 2021 · 1 min read माँ माँ मां की ममता सागर जैंसी गहरी अथाह । आकाश से भी ऊंची विशाल आत्मीय चाह ।। जिसके हृदय में करुणा की है घनी पीर। जिसकी आंखों में प्रेमरूप है... Hindi · कविता 1 2 294 Share Satish Sharma 4 Apr 2021 · 1 min read अंतः पीड़ा तिल तिल करके ढले रात भर, वो जंगल से जले रात भर । जिनके घर कंगाली पसरी उन्हें दीवाली कैसी होली छीन ले गया क्रूर काल भी जिनके आनंदों की... Hindi · कविता 1 447 Share Satish Sharma 28 Mar 2021 · 1 min read होली होली के रंग में अपनों के संग में जीवन जियो तो मोद की उमंग में जो तुम्हारे पास लेकर आये आस अपनेपन का उसे हो जाये अहसास भूखे को रोटी... Hindi · कविता 3 2 271 Share Satish Sharma 27 Mar 2021 · 1 min read वो दीपक से जले रात भर तिल तिल करके ढले रात भर, वो दीपक से जले रात भर । जिनके घर कंगाली पसरी उन्हें दीवाली कैसी होली छीन ले गया क्रूर काल भी जिनके आनंदों की... Hindi · कविता 1 1 504 Share Satish Sharma 25 Mar 2021 · 1 min read जिंदगी जिंदगी नूतन सृजन का नाम है हौंसलों का बस यही पैगाम है चलते हैं मीलों उठाये भार जो उनको पल भर भी कहाँ आराम है जीते हैं जीवन फकीरों की... Hindi · कविता 2 270 Share Satish Sharma 10 Mar 2021 · 1 min read मनुज धर्म मंदिर मस्जिद गुरुद्वारों में जाकर टेका मत्था । तीर्थ यात्रा करने जाते बड़े बनाकर जत्था ।। पर हृदय में दया न देखी निज स्वार्थ में लागे । परहित से मुँह... Hindi · कविता 1 3 421 Share Satish Sharma 22 Feb 2021 · 1 min read सपनो में भटके ये लोग दिन में परछाईं से डरते , सपनों में भटके ये लोग । ऊपर न नीचे जा पाते , बीच में ही लटके ये लोग ।। गुब्बारों सी हवा भरी है... Hindi · कविता 2 215 Share Satish Sharma 15 Feb 2021 · 1 min read धूप आ गई है धूप आँगन में सुनहरी और फुदकने लगी है गौरैया भू पर सुबह की प्रिय गुनगुनी इस धूप में पंख फैलाये खड़ा है मोर ऊपर हरे तोते जा... Hindi · कविता 3 3 303 Share Satish Sharma 14 Feb 2021 · 1 min read कविता जिसने जैसी समझी कविता । उतनी उसके अतन्स पहुंची ।। साहित्य सरोवर नीर लिए । जा गहरे मन मानस पहुंची ।। कवि का है प्रतिबिंब जगत । कल्पना सृजन हित... Hindi · कविता 2 3 283 Share Satish Sharma 13 Feb 2021 · 1 min read चलकर जो.. चलकर जो थक गए तो आराम है जरूरी । यह भी तो जिंदगी का एक काम है जरूरी ।। कोल्हू के बैल जैसे चलने में फायदा क्या । कदमों के... Hindi · कविता 4 7 376 Share Satish Sharma 11 Feb 2021 · 1 min read बसंत का आगमन शुभागमन है यह बसंत का वसुधा के यौवन अनंत का सुंदर पुष्प खिल उठे तरुवर आनंदित उल्लास भरे मन पवन बसंती बही सुगंधित हुए मुदित वन पर्वत उपवन निरख ज्योत्स्ना... Hindi · कविता 2 3 366 Share Satish Sharma 11 Feb 2021 · 1 min read आईना आईना न झूठ न सच बोलता है । वो दिखाता है जो सामने डोलता है ।। परिंदा ऊँचाई का अंदाज लगा लेता है । उसके बाद उड़ने को पर खोलता... Hindi · कविता 2 3 616 Share Satish Sharma 9 Feb 2021 · 1 min read तुम कर सकते हो तुम कर