DR.MDHU TRIVEDI Tag: कविता 459 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next DR.MDHU TRIVEDI 5 Feb 2022 · 1 min read बसंत पंचमी कोयल कू कू जब करती है सर्दी से तब राहत मिलती है हरे भरे होने लगे है पादप पात गौर गौरी मिल करते है बात चहुँ ओर हरियाली है छाई... Hindi · कविता 65 458 Share DR.MDHU TRIVEDI 27 Jan 2022 · 1 min read कुंठा मन में इतनी कुंठा पाली है इसलिए तन मन हुआ भारी है जोंक जैसी है मन की कुंठा पैदा करती है भांति भांति शंका पल भर आगे धकेल पीछे लाए... Hindi · कविता 64 504 Share DR.MDHU TRIVEDI 27 Jan 2022 · 1 min read लगाव तन से तन का न हो लगाव जरुरी मन से मन का लगाव मन में पाले आप ऐसे ख्याव जैसा कृष्ण सुदामा लगाव प्रेम से सिक्त हो मन इतना जैसे... Hindi · कविता 64 533 Share DR.MDHU TRIVEDI 26 Jan 2022 · 1 min read गणतंत्र दिवस गणतंत्र दिवस का तू मना त्यौहार झण्डियों को लगा ले सजा त्यौहार गाँधी , नेहरु अटल को कर ले याद लड्डुओं को बांट कर बना त्यौहार दाये , बाये हो... Hindi · कविता 69 551 Share DR.MDHU TRIVEDI 17 Jan 2022 · 1 min read शीत शीत यौवन की डग चला है सर्द हवा का प्रलोभन बढ़ा है इधर उधर वृद्ध जनों को चूमे कैद कर घर में अपनों को भूले हीटर , अलाव की याद... Hindi · कविता 77 1 617 Share DR.MDHU TRIVEDI 15 Jan 2022 · 1 min read चुनावी समर आ गया है चुनावी समर करे हम सभी मांग कवर शुरू हो गया है रिझावन नेता चले आग लगावन वोट हमें दो , करे विकास दूसरी पार्टी से होगा ह्रास... Hindi · कविता 76 557 Share DR.MDHU TRIVEDI 15 Jan 2022 · 1 min read जनवरी जनवरी , जब तुम आती हो ढेर सारी खुशियाँ लाती हो जन -मन उमंग से भर जाए हर्ष बादल धरा पर घिर आए न्यू ईयर मना रही है प्रकृति नव... Hindi · कविता 77 659 Share DR.MDHU TRIVEDI 15 Jan 2022 · 1 min read हे सर्द शीत हे सर्द शीत , इतना कहर न बरपाओ कांप रहा है तन , कुछ नम्र पड़ जाओ देख जरा काला धुन्ध छा रहा है नभ में सबने वूलन चादर ओढ़... Hindi · कविता 76 486 Share DR.MDHU TRIVEDI 14 Jan 2022 · 1 min read मकर संक्रांति आओ मिल मकर संक्रांति मनाए प्यार की पतंग दूर गगन उड़ाए डोर दूर अम्बर तलक ले जाए मूँगफली गजक खाकर इतराए सूर्य मकर राशि में अब आए दक्षियायन से उत्तरायण... Hindi · कविता 76 556 Share DR.MDHU TRIVEDI 9 Jan 2022 · 1 min read खिलखिलाते खुशियों को तुम पर हरपल खिलखिलाते हुए देखा। आँखों को भी शर्म से हरपल शरमाते हुए देखा।। आकाश के तारों को आगन में आँलिगन करते देखा । रात के बाद... Hindi · कविता 76 1 601 Share DR.MDHU TRIVEDI 9 Jan 2022 · 1 min read लिखूँ ओमिक्रान के भय से मुरझाए चेहरे लिखूँ फुटपाथों पर सिसकती हुई जिन्दगी लिखूँ सत्ता के गलियारों की चहल पहल को लिखूँ किसानों की गुमशुम गुमनाम बेबसी को लिखूँ क्या लिखूँ... Hindi · कविता 76 463 Share DR.MDHU TRIVEDI 8 Jan 2022 · 1 min read खत तुझे जो खत लिखे थे आज भी निकाल पढ़े छिपी एक अभिलाष बस तुझे पाने की आस एक एक शब्द जिसका आभास देता था उसका एक स्मृति थी जिसमें बस... Hindi · कविता 77 552 Share DR.MDHU TRIVEDI 1 Jan 2022 · 1 min read हैप्पी न्यू इअर हैप्पी न्यू इअर , हैप्पी न्यू इअर सूनो मेरे डीअर , हैप्पी न्यू इअर आशा और विश्वास से युक्त हो नये