Laxmi Narayan Gupta 101 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next Laxmi Narayan Gupta 9 Aug 2020 · 1 min read शहरों से अच्छे देहात बात बात से निकली बात शहरों से अच्छे देहात गांव की सरहद के अंदर , शुद्ध घी व दूध निखालिस । दूध दोह पशुओं के मालिक, नहीं छोड़ते हैं लावारिस... Hindi · कविता 1 4 249 Share Laxmi Narayan Gupta 26 Jul 2020 · 1 min read वही करोना का रोना ताल किनारे महुआ महकी कूप किनारे चम्पा गमकी आम्र खेत में दिखे न झूले वर्षा फिरती बहकी बहकी सावन मास उदासी बहना हाथ लिए राखी सा गहना कैसे जाऊँ?, भाई... Hindi · कविता 3 10 323 Share Laxmi Narayan Gupta 9 Apr 2020 · 1 min read कलम उसके हाथ में कलम थी जादुई छड़ी की जगह दुपट्टा लहरा रहा था सफेद पंखों की जगह वह परी नहीं थी पर लग रही थी परी की तरह अपने हाथ... Hindi · कविता 2 607 Share Laxmi Narayan Gupta 13 Jan 2020 · 1 min read बगुला राजनीति सत्य के लिए आतंक के विरुद्ध लड़नेवाले जटायु कुल के अघोरी गिद्ध गद्दी के लिए हैव हैवनोट (अंग्रेजी शब्द} लड़ाने के लिए नीड़ को घेरे हुए हैं | गांधी के... Hindi · कविता 2 311 Share Laxmi Narayan Gupta 25 Aug 2019 · 1 min read गज़ल महक अलग होती है, दिली प्यार की भूले नहीं भूलते, हार प्यार की । देखिये गुजर गई, जिन्दगी तमाम जी रहा हूँ जिंदगी, मिली उधार की । खड्ग की भी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 264 Share Laxmi Narayan Gupta 3 Mar 2019 · 1 min read अंक गणित मेरे तुम्हारे संबंध आंकड़ों की भाषा में छतीस जैसे नहीं हैं तैतीस भी नहीं हैं । हम इससे खुश हैं अंक बारह और इक्कीस और ऐसे ही अन्य अंकों की... Hindi · कविता 327 Share Laxmi Narayan Gupta 10 Dec 2018 · 1 min read दिसम्बर जनवरी में धूप जाड़े की कि जैसे भीड़ भाड़े की । रात जाड़े की कि ज्यों मलखम अखाड़े की । हवा जाड़े की कि ज्यों कंबल कबाड़े की । पढ़ाई जाड़े का... Hindi · कविता 2 234 Share Laxmi Narayan Gupta 11 Nov 2018 · 1 min read माँ की महिमा ज्ञानवती होती है माता, मन की भाषा पढ़ लेती है । संतानें कब क्या चाहती, अनुभूति से तड़ लेती है । इतने गहरे मनोज्ञान को, कैसे मैं कविता में बांधूँ... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 7 34 575 Share Laxmi Narayan Gupta 4 Sep 2018 · 1 min read आस्तीन के साँप धुआँ उठा हैं, सुलग रहा कुछ छुपे हुए अंगारों से । वर्षा फिर से मेहरबान है वामांगी गद्दारों से । हवा देखिये मेघ देखकर उन्हें उड़ाने को निकली । नहीं... Hindi · कविता 1 1 607 Share Laxmi Narayan Gupta 17 Aug 2018 · 1 min read नमन अटल तन नहीं होता अटल होता है व्यक्तित्व व्यक्तित्व पलता है विवेकशील चिंतन से तर्कशील मनन से व्यष्टि के हवन से ॥ अटल व्यक्तित्व की धनी हस्तियाँ होती हैं गिनी-चुनी... Hindi · कविता 275 Share Laxmi Narayan Gupta 2 Aug 2018 · 1 min read सच्चाई नहीं कोई भी सर्वेसर्वा सब की हैं सीमायें । जब जानें श्रावण भादौ में बादल नहीं छायें । चुकता हो चुकती है किरणें बादल से लड़-भिड़ कर आठ माह के... Hindi · कविता 345 Share Laxmi Narayan Gupta 18 Jul 2018 · 1 min read कुण्डलियाँ कद काठी में वे बड़े, ऊपर से धनवान । धनवानों का खासकर, अफसर रखते ध्यान ॥ अफसर रखते ध्यान, कहें जो वे करते हैं । नीरव जैसे संत, इन्हींके बल... Hindi · घनाक्षरी 1 533 Share Laxmi Narayan Gupta 16 Jul 2018 · 1 min read समाज को दर्पण दिखाती दो कुण्ड़लियाँ समाज को दर्पण दिखाती कुण्डलियाँ ऋण लिया और घी पिया, किया बैंक को भ्रष्ट । भोगवाद से देश की, मानवता है तृष्त ॥ मानवता है तृष्त, हम सहभागी इसमें ।... Hindi · कुण्डलिया 377 Share Laxmi Narayan Gupta 8 Apr 2018 · 1 min read कविता कलश नव गीत, कविता, अकविता गुदगुदाती क्षणिक क्षणिका और भी ऐसा बहुत कुछ हायकू या माहिया और जाने क्या क्या आज का कविता कलश । आज की हिंदी गजल भी छोड़... Hindi · कविता 277 Share Laxmi Narayan Gupta 30 Mar 2018 · 1 min read जय जय जय बजरंगबली अंजनी सुत पवन पुत्र ने वनवासी मित्रों को संग ले कदम कदम पर राम राम भज ढूंढ लिया लंकेश छली । जय जय जय बजरंगबली । थे संगठित वानर, भालू... Hindi · कविता 383 Share Laxmi Narayan Gupta 27 Mar 2018 · 1 min read जाने क्यों ? कलम रुकी है जाने क्यों ? अधर मौन हैं जाने क्यों ? सत्य झूठ है सब कुछ सम्मुख फिर भी चुप है दर्पण क्यों ? रहा हितैशी जन मन का... Hindi · कविता 340 Share Laxmi Narayan Gupta 14 Nov 2017 · 1 min read मैं आदमी हूँ ख़ास मैं आदमी हूँ खास रोजाना सुबह से शाम तक निकालता हूँ बाल की खाल फिर बुनता हूँ मकड़जाल कोई फसे क़ामयाब हो चाल | जागने से सोने तक साथ रखता... Hindi · कविता 498 Share Laxmi Narayan Gupta 7 Nov 2017 · 1 min read जीवन प्रवाह अक्र बक्र दो नदी किनारे बीच बहे जीवन की धारा | गंगा सागर में मिलने तक सुख-दुःख ये ही सहें हमारा | दो कंधों से सटा रपटता धरा धरातल पर... Hindi · कविता 301 Share Laxmi Narayan Gupta 1 Nov 2017 · 1 min read हो ली जो होनी थी होली जो होना थी कल तक सन चौदह तक आते आते । वंशवाद, जनवादी देखे सहिष्णुता से बैर बढ़ाते । प्रह्लाद को जला न पाये वाद प्रमादी कंड़े काठी ।... Hindi · कविता 286 Share Laxmi Narayan Gupta 22 Oct 2017 · 1 min read अम्बर पुकारे गतिशील रहना धरती सिखाये निस्वार्थ सेवा सूरज सिखाये चलती है सृष्टि इन्हीं के सहारे । न सोता है सूरज न थमती है धरती दोनों के तप से धरा है सरसती... Hindi · कविता 266 Share Laxmi Narayan Gupta 21 Oct 2017 · 1 min read कैसे हरूँ मुरलिया बंसीधर ने जब जब बंसी बाजुबन्द में बांधी । चिंतित हो कह उठते ग्वाले आने को है आंधी । मोर मुकुट का पंखी चंदवा गत आगत का ज्ञाता । कुछ... Hindi · कविता 292 Share Laxmi Narayan Gupta 15 Oct 2017 · 1 min read हर क्षण नारायण नारायण नारायण गाएँ माँ के गर्भ कैद से जीवा मुक्त करो हे राम पुकारे | जग में आकर बाहर भूले दुःख के नाम उचारे | भेज ले हर का नाम, कि ताकि पुनर्जन्म... Hindi · कविता 334 Share Laxmi Narayan Gupta 7 Oct 2017 · 1 min read उसे पसंद करने वाला कोई नहीं हैं मेरी बेटी कविता चालीस की हो रही है उसे छै सौ से अधिक लोग देख चुके पर पसंद न होने की बात जहाँ की तहीं है | उसे कोई पसंद... Hindi · कविता 469 Share Laxmi Narayan Gupta 4 Oct 2017 · 1 min read हँसी और मुस्कान की बस्तियाँ बहुत दूर गुमगयीं बस्तियाँ हँसी और मुस्कानों की । जीवन की दो सगी सहेली मोहताज पहचानों की । भागी हँसी छोड़कर आंगन हँसने बाग बगीचों में । मुस्काने हो गयीं... Hindi · कविता 280 Share Laxmi Narayan Gupta 2 Oct 2017 · 1 min read लाल बहादुर शास्त्री जी का स्मरण लाल बहादुर जैसा कर्मठ, भारत माँ का प्यारा पाकिस्तान पराजित करके, खुद किस्मत से हारा दुष्ट पाक की कूट्नीति ने, पलटा जीता पासा रहस्यमयी उनकी मृत्यु पर, अब तक नहीं... Hindi · कविता 349 