सकते हो जिन्हें पूर्ण , वो स्वप्न अधूरे रहे अगर । फूलों से जिसे सजा सकते हो , कंटकमय वो रही डगर ।। इस निष्क्रियता के लिए प्रश्न... Hindi · कविता 1 4 291 Share Satish Sharma 5 Feb 2021 · 1 min read हो गए जो हो गए जो पत्थर के गम सहते - सहते । मौन हो गए निज गाथा कहते कहते ।। उनकी पीड़ा की गहराई जाने कौन , जिनके ऑंसू सूख गए बहते... Hindi · कविता 3 2 290 Share Satish Sharma 2 Feb 2021 · 1 min read बिल्ली बिल्ली तुम न हमें पकड़ना अपनी दम पर मत अकड़ना अब न सहेंगे तुम्हारी घुड़की हम चूहों से नहीं झगड़ना तुमसे लम्बी पूंछ हमारी ज्यादा नुकीले दांत हमारे बिल में... Hindi · कविता · बाल कविता 2 3 361 Share Satish Sharma 31 Jan 2021 · 1 min read संध्या शीत की संध्या सुनहरी धूप से , दे रही आभास कोमल स्नेह का । शनैःशनैः लेती विदा मद्धिम हुई , सकुचती सी पथ लिए निज गेह का । स्वच्छ निर्मल... Hindi · कविता 1 1 245 Share Satish Sharma 27 Jan 2021 · 1 min read गुबरीले इन्हें बिठाओं मत गुलाब पर भंवरों के संग , लगते भँवरे जैंसे ,पर जहरीले हैं ।। इनके चटक रंग से भ्रमित मत हो जाना , ये गोबर में रहने वाले... Hindi · कविता 1 292 Share Satish Sharma 14 Jan 2021 · 1 min read मकर संक्रांति ऊंचे आकाश में लहराती हैं पतंग पुरवाई पवन के चलती हैं संग संग झूम रही सपनों की डोरी से गाती सी खेलती अठखेलियाँ उड़ती मदमाती सी सूर्य देव लौट रहे... Hindi · कविता 1 4 401 Share Satish Sharma 2 Jan 2021 · 1 min read कुकुरमुत्ते उग गए हैं दूर झुरमुट में,कुकुरमुत्ते । गुलाबों को दे रहे हैं , चुनोती सिर तानकर ।। भूल बैठे एक पल का , तुलतुला अस्तित्व है । होड़ उनसे ले... Hindi · कविता 2 3 215 Share Satish Sharma 9 Dec 2020 · 1 min read मिट्टी तो उर्वर है मिट्टी तो उर्वर है पौधे उग जाएंगे । पत्थर पर तुम फूल खिलाओ , तो जानें ।। सूरज उगने पर उजियारे छा जाएंगे । अंध तिमिर में दीप जलाओ ,... Hindi · कविता 1 286 Share Satish Sharma 12 Nov 2020 · 1 min read * धनवंतरि * आयुर्वेद प्रणेता धन्वतरि समुद्र मंथन से प्रादुर्भूत चतुर्दश रत्नों में से एक दिया जिन्होंने मानव को अमृत रूपी आयुर्वेद जगत कल्याण के लिए प्रभु का है अवतार श्री 3चरणों में... Hindi · कविता 246 Share Satish Sharma 4 Nov 2020 · 1 min read गुलाब हरे भरे पौधों में तनकर रोज सुबह खिलता गुलाब मन्द पवन के छू जाने से शनैः शनैः हिलता गुलाब अपनी रक्तिम अभाओं से काले भौंरे का आकर्षण खुशबू के माधुर्य... Hindi · कविता 261 Share Satish Sharma 3 Nov 2020 · 1 min read बची है नदी.. बची नदी की सूखी रेत नीर पाताल में समा गया उड़ रही है घाटों पर धूल शुष्कता मौसम थमा गया धरा की नमी हुई गायब पेड़ पनपेंगे भला कहाँ छाँव... Hindi · कविता 1 1 554 Share Satish Sharma 29 Oct 2020 · 1 min read सृजन सतत चले लेखनी थके न हाथ सृजन से । काव्य कला का हो निखार निर्द्वन्द मनन से ।। कोरे कागज नहीं समय की अमिट छाप है । दिखता है सर्जक... Hindi · कविता 853 Share Satish Sharma 28 Oct 2020 · 1 