डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' Tag: ग़ज़ल/गीतिका 119 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 21 Jun 2020 · 30 min read गजल तिरही ग़ज़ल मापनी-२१२२ २१२२ २१२ काफिया-आना रदीफ़- चाहिए दर्द को दिल में छिपाना चाहिए। अश्क आँखों में न आना चाहिए। ज़ख्म उल्फ़त में मिले उपहार से हर सितम को आजमाना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 1k Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 30 Jun 2017 · 1 min read "बारिश में" "बारिश में" ******** बह्र-१२२२ १२२२ १२२२ २२ काफ़िया- आना रदीफ़-बारिश में गिराके चिलमनें मुखड़ा छिपाना बारिश में। बनाती आशिकों को ये निशाना बारिश में। अदा में शोखियाँ जुल्फ़ें लटकती नागिन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 752 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 19 May 2018 · 1 min read आरजू काफ़िया- आनी रदीफ़-सनम दे दो बह्र-1222 1222 1222 1222 "आरजू" ******** अकेले रो लिए तुम आज वीरानी सनम दे दो। तरसती आरजू को आज हैरानी सनम दे दो। बहुत तड़पे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 549 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 14 Jan 2018 · 1 min read हंसीन स्वप्न (गीतिका) 'हंसीन स्वप्न' *********** साथ मिला होता जीवन में , खुशबू सरसाती आँगन में। उदित भानु की लाली लेकर, सिंदूरी माँग सजाता मैं। भोर की रश्मि की रोली से, भाल की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 529 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 24 Mar 2019 · 1 min read ग़ज़ल *धोखा* 2122 1212 22/112 बस इसी बात का गिला मुझको। हर कदम पर मिला दग़ा मुझको। बेवफ़ा यार गैर सा निकला दाग़ मेरे दिखा रहा मुझको। खा गई प्यार में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 491 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 15 Aug 2017 · 1 min read "वीर शपथ तुम आज लो" (गीतिका) "वीर शपथ तुम आज लो" ****************** वीर शपथ तुम आज लो माँ मान बढ़ाएँगे। भारत वीरों की जननी है समता भाव जगाएँगे। आतंकी हमलावर छाए इनको मार भगाएँगे मातृभूमि की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 532 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 11 May 2017 · 1 min read "ज़िंदगी ज़ख्म की कहानी है" "ज़िंदगी ज़ख़्म की कहानी है" बह्र-२१२२ १२१२ २२ काफ़िया-आनी रदीफ़-है ज़िंदगी ज़ख़्म की कहानी है। प्यार में दर्द ही निशानी है। हसरतें क्यों ज़ुबाँ पे'आई हैं साँस थमती नहीं दिवानी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 518 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 23 Apr 2020 · 1 min read ग़ज़ल 'खुदाया कभी भी रिहाई न दे' उड़ें पर लगाकर सुझाई न दे। उन्हें सर ज़मीं पर खुदाई न दे। वफ़ा जो निभाते दिलों में बसे उन्हें भूलकर भी जुदाई न... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 459 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 20 Jun 2018 · 1 min read ग़ज़ल "इंतिहाँ अब हो गई" काफ़िया-आने रदीफ़-आइए वज़्न-2122 2122 2122 212 तोड़ खामोशी सनम मुझको रुलाने आइए। है फ़रेबी यार उल्फ़त आज़माने आइए। वादियों ने राग छेड़ा थम गई धड़कन मेरी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 456 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 29 Jul 2018 · 1 min read ग़ज़ल गोपालदास नीरज को समर्पित ग़ज़ल- काफ़िया-ईत रदीफ़-लिख दूँगी वज़्न-1222 1222 1222 1222 तुम्हारी याद में नीरज नया एक गीत लिख दूँगी। सँजोके आज सरगम में नया संगीत लिख दूँगी। रचे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 410 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 26 Apr 2017 · 1 min read दामन क्यों महकता है?? बरसते हुस्न से पूछो दिवाना क्यों मचलता है। छलकते जाम से पूछो समंदर क्यों बहकता है। कभी मंदिक कभी मसजिद किया है शान से सजदा पहन खूनी लिबासों को दरिंदा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 440 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 25 Mar 2019 · 1 min read ग़ज़ल 221 2122 221 2122 "बेबसी" दिलदार की मुहब्बत बेज़ार लग रही थी। हर हार आशिक़ी में स्वीकार लग रही थी। उजड़े हुए चमन की काँटों भरी कहानी हालात से मुझे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 469 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 23 Mar 2018 · 1 min read भूख(ग़ज़ल) बह्र-1222 1222 1222 1222 काफ़िया-आते रदीफ़-हैं "भूख" ****** ग़रीबों की न पूछो जात आँसू ये बहाते हैं। छुपाकर ज़ख़्म अपनों से नज़र उनसे चुराते हैं। पड़ा जब भूख से पाला... