Amber Srivastava Tag: कविता 109 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next Amber Srivastava 22 Jul 2020 · 1 min read मुलाकात ख़ुद के साथ। आप ही सोच के देखिए हुज़ूर, क्या ये भी कोई बात हुई, मिलते रहे हैं सभी से अब तक, पर ख़ुद से ना मुलाकात हुई, जाने कितने दिन बीते, जाने... Hindi · कविता 8 8 409 Share Amber Srivastava 20 Jul 2020 · 1 min read जो छूट गए सो छूट गए। कहां ढूंढे और कैसे मनाए उन्हें, कुछ बिछड़ गए कुछ रूठ गए , ज़िंदगी नाम है आगे बढ़ने का, जो छूट गए सो छूट गए, जो हिस्सा थे रोज़ की... Hindi · कविता 11 10 419 Share Amber Srivastava 18 Jul 2020 · 1 min read नई सुबह घर आती है। सूरज की पहली किरण, हर सुबह घर आती है, जीवन है नाम आशाओं का, हर पल यही सिखाती है, कभी-कभी ये सुबह ना भाऐ, कभी यही सुहाती है, नई उमंग... Hindi · कविता 7 4 456 Share Amber Srivastava 17 Jul 2020 · 1 min read एक पराई। अपनेपन से पास वो आती, कांधे पे मेरे सिर को झुकाती, आँखों में उसकी दिखी सच्चाई, जब-जब मेरे पास वो आई, कैसा अनोखा रिश्ता उससे, अपनी लगती है एक पराई,... Hindi · कविता 8 4 543 Share Amber Srivastava 16 Jul 2020 · 1 min read बदल गया हूं मैं भी थोड़ा। बदल गया हूं मैं भी थोड़ा, जबसे बदला ये ज़माना है, विश्वास कीजिए फिर भी मेरा, कि अंदाज़ वही पुराना है, ना ही कहीं कोई शिकवा किसी से, ना किसी... Hindi · कविता 6 4 1k Share Amber Srivastava 14 Jul 2020 · 1 min read सवाल कैसा? दिल में आया कुछ ख़्याल ऐसा, ना तू मेरी ना मैं तेरा, फिर इंतज़ार का सवाल कैसा? जब इकरार कि कहीं, कोई गुंजाइश नहीं, फिर इज़हार का सवाल कैसा? जिसे... Hindi · कविता 4 10 306 Share Amber Srivastava 11 Jul 2020 · 1 min read रंगीन तबियत। उम्र हो गई पैंतीस के पार, बस बड़प्पन आना बाकी है, समझदारी तो फिर भी आ गई, बस लड़कपन जाना बाकी है, रंग बदलती ये ज़िंदगी यहां, कभी खुशहाल तो... Hindi · कविता 7 4 518 Share Amber Srivastava 9 Jul 2020 · 1 min read दिखावा। जीवन रुपी सर्कस में, हर इंसान एक मसखरा है, कोई है हर पल उदास यहां, तो किसी का जीवन मस्ती भरा है, सभी हैं बनते ज्ञानी यहां पे, हर कोई... Hindi · कविता 8 6 397 Share Amber Srivastava 8 Jul 2020 · 1 min read संसार-सागर। जीवन एक चढ़ाई है, क्या ख़ूब लगते हैं इस के नज़ारे, सुख-दुख हैं एक घटा बादल की , दोनों ही हैं ये साथी हमारे, मुश्किलों में भी मुस्कुराते हुए, हर... Hindi · कविता 3 6 496 Share Amber Srivastava 7 Jul 2020 · 1 min read प्रेमार्पण। क्या कहूं कि आपकी मुस्कान एक, संपूर्ण सुंदरता का दर्पण है, प्रेम रस से सजी हर कविता मेरी, बस आपको ही अर्पण है, स्वार्थ से मुक्त हर शब्द मेरा, आपको... Hindi · कविता 5 6 630 Share Amber Srivastava 6 Jul 2020 · 1 min read जीवन। कभी पल ख़ुशियों के मीठे-मीठे, कभी ज़हर का कड़वा घूंट दिया, कोई शिकायत तुझसे नहीं, ऐ जीवन तूने सब कुछ ही दिया, उम्मीदों की शमा कभी रौशन रही, कभी बुझता... Hindi · कविता 8 6 601 Share Amber Srivastava 5 Jul 2020 · 1 min read कभी कहीं। कई बार सुना आज माना है, जीवन एक बहती धारा है, कभी कहीं है बेबस बहुत, तो कहीं मौजूद कोई सहारा है, कहीं सुना कि काबिल है, कहीं सुना कि... Hindi · कविता 6 4 520 Share Amber Srivastava 4 Jul 2020 · 1 min read एक प्यारी