Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
Comments (10)

You must be logged in to post comments.

Login Create Account
8 Jun 2021 06:09 AM

Touching

8 Jun 2021 09:00 AM

Thanks

बहुत सुंदर प्रस्तुति सर

20 Jul 2020 10:47 AM

धन्यवाद मैडम

20 Jul 2020 08:42 AM

अति सुन्दर विरहयुक्त प्रस्तुति।
धन्यवाद !

20 Jul 2020 10:47 AM

धन्यवाद उमा जी

मैं ज़िंदगी का साथ साथ निभाता चला गया।
हर फ़िक्र को धुएं में उड़ाता चला गया।
बर्बादियों का सोग़ मनाना फिज़ूल था।
बर्बादियों का जश्ऩ मनाता चला गया।

श़ुक्रिया !

20 Jul 2020 10:48 AM

श़ुक्रिया

20 Jul 2020 07:47 AM

लाजवाब प्रस्तुति

20 Jul 2020 10:48 AM

श़ुक्रिया दोस्त

Loading...