अखिलेश 'अखिल' 121 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid अखिलेश 'अखिल' 12 Jun 2020 · 1 min read नसीहत, शक़्ल-ओ-नाज़ को मर जाने दो, खुद की पहचान अब बनाने दो, वह मुझे कितना भी बर्बाद करे, करो सब्र मुनासिब समय आने दो, शेर टकरा के गिरा नहीं करते हैं,... Hindi · मुक्तक 2 2 562 Share अखिलेश 'अखिल' 24 May 2021 · 1 min read वतन 'तेरी मिट्टी में मिल जावा' की तर्ज पर गुनगुना कर देंखें,,,,,,,, तेरी है ज़मीं मेरी है ज़मीं, इंकार कहाँ कोई करता है, बलिदान वतन पे सबका है, जब वार कोई... Hindi · गीत 3 8 572 Share अखिलेश 'अखिल' 17 May 2021 · 1 min read बरसात, बादल उमड़ते बुलाते हैं किसको, फ़िज़ा की हवाएं लुभाती है सबको, दिलों में सभी के हुयी हलचलें हैं, कैसे रिझाती है बरसात मुझको, रिमझिम है बारिश जहां तो भीगे, अंकुर... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · मुक्तक 4 11 548 Share अखिलेश 'अखिल' 14 Jun 2020 · 1 min read माँ, नींद में न जाने कितने अज़ाब देखा हूँ, माँ की आंखों में मेरे लिए ख्वाब देखा हूँ, मेरा लाल एक दिन तूँ बड़ा जरूर बनेगा, मैं महकता हुआ आंख में... Hindi · मुक्तक 4 4 536 Share अखिलेश 'अखिल' 2 Jun 2021 · 1 min read प्यार, वह कभी प्यार को सिला नहीं, मैं गया उधर पर वो मिला नहीं, ना अदावत रही ना गिला कोई, वह कहाँ गया कुछ इत्तला नहीं, वह कभी प्यार को सिला... Hindi · मुक्तक 510 Share अखिलेश 'अखिल' 11 May 2021 · 1 min read मन का मीत, हवा चली है बहारों में खुशबू आये, आप आये हैं फिर तो गुफ़्तगू आये, दश्त में वीरान से हुये ब्याकुल चेहरे, चमक उठे हैं जैसे कोई जादू आये, Hindi · मुक्तक 1 522 Share अखिलेश 'अखिल' 10 May 2021 · 1 min read बदलती दुनिया जहां तो हुआ ऐसा मक़तल है दोस्तों, लहज़ा नहीं नरम तल्खियत है दोस्तों, लंका में भला राम तो महफूज़ मिलेंगे, राम की अयोध्या में आफ़त है दोस्तों, शीशागर जुबां है... Hindi · मुक्तक 1 508 Share अखिलेश 'अखिल' 15 Jun 2020 · 1 min read मौत का यथार्थ हम जिंदा हैं, मग़र हिस्सों में, धर्म,जाति, सम्प्रदाय में करते हैं हम फ़क्र, मनुष्य स्वतंत्र मानता है इन्हीं बटी हुई रेखाओं में, बदबू सिर्फ जुबान या तन की नहीं भाषा... Hindi · कविता 3 3 453 Share अखिलेश 'अखिल' 7 Jun 2020 · 1 min read मोहब्बत, जो सोचता है सब कुछ हमारा होता, वह मेरे लिए हरगिज़ नागवारा होता, जान लुटा देता उसके एक इशारे पे, वो शख़्स दिल से अगर प्यारा होता, Hindi · मुक्तक 2 2 438 Share अखिलेश 'अखिल' 13 Jun 2020 · 1 min read कविता की ताकत, लिखने का अंदाज़ बदल क्यों जाता है, कवि तो कवि है उसे और क्या भाता है, जल रही धरती है तो आग बुझाएं कैसे, क़लम के जोर से क्या नहीं... Hindi · कविता 4 8 505 Share अखिलेश 'अखिल' 12 Jun 2020 · 1 min read हकीकत जन्नत जन्नत तुम्हीं बड़ा जानते हो, पर दुख के बारे में क्या जानते हो, ये पूजा दुआ इबादत सब सही है, पर जो भूखों मरे उन्हें जानते हो, ये दर्द... Hindi · मुक्तक 433 Share अखिलेश 'अखिल' 12 May 2021 · 1 min read जिंदगीनामा ज़ुर्म इतने हैं कि सजा ही नहीं, और ज़ुर्म कितना पता ही नहीं, सब लगे है उसको ही बचाने में, मेरी तरफ़ कौन है पता ही नहीं, खामोश खड़ा रहा... Hindi · मुक्तक 1 435 Share अखिलेश 'अखिल' 13 Jun 2020 · 1 min read