सी गुड़िया। सुबह-सवेरे अक्सर मुझको, एक प्यारी सी गुड़िया नज़र आती है, ढेरों आशीष मैं देता उसको, जब-जब वो मुस्काती है, अपनी मस्ती में चहलकदमी करती, रोज़ स्कूल वो जाती है, बच्चे... Hindi · कविता 8 6 376 Share Amber Srivastava 3 Jul 2020 · 1 min read अंबर। काश दूर कहीं ये अंबर भी, नीले अंबर में खो जाए, धरती पे मौजूद ये अंबर भी, नीले अंबर सा हो जाए, निश्चित है इस अंबर का भी, एक न... Hindi · कविता 9 6 406 Share Amber Srivastava 1 Jul 2020 · 1 min read चलते-चलते। जीवन-पथ पे चलते-चलते, यूं ही मिला कुछ लोगों का साथ, हर सुबह उन्हें संदेश मैं देता, तभी होती थी दिन की शुरुआत, क्या ख़ूब था वो शब्दों का सिलसिला, जो... Hindi · कविता 8 4 516 Share Amber Srivastava 30 Jun 2020 · 1 min read मेरा दोस्त। तेरे दिल से मेरा नाता है, तू ही मुझे बस भाता है, तेरे जैसा दोस्त मिला, दिल और नहीं कुछ चाहता है, दोस्ती अपनी चलती रहे, रिश्ता अपना नायाब रहे,... Hindi · कविता 5 2 405 Share Amber Srivastava 26 Jun 2020 · 1 min read शादी और समाज। शादी तो बस एक रिवाज़ है, ”बंधन" है जिसका आधार, सात जन्मों-सात फेरों की, ये बातें हैं निराधार, जन्मों का ये बंधन अगर, होता इतना ही कमाल, तो इस दुनिया... Hindi · कविता 3 4 513 Share Amber Srivastava 25 Jun 2020 · 1 min read ये कैसा ईश्वर? ये कैसा ईश्वर है जो अपनी ही, सुनना चाहे जयकार, सुने बिना ये प्रशंसा अपनी, कर न सके किसी का उद्धार, एक पल में चला आया था जो, सुन के... Hindi · कविता 6 9 371 Share Amber Srivastava 24 Jun 2020 · 1 min read तुम। मेरा ख़्याल तुम, मेरी प्रेरणा तुम, तुम ही मेरी कल्पना हो, सांसों का साज़ तुम, दिल की आवाज़ तुम, तुम ही मेरी तमन्ना हो। ज़हन में तुम, ख़्वाबों में तुम,... Hindi · कविता 5 5 444 Share Amber Srivastava 23 Jun 2020 · 1 min read वो लेखक भी क्या लेखक? ना तो कोई बड़ा लेखक हूं, ना हूं मैं कोई महात्मा ज्ञानी, फिर भी देख कर थोड़ी सी दुनिया, चार बातें मैंने भी जानी, वो लेखक भी क्या लेखक है,... Hindi · कविता 5 10 327 Share Amber Srivastava 22 Jun 2020 · 1 min read अनकहे जज़्बात। तू कितनी मेरी मैं कितना तेरा, बस यही बताना रह गया, नाराज़गी-बेरूखी़ तो अक्सर ही दिखी, बस हक जताना रह गया, ऐसे कई ख़्याल थे जिनको, लफ्ज़ों से सजाना रह... Hindi · कविता 5 7 466 Share Amber Srivastava 21 Jun 2020 · 1 min read चाय और आपका ख़्याल। सुहानी हसीन सुबह के साथ, एक मीठी चाय की चुस्की हो, मेरे दिल में ख़्याल हो आपका, और होठों पे मुस्की हो, आइए ख़्यालों में बैठ के, बातें दो-चार की... Hindi · कविता 5 4 532 Share Amber Srivastava 20 Jun 2020 · 1 min read आपकी सुबह। सुबह हो आपकी ऐसी जिसमें, हर पल खुशियों का तरन्नुम हो, दिन बन जाए ख़ूबसूरत इतना, कि ताउम्र जिसका तसव्व़ुर हो, हर एक पल आपके दिन का, बन जाए ख़ुशियों... Hindi · कविता 9 4 529 Share Amber Srivastava 19 Jun 2020 · 1 min read जवानों तुम्हें सलाम। गर्व है मुझको आप पर, ऐ मेरे देश के जवान, हंसते हंसते देते हैं, आप देश के ऊपर जान, इस देश की धरती धन्य है, जिसपे जन्मे हैं ऐसे जवान,... Hindi · कविता 5 2 276 Share Amber Srivastava 17 Jun 2020 · 1 min read मैं और मेरी चाय। कमाल की चीज़ है तू भी चाय, क्या ख़ूब तू मुझसे यारी निभाए, मोहब्बत तुझसे