Neelam Sharma 649 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Neelam Sharma 13 Nov 2018 · 1 min read मां माँ (1) जननी, माँ, प्रसू,धात्री,वत्सला,सुदर्शना ममतामयी ओस कणों सी निर्मल कोमल जीवन बगिया सरसा गयी आँखों में है नीर तेरे ,माँ त्याग है तेरे आँचल में नित कष्ट नए सहकर... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 10 67 709 Share Neelam Sharma 21 Jan 2021 · 1 min read नज़्म ऐसा नहीं कि रुकना गवारा कभी न था हमको मगर किसी ने पुकारा कभी न था । हम खामखां ही इश्क में जिसके डूबे रहे उसने जिगर में हमको, उतारा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 6 6 441 Share Neelam Sharma 24 Nov 2018 · 1 min read साथी गीत देख सनम इक बार,बैठ संग स्नेह से निहार साथी। नीलम नैन बस छवि तुम्हारी,प्रीत की मनुहार साथी || प्रीत भाष सुंदर सुभाष,हो राग ज्यूं मल्हार साथी। तुम साज और... Hindi · गीत 5 4 294 Share Neelam Sharma 31 Jan 2020 · 1 min read सायली छंद पता नहीं क्यो? यादों के पन्ने आज फिर फड़फड़ाते। मोह के धागे तेरी उँगलियों में, जा उलझे क्यों? संभली तुफानो से समंदर में फँसकर हिदायतें लिख दी। सहेजती अश्रु अँखियाँ,... Hindi · कविता 4 1 723 Share Neelam Sharma 29 May 2023 · 1 min read तिरंगा चारों दिशा तिरंगा लहरे दिशा दिशा रे! नरसिंह हैं सिपाही, माँ भारती दुलारे।। नौका पराक्रम की, हैं पार भव लगाते, श्वासों को खर्च करके, माँ भारती दुलारे।। सुख पौध बीज... Poetry Writing Challenge 4 2 72 Share Neelam Sharma 18 Sep 2023 · 1 min read कूल नानी नानीजी मेरी हैं बड़ीं कूल। पर छोटा हूँ;वह जाती भूल।। अलग ही चलते इनके रूल। हँसकर कहतीं चल तू स्कूल।। ग्यारह माह का अबोध भला कभी कहीं स्कूल को जाता... Hindi · कविता 4 157 Share Neelam Sharma 19 Mar 2024 · 1 min read अर्धांगिनी सु-धर्मपत्नी । संघर्ष पथ की संगिनी नारी तू पत्नी, प्रिया,कभी अर्धांगिनी सु-धर्मपत्नी । चलती रहती प्राण पथ हरदम अकेली जीवन है पाषाण पथ,नहीं कोई सहेली। कैद करती दुख के तिमिर को मुट्ठियों... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 1 71 Share Neelam Sharma 29 Jun 2018 · 1 min read मेघ मनुहार मेघ मनुहार बादल- बदली कर रहे शीर्ष गगन मनुहार सजल नयन में ढूँढते, जन्म जन्म का प्यार। क्षितिज पार अंबर ऊपर, धवल मेघ संसार नयन नयन में हो रहा अभिव्यक्ति... Hindi · कविता 3 496 Share Neelam Sharma 3 Jul 2018 · 1 min read जल हैं बाट जोहती नल पर....... कुछ सोच रहीं क्यों जल जीवन? कुछ कलश सहेजे कमर पर। हैं बाट जोहती नल पर......... कोई न नद जल कूप शेष बिन छाँव बिलखते,हृदय... Hindi · कविता 3 2 325 Share Neelam Sharma 15 Aug 2018 · 2 min read अभिनंदन देश विषय-कोटि नमन और वंदन देश,पूजन अर्चन अभिनन्दन देश। सबसे बढ़कर देश मेरा, तिरंगा परचम,उर लहर उमंग स्वतंत्रता दिवस, पावन सुदिन सब रंगे बसंती रंग। ????????????????? है