Share Laxmi Narayan Gupta 30 Sep 2017 · 1 min read रावण की ओर से शुभ कामनाएँ दशहरे की हँसकर रावण बोल रहा है आज यदि होते श्री राम कितने रावण मार गिराते ? इतने तीर कहाँ से लाते ? आ भी जाते चल भी जाते बचता कौन ?... Hindi · कविता 379 Share Laxmi Narayan Gupta 27 Sep 2017 · 1 min read कहाँ छुपे तुम तात विभीषण । छाती सहती नित पद प्रहार हो रही सहिष्णुता तार तार हम भाई समझ कर बार बार न्योछावर करते रहे त्राण वे सब तो निकले खर दूषण कहाँ छुपे तुम तात... Hindi · कविता 463 Share Laxmi Narayan Gupta 3 Sep 2017 · 1 min read मैंने गज़ल लिखी नहीं दिखी धूप तो उदास हो गए दो दिनों से रुकी हुई प्यास हो गए । देखी जो आज सुबह, धूप गुनगुनी मुरझाए गीत मधुमास हो गए । होता नहीं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 246 Share Laxmi Narayan Gupta 29 Aug 2017 · 1 min read कहकर हर हर गंग अपनी अपनी विवेचना को कह कर वे सत्संग । तम सागर में हमें डुबाते कहकर हर हर गंग ।। धर्मार्थ प्रयोजित कालाधन करे धर्म बदरंग । करें करोड़ों खर्च भ्रष्ट... Hindi · कविता 244 Share Laxmi Narayan Gupta 4 Jun 2017 · 1 min read एक स्वप्न एक तरइया पापी देखे दो दिखें चण्डाल को । तीन तरइयाँ राजा देखे सब दिखें संसार को । होश संभाला जब से मैंने तब से गगन निहारा । अंधियारा आने... Hindi · कविता 344 Share Laxmi Narayan Gupta 30 May 2017 · 1 min read विडम्बना ममता मरी समता मरी अतृप्ति जीवित । मानवी संवेदनाएँ चुक गयीं होकर व्यथित । घर छोड़ती हद तोड़ती गृह लक्ष्मी विश्वास को ठेंगा बताती बन रही है कुलक्षणी । पाश्चात्य... Hindi · कविता 292 Share Laxmi Narayan Gupta 10 May 2017 · 1 min read गर्मी सूरज की शहजादी गर्मी, सर्दी निकली घर से निकली मन में जन कल्याण बसाये जल संग्रह करने अषाढ तक तीन माह की सघन साधना रीते बादल भर देती है मन... Hindi · कविता 303 Share Laxmi Narayan Gupta 27 Feb 2017 · 1 min read कुछ दोहे कविता किरकी कांच जस, हर किरके को मोह । छपने की लोकेषणा, करे छंद से द्रोह । आत्म मुग्ध लेखन हुआ, पकड़ विदेशी छंद । ताका, महिया, हाइकू, निरस विदेशी... Hindi · दोहा 467 Share Laxmi Narayan Gupta 26 Feb 2017 · 1 min read लगे सभी कुर्सी कब्जाने यहाँ चली है बहस गधों पर कब्रिस्तानों, श्मशानों पर साइकिल- हाथी चिह्नों पर उत्तर-प्रत्युत्तर के चलते प्रजातंत्र के अजब नमूने सभी चले हैं सत्ता छूने अच्छे दिन भी रहे कुंआरे... Hindi · कविता 326 Share Laxmi Narayan Gupta 25 Feb 2017 · 1 min read राजनैतिक विष कैसे कैसे पागल नेता, कुछ भी कहते रहते हैं । और हम, पिछलग्गू बन, सब कुछ सहते रहते है। होश संभाला जब से हमने, मिला हमें यही संदेश । नेता... Hindi · कविता 253 Share Laxmi Narayan Gupta 9 Feb 2017 · 1 min read उम्र बहुत थोडी पाते हैं यदा कदा ही तो आते हैं भारत के रख वाले उम्र बहुत थोड़ी पाते हैं, देश जगाने वाले कोलकता की काली माँ से देव तत्व को पाकर सन्यासी बन कर... Hindi · कविता 292 Share Laxmi Narayan Gupta 5 Feb 2017 · 1 min read प्रभु के चरण माना है जब से सुख को सपन दुःख में भी खुश हैं तब से अपन सामर्थ इतनी देना विधाता मुरझाए न दुःख में तेरा चमन दिन चार रहना सुख दुःख... Hindi · कविता 563 Share Laxmi Narayan Gupta 2 Feb 2017 · 1 min read भ्रम मानव मन ने निराकार के, जो जो रूप गढ़े पीढ़ी दर पीढ़ी ने उनके, मंदिर किये खड़े धनुष कमान एक को देकर झापित राम किया मोर मुकुट और वंसी वाला... Hindi · कविता 292 Share Laxmi Narayan Gupta 31 Jan 2017 · 1 min read ......