min read सांझ भई सांझ भई पंछी घर आये । निरख नीड़ में शिशु हर्षाये ।। मीठी मधुर मोदमय बोली , अंतर्मन के प्रेम की झोली । प्रिय प्रवाह से जैंसे खोली, सप्त रंग... Hindi · कविता 257 Share Satish Sharma 22 Oct 2020 · 1 min read चिंतन सुबह सूर्य का रूप निहारो कुछ ऊर्जा अपने पर डारो ब्रह्म मुहूर्त अमृत की बेला उड़ता पंछी जाए अकेला पंख हवा की गति पर निर्भर कुछ पाने का है यह... Hindi · कविता 1 360 Share Satish Sharma 15 Oct 2020 · 1 min read घर के अंदर घर के अंदर एक छछुंदर दौड़ लगाती है । बाहर से मुँह में दाबे, जाने क्या लाती है ।। पूँछ पकड़कर बच्चे उसके रेल बनाते हैं । पीछे पीछे माँ... Hindi · कविता · बाल कविता 2 2 348 Share Satish Sharma 10 Oct 2020 · 1 min read कागज की नाँव कागज की नाँव चले दूर तलक पानी में तिल तिल कर नाव गले दूर तलक पानी में जल से न होड़ ले तू छोटी सी नाँव गहरे में भला तेरा... Hindi · कविता · बाल कविता 237 Share Satish Sharma 7 Oct 2020 · 1 min read बात ही कुछ और है परिस्थितियाँ हों विषम अनुकूलताएं भी हो कम तब जूझने के इस हुनर की बात ही कुछ और है बादल गरजते हो जहाँ बिजली भीगिरती हो वहाँ तब भीगने के इस... Hindi · कविता 338 Share Satish Sharma 3 Oct 2020 · 1 min read ऐंसे भी घर हैं घर की दीवारें छत पर जाने को आतुर हैं एक नहीं दो नहीं अनेकों ऐंसे भी घर हैं बनी दरारें रोशन दान गिरगिट छिपकलियाँ मेहमान दरवाजे से भीतर घुसने में... Hindi · कविता 1 1 361 Share Satish Sharma 1 Oct 2020 · 1 min read अदृश्य शत्रु से जंग अदृश्य शत्रु से जंग जारी है । ऐंसी देखी नहीं बीमारी है ।। न अस्त्र चले न शस्त्र चले , न चले किसी का जोर । इक दूजे से दूर... Hindi · कविता 1 1 422 Share Satish Sharma 28 Sep 2020 · 1 min read वृक्ष से झरते वृक्ष से झरते गए सब पात सूखे । स्वप्न फिर से रह गए मन के निरुखे ।। डालियों की ऑंख देखो डबडबाई । हाय ! फिर से पतझड़ों की ऋतु... Hindi · कविता 1 396 Share Satish Sharma 27 Sep 2020 · 1 min read तुम किसी की तुम किसी की वेदना को पढ़ सके ना सब पढ़ाई व्यर्थ है फिर तो तुम्हारी शिखर सारे छू लिए समृद्धियों के अंत तक जाकर चढ़े हो वृद्धियों के भूमितल तक... Hindi · कविता 1 244 Share Satish Sharma 20 Sep 2020 · 1 min read तितलियाँ हवा की नदी पर बहती रंग बिरंगी टितलियाँ अपने पंखों से झरते संगीतके स्वरों के साथ बेफिक्र , बेपरवाह आनंद की लहरों पर इतराती जाती हैं एक दूसरे का हौसला... Hindi · कविता 1 244 Share Satish Sharma 19 Sep 2020 · 1 min read फूल चुनोगे फूल चुनोगे तो काँटे भी पाओगे अगर डरे तो खुशबू से वंचित रह जाओगे काँटे कभी मिटा न सकेंगे फूलों का होना लगा रहेगा उनका हमेशा ईर्ष्यावश रोना फूल हमेशा... Hindi · कविता 1 202 Share Satish Sharma 18 Sep 2020 · 1 min read चिंतन चिंतन से मन और मन से तन प्रभावित होता है सकारात्मक चिंतन जहाँ उत्साह व ऊर्जा से भर देता है वहीं नकारात्मक चिंतन हीन भावना व निराशा पैदा कर देता... Hindi · कविता 1 197 Share Page 1 Next