कुछ ऐसी है, कि दूर तुझसे रहा ना जाए, सुबह का हर पल निखरता जाए,... Hindi · कविता 4 6 485 Share Amber Srivastava 16 Jun 2020 · 1 min read खुल कर जीना। मरना तो एक दिन लाज़मी है, खुल कर जीना सीखो, औरों पर क्या हंसना यारों, ख़ुद पर हंसना सीखो, दूसरों को बदलना तो नादानी है, बस ख़ुद को बदलना सीखो,... Hindi · कविता 3 4 1k Share Amber Srivastava 16 Jun 2020 · 1 min read मेरी डायरी। रोज़-रोज़ तो लिख नहीं पाता, पर दूर मैं तुमसे रह नहीं पाता, साझा करता तुमसे मैं, अपनी हर एक सोच, मानो जैसे हो जाता, हल्का दिल का बोझ, तुम तो... Hindi · कविता 3 2 345 Share Amber Srivastava 15 Jun 2020 · 1 min read ओझल। कलम उठती नहीं कुछ लिखने को, आज लिखने का फिर भी करता दिल, जीवन में थे कुछ लोग भी ऐसे, दिल कहता उनसे जाके मिल, कुछ तो अभी भी साथ... Hindi · कविता 5 7 466 Share Amber Srivastava 13 Jun 2020 · 1 min read सुबह का संदेश। सुबह का एक संदेश ही, अपने आप में सौगात है, नहीं तो आजकल कहां किसी से, हो पाती कोई बात है, दिल से आभारी हूं मैं उनका, जो मुझे भी... Hindi · कविता 5 4 406 Share Amber Srivastava 10 Jun 2020 · 1 min read उंगली। आठ उंगलियां हाथों में, किसी एक का कीजिये इस्तेमाल, उंगली करने की कला सीखिए, फिर देखिए इसका कमाल, सबके मामलों में उंगली कीजिये, ऊटपटांग पूछिए सवाल, दिखने में उंगली छोटी... Hindi · कविता 7 10 336 Share Amber Srivastava 8 Jun 2020 · 1 min read सादगी। दूं तुम्हें मैं नाम कोई, या कहूँ सुन्दरता की मूरत, कशमश में है दिल, कि देखूं तुम्हारी सादगी, या देखू तुम्हारी सुरत, न तुम्हारे जैसी सादगी कहीं, न तुम्हारे जैसा... Hindi · कविता 5 8 387 Share Amber Srivastava 7 Jun 2020 · 1 min read ज़िंदगी अभी बाकी है। नयी उम्मीद के रूप में, नयी सुबह फिर जागी है , आखों का खुलना इशारा है, कि ज़िंदगी अभी बाकी है, पूरे करने हैं जो , कई अरमान अभी बाकी... Hindi · कविता 5 2 450 Share Amber Srivastava 6 Jun 2020 · 1 min read यादों का किस्सा। कब कहा मैंने कि आप मेरे, जीवन भर का हिस्सा बनिए, जब तक हो सके संपर्क में रहिए, फिर ख़ूबसूरत यादों का किस्सा बनिए । यूं ही ना जुड़ता कोई... Hindi · कविता 4 2 382 Share Amber Srivastava 6 Jun 2020 · 1 min read वर्तमान। ना जान सकें ना बदल सकें, क्या भविष्य क्या अतीत है, रह सकें तो वर्तमान में रहें, इसी में जीवन की जीत है, एक कल अभी आया नहीं, और एक... Hindi · कविता 3 2 503 Share Amber Srivastava 4 Jun 2020 · 1 min read एक प्रेम सूफियाना सा। ना दर्जा देना प्रेमिका का, ना करना आपसे विवाह है, आपके प्रति चंद अल्फ़ाज़ मेरे, इस अनकहे प्रेम की राह है, ना बंधन है कोई नाम का, ना जग की... Hindi · कविता 4 4 342 Share Amber Srivastava 3 Jun 2020 · 1 min read डोर। ना सुनाई देती है आहट कोई, ना होता है कोई शोर, कभी-कभी इस जीवन में यूँ ही, बंध जाती हैं कुछ डोर, बेनाम रिश्तों का दुनिया में, होता है अलग... Hindi · कविता 5 6 321 Share Amber Srivastava 30 May 2020 · 1 min read एक धागा मित्रता का। जिस जगह से नहीं लगाव कोई, उस जगह की ओर मैं मुड़ने लगा, बस यूं ही अचानक मैं मिला था तुझसे, फिर तुझसे मैं जुड़ने लगा, बातों के साथ मुलाकातें... Hindi · कविता 6 2 446 Share Amber Srivastava 23 May 2020 · 1 min read झलक। एक ऐसी शख़्स