कोटि नमन और वंदन... Hindi · गीत 3 2 370 Share Neelam Sharma 15 Nov 2018 · 1 min read बच्चों जैसे पौधे सूने घर के बंजर आंगन में,कुशा रूप उगे रोंये कुछ बीजों से सजी है बगिया,कुछ गमलों ने संजोए। हर एक बीज बूढ़ी अम्मा ने था, बहुत स्नेह से बोया वही... Hindi · कविता 3 2 268 Share Neelam Sharma 15 May 2019 · 1 min read वोट सुधरेगा समाज सुन नीलम, सही चुनाव से कम होगा तनाव। मत घर बैठो,आदर्श नागरिक बस एक वोट से करो बदलाव। अटके न कहीं ग़लत निर्णय से, विकासशील सुदेश की नाव।... Hindi · कविता 3 4 345 Share Neelam Sharma 19 Jan 2021 · 1 min read तपी छंद तपी छंद विधान भगण भगण गुरु 211 211 2 7 वर्ण प्रति चरण,चार चरण, दो - दो क्रमागत चरण सम तुकांत 211 211 2 पावन प्रीत जगी। भावन रीत लगी।।... Hindi · गीत 3 2 321 Share Neelam Sharma 16 Jan 2022 · 1 min read हरिणी छंद आधार छन्द- "हरिणी" (मापनीयुक्त वर्णिक) वर्णिक मापनी- लगाल लगाल लगाल लगा (11 वर्ण) अथवा- लगा ललगा ललगा ललगा ध्रुव शब्द- "मन" (छन्द में कहीं भी आ सकता है) भजे मन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 449 Share Neelam Sharma 16 Jan 2022 · 1 min read हरिगीतिका आधार छंद- "हरिगीतिका" (मापनीयुक्त मात्रिक) मापनी- गागालगा गागालगा गागालगा गागालगा (28 मात्रा) समान्त- "आर", पदान्त- "हो"। अंकावली- 2212, 2212, 2212, 2212. सुर ताल लय माँ शारदे,शुचि काव्य नद की धार... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 4 359 Share Neelam Sharma 16 Jan 2022 · 1 min read वाद्विभक्ति आधार छंद- वाद्विभक्ती (मापनीयुक्त मात्रिक) मापनी- गागाल लगागागा गागाल लगागागा २२१ १२२२ २२१ १२२२ समान्त- आये, अपदान्त ---: गीतिका :--- २२१ १२२२ २२१ १२२२ कान्हा मुरली प्यारी,राधा मन-मन भाये। मनमीत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 6 275 Share Neelam Sharma 21 Jun 2023 · 1 min read अब क्या बताएँ छूटे हैं कितने कहाँ पर हम ग़ायब हुए हैं खुद ही अब क्या बताएँ छूटे हैं कितने कहाँ पर हम ग़ायब हुए हैं खुद ही के ज़मीं आसमां से हम ना सोच कि 'नीलम' नामा-ओ-पैग़ाम से छूटे देख तुझमें ही तो... Quote Writer 3 2 372 Share Neelam Sharma 7 May 2024 · 1 min read बह्र ## 2122 2122 2122 212 फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन काफिया ## आते रदीफ़ ## रहे गिरह आपकी तुहमत हमारे आँसुओं में कैद है, गर्दिशों के दौर में हम हँसते मुस्काते रहे। १) क्यों हमारे इश्क़ को वो रोज़ अजमाते रहे। कौन सा है यह चलन... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल · बह्र 2122 2122 2122 212 फ़ाइ 3 26 Share Neelam Sharma 27 May 2017 · 1 min read हाइकु हाइकु (१) ठूंठ हो गई गुलज़ार जिंदगी वृक्ष न काटो। (२) राष्ट्र हमारा सियासत उनकी गई निगल। (३) भूला बिसरा बचपन जो बीता ढूंढ रहे हैं। (४) पुष्प खिलता तालाब... Hindi · हाइकु 2 1 391 Share Neelam Sharma 29 May 2017 · 1 min read जब शब्द बनते हैं तेरी यादों के रंगी तितलियां। तेरी यादों के कुछ रंगीं लम्हे होकर के शब्द भी उड़े बनकर तितलियां ?? सताती है जो वेदना मुझे तेरी जुदाई की आज वो फिर निकली हैं लगाके पंख यादों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 223 Share Neelam Sharma 16 Jun 2017 · 1 min read दोस्ती और प्यार दोस्ती और प्यार है दोनों में गूढता अपार...... न बदलें हैं न बदलेंगे दोस्ती और प्यार के मायने। इनके समय बेहतर परस्पर सरोकार के मायने। अगर दोस्ती दामन है तो... Hindi · कविता 2 883 Share Neelam Sharma 9 Apr 2018 · 1 min read आहुति आहुति जीवन चक्र के अग्निकुंड संग, नित वेदी बनकर सजती हूं। आहुति स्व उम्मीदों की,,,,,निस हवन में स्वयं को तजती हूं। छूने सूरज- चांद-तारे बढ़,नीले अंंबर की चोटी चढ़ती हूं।... Hindi · कविता 2 548 Share Neelam Sharma 19 May 2018 · 1 min read जल सभी हताश चिलचिलाती गर्मी निर्जल भूमी। लब अधीर जल नहीं सिंचित तलाशो नीर। मरे बेमौत जल न संरक्षित सूखे हैं स्रोत। भूल जा कल न किया संरक्षित नीर निष्फल। जल... Hindi · हाइकु 2 244 Share Neelam Sharma 26 May 2018 · 1 min read पायल 1 बजी पायल छन छनन छन आओ साजन। 2 ख्वाबों में आती पायल खनकाती ओढ़ चूनर। 3 लाई पैगाम मतवाली कोयल बजी पाजेब। 4 पावस देख विरहन हुलसी सुखद सुधि।... Hindi · हाइकु 2 309 Share Neelam Sharma 26 May 2018 · 1 min read सूरज 1 जीव तड़पते वसुधा जल रही सूरज तेज। 2 सर्द दिवस थरथर काँपता सुन सूरज। 3 बंजर भूमी सब जले ताप से क्रोधित सूर्य। 4 तपती छत सूर्य खुद जलता... Hindi · हाइकु 2 482 Share Neelam Sharma 4 Jun 2018 · 1 min read पर्यावरण दिवस या विवश? पर्यावरण विवश!!! विश्व स्तर पर फैला प्रदूषण, कर पर्यावरण को विवश। देखो,मात्र कुछ वृक्ष लगाकर, मन रहा पर्यावरण दिवस। ये तो वही बात हो गई कि माँ को समय पर... Hindi · कविता 2 461 Share Neelam Sharma 7 Jun 2018 · 1 min read होगा रदीफ़ - होगा। मुझसे जब दूर,खुदको दिलबर ने पाया होगा। खंज़र यादों का, खुदी दिल पे चलाया होगा। अश्क़-ए-ग़म का समंदर,नज़रों से बहाया होगा। होकर नाराज़ खुदी को, खूब तड़पाया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 231 Share Neelam Sharma 8 Jun 2018 · 1 min read इताब-क्रोध सादर प्रेषित?? ❆ विषय - इताब (इताब = क्रोध) ❆ तिथि - 08 जून 2018 ❆ वार - शुक्रवार ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ नीम हकीम परास्त हुए, सुन आगे इताब । क्रोधी और... Hindi · मुक्तक 2 238 Share Neelam Sharma 8 Jun 2018 · 1 min read पेड़ वृक्ष हाइकु 1) पेड़ विटप प्राकृतिक सम्पदा पर्यावरण। 2) धरा श्रृंगार जीवन के आधार तरु वल्लरी। 3) दें प्राणवायु औषधि ऑक्सीजन हरित वन। 