महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali Tag: कविता 79 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 27 Aug 2023 · 1 min read महावीर उत्तरांचली आप सभी के प्रिय कवि मेरे पिता जी Mahavir uttranchali अब इस दुनिया को छोड़ कर राम जी के पास चले गए है। २४ अगस्त सुबह ७:५० पर अप सबके प्रिय कवि लेखक अब इस... Hindi · कविता · कहानी · कुण्डलिया · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 8 10 242 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 22 May 2023 · 1 min read जनतन्त्र गीत ये दुनिया खेल-तमाशा है ये ड्रामा अच्छा-खासा है गूगल सी कोई भाषा है ये इसरो भी क्या नासा है ये दुनिया खेल...... ये गोरख धन्धे वो जाने जो खुद को... Poetry Writing Challenge · कविता 2 114 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 22 May 2023 · 2 min read एक मई का दिन कुछ भी तो ठीक नहीं इस दौर में! वक्त सहमा हुआ एक जगह ठहर गया है!! जैसे घडी की सुइयों को किसी अनजान भय ने अपने बाहुपाश में बुरी तरह... Poetry Writing Challenge · कविता 1 128 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 22 May 2023 · 1 min read पाँव पाँव थककर भी चलना नहीं छोड़ते जब तक वे गंतव्य तक न पहुँच जाएँ ... थक जाने पर कुछ देर राह में विश्राम कर पुन: चल पड़ते हैं अपने लक्ष्य... Poetry Writing Challenge · कविता 1 104 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 22 May 2023 · 1 min read पतन मानव को अनेक चिन्तायें चिन्ताओं के अनेक कारण कारणों के नाना प्रकार प्रकारों के विविध स्वरुप स्वरूपों की असंख्य परिभाषायें परिभाषाओं के महाशब्दजाल शब्दजालों के घुमावदार अर्थ प्रतिदिन अर्थों के... Poetry Writing Challenge · कविता 1 193 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 22 May 2023 · 1 min read मवाद धर्म जब तक मंदिर की घंटियों में मस्जिद की अजानों में गुरूद्वारे के शब्द-कीर्तनों में गूंजता रहे तो अच्छा है मगर जब वो उन्माद-जुनून बनकर सड़कों पर उतर आता है... Poetry Writing Challenge · कविता 1 132 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 22 May 2023 · 1 min read दृढ़ता कभी आश्रित नहीं जीवन कभी मोहताज नहीं होता मोहताज तो होता है हीन विचार, निजी स्वार्थ और क्षीण आत्मविश्वास । क्योंकि यह मृगमरीचिका व्यक्ति को उस वक्त तक सेहरा में भटकती है जब... Poetry Writing Challenge · कविता 1 132 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 22 May 2023 · 1 min read दस्तक काल के कपाल पर अगर मेरी रचनाएँ दस्तक नहीं दे सकती बुझे हुए चेहरों पर रौनक नहीं ला सकती मजदूरों के पसीने का मूल्यांकन नहीं कर सकती शोषण करने वालों... Poetry Writing Challenge · कविता 1 179 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 22 May 2023 · 1 min read मन्त्रमुग्ध गढ़वाल 'गढ़वाल' जैसे किसी चित्रकार की कोई सुन्दर कलाकृति बावजूद आधुनिक संसाधनों के अभाव में यहाँ निरंतर प्राकृतिक सौन्दर्य के भाव में छिपी है अध्यात्मिक भूख और आत्मतृप्ति भौतिकवाद दिखावे के... Poetry Writing Challenge · कविता 1 80 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 22 May 2023 · 1 min read जीवन आधार फूल नर्म, नाजुक और सुगन्धित होते हैं उनमें काँटों-सी बेरुखी कुरूपता और अकड़न नहीं होती जिस तरह छायादार और फलदार वृक्ष झुक जाते हैं औरों के लिए उनमें सूखे चीड़-चिनारों... Poetry Writing Challenge · कविता 1 104 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 22 May 2023 · 1 min read महानगर में कौन से उज्जवल भविष्य की खातिर हम पड़े हैं— महानगर के इस बदबूदार घुटनयुक्त वातावरण में । जहाँ साँस लेने पर टी०बी० होने का खतरा है जहाँ अस्थमा भी बुजुर्गों... Poetry Writing Challenge · कविता 2 139 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 22 May 2023 · 1 min read टूटा हुआ दर्पण एक टीस-सी उभर आती है जब अतीत की पगडंडियों से गुजरते हुए यादों की