उत्साह , उमंग से पूर्ण हो रहो अजीज बन... Hindi · कविता 79 926 Share DR.MDHU TRIVEDI 1 Jan 2022 · 1 min read नव वर्ष फिर एक बार बदली छाई घिर घिर घटायें घिर आई आशंका है अनजान की जरूरत है पहचान की कोरोना तो नहीं है पर उसका बन्धु ओमिक्रान मन में नहीं है... Hindi · कविता 79 1 469 Share DR.MDHU TRIVEDI 1 Jan 2022 · 1 min read नव वर्ष सजा द्वार स्वागत करती हूँ नव वर्ष मन मुदित है मन प्रसन्न है देख तुमको कितने सपन सजा रखे है सुकमारों ने खेलेगे कूदेगें किलकारी भरा करेगे भोली हरकतों से... Hindi · कविता 78 652 Share DR.MDHU TRIVEDI 31 Dec 2021 · 1 min read ओमिक्रान तुम मत आना नव वर्ष पार्टी करने दो खूब धूम मचाने दो सैर सपाटा करने दो ओमिक्रान तुम मत आना रेस्टारेंट में जाने दो पानी पूरी खाने दो खूब धमाल मचाने दो ओमिक्रान... Hindi · कविता 78 477 Share DR.MDHU TRIVEDI 31 Dec 2021 · 1 min read नव वर्ष नमस्तुभ्यं नव वर्षम् नमस्तुभ्यं नव वर्षम् करूँ अभिनन्दन नव वर्ष तुम्हारा आना तुम , शुभ सन्देशा लाना हर मुँह पर मुस्कान लाना कोई शुभ सन्देशा लाना नमस्तुभ्यं नव वर्षम् नमस्तुभ्यं... Hindi · कविता 78 471 Share DR.MDHU TRIVEDI 26 Dec 2021 · 1 min read हे नव वर्ष जाते को करबद्ध विदा करता हूँ आने वाले का स्वागत करता हूँ पर हे नव वर्ष बीते दिनों सा दर्द मत देना तुम बस एक यहीं अर्ज तुमसे करता हूँ... Hindi · कविता 80 461 Share DR.MDHU TRIVEDI 26 Dec 2021 · 1 min read पढ़ा लिखा है तू पढ़ा लिखा है तू रात दिन जगा है तू इसलिये घिसट घिसट जूता घिसा है आँखे दिखलाता , गुर्राता है मालिक दिन रात मेहनत कर जिन्दा रहा है Hindi · कविता 79 893 Share DR.MDHU TRIVEDI 26 Dec 2021 · 1 min read थोडा सा बढ़ जाता है हर एक दिन घट जाता हैं तू थोडा सा बढ़ जाता है सोचता है बड़ा हो रहा हूँ पर तेरे दिन कम हो रहे है रोज तैनात अपने काम पर... Hindi · कविता 79 508 Share DR.MDHU TRIVEDI 25 Dec 2021 · 1 min read ट्रेफिक रूल्स आड़ी- तिरछी लगाओ गाड़ी जाम तो लगेगा करो पालन ट्रेफिक रूल्स का संकट तो टलेगा चौराहे पर न हो पुलिस तो गाड़ी इधर - उधर घुसेड़ने का मौका बड़ा मिलेगा... Hindi · कविता 77 612 Share DR.MDHU TRIVEDI 25 Dec 2021 · 1 min read खिलने दो ढलती हो भले ही उम्र पर न मन को ढलने दो कोशिशें हो गिराने की हौसलें आसमां चढ़ने दो हो जाए हाथपैर शिथिल दमखम छोड़े साथ जब तरोताजा कर महसूस... Hindi · कविता 79 1 728 Share DR.MDHU TRIVEDI 25 Dec 2021 · 1 min read खिलौना कोई भी खेल न भाये गुड्डा - गुड़िया न आये आधुनिकता का प्रतीक मोबाइल ही बस भाये भूले बच्चे गुल्ली डण्डा भूले है खेलना कन्चा छोड़ कर सारे खिलौने मोबाइल... Hindi · कविता 80 634 Share DR.MDHU TRIVEDI 25 Dec 2021 · 1 min read तुलसी दिवस तुलसी दिवस तुम मनाओ घर -घर तुलसी पौध लगाओ हिन्दू संस्कृति का है मूल जन -जन को बतलाओ मैरी क्रिसमस कहना छोड़ पश्चिमी सभ्यता से मुँह मोड़ घर -घर में... Hindi · कविता 79 1 527 Share DR.MDHU TRIVEDI 24 Dec 2021 · 1 min read जिन्दगी क्रिसमस ट्री जैसी सजी है जिन्दगी कभी मुस्कराती दिखी है जिन्दगी जब मिला है प्यार अपने लोगों से पुष्प जैसी खिल उठी है जिन्दगी मनुहार मिली है प्रियवर की जब... Hindi · कविता 79 556 Share DR.MDHU TRIVEDI 