4) पेडों की छाया पंछी रैनबसेरा पाते... Hindi · हाइकु 2 599 Share Neelam Sharma 8 Jun 2018 · 1 min read धन छंदबद्ध काव्य सृजन प्रदत्त शब्द: पैसा / दौलत ; ईश्वर / ख़ुदा ; इंसान/आदमी ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ धन-दौलत आजकल बना धर्म ईमान इंसान, जाति भेद संग्राम में क्यूँ बना मनुज हैवान। सद... Hindi · मुक्तक 2 448 Share Neelam Sharma 19 Jun 2018 · 1 min read नाव डगमग डगमग डोले मनवा, ,,,,,,,,,बाल हृदय अनोखा चाव है। आओ देखो बंटी - बबली क्या खूब बनी कागज की ये नाव है। पहली बूंद पावस की पाकर, हरित वसुधा का... Hindi · कविता 2 303 Share Neelam Sharma 19 Jun 2018 · 1 min read नज़्म सादर प्रेषित? मिसरा- रोज़ पढ़ता हूँ, भूल जाता हूँ...... मैं तो सिर्फ सिफर के मानिंद,है सनद भी ख़ाली रोज़ पढ़ता हूँ कायदा और भूल जाता हूँ......। हाँ बस तुझी को... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 243 Share Neelam Sharma 21 Jun 2018 · 1 min read वीरां गाँव ग़मगीन सूनी सारी गलियाँ,उजाड़-वीरां सारे गाँव, कंक्रीट हृदय,उजड़ी बस्ती,नहीं शेष पेड़ों की छाँव। निर्जन नहीं गाँव कूचे गलियाँ रिश्ते भी वीरां हुए हैं, सुन,झूठे मुखोटों के पीछे,बस कौवों की काँव... Hindi · कविता 2 353 Share Neelam Sharma 28 Jun 2018 · 1 min read खोता बचपन दो वक्त की दाल- रोटी को है, देखा लाचार होता बचपन, गुटके-बीड़ी और अगरबत्तियों में देखा धुंआ होता बचपन। कूड़े के ढेर और गंदे इनालों में, स्व पहचान नित खोता... Hindi · कविता 2 522 Share Neelam Sharma 7 Jul 2018 · 1 min read मेघ सादर प्रेषित? हाइकु-बादल 1)बादल अश्रु बंजर वसुंधरा गोद भरते। 2) बरसा मेघ धरा लहलहाई प्राणी प्रसन्न। 3) श्याम बादल विरहन भू उर प्यास बुझाते। नीलम शर्मा......✍️ Hindi · हाइकु 2 326 Share Neelam Sharma 17 Nov 2018 · 1 min read मुक्तक विषय शब्द -धड़कन दिनांक-17-11-18 मिरी चाहत तेरे दिल का, सुरीला साज बन जाती। धड़कने भी सुनो हमदम,मधुर आवाज बन जाती। निगाहों ने निगाहों से इशारों में जो की बातें दीवानों... Hindi · मुक्तक 2 275 Share Neelam Sharma 4 Jan 2019 · 1 min read ग़ज़ल है महज़ इक ख़्वाब सा तू,महबूब माहताब मेरे तुझको देखा किया करूं,या कि फिर भूल जाऊं। दिल के कागज़ पे लिखे,सुर्ख लहू से मजबूं मेरे पाकर तुझको ही, जिगर का... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 241 Share Neelam Sharma 5 Jan 2019 · 1 min read गिला किसे पुछूँ ? है ऐसा क्यों ? हुई हाय क्या ख़ता है। कहाँ ढूढूं ? वो मीठे पल,सनम जब बेवफा है। बेजुबान है इश्क मेरा, नहीं इसकी जुबां है। तेरी... Hindi · कविता 2 295 Share Neelam Sharma 12 Jan 2019 · 2 min read संस्मरण बिलखते अहसास "वेल्यु आफ इंग्लिश!" मालिनी अध्यापिका है, बहुत मेहनती भी है और बच्चों के स्तर को समझकर ही उन्हें कुछ सिखाने के लिए प्रयासरत रहती है। हमेशा अपने स्कूल... Hindi · लघु कथा 2 1 691 Share Neelam Sharma 4 Feb 2019 · 1 min read मनहरण घनाक्षरी #मनहरण_घणाक्षरी छंद प्रथम प्रयास आसमां में काले घन, उमड़ चले हैं तन दामिनी के संग मिल, नगाड़े बजात हैं। मेघ देख विरहन, व्याकुल हुआ है मन, भांति-भांति काली रात,हिया घबरात... Hindi · घनाक्षरी 2 2 541 Share Neelam Sharma 5 Feb 2019 · 2 min read स्त्री सरिता सादृश्या "स्त्री सरिता सादृश्या" ' गो विद द फ्लो' अर्थात जैसा वक़्त आये, उसके संग -संग बहो.. क्या सचमुच हम ऐसा कर पाते हैं?