थीं जीवन में, जो अक्सर नज़र आ जाती थीं, कुछ तो ऐसी बात थी उनमे, जो एक झलक से ही भा जाती थीं, ना बात कोई ना... Hindi · कविता 3 1 679 Share Amber Srivastava 20 May 2020 · 1 min read अनाम। हर रिश्ता इस दुनिया में अगर, बस नाम से जाना जाता, तो अनाम रिश्ता और निस्वार्थ भाव, कभी ना माना जाता, जो अल्फाज़ से परे हो, वो बयान कैसे हो... Hindi · कविता 4 1 530 Share Amber Srivastava 14 May 2020 · 1 min read चुप। बीत गया अब तो काफी वक़्त, कि अब आप भी चुप, और मैं भी चुप, दे चुका हूं सारी दुआएं मैं शायद, कि अब कलम भी चुप, और शब्द भी... Hindi · कविता 5 1 372 Share Amber Srivastava 13 May 2020 · 1 min read ग़ज़ल क्या कहें? कुछ ऐसा मेरे दिल पे है, आपके रूप का असर, जी चाहता है कि रच दूं मैं, आप पे कोई ग़ज़ल, उठती-झुकती पलकों पे मैं, कह जाऊं कोई ग़ज़ल, सादगी... Hindi · कविता 3 1 401 Share Amber Srivastava 12 May 2020 · 1 min read कहिएगा ज़रूर। कुछ मेरी सुनिएगा , कुछ अपनी सुनाइएगा, ज़िदगी एक जश्न है दोस्त, इसे दिल खोलकर मनाइएगा, हो जो कोई नई ताज़ी, तो मुझे भी बताइएगा, छोटी-छोटी बातों को, दिल से... Hindi · कविता 4 2 392 Share Amber Srivastava 9 May 2020 · 1 min read शराब। क्या कसूर है इसमें इसका, जो दुनिया में मौजूद शराब है, ख़ुद के बस में रहता ना इंसान, और शराब को कहता ख़राब है, ज़रा झांकिए इतिहास के तहख़ानों में,... Hindi · कविता 3 2 472 Share Amber Srivastava 9 May 2020 · 1 min read फिर मिलेंगे। जो बिछड़े हैं आज, तो कल फिर मिलेंगे, जो नज़र न आए आस-पास, तो दूर कहीं ख़्यालों में मिलेंगे, कभी जवाबों मे मिलेंगे, तो कभी सवालों में मिलेंगे, कभी सुनी-अनसुनी... Hindi · कविता 3 2 526 Share Amber Srivastava 8 May 2020 · 1 min read आप। आपने उस दिन कहा था मुझसे, क्या “मुझ पर आप लिख सकते हैं”, सबसे पहले धन्यवाद आपका, कि मुझ पर हक आप समझते हैं, बहुत ज़्यादा तो आपको जाना नहीं,... Hindi · कविता 3 524 Share Amber Srivastava 5 May 2020 · 1 min read देहरादून। जीवन भर ये शहर मुझे, आता रहेगा याद, कितनी जल्दी बीत गया, ये सात वर्षों का साथ, अपने में मस्त रहता था मैं, गर्मी बरसात और जाड़ों में, ना मिलता... Hindi · कविता 4 1 343 Share Amber Srivastava 2 May 2020 · 1 min read क्यों? स्थाई इस दुनिया में, कुछ भी रह पाता नहीं, बहुत कुछ रह जाता है, जो इंसान कह पाता नहीं, मन ही मन क्यों घुटता है, क्यों वास्तविकता अपनी बता पाता... Hindi · कविता 4 4 550 Share Amber Srivastava 30 Apr 2020 · 1 min read प्रेम। पसंद कभी भी बदल सकती है, प्रेम आजीवन रहता, प्रेम तो एक आधार है ऐसा, कि जीवन संजीवन रहता, कितना कुछ है कहा गया, कितना कुछ है लिखा गया, विस्तार... Hindi · कविता 2 1 279 Share Amber Srivastava 29 Apr 2020 · 1 min read थोड़ी सी नादानी। कभी किसी को सुना सके जो, दिल में कोई ऐसी कहानी रखिए, वक्त बना देता है समझदार सभी को, ज़िदा थोड़ी सी नादानी रखिए, जो ख़ास होने का एहसास दिला... Hindi · कविता 3 1 468 Share Amber Srivastava 27 Apr 2020 · 1 min read कुछ ख़्याल बस यूँ ही। अरसे बाद कुछ ख्यालों को, पन्ने पर रखने बैठा हूं, ऐ कलम मेरा हाथ बँटा , आज फिर मैं लिखने बैठा हूं, तेरी हर आज़माइश के, स्वाद को चखने बैठा... Hindi · कविता 4 2 347 Share Previous Page 2 Next