राख़ कुरेदता हूँ । तब अहसास होने लगता है कितना स्वार्थी था मेरा अहम? जो साहित्यिक... Poetry Writing Challenge · कविता 1 51 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 22 May 2023 · 1 min read आदि सृष्टि से... एक कण से दूसरे कण तक.... एक प्राण से दूसरे प्राण तक.... पुरातन चेतन से नवचेतन तक.... न टूटने वाली निरन्तर सतत प्रक्रिया है आदि सृष्टि से .... भविष्य के... Poetry Writing Challenge · कविता 1 56 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 22 May 2023 · 1 min read विचित्र अनुभूतियाँ रात मेरे कवि हृदय में उपजीं कई विचित्र अनुभूतियाँ— देख रहा हूँ कुंठित भाव संकुचित हृदय आँखों में अश्रुधार लिए बैसाखियाँ थामे खड़े हैं विश्व के समस्त असहाय पत्रकार! अनुभूतियाँ... Poetry Writing Challenge · कविता 1 37 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 15 May 2023 · 1 min read कविता की नदिया शब्द कहें तू न रुक भइया कदम बढ़ाकर चल-चल-चल-चल कविता की नदिया बहती है करती जाए कल-कल-कल-कल कविता की नदिया बहती है………. काग़ज़ पर होती है खेती हर भाषा के... Poetry Writing Challenge · कविता 1 221 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 15 May 2023 · 1 min read ज़बानें हमारी हैं सदियों पुरानी ज़बानें हमारी हैं, सदियों पुरानी ये हिंदी, ये उर्दू, ये हिन्दोस्तानी ज़बानें हमारी हैं…. कभी रंग खुसरो, कभी मीर आए कभी शे’र देखो, असद गुनगुनाए चिराग़ाँ जलाओ, ठहाके लगाओ यहाँ... Poetry Writing Challenge · कविता 1 93 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 18 Sep 2022 · 1 min read मन ये बहका-सा हिरण है तेज दौड़े है रुके ना, आज बिलकुल ये मुड़े ना, मन ये बहका-सा हिरण है बादलों को चीर आई घोर तम से मुक्ति पाई भोर की आशा किरण है *** Hindi · कविता 1 90 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 11 Mar 2022 · 1 min read दो बिल्लियों की लड़ाई (हास्य कविता) दो कांग्रेसी बिल्लियों की लड़ाई आप के बन्दर ने खाई मलाई इस बार पंजाब के चुनाव ने हमें— पंचतन्त्र की कहानी याद दिलाई काश! के सिद्धू और चन्नी न लड़ते... Hindi · कविता 2 1 1k Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 26 Nov 2021 · 1 min read सन्देश स्वच्छ हो हर डगर अगर चमकेगा हर गाँव शहर बीमारी से बच जाओगे यदि कूड़ा न फैलाओगे हिन्दू-मुस्लिम, सिख-ईसाई सारे मिलकर करें सफाई देश का तभी सम्मान बढ़ेगा यदि स्वच्छता... Hindi · कविता · बाल कविता 3 2 369 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 29 Oct 2021 · 1 min read पण लस मिळाली ते करू नका नका, पण लस मिळाली मोदींना विरोध झाला, पण लस मिळाली...... पण लस मिळाली पप्पूजींचा ताफा माया-ओ-अखिलेश, प्रत्येक विरोधक बिफ्रा...... महावीर कविराय, विनोदाला घाबरतात असे शंभर कोटी पार... Marathi · कविता 1 268 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 26 Oct 2021 · 1 min read मोठे मंत्री राहिले जिवंत अनोळखी, कधीही सामान्य होऊ नका मोठे मंत्री राहिले संदेश पोहोचला नाही ••• _______________________ लोकशाही व्यवस्थेने अशी भिंत उभी केली आहे की, लोकांनी जनतेसाठी निवडून दिलेले सरकारचे प्रतिनिधी नेहमीच जनतेपासून... Marathi · कविता 1 259 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 26 Oct 2021 · 1 min read नोकरी कष्टाची आहे नोकरी कष्टाची आहे, कर नुसता पळत आहे ऐश की इन वर्क होम, गाणे पुन्हा ऑफिस राग गा पुन्हा ऑफिस राग, भजन सम्राट जलोटा सकाळी लवकर, कमळ हातात धरा घर चालवतो,... Marathi · कविता 1 297 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 16 Oct 2021 · 1 min read फलवाला (बाल कवितायेँ) (1.) मैं हूँ फलवाला बच्चों मैं हूँ फलवाला बेटा जी खा लो मीठे ताज़े फल चौबीस घण्टे महा रसीले खाओ हर पल ताज़े फल ••• (2.) सेब दुनिया भर में... Hindi · कविता · बाल कविता 3 494 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 16 Oct 2021 · 2 min read मिठाईवाला (बाल कवितायेँ) (1.) मिठाईवाला