Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Sep 2022 · 1 min read

प्राणदायी श्वास हो तुम।

आधार छंद- “माधवमालती” (मापनीयुक्त मात्रिक)
मापनी- गालगागा गालगागा गालगागा गालगागा (28 मात्रा)
समान्त- “आस”, पदान्त- “हो तुम” ।
2122 2122 2122 2122

प्रेम की संजीवनी हो प्राणदायी श्वास हो तुम।
कोकिला का गीत मीठा,काव्य में अनुप्रास हो तुम।।

प्रीत का अंकुर हृदय में प्रस्फुटित अचला करे जो,
टिमटिमाती तारिकाओं से सजा आकाश हो तुम।

सत्यभामा की तपस्या राधिका रुक्मिणि मुरारी,
रे! शरद की चाँदनी में स्निग्ध सा मधुमास हो तुम।

प्रीत पुष्पों से सुसज्जित छंद माधव मालती से,
सिक्त मलयानिल बसंती, मोहिनी से पाश हो तुम।

बैठकर यमुना किनारे,बाँसुरी की धुन कहे जो
नैन कान्हा बोलते जो वो मधुर सा भास हो तुम।।

नीलम शर्मा ✍️

Language: Hindi
2 Likes · 242 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कुछ लोग
कुछ लोग
Shweta Soni
हो जाएँ नसीब बाहें
हो जाएँ नसीब बाहें
सिद्धार्थ गोरखपुरी
रातो ने मुझे बहुत ही वीरान किया है
रातो ने मुझे बहुत ही वीरान किया है
कवि दीपक बवेजा
#लघुकथा / कॉलेज का आख़िरी दिन
#लघुकथा / कॉलेज का आख़िरी दिन
*Author प्रणय प्रभात*
है आँखों में कुछ नमी सी
है आँखों में कुछ नमी सी
हिमांशु Kulshrestha
"दोस्ती के लम्हे"
Ekta chitrangini
तुम हो तो मैं हूँ,
तुम हो तो मैं हूँ,
लक्ष्मी सिंह
क्या ये गलत है ?
क्या ये गलत है ?
Rakesh Bahanwal
दोहे
दोहे
Dr. Pradeep Kumar Sharma
इंसान कहीं का भी नहीं रहता, गर दिल बंजर हो जाए।
इंसान कहीं का भी नहीं रहता, गर दिल बंजर हो जाए।
Monika Verma
हम कितने आँसू पीते हैं।
हम कितने आँसू पीते हैं।
Anil Mishra Prahari
Tumhari khahish khuch iss kadar thi ki sajish na samajh paya
Tumhari khahish khuch iss kadar thi ki sajish na samajh paya
Sakshi Tripathi
गमों के साथ इस सफर में, मेरा जीना भी मुश्किल है
गमों के साथ इस सफर में, मेरा जीना भी मुश्किल है
Kumar lalit
"हँसिया"
Dr. Kishan tandon kranti
राजनीतिक संघ और कट्टरपंथी आतंकवादी समूहों के बीच सांठगांठ: शांति और संप्रभुता पर वैश्विक प्रभाव
राजनीतिक संघ और कट्टरपंथी आतंकवादी समूहों के बीच सांठगांठ: शांति और संप्रभुता पर वैश्विक प्रभाव
Shyam Sundar Subramanian
बॉलीवुड का क्रैज़ी कमबैक रहा है यह साल - आलेख
बॉलीवुड का क्रैज़ी कमबैक रहा है यह साल - आलेख
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
"ईद-मिलन" हास्य रचना
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
जीवन
जीवन
नन्दलाल सुथार "राही"
मीडिया पर व्यंग्य
मीडिया पर व्यंग्य
Mahender Singh
पाँव में खनकी चाँदी हो जैसे - संदीप ठाकुर
पाँव में खनकी चाँदी हो जैसे - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
नश्वर है मनुज फिर
नश्वर है मनुज फिर
Abhishek Kumar
पर्यावरण
पर्यावरण
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
भले वो चाँद के जैसा नही है।
भले वो चाँद के जैसा नही है।
Shah Alam Hindustani
3168.*पूर्णिका*
3168.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Safar : Classmates to Soulmates
Safar : Classmates to Soulmates
Prathmesh Yelne
बुरे फँसे टिकट माँगकर (हास्य-व्यंग्य)
बुरे फँसे टिकट माँगकर (हास्य-व्यंग्य)
Ravi Prakash
" लोग "
Chunnu Lal Gupta
सावन मे नारी।
सावन मे नारी।
Acharya Rama Nand Mandal
इंतजार करते रहे हम उनके  एक दीदार के लिए ।
इंतजार करते रहे हम उनके एक दीदार के लिए ।
Yogendra Chaturwedi
पागल बना दिया
पागल बना दिया
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
Loading...