Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Mar 2022 · 1 min read

रस्ता

कोई समझेगा क्या तुझको पाकर,
जब तक गुजरेगा रस्ता ना जाकर,
तुम कभी इस भरम में ना रहना,
दुनिया जीती है कौन यहां आकर,
नाम करने को आतुर है वो पंछी,
ज़िंदगी जो गुजारी है बिना खाकर,

Language: Hindi
Tag: गीत
327 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from अखिलेश 'अखिल'
View all
You may also like:
आज सर ढूंढ रहा है फिर कोई कांधा
आज सर ढूंढ रहा है फिर कोई कांधा
Vijay Nayak
** मुक्तक **
** मुक्तक **
surenderpal vaidya
क्यों मानव मानव को डसता
क्यों मानव मानव को डसता
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
नवगीत - बुधनी
नवगीत - बुधनी
Mahendra Narayan
द़ुआ कर
द़ुआ कर
Atul "Krishn"
#DrArunKumarshastri
#DrArunKumarshastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
गर्मी ने दिल खोलकर,मचा रखा आतंक
गर्मी ने दिल खोलकर,मचा रखा आतंक
Dr Archana Gupta
कैसे यह अनुबंध हैं, कैसे यह संबंध ।
कैसे यह अनुबंध हैं, कैसे यह संबंध ।
sushil sarna
जैसे
जैसे
Dr.Rashmi Mishra
मैं एक महल हूं।
मैं एक महल हूं।
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
👍👍👍
👍👍👍
*Author प्रणय प्रभात*
यह जो मेरी हालत है एक दिन सुधर जाएंगे
यह जो मेरी हालत है एक दिन सुधर जाएंगे
Ranjeet kumar patre
इस क़दर
इस क़दर
Dr fauzia Naseem shad
अंधा बांटे रेबड़ी, फिर फिर अपनों के देवे – कहावत/ DR. MUSAFIR BAITHA
अंधा बांटे रेबड़ी, फिर फिर अपनों के देवे – कहावत/ DR. MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
*गुरुग्राम में चयनित-स्थल विवाह (डेस्टिनेशन वेडिंग) 2,3,4 फर
*गुरुग्राम में चयनित-स्थल विवाह (डेस्टिनेशन वेडिंग) 2,3,4 फर
Ravi Prakash
अगर कभी मिलना मुझसे
अगर कभी मिलना मुझसे
Akash Agam
राधा अब्बो से हां कर दअ...
राधा अब्बो से हां कर दअ...
Shekhar Chandra Mitra
ख्वाबों से निकल कर कहां जाओगे
ख्वाबों से निकल कर कहां जाओगे
VINOD CHAUHAN
कुछ ख़ुमारी बादलों को भी रही,
कुछ ख़ुमारी बादलों को भी रही,
manjula chauhan
हाइकु haiku
हाइकु haiku
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
छठ पूजा
छठ पूजा
Damini Narayan Singh
**हो गया हूँ दर बदर चाल बदली देख कर**
**हो गया हूँ दर बदर चाल बदली देख कर**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
🏞️प्रकृति 🏞️
🏞️प्रकृति 🏞️
Vandna thakur
2360.पूर्णिका
2360.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
"रातरानी"
Ekta chitrangini
कुछ काम करो , कुछ काम करो
कुछ काम करो , कुछ काम करो
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
सुहागरात की परीक्षा
सुहागरात की परीक्षा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
तुम्हारी कहानी
तुम्हारी कहानी
PRATIK JANGID
' चाह मेँ ही राह '
' चाह मेँ ही राह '
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
मिट गई गर फितरत मेरी, जीवन को तरस जाओगे।
मिट गई गर फितरत मेरी, जीवन को तरस जाओगे।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
Loading...