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इस ज़िंदगी में इतनी फ़राग़त किसे नसीब। इतना न याद आ कि तुझे भूल जाएँ हम ।
श़ुक्रिया !
क्या बात है बहुत बढियां।
इस ज़िंदगी में इतनी फ़राग़त किसे नसीब।
इतना न याद आ कि तुझे भूल जाएँ हम ।
श़ुक्रिया !
क्या बात है बहुत बढियां।