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 457 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 26 Mar 2018 · 1 min read बेरुखी (ग़ज़ल) बेरुखी” रदीफ़–बैठे हैं काफ़िया-आके दिखाते बेरुखी चिलमन गिराके बैठे हैं । मिजाज़े बादलों सा रुख बनाके बैठे हैं। नज़र में शोकियाँ दिखती अदा में उल्फ़त है गुलाबी हुस्न में काँटे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 419 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 8 Oct 2018 · 1 min read कविता “पिता” आँगन की फुलवारी हरदम लहू दे सींचते हैं जो, दु:ख हरते पोषण करते सबल सशक्त पिता हैं वो। प्रसव समय दे मातु सहारा परिवार का आधार बने , रोटी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 440 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 15 Jul 2018 · 1 min read ग़ज़ल विषय-"दिल्लगी" काफ़िया-इल रदीफ़-नहीं समझा वज्न-1222 1222 1222 1222 मुहब्बत आजमाती है हमें क़ाबिल नहीं समझा। लुटाए ग़म दिवाने ने हमें संगदिल नहीं समझा। कभी गज़रा लगा मेरी नहीं जुल्फें सँवारी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 456 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 9 Nov 2018 · 1 min read ग़ज़ल "आज़मा कर देखना" याद में मेरी कभी ख़ुद को भुलाकर देखना। ख़्वाब आँखों ने बुने उनको चुराकर देखना। गीत होठों के सभी क्यों आज बेगाने हुए रख भरम में आप... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 389 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 15 Mar 2020 · 1 min read ग़ज़ल 'बेरहम वक्त' याद मन को आज बहलाती नहीं दर्द की ग़ज़लें सनम भाती नहीं। बेरहम था वक्त छीना शहर भी लापता पहचान मुस्काती नहीं। प्रीत की मैं वेदना कैसे सहूँ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 381 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 26 Feb 2018 · 1 min read बेवफ़ा (ग़ज़ल) काफ़िया- आ रदीफ़-देखते देखते बह्र-212 212 212 212 *बेवफ़ा* ******** इश्क उनसे हुआ देखते देखते। हुस्न पर मर मिटा देखते देखते। कातिलाना अदा रोग देकर गई बेख़बर फ़िर रहा देखते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 429 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 21 May 2018 · 1 min read बुढ़ापे की सौगात विषय- "बुढ़ापे की सौगात" है बुढ़ापे का तकाज़ा दिल लगाना चाहिए। धूल दर्पण पर जमीं उसको हटाना चाहिए। भूल पाते हम नहीं गुज़रा ज़माना चाहकर हर किसीको अब यहाँ कोई... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 436 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 1 May 2019 · 1 min read ग़जल "मज़दूर" सुखों का त्याग कर निर्धन श्रमिक जीवन बिताते हैं। लिए छाले हथेली पर नयन सपने सजाते हैं। चला गुरु फावडा भू पर उठाकर शीश पर बोझा प्रहारों का वसन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 364 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 13 Nov 2018 · 1 min read ग़ज़ल "दास्ताने इश्क" वक्त नासूर बन कर ठहर जायेगा। दर्दे-ग़म आँसुओं में उतर जायेगा। दास्ताँ हाले दिल की कभी तो सुनो दर्द उठ-उठ के देखो सिहर जायेगा। आप खुदगर्ज़ निकले न... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 1 377 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 10 Nov 2018 · 1 min read ग़जल "आप गली भूल गए" --------------------------- गैर के साथ चले राह कई भूल गए। जो हमें याद रहे आज वही भूल गए। आपकी याद उदासी बनी इन आँखों की प्रेम का... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 386 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 8 Oct 2018 · 1 min read ग़ज़ल ग़ज़ल काफ़िया-आम रदीफ़ -कर बैठा तर्ज़-ग़रीब जान के हमको न..... *मुहब्बत के नाम* जो करना था मुझे वो आज काम कर बैठा। मैं ख़ुद से ख़ुुद को ही तेरा गुलाम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 399 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 20 Jul 2018 · 1 min read ग़ज़ल काफ़िया-ई रदीफ़-नहीं आती 2122 1212 22 आँख रोती नमी नहीं आती। बेवफ़ा है खुशी नहीं आती। रौंद के ज़िस्म को मसल डाला होठ पे अब हँसी नहीं आती। शाख से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 388 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 22 Mar 2018 · 1 min read मुहब्बत बह्र-2122 1212 22 काफ़िया-ओं रदीफ़-में "मुहब्बत" ********* रोज़ आते रहे ख़्यालों में। गुल महकते रहे किताबों में। मुस्कुराने का' दौर आया है गीत छेड़ा गया बहारों में। ये मुलाकात बस... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 351 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 14 Mar 2020 · 1 min read ग़ज़ल 'उड़ती खबर' आज उड़ती ख़बर सुनी सी है। वक्त रफ़्तार कुछ थमी सी है। दिल करे देखती रहूँ जी भर बेकरारी ज़रा बढ़ा सी है। याद में धूप सी तपन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 376 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 26 Feb 2018 · 1 min read दानी सुमन 'दानी सुमन' ********* फूल खिलके यहाँ मुस्कुराने लगे। गीत मधुमास के गुनगुनाने लगे।। प्रीत चूनर पहन चाँदनी तन सजी। ओस मुक्तक गिरे झिलमिलाने लगे।। अंक झूला झुला शाख हँसने लगी।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 350 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 10 Jun 2018 · 1 min read ग़ज़ल काफ़िया-आ रदीफ़-रखिए बह्र- 2122 1212 22/112 ज़िंदगी को न यूँ ख़फ़ा रखिए। दरमियां यूँ न फ़ासला रखिए। ज़ख्म मिलता है तो हरा रखिए दर्द सहने का हौसला रखिए। प्यार में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 318 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 15 Jul 2018 · 1 min read ग़ज़ल 'क्या यही प्यार है' काफ़िया-गी रदीफ़-देखो वज़्न-1222 1222 1222 1222 लुटाते प्यार ख़्वाबों में सनम की दिल्लगी देखो। समंदर अश्क में डूबा बुझे न तिश्नगी देखो। किया सजदा मुहब्बत में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 324 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 19 Nov 2021 · 1 min read संस्कार (गीतिका) गीतिका "संस्कार" संस्कार जीवन में देते, अनुशासन, सम्मान, सशक्त औषधि ये जीवन की, सुख की सच्ची खान। ममता की घुट्टी हैं समझो, ये शिशु का श्रृंगार, शुभ लक्षण, शुभ ध्येय... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 314 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 21 Apr 2020 · 1 min read ग़ज़ल 'ज़िंदगी' वक्त का दस्तूर कैसा ज़िंदगी। चल बता अपना इरादा ज़िंदगी। व्याप्त नफ़रत है दिलों में इस कदर टूटता घर-बार पाया ज़िंदगी। बेरहम रिश्ते यहाँ पलते रहे पेट ने पापी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 334 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 15 Jun 2017 · 1 min read "कतरा कतरा पिघली हूँ" "कतरा कतरा पिघली हूँ"(2×15) यादों की जलती लाशों पर मैंने हर इक सर्द लिखा कतरा-कतरा पिघली हूँ तब जाकर मैंने दर्द लिखा। आँखों से बरसा कर सावन कितने सागर खार... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 310 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 21 Jun 2020 · 7 min read गजल "बेबसी" दिलदार की मुहब्बत बेज़ार लग रही थी। हर हार आशिक़ी में स्वीकार लग रही थी। उजड़े हुए चमन की काँटों भरी कहानी हालात से मुझे भी लाचार लग रही... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 2 307 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 24 Feb 2019 · 1 min read ग़ज़ल नहीं हो बाजुओं में दम वही कायर निकलते हैं। जिन्हें परवाज़ पर हो नाज़ वो बे-पर निकलते हैं। रहे भूखे नहीं दो जून की रोटी जुटा पाए बचा ईमान को... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 297 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 21 Apr 2020 · 1 min read ग़ज़ल 'ज़िंदगी' वक्त का दस्तूर कैसा ज़िंदगी। चल बता अपना इरादा ज़िंदगी। व्याप्त नफ़रत है दिलों में इस कदर टूटता घर-बार पाया ज़िंदगी। बेरहम रिश्ते यहाँ पलते रहे पेट ने पापी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 298 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 17 Mar 2020 · 1 min read ग़ज़ल लुटेरे रहनुमा इतरा शहर से गुज़रे हैं। ज़रा सँभल के चलें दिल जिगर से गुज़रे हैं। चुराके चैन हँसी आज हमसे छीनी है करीब आके दगा दे उधर से गुज़रे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 293 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 7 May 2017 · 1 min read "किसकी पराजय?" "किसकी