मैं हूँ मिठाईवाला बच्चों लो, खूब मिठाई खाओ तुम हिलमिलकर सब नाचो-झूमो यूँ जमकर मौज उड़ाओ तुम ••• (2.) लड्डू–मोदक सुन बच्चे क्या, बोले ढोलक जी भर खा... Hindi · कविता · बाल कविता 1 554 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 15 Oct 2021 · 1 min read सब्ज़ीवाला (बाल कवितायेँ) (1.) मैं हूँ सब्ज़ीवाला बच्चों मैं हूँ सब्ज़ीवाला बच्चों तुकबन्दी कर बेचूँ सब्ज़ी तनिक निकट आ जाओ मेरे मत खेलो तुम दिन भर पबजी ••• (2.) शाकाहारी बन जाएँ यदि... Hindi · कविता · बाल कविता 2 2 316 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 15 Oct 2021 · 1 min read बन जाएँ शाकाहारी ! नौ दिन बीते जपते-जपते, जय-दुर्गे जय-दुर्गे जय-दुर्गे ! क्यों दस दिन के बाद कहे फिर, ला-मुर्गे ला-मुर्गे ला-मुर्गे !! खा ले क़सम, ताउम्र हम, बन जाएँ शाकाहारी ! खायें जो... Hindi · कविता 2 429 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 15 Oct 2021 · 1 min read जिनगी कइसन कटि तोहरे बिन उड़ गेल जी क चैन अछि प्रीतम मन रहल बेचैन अछि जिनगी कइसन कटि तोहरे बिन कटत नहि इ बिरहा रैन अछि ••• Maithili · कविता 2 1 201 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 15 Oct 2021 · 1 min read प्रीतम मनवा गाबैत छी प्रीतम मनवा गाबैत छी जिनगी बीते जावैत छी नेक विचारे करि ले किछु तू कहू पाप कमाबैत छी दुख कम करिबे प्रीतमक जी काहे भरमाबैत छी तन क गरब न... Maithili · कविता 3 2 213 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 3 Oct 2021 · 1 min read संचारे क्रांति पयाजक झिल्लि सन परत-दर-परत खुलत रहल छी उ बात जोन लाख परदा क भितरे रहल छी … इ वास्तव मे परिवरतन होइ अथबा — कोनो दूर संचारे क्रांति से उपजत... Maithili · कविता 2 2 359 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 3 Oct 2021 · 1 min read आखरन क कबरगाह उ सबद... आखर.... ही अपन सारथक परभाव छोडि पाने मे सक्षम रहल भाइ लोगन … जोउ स्फुटित होय तोहर अनतरमन सन … भीतर क आखरन प्रवाह सन … अनयथा इ... Maithili · कविता 2 265 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 3 Oct 2021 · 1 min read तोहार महत्व इ जिनगी तभे तलक छी देवि आऔर भाइ लोगन...... जबे तक तोहार ‘महत्व’ जिन्दा रहल … समझी किछु क नहि ? अनयथा — जले के पूरव जे लाश भss तss... Maithili · कविता 2 1 298 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 27 Sep 2021 · 1 min read मोहक खिला गुलाब सन मोहक खिला गुलाब सन प्रीतम तोहर रूप अछि होय हृदय बेताब सन ••• Maithili · कविता 2 1 203 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 27 Sep 2021 · 1 min read गेल इ जिनगी काम मे गेल इ जिनगी काम मे होए भीतर मे वासना नाहि रमे मन राम मे Maithili · कविता 2 205 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 27 Sep 2021 · 1 min read आब रामक दरसन दूर नहिं…… जन मानसक मन मे जे रहल आऔर सृष्टि क कन-कन मे इ रहल आब रामक दरसन दूर नहिं…… प्रभु मंदिरक निर्माण वहिं…… दीपन सँ सजल अयोध्या मन-मन्दिर बसल अयोध्या आब... Maithili · कविता 2 253 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 27 Sep 2021 · 1 min read मन मे नाचल मोर अछि केहू सभ चितचोर अछि प्रीतम तोहे देखिबे मन मे नाचल मोर अछि Maithili · कविता 2 1 343 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 27 Sep 2021 · 1 min read दया धर्मस्य सार अछि दया धर्मस्य सार अछि जिनगी आधार अछि मानवस्य विस्तार अछि ••• ________________________ *तीन पंक्तियों में रचा जनक छन्द। सबसे सहज प्रवाह के लिए जाना जाता है। यह दोहे के प्रथम... Maithili · कविता 2 254 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 23 Sep 2021 · 1 min read स्वर्णिम अध्याय अछि मां आदि सृष्टि क स्वर्णिम अध्याय अछि मां करुणा आऔर ममता क पर्याय अछि मां धरम-करम केओ सारगर्भित व्याख्या मे जिनगी गीता क स्वाध्याय अछि मां तु द्रवित होइ बच्चन क... Maithili · कविता 3 2 293 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 