18 Dec 2021 · 1 min read प्रेम का मधुमास प्रेम का मधुमास खिले तब बसन्त आवेग का बहे जब भँवरे मडराये उस फूल पराग कण मिले जिस प्रसून जीवन की ऊर्जा पराग में जीवन पल्लवित अनुराग में श्वांस से... Hindi · कविता 80 535 Share DR.MDHU TRIVEDI 14 Dec 2021 · 1 min read मेरे मुँह मेरी तेरे मुँह तेरी मन को चंचल मत करना प्रिय मीठी बातों पर मत बहकना यह दुनियाँ तो गोलम गोल है मेरे मुँह मेरी तेरे मुँह तेरी कहती है देख तुझे सुखी वो दुखी... Hindi · कविता 80 1 534 Share DR.MDHU TRIVEDI 13 Dec 2021 · 1 min read नैन की भाषा कुछ बोलते हुए लगते है परत मन की खोलते है कभी संकोच करते है कभी भूमि पर टिकते है भाषा नैनों की अजीब होती है अन्तस में उतर सजीव होती... Hindi · कविता 81 1 706 Share DR.MDHU TRIVEDI 11 Dec 2021 · 1 min read अनदेखा ऐसे मत इग्नोर करिए रिश्तों को मजबूत डोर में बाँधिए रिश्तों को माता - पिता का हो या अन्य कोई ठेस न पहुँचाईए उनको कोई पति न अनदेखा करे पत्नी... Hindi · कविता 76 564 Share DR.MDHU TRIVEDI 10 Dec 2021 · 1 min read जनरल विपिन रावत शौर्य वीर बडे सेवा हेतु डटे ऐसे जनरल करे जो मंगल करे याद देश बस स्मृति शेष Hindi · कविता 79 432 Share DR.MDHU TRIVEDI 9 Dec 2021 · 1 min read नमन है आपको स्तब्ध है सेना सारी , विचलित हतप्रभ है वतन सारा सेना के सरताज जनरल , नमन करता हिन्दुस्तान सारा योगदान आपका याद रखेगा ये मुल्क सदा ही हमारा सदैव ही... Hindi · कविता 79 471 Share DR.MDHU TRIVEDI 9 Dec 2021 · 1 min read जनरल रावत जनरल रावत तुमको शत शत नमन गमगीन न जाने क्यों हो गया चमन सेना का अभिमान देश का गौरव गान जनरल रावत तुमको शत शत नमन । विमान क्रश की... Hindi · कविता 78 379 Share DR.MDHU TRIVEDI 4 Dec 2021 · 1 min read मृत्यु साज तैयार कर ले तू मनवा कब मौत दस्तक दे अँगनवा वक्त न पूछे, घड़ी न पूछे साज तैयार कर ले तू मनवा । बड़ी हौस से जन्म दिया तुझे... Hindi · कविता 82 554 Share DR.MDHU TRIVEDI 1 Dec 2021 · 1 min read अनुभूति मेरी - तेरी नहीं हमारी है घर की हर चीज हमारी है भाव प्रवणता ,सुख दुख हर एक संवेदना हमारी है हौसलें जिनने पार लगाया उनमें बसी प्रीत हमारी है... Hindi · कविता 82 539 Share DR.MDHU TRIVEDI 23 Oct 2021 · 1 min read भँवर अज्ञात उलझनों से भरी है जिन्दगी आरोह अवरोह की सीढ़ी है जिन्दगी कभी प्रगति के पथ खोले जिन्दगी कभी पतन के भँवर ढकेले जिन्दगी आरोह की ओर उन्मुख होते सपने... Hindi · कविता 77 688 Share DR.MDHU TRIVEDI 20 Oct 2021 · 1 min read शरद पूर्णिमा चाँद अपने यौवन की डगर है सौलह कलाओं से परिपूर्ण है अमृत वर्षा हो रही किरणों से माँ लक्ष्मै चली मिलने भक्तों से आश्विन नक्षत्र में चाँद चमकता धरा के... Hindi · कविता 78 409 Share DR.MDHU TRIVEDI 16 Oct 2021 · 1 min read श्रद्धा भाव भक्ति भाव प्रभु के प्रति होना चाहिए स्नेह भाव भी अपनों से होना चाहिए पर दूसरों को भी मत इग्नोर करिए श्रद्धा भाव वसुधा के प्रति होना चाहिए बीज भक्ति... Hindi · कविता 80 1 676 Share DR.MDHU TRIVEDI 16 Oct 2021 · 1 min read जीवन का पहिया जीवन का पहिया चल रहा है सतत गति से जिसे हम सब लोग मिल कर चला रहे है काल का चक्र भी लगातार यूँ ही घूमता है साथ ही हम... Hindi · कविता 80 1 533 