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22 Feb 2021 · 1 min read

सपनो में भटके ये लोग

दिन में परछाईं से डरते ,
सपनों में भटके ये लोग ।

ऊपर न नीचे जा पाते ,
बीच में ही लटके ये लोग ।।

गुब्बारों सी हवा भरी है ,
वजन कहाँ से आएगा ।

गला बेसुरा जिसका है ,
वो गीत कहाँ से गायेगा ।।

आँसू भरे नयन सागर में ,
कंकड़ से खटके ये लोग ….

दुविधा में माया न मिलती ,
और कभी न राम मिले ।

इस पथ पर जाऊं न जाऊं ,
राह सुबह न शाम मिले ।।

ऐंसे लोगो से चलते हैं ,
जरा सदा ही हटके लोग….
✍️सतीश शर्मा ।

लोग

Language: Hindi
2 Likes · 210 Views
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