Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 May 2023 · 1 min read

ज़बानें हमारी हैं सदियों पुरानी

ज़बानें हमारी हैं, सदियों पुरानी
ये हिंदी, ये उर्दू, ये हिन्दोस्तानी
ज़बानें हमारी हैं….

कभी रंग खुसरो, कभी मीर आए
कभी शे’र देखो, असद गुनगुनाए
चिराग़ाँ जलाओ, ठहाके लगाओ
यहाँ ख़ूबसूरत, सुख़नवर हैं आए
है सदियों से दुनिया, इन्हीं की दिवानी
ज़बानें हमारी हैं….

यहाँ सूर-तुलसी के, पद गूंजते हैं
जिन्हें गाके श्रद्धा से, हम झूमते हैं
कबीरा-बिहारी के, दोहे निराले
जिन्हें आज भी सारे, कवि पूछते हैं
कि हिंदी पे छाई है, फिर से जवानी
ज़बानें हमारी हैं….

यहाँ ईद होली, मनाते हैं न्यारी
है गंगा ओ जमना की, तहज़ीब प्यारी
यहाँ हीर गाये, यहाँ झूमे रांझे
यहाँ मरते दम तक, निभाते हैं यारी
महब्बत से लवरेज, हर इक निशानी
ज़बानें हमारी हैं….

Language: Hindi
1 Like · 91 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
View all
You may also like:
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
दिन में रात
दिन में रात
MSW Sunil SainiCENA
इंसान समाज में रहता है चाहे कितना ही दुनिया कह ले की तुलना न
इंसान समाज में रहता है चाहे कितना ही दुनिया कह ले की तुलना न
पूर्वार्थ
3332.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3332.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
धनतेरस के अवसर पर ,
धनतेरस के अवसर पर ,
Yogendra Chaturwedi
वैवाहिक चादर!
वैवाहिक चादर!
कविता झा ‘गीत’
जय माता दी 🙏
जय माता दी 🙏
Anil Mishra Prahari
जगमगाती चाँदनी है इस शहर में
जगमगाती चाँदनी है इस शहर में
Dr Archana Gupta
मित्र दिवस पर आपको, सादर मेरा प्रणाम 🙏
मित्र दिवस पर आपको, सादर मेरा प्रणाम 🙏
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
*नशा तेरे प्यार का है छाया अब तक*
*नशा तेरे प्यार का है छाया अब तक*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
“ आहाँ नीक, जग नीक”
“ आहाँ नीक, जग नीक”
DrLakshman Jha Parimal
समझ आती नहीं है
समझ आती नहीं है
हिमांशु Kulshrestha
कभी यदि मिलना हुआ फिर से
कभी यदि मिलना हुआ फिर से
Dr Manju Saini
मुस्काती आती कभी, हौले से बरसात (कुंडलिया)
मुस्काती आती कभी, हौले से बरसात (कुंडलिया)
Ravi Prakash
"पेंसिल और कलम"
Dr. Kishan tandon kranti
రామ భజే శ్రీ కృష్ణ భజే
రామ భజే శ్రీ కృష్ణ భజే
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
कल रहूॅं-ना रहूॅं..
कल रहूॅं-ना रहूॅं..
पंकज कुमार कर्ण
*जलते हुए विचार* ( 16 of 25 )
*जलते हुए विचार* ( 16 of 25 )
Kshma Urmila
मेरी समझ में आज तक
मेरी समझ में आज तक
*Author प्रणय प्रभात*
जागो तो पाओ ; उमेश शुक्ल के हाइकु
जागो तो पाओ ; उमेश शुक्ल के हाइकु
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
I knew..
I knew..
Vandana maurya
मुझे इस दुनिया ने सिखाया अदाबत करना।
मुझे इस दुनिया ने सिखाया अदाबत करना।
Phool gufran
पार्वती
पार्वती
लक्ष्मी सिंह
विद्याधन
विद्याधन
Dr. Pradeep Kumar Sharma
चैन क्यों हो क़रार आने तक
चैन क्यों हो क़रार आने तक
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
अपने को अपना बना कर रखना जितना कठिन है उतना ही सहज है दूसरों
अपने को अपना बना कर रखना जितना कठिन है उतना ही सहज है दूसरों
Paras Nath Jha
उसका-मेरा साथ सुहाना....
उसका-मेरा साथ सुहाना....
डॉ.सीमा अग्रवाल
जीवन भी एक विदाई है,
जीवन भी एक विदाई है,
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
ग़ज़ल/नज़्म - हुस्न से तू तकरार ना कर
ग़ज़ल/नज़्म - हुस्न से तू तकरार ना कर
अनिल कुमार
अपनी समझ और सूझबूझ से,
अपनी समझ और सूझबूझ से,
आचार्य वृन्दान्त
Loading...