Share DR.MDHU TRIVEDI 15 Oct 2021 · 1 min read आओ एक बार फिर रावन जलाए अन्याय और भ्रष्टाचार पैर जमा रहा अधर्म आतंकवाद का है अँधेरा छा रहा हो रही है विरोधी ताकतें प्रबल जिनके आगे भगवान भी दुर्बल आओ एक बार फिर हो जागरण... Hindi · कविता 80 429 Share DR.MDHU TRIVEDI 14 Oct 2021 · 1 min read सिद्धि दात्री नौ कन्यायें है देवी दुर्गा कै नौ रूप श्रद्धा पूर्वक भोज करो नौ रूप कमल पुष्प आसीन सिद्धि दात्री तुम ही महामाया जीवनदायिनी Hindi · कविता 80 457 Share DR.MDHU TRIVEDI 14 Oct 2021 · 1 min read महागौरी आठवाँ स्वरुप महागौरी तुम्हारा रूप अत्यधिक गौर वर्ण तुम्हारी भक्तों पर कृपा बरसाती हो माँ बिगड़े कारज भी तुम बनाती माँ दाम्पत्य में प्रेम वर्धन करती है माँ मन भूमि... Hindi · कविता 80 463 Share DR.MDHU TRIVEDI 12 Oct 2021 · 1 min read गुलामी हो गये आजाद हम पर जरा सोचिये कि सोच से हम आजाद है नहीं , क्योंकि सोचना पड़ता है समाज को प्रतिमान मानकर अपने आप को एक आदर्श सामाजिक व्यवस्था... Hindi · कविता 81 552 Share DR.MDHU TRIVEDI 8 Oct 2021 · 1 min read बह्मचारिणी माँ ज्योति स्वरूप है भव्य रूप है श्वेत वसन धारिणी माँ नमो नमो बह्मचारिणी , नमो नमो शत्रु विनाशिनी माँ दाहिने कर अक्ष माला बाये कर में कमण्डल सोहे सहज सरल... Hindi · कविता 79 816 Share DR.MDHU TRIVEDI 7 Oct 2021 · 1 min read शैलपुत्री जगत धारिणी तुम ही दुख हारिणी नमो नमो शैलपुत्री हिमाचल नंदिनी शैल खण्ड से जन्मी तुम कहलाओ हिमालय के घर अवतरित शैल पुत्री नंदी पर सवार शैल पुत्री विराजमान नवरात्रि... Hindi · कविता 79 3 456 Share DR.MDHU TRIVEDI 6 Oct 2021 · 1 min read पितर हमारे पितर चले है लौट अपने धाम आओ उनको करे हम नमन आशीष उनका रहे सदा हम पर कनागत में वे आए हमें मिलने आओ उनको नमन करे जो मान दिया... Hindi · कविता 82 1 435 Share DR.MDHU TRIVEDI 5 Oct 2021 · 1 min read आशाओं की पौध रोपी आशाओं की पौध रोपी निकला जिससे एक अंकुर हरा भरा हो पुष्प बना लहराता बगिया के बीच मन मेरा उपवन हो जाता पंछी बन आसमां उड़़ जाता इच्छा अनिच्छाओं में... Hindi · कविता 80 2 412 Share DR.MDHU TRIVEDI 25 Sep 2021 · 1 min read वीर हनुमान बालपन में हनुमान थे बहुत ही शैतान साधु संतों को सताते वो होकर जान भूल जाओ शक्तियां तुम देते श्राप संत पर बजरंगी नटखटपन का था न अन्त बालपन निगल... Hindi · कविता 80 1 683 Share DR.MDHU TRIVEDI 25 Sep 2021 · 1 min read स्वीकार तुमने कहा मैंने स्वीकार किया मैंने कहा तुमने स्वीकार किया बस एक मौन हाँ में हम तुम बँधे इसलिये अब तक साथ हम चले क्यों न कहा हुआ स्वीकार होता... Hindi · कविता 80 1 441 Share DR.MDHU TRIVEDI 24 Sep 2021 · 1 min read श्राद्ध श्राद्ध तिथि को कराओ जब ब्रह्म भोज पितर आकर ग्रहण करते है यह भोज होते पितर खुश घर में आती खुशहाली भरा पूरा परिवार रहे होती न बदहाली कल्याणकारी सुकर्म... Hindi · कविता 79 404 Share DR.MDHU TRIVEDI 23 Sep 2021 · 1 min read सृष्टि नियामक है शिव शक्ति सृष्टि नियामक है शिव शक्ति सृष्टि नियामक है अर्धनारीश्वर सृष्टि का विस्तार हो कैसे अब उमा महेश रूप है अर्धनारीश्वर ब्रह्मा की मानसिक सृष्टि जब पा न सकी थी विस्तार... Hindi · कविता 80 3 437 Share Previous Page 2 Next