Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Oct 2017 · 1 min read

अम्बर पुकारे

गतिशील रहना धरती सिखाये
निस्वार्थ सेवा सूरज सिखाये
चलती है सृष्टि इन्हीं के सहारे ।

न सोता है सूरज न थमती है धरती
दोनों के तप से धरा है सरसती
अष्टभुज ऋतुचक्र इनको संवारे ।

मानव की मंशा प्रकृति को झुकाये
कम करे मेहनत अधिकतम कमाये
निसर्ग का दोहन कोई न निहारे ।

प्रदुषण बढ़े हैं, जल,वायु, ध्वनि के
स्व-प्रेरित नहीं पथ शुद्धीकरण के
त्राहिमाम त्राहिमाम अम्बर पुकारे ।

Language: Hindi
244 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Laxmi Narayan Gupta
View all
You may also like:
ओ जानें ज़ाना !
ओ जानें ज़ाना !
The_dk_poetry
3092.*पूर्णिका*
3092.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बेहिसाब सवालों के तूफान।
बेहिसाब सवालों के तूफान।
Taj Mohammad
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
जुबां
जुबां
Sanjay ' शून्य'
सुना हूं किसी के दबाव ने तेरे स्वभाव को बदल दिया
सुना हूं किसी के दबाव ने तेरे स्वभाव को बदल दिया
Keshav kishor Kumar
بدل گیا انسان
بدل گیا انسان
Ahtesham Ahmad
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
"खुद के खिलाफ़"
Dr. Kishan tandon kranti
अभी कैसे हिम्मत हार जाऊं मैं ,
अभी कैसे हिम्मत हार जाऊं मैं ,
शेखर सिंह
धैर्य धरोगे मित्र यदि, सब कुछ होता जाय
धैर्य धरोगे मित्र यदि, सब कुछ होता जाय
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
मस्तमौला फ़क़ीर
मस्तमौला फ़क़ीर
Shekhar Chandra Mitra
मानवता दिल में नहीं रहेगा
मानवता दिल में नहीं रहेगा
Dr. Man Mohan Krishna
नित्य प्रार्थना
नित्य प्रार्थना
Dr.Pratibha Prakash
मेरी प्यारी हिंदी
मेरी प्यारी हिंदी
रेखा कापसे
💐प्रेम कौतुक-493💐
💐प्रेम कौतुक-493💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
हुनरमंद लोग तिरस्कृत क्यों
हुनरमंद लोग तिरस्कृत क्यों
Mahender Singh
रमेशराज के 2 मुक्तक
रमेशराज के 2 मुक्तक
कवि रमेशराज
वक्त वक्त की बात है आज आपका है,तो कल हमारा होगा।
वक्त वक्त की बात है आज आपका है,तो कल हमारा होगा।
पूर्वार्थ
नहीं रखा अंदर कुछ भी दबा सा छुपा सा
नहीं रखा अंदर कुछ भी दबा सा छुपा सा
Rekha Drolia
रहो कृष्ण की ओट
रहो कृष्ण की ओट
Satish Srijan
बेइमान जिंदगी से खुशी झपट लिजिए
बेइमान जिंदगी से खुशी झपट लिजिए
नूरफातिमा खातून नूरी
मालिक मेरे करना सहारा ।
मालिक मेरे करना सहारा ।
Buddha Prakash
नीलेश
नीलेश
Dhriti Mishra
धूल
धूल
नन्दलाल सुथार "राही"
धड़कन से धड़कन मिली,
धड़कन से धड़कन मिली,
sushil sarna
व्यक्तित्व की दुर्बलता
व्यक्तित्व की दुर्बलता
Dr fauzia Naseem shad
*चंदा (बाल कविता)*
*चंदा (बाल कविता)*
Ravi Prakash
सदा खुश रहो ये दुआ है मेरी
सदा खुश रहो ये दुआ है मेरी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
मजदूर
मजदूर
Preeti Sharma Aseem
Loading...