देश में विघटनकारी बगुला भक्तों की कमी नहीं है।
जो जनसाधारण को बरगला कर अपना उल्लू सीधा करने में जुटे हुए हैं ।
इसमें बहुत कुछ विदेशी ताकतों का हाथ है। जो देश में अस्थिरता पैदा कर अपने नापाक इरादों में कामयाब होना चाहते हैं।
जनसाधारण को ऐसे तुच्छ मंतव्य रखने वाले तत्वों से सावधान करना होगा। जिसके लिए एक विस्तृत जनजागृति की आवश्यकता है।
जिससे इस प्रकार की भीड़ की मनोवृत्ति का संचार देश में रोका जा सके।
जिसके लिए देश के प्रबुद्ध वर्ग को आगे आना होगा जिन्हें जनसाधारण में जागृति का अलख जगाकर ऐसे तत्वों को जड़ से उखाड़ फेंकना होगा।
आपका काव्य संदेश इस दिशा में एक सार्थक प्रयास है।
साधुवाद !
देश में विघटनकारी बगुला भक्तों की कमी नहीं है।
जो जनसाधारण को बरगला कर अपना उल्लू सीधा करने में जुटे हुए हैं ।
इसमें बहुत कुछ विदेशी ताकतों का हाथ है। जो देश में अस्थिरता पैदा कर अपने नापाक इरादों में कामयाब होना चाहते हैं।
जनसाधारण को ऐसे तुच्छ मंतव्य रखने वाले तत्वों से सावधान करना होगा। जिसके लिए एक विस्तृत जनजागृति की आवश्यकता है।
जिससे इस प्रकार की भीड़ की मनोवृत्ति का संचार देश में रोका जा सके।
जिसके लिए देश के प्रबुद्ध वर्ग को आगे आना होगा जिन्हें जनसाधारण में जागृति का अलख जगाकर ऐसे तत्वों को जड़ से उखाड़ फेंकना होगा।
आपका काव्य संदेश इस दिशा में एक सार्थक प्रयास है।
साधुवाद !
खरी टिप्पणी के लिए धन्यवाद श्री श्याम सुंदर जी