की तरह भाड़े की भीड़ जाडे की धूप अधिक साथ नहीं देती खुशियों की तरह धूप का आतंकी रूप डरा डरा सा है अपनों के आतंक सेc पड़ौसियों की तरह अवसरवादियों का... Hindi · कविता 271 Share Laxmi Narayan Gupta 30 Jan 2017 · 1 min read फिर वसन्त आया … सूरज की किरणों ने पोर पोर चूमा अलसाया सूर्य-कमल मस्ती में झूमा मंद पवन झोकों ने, वन-चमन महकाया.... पेड़ों पर तरुणाई, वलनाती बेलें रंग भरे बागों मे, आओ चलो खेलें... Hindi · कविता 378 Share Laxmi Narayan Gupta 29 Jan 2017 · 1 min read मेरी बेटी बेटों से ज्यादा मां बाप को प्यार करे मेरी बेटी । दो घरों का तन-मन से ध्यान धरे मेरी बेटी । बिटिया न होने के कारण है दुखी मेरी बेटी... Hindi · कविता 1 427 Share Laxmi Narayan Gupta 2 Aug 2016 · 1 min read राष्ट् कवि मैथिली शरण गुप्त ( जन्म : ३ अगस्त १८८६) चिर प्रतिष्ठा चिरगांव गाँव को देने वाले 'दद्दा' देश नमन करता है तुमको ह्रदय बसाये श्रद्धा तीन अगस्त अठारह छियासी, जनपद झाँसी में वैष्णवों के कुल में जन्मे, शुभ दिन... Hindi · कविता 469 Share Laxmi Narayan Gupta 1 Aug 2016 · 1 min read अम्बर पुकारे गतिशील रहना धरती सिखाये निस्वार्थ सेवा सूरज सिखाये चलती है दुनियाँ इन्हीं के सहारे | न सोता है सूरज न थमती है धरती दोनों के तप से धरा है सरसती... Hindi · कविता 260 Share Laxmi Narayan Gupta 28 Jul 2016 · 1 min read कुण्डलियाँ मानवीय सद्गुणों से, हुए कभी परतंत्र सदियों के संघर्ष से, मिला हमें जनतंत्र मिला हमें जनतंत्र, मिला न मन्त्र स्वदेशी संविधान ने किया, देश में ही परदेशी अंग्रेजी की पूँछ,... Hindi · कुण्डलिया 1 621 Share Laxmi Narayan Gupta 25 Jul 2016 · 1 min read दोहे कविता किरकी कांच जस, हर किरके को मोह छपने की लोकेषणा, करे छंद से द्रोह आत्म मुग्ध लेखन हुआ, पकड़ विदेशी छन्द ताका, महिया, हाइकू, निरस विदेशी कंद तंत्र बड़ा,... Hindi · दोहा 1 634 Share Laxmi Narayan Gupta 25 Jul 2016 · 1 min read पावस बहुत रुलाती हो पावस बहुत रुलाती हो तरसा तरसा कर आती हो पीली चमड़ी वाली गर्मी हो जाती जब बहुत अधर्मी उमस से भीगा है आँचल थमी हवा मन करे विकल पावस हडकाओ... Hindi · कविता 1 1 492 Share Laxmi Narayan Gupta 24 Jul 2016 · 1 min read कागा केंद्रित पद (१) सखी री पहुँन भये पिया कागा जब जब गाये अटरिया, आते तबहि पिया रात न बोलें, न बतराबें, तडफत रहत जिया अँधियारा गहराए के पहिले, सोबत रख तकिया रहें... Hindi · कविता 294 Share Laxmi Narayan Gupta 22 Jul 2016 · 1 min read मन उड़ने का है आज हवा में बिना पंख के मन उड़ने का है बीते कल से आज पुन:, मन जुड़ने का है बीता कल, कल कल कलरव सा आज ह्रदय में गूंजे रुके... Hindi · कविता 2 241 Share Laxmi Narayan Gupta 21 Jul 2016 · 1 min read प्रश्न पूछते थकते पांव प्रश्न पूछते थकते पांव कितनी दूर रहा अब गाँव पद चिन्हों पर चलते चलते जंगल तो कर आये पार पथरीली चट्टानें भी हम छोड़ चुके है अब उस पार चलने... Hindi · कविता 1 453 Share Laxmi Narayan Gupta 20 Jul 2016 · 1 min read बुझती मशाल -जलतीं मशालें परतंत्र-काल में जली देश-भक्ति की मशाल काजल की कोठरी में पारने काजल लगी| तयशुदा था कम जिसका उजाले को बाँटना स्नेह उसका सोख कर की कर्णधारों ने ठगी| नीव में... Hindi · कविता 240 Share Previous Page 2 Next