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8 Jun 2018 · 1 min read

धन

छंदबद्ध काव्य सृजन
प्रदत्त शब्द:
पैसा / दौलत ; ईश्वर / ख़ुदा ; इंसान/आदमी
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
धन-दौलत आजकल बना धर्म ईमान इंसान,
जाति भेद संग्राम में क्यूँ बना मनुज हैवान।
सद कर्म ही पूजा सुनो कह गये पुरुष महान,
आडंबर पाखंड लिप्त तू भूला खुदा भगवान ।

नीलम शर्मा….✍️

Language: Hindi
2 Likes · 437 Views
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