सच और झूठ, झूठ फैलता है तो सच दरकिनार हुआ, बोलिये पर झूठ कितना गुलज़ार हुआ, उम्र कितनी होती है इस फरेबानी की, सच उभरा सच में तो झूठ परेशान हुआ, कितने धरती... Hindi · कविता 4 3 436 Share अखिलेश 'अखिल' 13 Jun 2020 · 1 min read उनके नाम, कुछ अर्थ कुछ भाव उनके भी नाम करें, जिनके सपने दुनिया के लिए काम करें, थक कर चूर और जिस्म तो बेजान हुए, उनकी जिंदगी में हसीन जरा शाम करें, Hindi · मुक्तक 2 467 Share अखिलेश 'अखिल' 5 Jun 2020 · 1 min read वफ़ादारी न तो ज़मीर बेचा न ही गिरने दिया, तन्हा अपने आपको मग़र रहने दिया, वफ़ा की खुश्बू ने मुझे तालीम किया, पर जिस्म को हकीकत में रहने दिया, सबको समझा... Hindi · मुक्तक 2 465 Share अखिलेश 'अखिल' 4 Mar 2022 · 1 min read उम्मीद तूँ किसी काम भी ना आने वाला, मग़र तालुक है बहुत जमाने वाला, उससे उम्मीद भला क्या रखता मैं, जो छोड़कर मुझको है जाने वाला, तूँ अच्छी है इतनी भी... Hindi · मुक्तक 412 Share अखिलेश 'अखिल' 5 Jun 2020 · 1 min read शहीद की आत्मा शहीद हुआ तो बदनाम किया, ये वतन बदन तेरे नाम किया, खून इस बात से खौला नहीं, जमीं के नाम से कुर्बान किया, मज़म्मत जो भी कोई गम नहीं, कफ़न... Hindi · कविता 1 4 426 Share अखिलेश 'अखिल' 5 Jun 2020 · 1 min read फलसफा, जहां भी गया वहीं पर किनारा हुआ, अफसोस यह है कोई न हमारा हुआ, इंतज़ार जिसका था मुझे दिलों जा में, वो शख़्स किसी और का सहारा हुआ, यह सच... Hindi · मुक्तक 1 2 423 Share अखिलेश 'अखिल' 4 Jun 2020 · 1 min read सफ़ाई सफ़ाई देता है जो सफ़ाई देता है, मुझे तो सब कुछ दिखाई देता है, तूँ चाहता है मैं न सुनू कुछ भी, मग़र मुझे तो ऊंचा सुनाई देता है, तूँ... Hindi · मुक्तक 3 397 Share अखिलेश 'अखिल' 7 Mar 2022 · 1 min read मोहब्बत पुराने घाव इतना भी ना ताज़ा हो, किसी से प्यार हो तो जियादा हो, उमर इस बात पे अब कट रही है, वह सामने आये तो अन्दाज़ा हो, छोड़ के... Hindi · मुक्तक 388 Share अखिलेश 'अखिल' 9 Jun 2021 · 1 min read बरसात की बूंदें देखता हसीन हूँ जब आंख को मूँदें, ठहरती पलकों में नहीं रात की नीदें, होंठ पे आती है रौनक भरी सिहरन, गिर रहीं दहलीज़ पे बरसात की बूंदें, चिड़ियां चहक... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · मुक्तक 3 11 438 Share अखिलेश 'अखिल' 11 Jun 2020 · 1 min read इंसानियत, मैंने कितने चरागों को आफताब किया, रहा दुनिया के साथ और लाजबाब किया, हाथ बढेगा सदा जगत कि रहनुमाई में, मिट्टी के हाथों को मैंने तो किताब किया, Hindi · मुक्तक 3 2 426 Share अखिलेश 'अखिल' 10 Jun 2020 · 1 min read हसरतें आज मेरा जन्मदिन है।इस महत्त्वपूर्ण दिन के उपलक्ष्य में कविता/मुक्तक से बड़ी कोई सौगात नहीं हो सकती।कविता से ही जिंदा हूँ।जिंदादिली कविता में सादगी,असलियत व जोश पैदा करती है।सादर! हमारे... Hindi · मुक्तक 4 8 373 Share अखिलेश 'अखिल' 8 Jun 2020 · 1 min read वफ़ादारी, मोहब्बत मिली जो दाग़दार रही, निशानी उसकी और यादगार रही, दोस्ती ऐसी की अदावत न हुई, दुश्मनी हुई भी तो वफ़ादार रही, Hindi · कविता 5 2 373 Share अखिलेश 'अखिल' 16 May 2021 · 1 min read बरसात बारिशों ने जगाया दिलों में चाह होना, आप आसान समझते हैं बरसात होना, है आसमां की छाती और तड़पती बूंदें, तूने देखा नहीं नदियों का समंदर होना, खेत लहलहाते ज़मीं... