Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
Comments (2)

You must be logged in to post comments.

Login Create Account
5 Feb 2021 02:59 PM

उम्मीदों के सहारे पर खाली हाथ लौटना पड़े तो लगभग यही मनोदशा होती होगी, ऐसा मैंने अहसास किया है! रचना पढ़ने योग्य है, मेरी टिप्पणी से असहमत होने पर यदि बूरा लग जाए तो क्षमा कीजिएगा श्रीमान सतीश जी।

5 Feb 2021 02:05 PM

बहुत उम्दा

Loading...