21 Sep 2021 · 1 min read दर्द सभक एक सन….... इ जग मे जे कानय पीर सभक एक सन….... दर्द सभक एक सन….... प्रीति मे टूटल ह्रदय जे हीर सभक एक सन….... दर्द सभक एक सन….... भाग हमर…. हाय रे... Maithili · कविता 2 2 382 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 20 Sep 2021 · 1 min read अहम जिनगी तभे तक बा भाइ लोगन जबे तक तोहार 'अहम' जिन्दा रहल ... समझी के ना ? अनयथा — जले के पूर्व लाश भी तो इके शरीरे बा!! Bhojpuri · कविता 2 2 230 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 20 Sep 2021 · 1 min read प्रवाह ऊ आखर ही अपन सार्थक प्रभाव छोडि पाने मा सक्षम होइये जनाब … जोऊ स्फुटित होत रहल खुदेह आखरन प्रवाह से … वरना ई सभ रचनाये आखरन के कब्रगाह ही... Bhojpuri · कविता 1 352 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 20 Sep 2021 · 1 min read दूर संचारे क्रांति परत-दर-परते खुलत रहल बा उ बात जोन लाख परदा के भितरे रहल छी … इ वास्तव मा परिवर्तन होइ अथबा — कोनो दूर संचारे क्रांति से उपजत दोसर दुनिया …... Bhojpuri · कविता 1 246 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 20 Sep 2021 · 1 min read तार आतमा इके तार बा..... जोरि जोन जिनगी के मौतवा से अर..... मौतवा को जोरि… फिरे नवा सिरजन से …. ••• Bhojpuri · कविता 1 260 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 19 Sep 2021 · 1 min read तीन जनक छन्द इ सावन क जे रूप अछि वसुन्धरा जे भीजतइ इ पृथ्वी क अनुरूप अछि *** इ बरखा क आनन्द अछि भीजत समस्त विश्व मे इ वर्षाऋतु क छन्द अछि ***... Maithili · कविता 2 2 442 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 19 Sep 2021 · 1 min read आदि सृष्टि सँ …. एक कण सँ दोसर कण धरि …. एक परान सँ दोसर परान धरि…. पुरातन चेतन सँ नवचेतन धरि…. अखण्ड नित चलए सतत प्रक्रिया रहए आदि सृष्टि सँ …. भविष्यक गतर... Maithili · कविता 1 3 281 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 18 Sep 2021 · 1 min read संवेदनाएँ ! जीवनक अस्थित्व अखन शेष रहै बुझायै एहि कारणेँ बम धमाका आओर जिहादी नारा के बीच भ…… बची गेल अछि किछु— मानवीय संवेदनाएँ ! ••• Maithili · कविता 3 4 659 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 18 Sep 2021 · 1 min read मैथिल रंग अनूप संस्कृत-पाली-मागधी, मैथिल रंग अनूप* किछु अंशों मे बंगला, किछु मे हिंदी रूप शामिल मैथिल आठवीं, सूची मे हे आज झारखंडीक राज्य मे, द्वितीय भाषा राज** ••• _________________________________ *मैथिली भाषा भारत... Maithili · कविता 2 2 338 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 18 Sep 2021 · 2 min read खिले मैथिली धूप नेपाल वा बिहार मे, खिले मैथिली धूप मैथिल संस्कृत स्रोत अछि, तत्सम-तद्भव रूप* मिथिलाक्षर, कैथी रहल, प्राचीन लिपि स्वरूप देवनागरी मे लिखू, नीक मैथिली रूप** ••• _________________________ *मैथिली भाषा भारत... Maithili · कविता 2 2 518 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 17 Sep 2021 · 1 min read महाकवि विद्यापति रहल मैथिल क कवि महाकवि विद्यापति* कोटिशः कोटिशः नमन तोहे अर्पित श्रद्धा सुमन तोहे भावभक्ति युक्त वैष्णवी प्रीति-रीति क गीत रची कोटिशः कोटिशः नमन तोहे अर्पित श्रद्धा सुमन तोहे रहल... Maithili · कविता 2 2 475 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 18 Jun 2021 · 1 min read रानी का बलिदान (2 दोहे) दिन अट्ठारह जून को, बढ़ी हिन्द की शान वर्ष अठावन को हुआ, रानी का बलिदान लक्ष्मीबाई ने किया, युद्ध बड़ा विकराल खुद ही नतमष्तक हुआ, रानी सम्मुख काल ••• Hindi · कविता 4 7 316 Share महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali 16 May 2021 · 1 min read जल से जग में ज़िन्दगी (जनक छन्द) कर अश्कों की बात फिर! सावन नैना बन गए, होनी है बरसात फिर // 1. // कर जल की तू बन्दगी। बिन पानी सब सून है, जल से जग में... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 9 643 Share Page 1 Next