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · मुक्तक 7 18 371 Share अखिलेश 'अखिल' 11 May 2021 · 1 min read ग़ुरूर वह आदमी जो मुस्कुरा रहा है, किसलिए मेरे घर से जा रहा है, अभी तो सूरज नहीं था निकला, तूँ जुगनू फिर क्यों बुझा रहा है, हुयी बारिशों से कमजोर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 353 Share अखिलेश 'अखिल' 11 May 2021 · 1 min read योग्यतम की हत्या मैं नापता हूँ उन तस्वीरों को, जो नापती हैं मुझे उस ऊंचाई से, जिसे मैंने प्रदत्त की है, तमाम जोड़-तोड़ से, लाग-लपेट से, चरण चुम्बन से, घुसे हैं ऐसे लोग... Hindi · कविता 2 365 Share अखिलेश 'अखिल' 8 Jun 2020 · 1 min read सच बयानी, हर हाथ मेरे लिए ही उठे ये आसान नहीं, क़लन्दर हूँ कद का कोई अरमान नहीं, मरने पे आ जाऊं तो दिल बेखौफ मरे, जमीं जज्बात की है कोई आसमान... Hindi · मुक्तक 1 2 371 Share अखिलेश 'अखिल' 7 Jun 2020 · 1 min read इंसानियत, सब कुछ मुझे मिला पर औकात में रहा, ये जिंदगी तुझे समझा तेरी बात में रहा, कितने को मिल जाती है फ़न की दौलत, फ़न भूला जो इंसान तो किस... Hindi · मुक्तक 2 2 419 Share अखिलेश 'अखिल' 5 Jun 2021 · 1 min read ख्वाहिश मेरी ख्वाहिश को पूरा होने देते, मैं खुश हूं मुझे चैन से मरने देते, अंधेरा मेरी दहलीज़ पे बोल उठा, मेरे हिस्से में उजाला तो होने देते, वक्त से रुख़सत... Hindi · मुक्तक 361 Share अखिलेश 'अखिल' 7 Jun 2020 · 1 min read मेरी कविता, लिख न सका जो कह न सका, कविता जिसका मैं हो न सका, शब्दों अर्थों तक पहुंच कठिन, और भाव भी अंतिम हो न सका, दुख दर्द की क्या परिभाषा... Hindi · कविता 1 2 385 Share अखिलेश 'अखिल' 3 Jun 2020 · 1 min read जिंदगी के मरहले, जिंदगी तेरी चौखट पर जूझ रहा हूँ, ग़म इतने की ग़म से ही पूछ रहा हूँ, इतना नहीं मयस्सर इफ़रात कर सकूं, टूटा हूँ और टूट के महफ़ूज रहा हूँ।... Hindi · मुक्तक 4 4 375 Share अखिलेश 'अखिल' 16 May 2021 · 1 min read बरसात दिल मेरा जब अधीर से हो जाते हैं, बरसते बादल दहलीज़ पर आते हैं, मैं सन्नाटे से निकलता हूँ आंगन में, ज़ख्म किस क़दर ख़त्म हो जाते हैं, घटा दिल... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · मुक्तक 4 5 353 Share अखिलेश 'अखिल' 13 Jun 2020 · 1 min read प्रगतिशील कवि, कवि हूँ तो पतन को स्वीकार करता हूँ, यथार्थ की जुबां पे अधिकार करता हूँ, गा तो सकता हूँ पर दिल नहीं करता, काव्य में पैबोस को इंकार करता हूँ,... Hindi · मुक्तक 3 6 353 Share अखिलेश 'अखिल' 4 Mar 2022 · 1 min read शहादत मर मिट गए जो वतन की आबरू बचाने में, थे वे शेर जो पैदा हुए हिन्दुस्तानी घरानों में, शहादत की कहानी से रगों में खून ना दौड़े, ये मुम्किन होता... Hindi · मुक्तक 348 Share अखिलेश 'अखिल' 9 Jun 2021 · 1 min read बरसात की बूंदें देखता हसीन हूँ जब आंख को मूँदें, ठहरती पलकों में नहीं रात की नींदें, होंठ पे आती है समसीर की रौनक, गिर रहीं दहलीज़ पे बरसात की बूंदें, चहकती हैं... Hindi · मुक्तक 1 385 Share अखिलेश 'अखिल' 6 Jun 2020 · 1 min read कविता के मयख़ाने मेरी जवानी तेरी जवानी की मोहताज़ नहीं, शोर तो बहुत है पर तूँ कोई आफताब नहीं, फट चुके हों सारे पन्ने,कवर का क्या करें, जो मयख़ाने में मिट जाय वो... Hindi · मुक्तक 2 2 380 Share अखिलेश 'अखिल' 4 Mar 2022 · 1 min read बेबाक हमें डर नहीं किसी भी गिरफ्तारी की, तेरी हुकूमत से बू आती है गददारी की, नकली आंसू में भरोसे का मोती भर, तूँ बात करता है सत्ता की वफादारी की, Hindi · मुक्तक 335 Share अखिलेश 'अखिल' 16 Jun 2021 · 1 min read हौसलें चलते-चलते थक पावँ मेरे जाते हैं, हम उसी मोड़ पे क्यों ठहर जाते हैं, यूं तो वक्त से है हर कोई बोल उठा, चाहते बहुत पर हौसलें मर जाते हैं,... Hindi · मुक्तक 2 337 Share अखिलेश 'अखिल' 4 Mar 2022 · 1 min read फ़ैसला बात सबकी करे बस नाम का है, कोई भी फैसला नहीं काम का है, बिठा करके पुतली को मसनद पर, कहा गया है फैसला आवाम का है, Hindi · मुक्तक 398 Share अखिलेश 'अखिल' 10 May 2021 · 1 min read मुक्तक देखता हूँ कितनी रक़ीब है दुनिया, मुझमें मौज़ूद है और दूर है दुनिया, सूरज बनकर बैठा है जो मेरे अंदर, कर रहा वही चकनाचूर है दुनिया, Hindi · मुक्तक 325 Share अखिलेश 'अखिल' 13 May 2021 · 1 min read सत्ताधीश @मैं मसाइल भरी लब्जों पर बोलता गया, उन्हें प्यार के गीत से फुर्सत कहाँ मिली@ ***************सत्ता************* जब भी आलाकमान बोलेगा, तो फ़र्श पे आसमान बोलेगा, बेबस जुबां में कोई जोश... Hindi · मुक्तक 3 4 321 Share अखिलेश 'अखिल' 23 Apr 2022 · 1 min read बिंदास जरूरी भर मिला इफ़रात नहीं, मगर उजाला है कोई रात नहीं, चमकता था जो गुरुर में बहुत, गया वो डूब कोई औकात नहीं Hindi · मुक्तक 346 Share अखिलेश 'अखिल' 4 Mar 2022 · 1 min read रस्ता कोई समझेगा क्या तुझको पाकर, जब तक गुजरेगा रस्ता ना जाकर, तुम कभी इस भरम में ना रहना, दुनिया जीती है कौन यहां आकर, नाम करने को आतुर है वो... Hindi · गीत 328 Share अखिलेश 'अखिल' 25 May 2021 · 1 min read मुफ़लिसी मुफ़लिसी में जीते और मुस्कुराते हुए, ऐसे क़िरदार मेरे दिल से टकराते हुए, तुम पूछते हो हाल मुझसे क्या उनका, एक ही चादर में कई पावँ फैलाते हुए, कफ़स से... Hindi · मुक्तक 4 8 313 Share अखिलेश 'अखिल' 4 Mar 2022 · 1 min read उड़ान इम्तहान से पहले इम्तहाँ के बाद, होती है सुबह जैसे शाम के बाद, ठहरता कहाँ परिंदा आसमान में, आता रहा ज़मीं पे उड़ान के बाद, Hindi · मुक्तक 298 Share अखिलेश 'अखिल' 2 Jun 2020 · 1 min read मुक्तक जो मुझे भूल जाना नहीं चाहता, मैं भी उसको भुलाना नहीं चाहता, खुद ही आये अकल वही ठीक है, बेअकल के मैं गाना नहीं चाहता, चांद सूरज जमीं पे तो... Hindi · मुक्तक 2 2 293 Share अखिलेश 'अखिल' 10 May 2021 · 1 min read मंज़र सीखना चाहते हैं सब दांव मेरा, खींचना चाहते हैं बस पावँ मेरा, इस मंज़र से वह घबड़ा ही गया, पेड़ मांग रहा था जब छांव मेरा, मैंने रौशनी तक उसको... Hindi · मुक्तक 1 2 294 Share अखिलेश 'अखिल' 2 Jun 2020 · 1 min read ग़ज़ल/गीतिका उम्मीद को आंखों से बिखरते देखा, हौसलें टूटे हैं और टूट के गिरते देखा, हुनर कैसे कोई चांद पे जाने का रखे, मैंने इंसान को इंसान से मिटते देखा। कहाँ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 6 293 Share अखिलेश 'अखिल' 13 Jun 2020 · 1 min read जुबान,, जुबां ऐसी भी न खराब करो, प्यार से बोलो और राब करो, सारी दुआ इसी से तस्लीम है, पत्थर के दिल को आब करो, अच्छी जुबां से जन्नत अता हुई,... Hindi · मुक्तक 2 308 Share Page 1 Next