पराजय?" चली उम्मीद की आँधी जना जब पुत्र माता ने बजी शहनाइयाँ घर में दिया कुलदीप दाता ने। सजा अरमान की डोली झुलाया लाल को पलना पिता ने थाम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 301 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 27 May 2017 · 1 min read "बेरुखी" "बेरुखी" रदीफ़--बैठे हैं काफ़िया-आके दिखाते बेरुखी चिलमन गिराके बैठे हैं । मिजाज़े बादलों सा रुख बनाके बैठे हैं। नज़र में शोकियाँ दिखती अदा में उल्फ़त है गुलाबी हुस्न में काँटे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 300 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 28 Nov 2018 · 1 min read ग़ज़ल 1222 1222 1222 1222 काफ़िया- आर रदीफ़- हो जाना बहुत महँगा पड़ा मुुझको सनम से प्यार हो जाना। मुहब्बत में खुला व्यापार -औ-अख़बार हो जाना। निगाहें जब मिलीं उनसे नज़र... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 279 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 19 Oct 2018 · 1 min read ग़ज़ल *ज़माने बीत जाते हैं* कभी उल्फ़त निभाने में ज़माने बीत जाते हैं। कभी मिलने मिलाने में ज़माने बीत जाते हैं। कभी वो दर्द देते हैं कभी नासूर बनते हैं कभी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 273 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 13 Jan 2019 · 1 min read ग़ज़ल 212 212 212 212 "देखते-देखते जल रहा है मकाँ देखते-देखते। मिट गया आशियाँ देखते-देखते। फ़ासले हो गए दूर हम से गए हो गया दिल धुआँ देखते-देखते। था भरोसा दगा वो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 296 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 25 Dec 2017 · 1 min read ग़ज़ल तिरही ग़ज़ल मापनी-२१२२ २१२२ २१२ काफिया-आना रदीफ़- चाहिए दर्द को दिल में छिपाना चाहिए। अश्क आँखों में न आना चाहिए। ज़ख्म उल्फ़त में मिले उपहार से हर सितम को आजमाना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 271 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 14 Jul 2018 · 1 min read ग़ज़ल 2122 1212 22/112 प्यार में जाँ निसार मत करना। गैर पे एतबार मत करना। इश्क का रंग मौसमों सा है दिल कभी बेकरार मत करना। पाक़ अस्मत तुझे बचानी है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 278 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 2 Jul 2018 · 1 min read ग़ज़ल काफ़िया-आना रदीफ़- है वज़्न-1222 1222 1222 1222 जिधर देखूँ सरे महफ़िल उधर तेरा फ़साना है। सजा अरमान हम बैठे जहाँ तेरा दीवाना है। दिए जो ज़ख्म उल्फ़त में बड़े महफ़ूज... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 266 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 14 Apr 2018 · 1 min read प्रेम के रंग "प्रीत के रंग" प्रीत नैनों में बसा चाहत लुटाके देखना बन हिना सूनी हथेली को रचाके देखना। जानते हो पीर हरके कुछ सुकूँ मिल जाएगा बन निवाला भूख दूजी तुम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 316 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 10 Aug 2018 · 1 min read ग़ज़ल काफ़िया-अत रदीफ़-रहे वज़्न-2122 2122 2122 212 मुफ़लिसी पे ए ख़ुदा तेरी सदा रहमत रहे। भूख से मरते जनों के मुल्क़ में बरकत रहे। चंद सिक्कों के लिए बिकता यहाँ इंसान... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 264 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 23 Feb 2019 · 1 min read ग़जल नज़र के तीर से घायल यहाँ हर दिल धड़कता है। बना गिरगिट जहां में आदमी फ़ितरत बदलता है। समंदर आँख में गहरा मगर है तिश्नगी बाकी बसा शैतान को घर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 281 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 9 Oct 2018 · 1 min read ग़ज़ल “कहाँ इंकार करता हूँ” बहर- १२२२ १२२२ १२२२ १२२२ रदीफ़ करता हूँ काफ़िया- आर सुनाके हाल दिल का आपसे इकरार करती हूँ। मुहब्बत है अजी कब आपसे इंकार करती हूँ।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 280 Share डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना' 9 Oct 2018 · 1 min read ग़ज़ल मापनी-2122 2122 2122 212 काफ़िया-"अरने" रदीफ़-"आ गया" रंग खुशियों के तेरे दामन में भरने आ गया। नफ़रतों को पर्व होली दूर करने आ गया। भूल मजहब बैर हम सब एक-दूजे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 316 Share Page 1 Next