या इस उक्ति को लिंग भेद का समर्थन... Hindi · लेख 2 273 Share Neelam Sharma 15 May 2019 · 1 min read वोट सुनो-सुनो आदर्श नागरिकों,,,,आज मातृदिवस है, भ्रष्टाचारियों के कुशासन से,,,माँ भारती विवश हैं। करते प्रेम तुम मातृभूमि से,तो कर कर्त्तव्य निभाव, बहुमूल्य हर एक वोट है,,,,करें सद्बुद्धि से चुनाव। प्रजातंत्र के... Hindi · कविता 2 303 Share Neelam Sharma 16 Jan 2022 · 1 min read आज का छंद - इन्द्रवंशा (वर्णिक) मापनी - गागाल गागाल लगाल गालगा पिंगल सूत्र - त त ज र ध्रुव शब्द - लक्ष्य 22 1 2 2 1 12 1 212 री कौमुदी!री कलिका!पिया गये। राधा... Hindi · मुक्तक 2 2 376 Share Neelam Sharma 16 Jan 2022 · 1 min read सुमुखि छंद आधार छन्द- "सुमुखी" (मापनीयुक्त वर्णिक) वर्णिक मापनी- ललल लगाल लगाल लगा (11 वर्ण) पिंगल सूत्र- न ज ज ल ग ध्रुव शब्द- "कलिका' (छन्द में कहीं भी आ सकता है।)... Hindi · मुक्तक 2 277 Share Neelam Sharma 1 Sep 2022 · 1 min read प्राणदायी श्वास हो तुम। आधार छंद- "माधवमालती" (मापनीयुक्त मात्रिक) मापनी- गालगागा गालगागा गालगागा गालगागा (28 मात्रा) समान्त- "आस", पदान्त- "हो तुम" । 2122 2122 2122 2122 प्रेम की संजीवनी हो प्राणदायी श्वास हो तुम।... Hindi · गीतिका 2 250 Share Neelam Sharma 2 Jan 2023 · 1 min read लावणी छंद छंद शास्त्र मे यद्यपि लावणी के चरणांत को गुरु वर्ण संख्या से मुक्त रखा गया है। चरणांत मे एक या अधिक गुरु हो सकते है। लेकिन साथ ही चरणांत दो... Hindi 2 2 538 Share Neelam Sharma 29 May 2023 · 1 min read ख्वाहिश कान्हा यही ख्वाहिश है ये ही आरज़ू। तू मेरे रू-ब-रु हो मैं तेरे रू-ब-रू। दीदार कान्हा तेरा होता है चार-सू । रखना यूँ ही मुहब्बत तू मुझसे बा-वज़ू। नस -... Poetry Writing Challenge 2 419 Share Neelam Sharma 29 May 2023 · 1 min read विरह चाँदनी विभावरी,रोष में विलीन हो! ढूँढती पुकारती त्याग चैन नींद वो।। री! गये पिया कहाँ छोड़ के मुझे यहाँ? फूट- फूट रो रही,रैन-सुख विहीन हो।। कूह-कूह कोकिला हूक सी उठा... Poetry Writing Challenge · विरह 2 124 Share Neelam Sharma 29 May 2023 · 1 min read मोहन कभी राधा कभी मीरा कभी जोगन बन के । प्रीत अनोखी जोड़ गया प्रियतम मोहन बन के । नीलम दरिया मचल रहा दिल दरिया हो जाने को, अब्र इश्क का... Poetry Writing Challenge 2 95 Share Neelam Sharma 30 May 2023 · 1 min read दमके क्षितिज पार,बन धूप पैबंद। दमके क्षितिज पार,बन धूप पैबंद। छू ही लोगे आकाश ग़र हों इरादे बुलंद। नीलम शर्मा ✍️ Quote Writer 2 248 Share Page 1 Next